मध्य प्रदेश में 31 मई को आलू, लहसुन, प्याज और सोयाबीन के क्या रहे भाव?

Madhya pradesh Mandi bhaw

प्याज के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

दमोह

1000

1000

देवरी

1000

1300

देवास

400

800

हटपिपलिया

600

1000

सिरोली

1200

1200

तिमरणी

1500

2000

लहसुन के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

तिमरणी

3000

3000

आलू के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

दमोह

1500

1500

देवरी

1000

1200

देवास

600

1000

गुना

350

450

हटपिपलिया

1400

1800

हरदा

1100

1300

पोरसा

800

800

स्योपुरकलान

1200

1300

तिमरणी

1000

1500

सोयाबीन के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

अलोट

5500

6666

बडनगर

6120

7600

भिकणगाव

6591

6591

देवास

7050

7050

पथरिया

6200

6500

तिमरणी

6401

6845

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सोयाबीन की फसल में बीज उपचार से क्या लाभ होते हैं?

What are the benefits of seed treatment in soybean crop
  • सोयाबीन की फसल में बुआई से पहले बीज उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।

  • बीज़ उपचार जैविक एवं रासयनिक दोनों विधियों से किया जा सकता है।

  • सोयाबीन में बीज़ उपचार कवक नाशी एवं कीट नाशी दोनों से किया जाता है।

  • कवक नाशी से बीज़ उपचार करने के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज़ या कार्बोक्सिन 17.5% + थायरम 17.5% @ 2.5 मिली/किलो बीज़ से उपचारित करें या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5-10 ग्राम/किलो बीज़ का उपयोग करें।

  • कीटनाशी से बीज़ उपचार करने के लिए थियामेंथोक्साम 30% FS @ 4 मिली/किलो बीज़ या इमिडाक्लोरोप्रिड 48% FS @ 4-5 मिली/किलो बीज़ से बीज़ उपचार करें।

  • सोयाबीन फसल में नाइट्रोज़न स्थिरीकरण को बढ़ाने के लिए राइजोबियम @ 5 ग्राम/किलो बीज़ से उपचारित करें।

  • कवकनाशी से बीज़ उपचार करने से सोयाबीन की फसल उकठा रोग और जड़ सड़न रोग से सुरक्षित रहती है।

  • इससे बीज का अंकुरण सही ढंग से होता है और अंकुरण प्रतिशत भी बढ़ता है।

  • सोयाबीन की फसल का प्रारंभिक विकास समान रूप से होता है।

  • राइज़ोबियम से बीज़ उपचार सोयाबीन की फसल की जड़ों में गाठों (नॉड्यूलेशन) को बढ़ाता है एवं अधिक नाइट्रोज़न का स्थिरीकरण करता है।

  • कीटनाशकों से बीज़ उपचार करने से मिट्टी जनित कीटों जैसे सफ़ेद ग्रब, चींटी, दीमक आदि से सोयाबीन की फसल की रक्षा होती है।

  • प्रतिकूल परिस्थितियों (कम/उच्च नमी) में भी अच्छी फसल प्राप्त होती है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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करेले की फसल में हो रहा पाउडरी मिल्ड्यू का प्रकोप, ऐसे करें नियंत्रण

How to control powdery mildew in bitter gourd
  • पाउडरी मिल्ड्यू एक कवक रोग है जो करेले की पत्तियों को प्रभावित करता है। इस रोग को भभूतिया रोग के रूप में भी जाना जाता है।

  • पाउडरी मिल्ड्यू में करेले के पौधे की पत्तियों की ऊपरी सतह पर सफेद पाउडर दिखाई देता है।

  • जो सफेद पाउडर पत्तियों के ऊपर जमा होते हैं और इसके कारण प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया काफी प्रभावित होती है।

  • शुष्क मौसम या हल्की बरसात पाउडरी मिल्ड्यू को फैलने में मदद करता है एवं अनियमित ओस या हवा के कारण भी यह रोग बहुत फैलता है।

  • इस रोग के नियंत्रण के लिए एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% SC@ 300 मिली/एकड़ या एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23% SC @ 200 मिली/एकड़ या मायक्लोबुटानिल 10% WP@ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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समय से पहले ही मॉनसून ने दी दस्तक, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

30 मई को नियत समय से दो दिन पहले ही दक्षिण पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है। हालाकि मानसून की शुरुआत धमाकेदार नहीं होगी परंतु मद्धम बारिश केरल एवं कर्नाटक में होगी। उत्तर पश्चिम भारत में गरज के साथ बारिश होगी वहीं पूर्वी भारत में भी तेज बारिश के आसार हैं। अगर बात मानसून के मध्य प्रदेश में पहुँचने की बात करें तो यहाँ जून के मध्य ने मानसून पहुँच सकता है।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट भारत

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सोयाबीन की फसल में राइजोबियम का होता है ख़ास महत्व

Rhizobium has special importance in soybean crop
  • सोयाबीन की जड़ों में विशेष प्रकार का जीवाणु पाया जाता है जिसे राइजोबियम कहते हैं।

  • राइजोबियम सोयाबीन की फसल को फायदा पहुंचाने वाला एक महत्वपूर्ण जीवाणु है, यह एक सहजीवी जीवाणु है।

  • राइजोबियम जीवाणु सोयाबीन की फसल की जड़ में सहजीवी के रूप में रहकर वायुमंडलीय नाइट्रोज़न को नाइट्रेट के रूप में परिवर्तित करके सोयाबीन की फसल में नाइट्रोजन की पूर्ति करता है।

  • राइजोबियम जीवाणु मिट्टी में स्थापित होने के बाद सोयाबीन की फसल की जड़ तंत्र में प्रवेश करके छोटी गाठें बना लेते हैं।

  • सोयाबीन के पौधे की जड़ों की गाठों में जीवाणु बहुत अधिक संख्या में होते हैं। पौधे का स्वस्थ होना गाठों की संख्या पर निर्भर करता है।

  • इन जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थिर किया जाता है, यह नाइट्रोजन अगली फसल को भी प्राप्त होती है, विशेषकर जब हम गेहूँ की फसल लगाते हैं तब नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का कम प्रयोग कर सकते हैं।

  • दो प्रकार से, राइज़ोबियम का उपयोग फसलों में किया जा सकता है बीज़ उपचार और मिट्टी उपचार के रूप में।

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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मिर्च समृद्धि किट की मदद से हुई जबरदस्त मिर्च की उपज, किसान हुआ मालामाल

Cotton Samriddhi Kit

खरगोन जिले के जामली गांव के किसान शुभम चौहान ने कृषि क्षेत्र में स्नातक तक की पढ़ाई की और फिर ग्रामोफोन की मदद से स्मार्ट खेती करने की शुरुआत की। उन्हें इसका बहुत अच्छा नतीजा मिला, ख़ास कर के मिर्च की फसल में जब उन्होंने ग्रामोफ़ोन की मिर्च समृद्धि किट का इस्तेमाल किया तो इससे उपज में 40% की भारी वृद्धि देखने को मिली।

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सरकार देगी 2 करोड़ का लोन, किसान उत्पादक संगठन उठा सकते हैं लाभ

Government will give loan of 2 crores to farmer producer organizations

किसानों की समृद्धि के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने किसान उत्पादक संगठन के लिए एक बड़ी पहल की है। दरअसल सरकार की ओर से अब किसान उत्पादक संगठनों को 2 करोड़ तक का लोन मिल सकता है।

बता दें की सरकार की तरफ से मिलने वाले इस लोन के एवज में मिलने वाले ब्याज में भी छूट दी जा सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस विषय पर कहा है कि “6 हजार 856 करोड़ रूपए खर्च करके 10 हजार किसान उत्पादक संगठन बनाने की योजना है, जिन्हें 2 करोड़ का लोन सहित ब्याज में छूट प्रदान करने की योजना है।”

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश के कई जिले में बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य प्रदेश के जबलपुर बालाघाट होशंगाबाद से लेकर रतलाम तक हलकी बारिश की संभावना बनी हुई है। इंदौर उज्जैन देवास धार मंदसौर भोपाल और विदिशा आदि क्षेत्रों में बारिश के साथ बिजली गिरने की भी संभावना जताई जा रही है। बात मॉनसून की करें तो केरल में यह जल्द दस्तक दे सकता है।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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29 मई को मध्य प्रदेश में क्या रहे मंडी भाव?

Madhya pradesh Mandi bhaw

सोयाबीन के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

अलोट

5500

6666

नीमच

6931

7540

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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चुनें सोयाबीन के उन्नत बीज किस्म और बंपर उपज से कमाएं जबरदस्त मुनाफ़ा

Soybean Advanced Seed Variety

जे एस 2034, जे एस 95-60 

  • फसल पकने की अवधि 87-88 दिन

  • उपज 8-10 क्विंटल/एकड़ 

  • कई रोगो के प्रति प्रतिरोधी किस्म

  • कम और मध्यम बारिश एवं हल्की व मध्यम मृदा के लिए उपयुक्त

जे एस 2029 

  • जेएस 2029 एक नई किस्म हैं जो JNKVV  द्वारा विकसित की गई है

  • उपज लगभग 10 -12 क्विण्टल/एकड़

  • फसल पकने की अवधि 90-95 दिन

  • इसके 100 दानों का वजन 13 ग्राम होता हैं

जे एस 93-05

  • फसल पकने की अवधि: अगेती, 90-95 दिन

  • उपज  8 -10  क्विंटल/एकड़ 

  • 100 दाने का वजन 13 ग्राम से ज्यादा 

जे एस-335

  • फसल पकने की अवधि 95-110 दिन

  • अधिक शाखाओं वाले पौधे

  • उपज 10 -12  क्विंटल/एकड़

  • 100 दाने का वजन 10-13 ग्राम

जे एस 97-52

  • अवधि: 100-110 दिन

  • उपज 10 -12  क्विंटल/एकड़

  • 100 दाने का वजन 12-13 ग्राम 

  • रोग एवं कीट के प्रति सहनशील

  • अधिक नमी वाले क्षेत्रों के लिये उपयोगी 

जे एस 72-44

  • अवधि: 95-105 दिन

  •  पौधा सीधा और करीब 70 सेमी लम्बा होता है ।

  • उपज क्षमता 10 -12  क्विंटल/एकड़

जे एस 90-41

  • अवधि: 90-100 दिन  

  • फूल बैंगनी रंग के होते है तथा हर फली में 4 दाने होते हैं 

  • उपज क्षमता 10 -12  क्विंटल/एकड़

अहिल्या-3, अहिल्या-4

  • अवधि: 99-105 दिन 

  • उपज क्षमता 10 -12  क्विंटल/एकड़ 

  •  विभिन्न कीट-रोगों के लिए प्रतिरोधी किस्म

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