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- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फॉर्म ऑनलाइन भरने की लिए https://pmfby.gov.in/ वेबसाइट पर क्लिक कीजिए.
- फसल बीमा योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आप को ऑफिशियल वेबसाइट पर अपना एक एकाउंट बनाना होगा.
- अकाउंट बनाने की लिए रजिस्ट्रेंशन पर क्लिक करना होगा और यहां पर पूछी गई सभी जानकारी को सही-सही भरना होगा.
- सभी जानकारी भरने की बाद सबमिट बटन पर क्लिक कर दे और उसके बाद आप का अकाउंट ऑफिशियल वेबसाइट पर बन जायगा.
- अकाउंट बनने की बाद अपने अकाउंट में लॉग इन करके आपको फसल बीमा योजना की लिए फॉर्म भरना होगा.
- फसल बीमा योजना का फॉर्म सही सही भरने के बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा जिसके बाद आपको अपनी स्क्रीन पर सक्सेसफुल का मैसेज दिखाई देगा.
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- किसान का आई डी कार्ड
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- बैंक खाता
- किसान का एड्रेस प्रूफ (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस ,पासपोट, वोटर ID कार्ड )
- अगर खेत किराये पर लेकर खेती की गयी है तो खेत के मालिक के साथ इकरार की फोटो कॉपी
- खेत का खाता नंबर /खसरा नंबर के पेपर
- आवेदक का फोटो
- किसान द्वारा फसल की बुवाई शुरू किए हुए दिन की तारीख
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- अतिरिक्त पानी को खेत से बाहर निकाले |
- प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग करें: CO 439, CO 443, CO 720, CO 730 और CO 7704
- थायमेथोक्साम 25 % WP @ 100 ग्राम एकड़ का छिड़काव करें।
- थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC @ + बेवेरिया बेसियाना 500 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें।
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- यह हल्का गुलाबी रंग का कीट जो मोम जैसे सफ़ेद पदार्थ से ढका रहता है |
- प्रभावित पौधे के तने तथा पत्तियो की आतंरिक सतह पर सैकड़ो की संख्या में पाए जाते है |
- प्रभावित पौधे के ऊपर शहद जैसा चिपचिपा पदार्थ दिखाई देता है जिसकी वजह से तना काले रंग का दिखाई देता है|
- गंभीर प्रकोप के समय पौधे की पत्ती पीले रंग की दिखाई देती है इसके साथ ही तना पतला हो जाता है तथा रस की गुणवत्ता में कमी आ जाती है |
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- प्रोफेनोफोस (सेलेक्रोन / कैरिना) @ 500 मिली / एकड़
- थियामेथोक्साम 12.6% + लैंबडा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC (बेलेफ़ / एलिका) @ 80 ग्राम / एकड़
- इमिडाक्लोप्रिड 30.5% एससी (मीडिया सुपर) @ 100 ग्राम / एकड़
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- यह एक महत्वपूर्ण कीट हैं जो की सरसो की फसल को क्षति पहुँचता हैं
- व्यस्क कीट का रंग नारंगी तथा उसके सर का रंग काला होता हैं |
- सरसो का यह कीट पत्तियों को खाता हैं |
- सरसों का यह कीट कभी-कभी पत्ती के पूरे हरे भाग को खा जाता हैं एवं केवल शिराये बचती हैं|
- यह कीट समान्यतः अक्टूबर तथा नवम्बर महीने में दिखाई देता हैं |
- अधिक ठण्ड में ये कीट नहीं दिखते |
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- रोग रहित प्रमाणित बीजों का उपयोग करें।
- रोग ग्रसित पौधों को निकाल कर नष्ट करें।
- बीज को कार्बोक्सिन 37.5 + थायरम 37.5 @ 2.5 ग्राम / किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें|
- कासुगामाईसिन 5% +कॉपर ऑक्सीक्लोरिड 45% डब्लू.पी. 320 ग्राम/एकड़ या
- थायोफेनेट मिथाइल 300 70% Wp मिली /एकड़ का छिड़काव करें|
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- प्रभावित पौधे की पत्ती के ऊपर हल्के हरे से भूरे रंग के केंद्रों वाले आँख के आकार के धब्बे दिखाई देते है |
- रोग की शुरुआती अवस्था में प्रभावीत बाली का भाग रंगहीन दिखाई देता है |
- रोग की गंभीर अवस्था में सम्पूर्ण बाली तथा तना रंगहीन व सूखा हुआ दिखाई देता है|
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- रोग रहित प्रमाणित बीजों का उपयोग करें।
- रोग ग्रसित खेत में कम से कम दो वर्ष तक मटर न उगाये।
- रोग ग्रसित पौधों को निकाल कर नष्ट करें।
- बीज को कार्बोक्सिन 37.5 + थायरम 37.5 @ 2.5 ग्राम / किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें|
- कासुगामाईसिन 5% +कॉपर ऑक्सीक्लोरिड 45% डब्लू.पी. 320 ग्राम/एकड़ या
- कीटाजिन 48.0 w/w 400 मिली /एकड़ का छिड़काव करें|
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- मटर की पत्तियाँ, तने व फलियाँ इस रोग के संक्रमण से प्रभावित होती हैं।
- छोटे-छोटे लाल-भूरे रंग के धब्बे फलियों पर बनते है व शीघ्रता से बढ़ते हैं |
- आर्द्र मौसम में इन धब्बों पर गुलाबी रंग के जीवणु पनपते हैं।
- गंभीर संक्रमण के दौरान पत्ती की निचली सतह पर शिरा के मध्य का भाग काले रंग का दिखाई देता है|
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