- प्रायः फंगस का आक्रमण अंकुरित बीजों के द्वारा शुरू होता है, जो धीरे-धीरे नई जड़ से फैलकर तनों के निचले भागों एवं विकसित हो रही मूसला जड़ों पर होता है।
- इससे संक्रमित पौधों के तनों के निचले भाग पर हल्के-हरे, भूरे एवं पानी के रंग के जले हुये धब्बे दिखाई देते है।
- पौधशाला की सतह कम से कम 10 से.मी. ऊँची बनना चाहिये।
- बीज को कार्बेन्डाजिम 50% WP @ 2 ग्राम/कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें।
- पौधशाला में आर्द्रगलन के नियंत्रण के लिये मैनकोज़ेब 75% WP @ 400-600 ग्राम/एकड़ की दर से घोल बनाकर अच्छी तरह से जड़ो के पास ड्रेंचिंग करे।
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