- पत्तियों का सामान्य हरा रंग हल्के-पीले अनियमित धब्बों में परिवर्तित हो जाता है।
- पत्तियां चितकबरी, क्लोरोफिल विहीन, सिकुड़कर छोटी हो जाती है एवं फल नष्ट हो जाते है।
- बीजों को हमेशा स्वस्थ पौधे से ही एकत्र करें।
- पौधशाला में बीजों/पौधों को निर्जलीकृत की हुई मृदा में उगाया चाहिये।
- रोग ग्रस्त पौधों को उखाड़कर कर नष्ट कर देना चाहिये।
- इमिडाक्लोप्रिड (17.8% SL) @ 100-120 मिली प्रति एकड़ अथवा एसीफेट (75% SP ) @ 140- 200 ग्राम प्रति एकड़ का उपयोग करके रोग फैलाने वाले कीट का नियंत्रण करें|
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