- रोगग्रस्त पौधों की पत्तियां पीले रंग की होकर सूखने लगती हैं एवं कुछ समय बाद पौधा सूख जाता हैं।
- नीचे की पत्तियां पौधे के सूखने से पहले गिर जाती हैं।
- पौधे के तने के नीचे के भाग को काटने पर उसमें से जीवाणु द्रव दिखाई देता हैं।
- पौधों के तने के बाहरी भाग पर पतली एवं छोटी जड़े निकलने लगती हैं।
- कद्दू वर्गीय सब्जिया, गेंदा या धान की फसल को उगाकर फसल चक्र अपनायें।
- खेत में पौधे लगाने से पहले ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव 6 कि.ग्राम प्रति एकड़ की दर से करें।
- स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट I.P. 90% w/w + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड I.P. 10% w/w 20 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग।
- कसुगामाइसिन 3% एस.एल. 300 मिली/एकड़ के प्रयोग करके भी इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।
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