- गेहूँ की फसल की 25 से 30 दिनों की अवस्था में फसल सुरक्षा हेतु पोषक तत्वों की पूर्ति करना बहुत आवश्यक होता है।इस अवस्था में पोषक तत्वों का प्रबंधन दो तरीकों से किया जाता है। ये दो तरीके हैं मिट्टी उपचार एवं छिड़काव प्रबंधन।
- मिट्टी उपचार के रूप में यूरिया@ 40 किलो/एकड़ + जिंक सल्फेट@ 5 किलो/एकड़ + सल्फर 90% WG@ 5 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें।
- ज़मीन के अंदर पाए जाने वाले कीटों के नियंत्रण के लिए थियामेंथोक्साम 25% WG@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के लिए उपयोग करें।
- छिड़काव के रूप में जिब्रेलिक एसिड @ 300 मिली/एकड़ या ह्यूमिक एसिड @ 100 ग्राम/एकड़ या अमीनो एसिड @ 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- 19:19:19 @ 1 किलो/एकड़ या 20:20:20 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
इंदौर के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है भाव?
डिवीजन | मंडी | फसल | न्यूनतम दर (₹/क्विंटल) |
अधिकतम दर (₹/क्विंटल) |
मॉडल दर (₹/क्विंटल) |
इन्दौर | गौतमपुरा | सोयाबीन | 1705 | 4485 | 4400 |
इन्दौर | गौतमपुरा | हरी मटर | 600 | 1200 | 1000 |
इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | गेहूँ | 1490 | 1977 | 1735 |
इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | चना | 3570 | 4020 | 3795 |
इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | डॉलर चना | 4400 | 5000 | 4700 |
इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | डॉलर चना बिटकी | 3700 | 4456 | 4080 |
इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | मक्का | 1156 | 1239 | 1200 |
इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | सोयाबीन | 3550 | 4586 | 4070 |
इन्दौर | खंडवा | करेला | 1000 | 1900 | 1300 |
इन्दौर | खंडवा | खीरा | 700 | 1200 | 900 |
इन्दौर | खंडवा | टमाटर | 600 | 1200 | 700 |
इन्दौर | खंडवा | पत्ता गोभी | 650 | 850 | 730 |
इन्दौर | खंडवा | प्याज | 600 | 1650 | 1285 |
इन्दौर | खंडवा | पालक भाजी | 500 | 700 | 600 |
इन्दौर | खंडवा | फूलगोभी | 600 | 900 | 750 |
इन्दौर | खंडवा | बैंगन | 800 | 1600 | 1100 |
इन्दौर | खंडवा | भिण्डी | 800 | 1800 | 1200 |
इन्दौर | खंडवा | मेथी | 500 | 700 | 600 |
इन्दौर | खंडवा | मूली | 500 | 700 | 600 |
इन्दौर | खंडवा | लौकी | 500 | 800 | 700 |
इन्दौर | खंडवा | शिमला मिर्च | 1000 | 2100 | 1500 |
इन्दौर | खंडवा | हरी मटर | 1200 | 2200 | 1700 |
इन्दौर | करही | कपास बिना ओटी हुई | 3755 | 5135 | 4700 |
इन्दौर | कसरावद | कपास बिना ओटी हुई | 4100 | 5604 | 5390 |
इन्दौर | कसरावद | गेहूँ | 1565 | 1665 | 1635 |
इन्दौर | खरगोन | कपास | 4500 | 5750 | 4900 |
इन्दौर | खरगोन | गेहूँ | 1540 | 1694 | 1625 |
इन्दौर | खरगोन | ज्वार | 1131 | 1200 | 1200 |
इन्दौर | खरगोन | तुअर | 4400 | 5457 | 5170 |
इन्दौर | खरगोन | मक्का | 1150 | 1265 | 1230 |
इन्दौर | खरगोन | सोयाबीन | 3900 | 4447 | 4260 |
इन्दौर | भीकनगांव | कपास | 4300 | 5650 | 5000 |
इन्दौर | भीकनगांव | गेहूँ | 1626 | 1779 | 1671 |
इन्दौर | भीकनगांव | तुअर | 5152 | 5152 | 5152 |
इन्दौर | भीकनगांव | मक्का | 1151 | 1278 | 1185 |
इन्दौर | भीकनगांव | सोयाबीन | 4026 | 4551 | 4348 |
इन्दौर | धार | गेहूँ | 1605 | 1966 | 1691 |
इन्दौर | धार | चना देशी | 3500 | 4350 | 4028 |
इन्दौर | धार | डॉलर चना | 3500 | 5975 | 5192 |
इन्दौर | धार | मक्का | 1280 | 1310 | 1301 |
इन्दौर | धार | मटर | 4800 | 4800 | 4800 |
इन्दौर | धार | मसूर | 4650 | 4790 | 4720 |
इन्दौर | धार | सोयाबीन | 2660 | 4592 | 4079 |
इन्दौर | राजगढ़ | गेहूँ | 1600 | 2031 | 1800 |
इन्दौर | राजगढ़ | चना | 3060 | 3800 | 3540 |
इन्दौर | राजगढ़ | डॉलर चना | 4475 | 5200 | 5111 |
इन्दौर | राजगढ़ | मक्का | 1100 | 1200 | 1150 |
इन्दौर | राजगढ़ | सोयाबीन | 1851 | 4661 | 4250 |
इन्दौर | सेंधवा | कपास बिना ओटी हुई | 5390 | 5615 | 5553 |
इन्दौर | सेंधवा | टमाटर | 1000 | 1100 | 1050 |
इन्दौर | सेंधवा | पत्ता गोभी | 900 | 1200 | 1050 |
इन्दौर | सेंधवा | फूलगोभी | 900 | 1100 | 1000 |
इन्दौर | सेंधवा | बैंगन | 900 | 1100 | 1000 |
इन्दौर | सेंधवा | भिण्डी | 1050 | 1200 | 1125 |
इन्दौर | सेंधवा | लौकी | 900 | 1100 | 1000 |
100वीं किसान रेल को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी
इस वर्ष लगे लॉकडाउन के समय किसानों को अपनी उपज को दूसरे स्थानों तक पहुँचाने में बहुत परेशानी हुई थी। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए किसान रेल चलाये गए। अब इस कड़ी में 100वीं किसान रेल को पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई।
यह रेल गाड़ी महाराष्ट्र के संगोला से लेकर पश्चिम बंगाल के शालीमार के बीच चलेगी. इससे पहले से 14 राज्यों में 99 किसान रेल चल रही हैं। इस किसान रेल के जरिए कई तरह के फल और सब्जियों समेत किसानों की उपज को दूसरी जगह भेजा जाएगा।
ये 100वीं किसान रेल महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालिमार तक चलेगी, जोकि 2100 से ज्यादा किमी की दूरी तय करेगी. ये ट्रेन पांच राज्यों से होकर गुजरेगी जिनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्यप्रदेश समेत इन राज्यों में अगले कुछ दिन जारी रहेगी शीतलहर
मध्य भारत में छत्तीसगढ़ और ओडिशा को छोड़ कर बाकी सभी राज्यों में उत्तरी और उत्तरी और उत्तर पश्चिमी हवाओं का प्रभाव बना रहेगा। इसी वजह से मध्यप्रदेश और गुजरात के कई क्षेत्रों में तामपान सामान्य से नीचे रहेगा।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Share45 दिनों की आलू की फसल में छिड़काव कर रोगों व कीटों के प्रकोप को रोकें
- आलू की 40-45 दिनों की फसल में कंद बनने की शुरुआत होने लगती है।
- रबी के मौसम की फसल होने के कारण कवक जनित रोग एवं कीट प्रकोप बहुत होता है।
- कीट निवारण के लिए बायफैनथ्रिन 10% EC@ 300 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
- कवक जनित रोगों के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
- पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ + सूक्ष्मपोषक तत्व@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
भिंडी की फसल में फूल वृद्धि के लाभकारी उपाय
- भिंडी की फसल में फूल अवस्था में पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- इस अवस्था में भिंडी की फसल में पोषक तत्वों की कमी के कारण फूल गिरने की समस्या बढ़ जाती है।
- अधिक मात्रा में फूल गिरने के कारण फसल की उपज पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
- इस समस्या के निवारण के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- फूल गिरने से रोकने के लिए होमब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ या पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
31 दिसंबर तक करवा ले अपनी फसल का बीमा
रबी फसलों की बुआई का कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में अपनी फसलों को भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं से बचाने हेतु फसलों का बीमा करवाना भी जरूरी होता है। ऐसा करने से फसल क्षति होने पर उसकी भरपाई की जाती है।
फसल क्षति की भरपाई के लिए ही सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाती है। इस योजना के अंतर्गत फसल की बुआई से लेकर कटाई के बाद तक की पूरे फसल चक्र में फसल की सुरक्षा होती है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 निर्धारित की थी जो कुछ ही घंटे में खत्म होने वाली है। अतः आप जल्द से जल्द अपनी फसल का बीमा जरूर करवाएं।
स्रोत: नई दुनिया
Shareआलू की फसल में मकड़ी की समस्या का निवारण
- आलू की फसल में मकड़ी के प्रकोप के कारण पत्तियां चारों ओर एक जाल बना कर पौधे को नुकसान पहुँचाती हैं।
- मकड़ी के प्रकोप के कारण आलू की फसल बीच बीच में पीली दिखाई देती है।
- रस चूसने के कारण पत्तियां ऊपरी भाग से पीली दिखाई देती हैं। धीरे-धीरे ये पत्तियां पूरी तरह मुड़कर सूख जाती हैं।
- इसके नियंत्रण के लिए स्पैरोमेसीफेन 22.9% SC @ 250 मिली/एकड़ या एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या प्रॉपरजाइट 57% EC@ 400 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
गाजर की फसल में कंद का आकार बढ़ाने के लिए उपाय
- गाजर की फसल में बुआई के 40 दिनों बाद कंद का आकार बढ़ने के लिए उपाय किये जाने चाहिए।
- कंद बढ़ने के लिए सबसे पहला छिड़काव 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव किया जाना चाहिए।
- इसके बाद दूसरा छिड़काव गाजर निकलने के 10-15 दिन पहले 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ एवं इसके साथ पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
25 दिसंबर को भेजे गए पीएम किसान के पैसे, अगर आपको नहीं मिले तो यहाँ करें शिकायत
25 दिसंबर को 9 करोड़ किसानों के बैंक खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 18000 करोड़ रूपये सातवीं किस्त जारी कर दी गई है। ज्यादातर किसानों के बैंक खातों में यह राशि जमा हो चुकी है।
अगर आप भी किसान हैं और इस योजना के अंतर्गत राशि पाने की अर्हता रखते हैं, तो आप अपना स्टेटस ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। आपको इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए https://pmkisan.gov.in पर जाना होगा।
यहां आपको ‘Farmers Corner’ का विकल्प मिलेगा जिसपर क्लिक करने के बाद ‘Beneficiary Status’ का ऑप्शन आएगा। इस ऑप्शन पर क्लिक करने पर नया पेज खुलेगा जहाँ आपको आधार नंबर, बैंक खाता संख्या या मोबाइल नंबर में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा। इस चुनाव के बाद आपको ‘Get Data’ पर क्लिक करना है। इससे आपको सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल जाएगी
स्रोत: इंडिया डॉट कॉम
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