मूंग की फसल को रस चूसक कीट से बचाने के बेस्ट उपाय

Measures to protect moong crop from sucking insect

दलहन फसलों में मूंग का एक विशेष स्थान है। लेकिन कई बार रस चूसक कीटों के प्रकोप के कारण मूंग की फसल को भारी नुकसान होता है। आज के लेख में आइये जानते हैं मूंग के रस चूसक कीटों के प्रबंधन के उपाय क्या हो सकते हैं?

थ्रिप्स: यह कीट मूंग की पत्तियों से रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रभावित पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ने लगती हैं। प्रकोप बढ़ने पर पौधे पीले हो कर कमजोर हो जाते हैं और पौधों का विकास रुक जाता है। 

नियंत्रण: इसके नियंत्रण के लिए प्रकोप दिखाई देते ही, लैमनोवा (लैम्ब्डा सायहॅलोथ्रिन 4.9% एस सी) 250 मिली प्रति एकड़ या प्रोफेनोवा सुपर (प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% इसी) 400 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

माहू: यह कीट फसल को कम समय में अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। यह पौधों के कोमल तने, पत्तियां, फूल एवं फलियों का रस चूसते हैं। इसके कारण पौधों में फूल कम निकलते हैं एवं फलियों में दाने नहीं बन पाते हैं। 

नियंत्रण: माहू पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 5-6 पीली स्टिकी ट्रैप लगाएं। इसके साथ ही थियोनोवा 25 (थायोमिथाक्साम 25% डब्लूजी) 100 ग्राम प्रति एकड़, नोवामैक्स (जिबरेलिक एसिड 0.001%) @ 300 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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गरज चमक संग होगी प्री मानसूनी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast

मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा सहित पूर्वोत्तर राज्यों में गरज चमक के साथ बौछारें जारी रह सकती हैं। पहाड़ों पर अगले 24 घंटे के दौरान बर्फबारी और बारिश होगी। अब एक बार फिर उत्तर पश्चिम मध्य तथा दक्षिण भारत के तापमान बढ़ेंगे तथा गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव पहुंचे 11000 रुपये के पार

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
मन्दसौर दलौदा लहसुन 6500 7000
सागर देवरी औसत 4500 6050
सागर गढ़ाकोटा औसत 6000 6000
रतलाम जावरा लहसुन 2651 9500
नीमच जावद लहसुन 5700 5700
राजगढ़ कुरावर लहसुन 3500 6000
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 7000 9000
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 5142 5142
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 3301 11053
राजगढ़ सारंगपुर औसत 3000 4000
सीहोर सीहोर लहसुन 5400 5500
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 7000 9601

स्रोत: एगमार्कनेट

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जानिए फसलों के लिए क्यों बेहद महत्वपूर्ण होता है पोटाश?

Know the importance of potash in the crop

मिट्टी में किसी भी पोषक तत्व की कमी हो जाने से पौधों का सही विकास नहीं हो पाता। इसलिए खाद व उर्वरक का उपयोग संतुलित होना चाहिए ताकि फसल को पर्याप्त मात्रा में सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।

पोटाश क्यों एक आवश्यक पोषक तत्व है?

  • पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए पोटाश बेहद आवश्यक है।

  • यह फसल को मौसम की प्रतिकूलता जैसे- सूखा, ओला, पाला तथा कीड़े-व्याधि आदि से बचाने में मदद करता है।

  • पोटाश जड़ों की समुचित वृद्धि करके फसलों को उखड़ने से बचाता है। इसके कारण पौधे की कोशिकाओं की दीवारें मोटी होती हैं ओर तने की कोष्ठ की परतों में वृद्धि होती रहती है, जिसके फलस्वरूप फसल के गिरने की समस्या नहीं सामने आती है।

  • जिन फसलों को पोटैशियम की पूरी मात्रा मिलती है उन्हें वांछित उपज देने के लिये अपेक्षाकृत कम पानी की आवश्यकता होती है, इस प्रकाश पोटैशियम के उपयोग से फसल की जल उपयोग क्षमता बेहतर होती है।

  • पोटाश फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने वाला सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्व है।

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भीषण गर्मी में झुलसा आधा भारत, कुछ राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि

know the weather forecast,

इस समय गर्मी का प्रकोप आधे से ज्यादा भारत में दिखाई दे रहा है। 40 डिग्री तापमान का आंकड़ा कई शहर पर कर चुके हैं। अभी गर्मी और बढ़ेगी तथा लू चलने की संभावना दिखाई दे रही है। पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों में बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। मध्य और पूर्वी भारत में भी बहुत हल्की बारिश की संभावना और मेघ गर्जना के आसार हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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प्राकृतिक खेती में मददगार होगा केंचुआ खाद, जानें बनाने की विधि

Earthworm composting method for natural farming

केंचुए को किसानो का मित्र माना जाता है। यह भूमि सुधार के काम में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। केंचुआ रोज अपने वजन के बराबर कचरा/मिट्टी खाता है, और उसे मिट्टी की तरह दानेदार खाद में बदल देता है। खाद बनाने के लिए ‘एसिनाफोटिडा’ नामक प्रजाति उपयुक्त होते हैं।  

कच्चे गोबर के विघटन की प्रकिया के दौरान उससे गर्मी उतपन्न होती है जो केचुओं के लिए हानिकारक होती है, यह हानि टालने के लिए खेत में उत्पन्न होने वाले कचरे को अलग कर के 15 से 20 दिन तक सड़ाना आवश्यक होता है। साथ ही इसे 10 दिनों तक नमी देते रहना चाहिए ताकि विघटन के समय निकलने वाली गर्मी समाप्त हो जाए। इसकी गर्मी निकल जाने के बाद इसका वर्मी बेड में केंचुओ के भोजन के रूप  में उपयोग किया जा सकता है। 

वर्मी बेड तैयार करने की विधि:

केंचुआ खाद बनाने के लिए सबसे जरूरी है, छायादार जगह का होना। वर्मी बेड की लंबाई 20 फुट तथा चौड़ाई 2.5 से 4 फुट की होनी चाहिए। बेड बनाते समय सबसे पहले नीचे ईट के टुकड़े (3-4 इंच) उसके ऊपर रेत (2 इंच) एवं मिट्टी (3 इंच) का थर दिया जाता है, ताकि केंचुए बेड के अंदर सुरक्षित रह सकें। इसके बाद 6 से 12 इंच तक पुराना सड़ा हुआ कचरा केंचुए के भोजन के लिए डाला जाता है। 40 से 50 दिन बाद हलकी दानेदार खाद ऊपर दिखाई देने पर बेड में पानी देना बंद करें। ऊपर की खाद सूखने पर केंचुए धीरे धीरे अंदर जाएंगे इस तरह ऊपर की खाद निकाल सकते हैं। खाली किए गए बेड में पुनः दूसरा कचरा जो केंचुए के भोजन के लिए बनाया जाता है उसका उपयोग करके खाद बनाने की प्रक्रिया जारी रहती है। इस प्रकार एक बेड से करीब 500 से 600 किलो केंचुआ खाद प्राप्त हो सकती है।

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मिलेगी 60% तक की बंपर सब्सिडी, शुरू करें मछली पालन का बिजनेस

PM Matsya Sampada Yojana

ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के बीच मछली पालन व्यवसाय काफी लोकप्रिय है और यह बेहद फायदेमंद भी साबित हो रहा है। मछली पालन से किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाते हैं और इसी वजह से बहुत सारे किसान इसकी तरफ तेजी से रूख कर रहे हैं। सरकार की तरफ से भी किसानों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

मछली पालन पर सरकार किसानों को 60% तक की सब्सिडी दे रही है। यह सब्सिडी केंद्र सरकार की पीएम मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत दी जा रही है। इस योजना में किसानों को मछली पालन हेतु कर्ज के साथ साथ मुफ्त में ट्रेनिंग भी दी जाती है।

इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और महिलाओं को 60% का अनुदान वहीं अन्य किसानों को 40% की सब्सिडी दी जाती है। योजना का लाभ आप भी लेना चाहते हैं तो अधिकारिक वेबसाइट https://dof.gov.in/pmmsy पर आवेदन करें।

स्रोत: आज तक

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 5500 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सोयाबीन 1025 4600
शाजापुर अकोदिया सोयाबीन 4600 4600
शाजापुर अकोदिया अन्य 4600 4600
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4300 4300
बड़वानी अंजड़ पीला 4010 4200
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 3611 4470
उज्जैन बड़नगर पीला 4026 4654
धार बदनावर पीला 2850 4720
धार बदनावर सोयाबीन 4190 4605
सागर बाँदा सोयाबीन 4400 4400
बेतुल बेतुल सोयाबीन-जैविक 4150 4351
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 2100 4200
भोपाल भोपाल सोयाबीन 3911 4280
सागर बीना पीला 4200 4200
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 3560 4241
राजगढ़ छापीहेड़ा सोयाबीन 4260 4990
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 4359 4417
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा सोयाबीन 4366 4396
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 3824 4571
दमोह दमोह सोयाबीन 4050 4225
देवास देवास पीला 4241 4500
देवास देवास सोयाबीन 1412 4582
धार धार पीला 4150 4205
धार धार सोयाबीन 1500 4618
धार धार सोयाबीन-जैविक 4236 4236
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 4115 4329
विदिशा गंज बासौदा पीला 3700 4200
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 4200 4200
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 3300 4430
हरदा हरदा पीला 3000 4371
खंडवा हरसूद पीला 4197 4318
खंडवा हरसूद सोयाबीन 4011 4266
इंदौर इंदौर पीला 2000 4595
इंदौर इंदौर सोयाबीन 4200 5600
इंदौर इंदौर सोयाबीन-जैविक 1530 4630
इंदौर इंदौर (F&V) सोयाबीन 1840 4501
सागर जैसीनगर पीला 4100 4150
रतलाम जावरा पीला 4600 4600
रतलाम जावरा सोयाबीन 2590 4641
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4050 4425
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4000 4311
उज्जैन खाचरौद सोयाबीन 4300 4611
खंडवा खंडवा पीला 3800 4658
खंडवा खंडवा सोयाबीन 4000 4700
खरगोन खरगोन सोयाबीन 4000 4230
देवास खातेगांव सोयाबीन 3200 4430
देवास खातेगांव सोयाबीन-जैविक 4200 4346
राजगढ़ खुजनेर पीला 4175 4385
सागर खुरई सोयाबीन 4000 4000
धार कुक्षी सोयाबीन 4200 4500
राजगढ़ कुरावर सोयाबीन 4250 4560
सागर मालथोन सोयाबीन 3980 4000
नीमच मनसा सोयाबीन 1300 4621
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 920 4929
उज्जैन नागदा पीला 3925 4555
उज्जैन नागदा सोयाबीन 4425 4550
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 4160 4610
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 4105 4210
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सोयाबीन 4175 4505
नरसिंहपुर नरसिंहपुर पीला 4150 4270
नीमच नीमच पीला 4275 4681
नीमच नीमच सोयाबीन 1100 4670
खंडवा पंधाना पीला 4185 4508
खंडवा पंधाना सोयाबीन 4209 4306
झाबुआ पेटलावद पीला 3820 4320
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 3999 4530
मन्दसौर पिपल्या सोयाबीन 2900 4544
सागर राहतगढ़ पीला 4090 4220
धार राजगढ़ पीला 3350 4950
रतलाम रतलाम सोयाबीन 1850 4648
सागर रेहली सोयाबीन 4100 4125
रतलाम सैलाना सोयाबीन 1501 4590
खरगोन सनावद सोयाबीन 4100 4100
इंदौर सांवेर सोयाबीन 3500 4531
राजगढ़ सारंगपुर पीला 4300 4300
राजगढ़ सारंगपुर सोयाबीन 4051 4300
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 4400 4400
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन-जैविक 4350 4350
शाहडोल शाहडोल सोयाबीन 4300 4500
मन्दसौर शामगढ़ सोयाबीन 1000 4390
हरदा सिराली सोयाबीन 4250 4250
मन्दसौर सीतामऊ पीला 4400 4625
देवास सोनकच पीला 1000 4491
शाजापुर सुसनेर सोयाबीन 4300 4300
रतलाम ताल पीला 3988 4950
उज्जैन तराना पीला 2040 4590
उज्जैन तराना सोयाबीन 4200 4500
झाबुआ थांदला पीला 4000 4400
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 2348 4626
उज्जैन उन्हेल सोयाबीन 3761 5205
विदिशा विदिशा सोयाबीन 4000 4313

स्रोत: एगमार्कनेट

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पशुओं के नवजात बछड़े बछिया को स्वस्थ रखने के उपाय

Measures to keep the newborn calf heifer of animals healthy

आज के नवजात बछिया कल के दुधारु पशु होते हैं, इसलिए इनका पालन पोषण और उचित प्रबंधन किसी भी डेयरी विकास के सफलता का आधार होता है। 

  • बछड़े/बछिया के जन्म लेने के तुरंत बाद ही उनके नाक एवं मुँह को साफ करना चाहिए।

  • नवजात के छाती पर धीरे-धीरे मालिश करें ताकि वह आसानी से सांस ले सके।

  • मुँह के अंदर दो उंगलियाँ डालें और उनको जीभ पर रखें, जिससे नवजात को दूध पीना आरंभ करने में मदद होगी। 

  • नवजात बछड़े/बछिया को सुरक्षित वातावरण में रखना चाहिए। 

  • जन्म के आधे घंटे के भीतर, नवजात पशु को खीस पिलाएं। खीस में दूध की तुलना में इसमें 4-5 गुना अधिक प्रोटीन, 10 गुना विटामिन ए और पर्याप्त मात्रा में खनिज तत्व होते हैं जो नवजात में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। 

  • तीसरे सप्ताह के दौरान कृमिनाशक दवा दें, और इसके बाद तीसरे एवं छठे माह की उम्र में भी ये दवा देना चाहिए। 

  • दूसरे सप्ताह से नवजात को अच्छी गुणवत्ता वाली सूखी घास और शिशु आहार खिलाना चाहिए। 

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कई राज्यों में फिर हो सकती है प्री मानसूनी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

प्री मानसून बारिश की गतिविधियां पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित दिल्ली और उत्तर प्रदेश में होगी। 30 मार्च से विदर्भ छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल भी बारिश देख सकते हैं। पहाड़ों पर मार्च के आखिर तक हल्की बर्फबारी और बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित दक्षिण भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप दिखाई देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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