Tomato Fertigation for good flowering

  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा टमाटर की फसल में फूलों की संख्या को बढ़ाया जा सकता हैंं |
  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्लू/डब्लू 100-120 मिली/एकड़ का स्प्रे करें |
  • समुद्री शैवाल का सत् 180-200 मिली/एकड़ का उपयोग करें |
  • सूक्ष्म पोषक तत्त्व 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें |

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Control of late blight of tomato

  • कटाई के बाद फसल अवशेष को नष्ट करें
  • खेत पर जल भराव की स्थिति न होने दे | 
  • रोग नियंत्रण के लिए किसी भी एक फफूंद नाशक का स्प्रे करे | 
  • मेटलैक्सिल 8% + मैनकोजेब 64% @ 500 ग्राम/एकड़।
  • कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/एकड़।
  • पायरोस्टॉकलोबिन 5% + मेटीराम 55% @ 600 ग्राम/एकड़।
  • डाइमेथोमॉर्फ 50% डब्लू पी @ 400 ग्राम/एकड़।

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Late blight of tomato

  • लेट ब्लाइट के लक्षण पुरानी पत्तियों की निचली साथ पर धूसर हरे रंग के पनीले धब्बो के रूप में नजर आते हैं | 
  • जैसे ही रोग बढ़ता हैं ये धब्बे काले पड़ जाते हैं और अंदर की तरफ सफेद कवक की वृद्धि होती है। तथा अंत में पूरा पौधा संक्रमित हो जाता हैं| 
  • इस रोग से फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। यह रोग खेतों में शीघ्रता से फैलता है अगर उपचार नहीं होने पर कुल पूरी फसल नष्ट हो जाती हैं |

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Importance of mulching in tomato

  • प्लास्टिक मल्चिंग टमाटर की फसल में लगने वाले कीड़ों, बीमारियों और खरपतवारों से बचाती है|
  • काले रंग की पॉलिथीन के द्वारा खरपतवारो का नियंत्रण किया जाता है और साथ ही हवा, बारिश व सिंचाई से होने वाले मृदा कटाव को भी रोकती है|
  • पारदर्शी पॉलीथिन का उपयोग  मृदा जनित रोगों और नमी संरक्षण को नियंत्रित करने में किया जाता है।

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Control of tobacco caterpillar in Tomato

  • गर्मियों में गहरी जुताई करना चाहिए |
  • रोग ग्रस्त भागों को इकट्ठा और नष्ट करें|
  • फेरोमोन ट्रेप 5 प्रति एकड़ लगाए | ताकि इसके व्यस्क के आगमन का पता चल सके |
  • प्रोफेनोफॉस  50% ईसी @ 400 मिलीलीटर / एकड़ या क़्वीनाल्फास 25% ईसी  @ 400 मिलीलीटर / एकड़ का स्प्रे करे |
  • अधिक प्रकोप होने पर एमामेक्टीन बेंज़ोएट @ 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर |

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Control of mosaic in tomato

  • पत्तियों का सामान्य हरा रंग हल्के-पीले अनियमित धब्बों में परिवर्तित हो जाता है।
  • पत्तियां चितकबरी, क्लोरोफिल विहीन, सिकुड़कर छोटी हो जाती है एवं फल नष्ट हो जाते है।
  • बीजों को हमेशा स्वस्थ पौधे से ही एकत्र करें।
  • पौधशाला में बीजों/पौधों को निर्जलीकृत की हुई मृदा में उगाया चाहिये।
  • रोग ग्रस्त पौधों को उखाड़कर कर नष्ट कर देना चाहिये।
  • इमिडाक्लोप्रिड (17.8% SL) @ 100-120 मिली प्रति एकड़ अथवा एसीफेट (75% SP ) @ 140- 200 ग्राम प्रति एकड़ का उपयोग करके रोग फैलाने वाले कीट का नियंत्रण करें|

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Control of damping off in tomato

  • प्रायः फंगस का आक्रमण अंकुरित बीजों के द्वारा शुरू होता है, जो धीरे-धीरे नई जड़ से फैलकर तनों के निचले भागों एवं विकसित हो रही मूसला जड़ों पर होता है।
  • इससे संक्रमित पौधों के तनों के निचले भाग पर हल्के-हरे, भूरे एवं पानी के रंग के जले हुये धब्बे दिखाई देते है।
  • पौधशाला की सतह कम से कम 10 से.मी. ऊँची बनना चाहिये।
  • बीज को कार्बेन्डाजिम 50% WP @ 2 ग्राम/कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें।
  • पौधशाला में आर्द्रगलन के नियंत्रण के लिये मैनकोज़ेब 75% WP @ 400-600 ग्राम/एकड़ की दर से घोल बनाकर अच्छी तरह से जड़ो के पास ड्रेंचिंग करे।

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Boron deficiency in tomato

  • बोरॉन की कमी की वजह से पत्तिया हल्के हरे से पीले रंग की हो जाती हैं |
  • बोरॉन कमी के लक्षण कैल्शियम की कमी के लक्षण जैसे होते हैं|
  • पत्ते भंगुर हो जाते हैं और आसानी से टूट जाते हैं।
  • इसके अलावा पर्याप्त पानी देने के बाद भी पौधे में पानी की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं|
  • बोरान 20% ईडीटीए @ 200 ग्राम/एकड़ का पत्तियों पर स्प्रे करने से बोरॉन की कमी दूर हो जाता हैं ।

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Control of bacterial wilt in tomato

  • रोगग्रस्त पौधों की पत्तियां पीले रंग की होकर सूखने लगती हैं एवं कुछ समय बाद पौधा सूख जाता हैं
  • नीचे की पत्तियां पौधे के सूखने से पहले गिर जाती हैं
  • पौधे के तने के नीचे के भाग को काटने पर उसमें से जीवाणु द्रव दिखाई देता हैं
  • पौधों के तने के बाहरी भाग पर पतली एवं छोटी जड़े निकलने लगती हैं
  • कद्दू वर्गीय सब्जिया, गेंदा या धान की फसल को उगाकर फसल चक्र अपनायें।
  • खेत में पौधे लगाने से पहले ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव 6 कि.ग्राम प्रति एकड़ की दर से करें।
  • स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट I.P. 90% w/w + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड I.P. 10% w/w  20 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग।
  • कसुगामाइसिन 3% एस.एल. 300 मिली/एकड़ के प्रयोग करके भी इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।

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Thrips control in tomato

  • थ्रिप्स पौधों का रस चूसता हे जिससे पौधे पीले व कमज़ोर हो जाते है उपज कम होती है|
  • इसके नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफोस 3 मिली. प्रति ली. पानी या फिप्रोनिल 3 मिली. प्रति ली. पानी  या थायमेथोक्जोम 0.5 ग्राम प्रति ली. पानी का स्प्रे हर 10 दिन के अंतराल पर करे |

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