नोवामैक्स का बस एक स्प्रे बदलते मौसम में फसल को देगा संपूर्ण सुरक्षा

NovaMaxx is a great tonic for crops
  • मौसम में अचानक बदलाव के कारण पौध विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, इससे फसलों को बचाने के लिए, करें नोवामैक्स का छिड़काव। 

  • नोवामैक्स हर फसल का च्यवनप्राश, जो रखेगा फसलों को तनाव मुक्त !

  • नोवामैक्स (जिब्रालिक अम्ल 0.001%) गेहूँ, सब्जीवर्गीय, धान, मक्का, अनाज, कपास, गन्ना, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलों के लिए बेहद प्रभावशाली है।

  • जो ठण्ड, सूखा, अधिक पानी और कीट बीमारी के हमले जैसे तनाव से फसल को बचाने में मदद करता है।

  • इससे पौधों और फल का आकार बढ़ता है साथ ही फूल उत्तेजित भी होते हैं। यह सल्फर और कॉपर आधारित उत्पाद के साथ मिश्रित नहीं होगा बाकि सभी कीटनाशक और उर्वरक के साथ मिलाया जा सकता है।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे शेयर करना ना भूलें।

Share

पहाड़ों पर फिर होगी भारी बर्फबारी, कई राज्यों में पाला पड़ने की संभावना

know the weather forecast,

पहाड़ों पर एक के बाद एक दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस आएंगे जो लगातार बर्फबारी देते रहेंगे। इनका असर मैदानी इलाकों में भी दिखाई देगा। पंजाब और राजस्थान सहित हरियाणा के कई जिलों में पाला पड़ने लगा है तथा फसलें जम गई हैं। आधे से ज्यादा देश में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बना है। इसका असर दक्षिणी राज्यों में दिखाई देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

कद्दू वर्गीय फसल में कुकम्बर मोज़ेक वाइरस के लक्षण एवं रोकथाम के उपाय!

Symptoms and preventive measures of Cucumber mosaic virus in Cucurbits crop
  • कुकम्बर मोज़ेक वाइरस का रोगवाहक माहु कीट है। कद्दु वर्गीय फसलें, कुकम्बर मोज़ेक वाइरस के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। 

  • इसके प्रकोप से शुरुआत में पत्तियों पर पानी से भरे पीले धब्बे विकसित होते हैं। 

  • ये धब्बे तेजी से बढ़ते हैं और हल्के भूरे या सफेद केंद्र के साथ पहले गोलाकार आकृति लेते हैं और फिर अनियमित आकृति में बदल जाते हैं।

  • ये धब्बे आपस में मिलकर बड़े घाव में परिवर्तित हो जाते हैं।

  • पौधे गंभीर रूप से बौने हो जाते हैं और पत्तियां विकृत हो जाती हैं। 

  • फूल व फल निर्माण की अवस्था में संक्रमण होने पर इसके कारण फल विकृत हो जाते हैं और इसकी वजह से पैदावार में भारी कमी आती है। 

  • अंत में पत्तियां सूख जाती हैं और पौधा भी मर जाता है। 

रोकथाम के उपाय 

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए, एडमायर (इमिडाक्लोप्रिड 70% डब्ल्यूजी) @ 14 ग्राम + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

  • 3 दिन बाद, प्रिवेंटल BV @ 100 ग्राम, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे शेयर करना ना भूलें।

Share

नए साल में ठंड तोड़ सकती है सारे रिकॉर्ड, जानें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

1 जनवरी से 6 जनवरी के बीच पहाड़ों पर लगातार दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस आएंगे। 1 जनवरी की रात से 6 जनवरी तक पहाड़ों पर एक बार फिर बर्फबारी होगी। 3 से 6 जनवरी के बीच भारी बर्फबारी की संभावना है। आधे देश में सर्द हवाएं चलेंगी जिससे तापमान बहुत तेजी से गिरेंगे और कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। तमिलनाडु के कई जिलों में बारिश की संभावना है। 2 जनवरी से उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

मटर की फसल में फली छेदक इल्ली के क्षति के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय!

Symptoms and control measures of pod borer caterpillars in pea crops

फल छेदक इल्ली के क्षति के लक्षण: प्रारंभिक अवस्था में ये पत्तियों को खाते हैं। फूल एवं फली की अवस्था में गंभीर रूप से विकासशील फली में छेद करते हैं और बीजों को खाते हैं। इसकी इल्ली सिर को आमतौर पर फली के अंदर और शरीर के अधिकांश हिस्से को बाहर की ओर रखती है।

नियंत्रण के उपाय: इस कीट के नियंत्रण के लिए, तुस्क (मैलाथियान 50.00% ईसी) @ 600 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करना ना भूलें।

Share

आलू की फसल में पछेती झुलसा के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय!

Symptoms and control measures of late blight in potato crops

क्षति के लक्षण: इस रोग से पौधों के पत्ते, तने एवं कंद प्रभावित होते हैं। सबसे पहले रोग के ये लक्षण पत्तियों के सिरों और किनारों पर पानी से लथपथ छोटे-छोटे भूरे धब्बे विकसित होते हैं। इन धब्बों के चारों ओर कवक की एक सफेद कपास जैसी संरचना दिखाई देती है। अनुकूल मौसम की स्थिति में जैसे – कम तापमान, उच्च आर्द्रता में रोग तेजी से फैलता है और पूरी फसल 10-14 दिनों के भीतर नष्ट हो सकती है और झुलसा हुआ रूप ले सकती है।

नियंत्रण के उपाय: इस रोग के नियंत्रण के लिए, नोवाक्रस्ट (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकनाज़ोल 18.3% एससी) @ 300 मिली या करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% डब्ल्यूपी) @ 700 ग्राम + नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001 % एल) 300 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे शेयर करना ना भूलें।

Share

लहसुन की फसल में 50-55 दिन की अवस्था में पोषक तत्व प्रबंधन!

Nutrient management in garlic crops at the 50-55 days old stage

लहसुन की फसल अभी 50-55 दिन की हो रही है, इस अवस्था में अच्छे कंद विकास के लिए, बोरो 1 किग्रा + कैल्शियम नाइट्रेट 10 किग्रा + एमओपी 20 किग्रा को आपस में मिलाकर एक एकड़ के हिसाब से समान रूप से भुरकाव कर हल्की सिंचाई करें। 

उपयोग के फायदे

बोरोन

  • फफूंद जनित रोगों से प्रतिरोध क्षमता बढ़ाता है। 

  • लहसुन के कंदों में चमक और रंग अच्छा आता है।

कैल्शियम नाइट्रेट

  • कंद का आकार बढ़ाता है, एवं बेहतर गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त होती है।

  • लहसुन के कंद ठोस बनते हैं जिनसे इनकी भंडारण क्षमता बढ़ती हैं। 

पोटैशियम 

  • पोटैशियम पौधे में संश्लेषित शर्करा को पौधे के सभी भागो तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पोटैशियम प्राकृतिक नत्रजन की कार्य क्षमता को बढ़ावा देता है। पौधों में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है। पोटैशियम से उपज बढ़ती हैं। 

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करना ना भूलें।

Share

अगले कुछ दिनों में ज्यादातर राज्यों में बारिश के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

गुजरात के कुछ भागों सहित राजस्थान के कई जिलों में बादल छा चुके हैं। 27 दिसंबर से बारिश की गतिविधियां पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र के कई जिलों में दिखाई देंगे। 28 दिसंबर को बारिश की गतिविधियां पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी पहुंचेंगे। दक्षिण भारत में भी बारिश जारी रहेगी। अगले दो दिनों के दौरान पहाड़ों पर एक बार फिर भारी बर्फबारी की संभावना है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

भिंडी की भरपूर उपज के लिए ऐसे करें खेत को तैयार और पोषण प्रबंधन!

Watermelon and Muskmelon field preparation
  • भिंडी की फसल के लिए भुरभुरी, अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी जिसका पीएच रेंज 6.0-6.8 तक हो सबसे उपयुक्त होती है। 

  • कार्बनिक पदार्थों से भरपूर भूमि में बीज का अंकुरण एवं जड़ों का विकास अच्छा होता है। 

  • पिछली फसल की कटाई के बाद एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें। 

  • इसके बाद, गोबर की खाद 8 से 10 टन + स्पीड कम्पोस्ट 4 किग्रा + कॉम्बैट (ट्राईकोडर्मा विरिडी 1.0 % डब्ल्यूपी) @ 2 किलोग्राम, प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में समान रूप से भुरकाव करें।

  • इसके बाद 2-3 जुताई हैरो की सहायता से करें। अगर मिट्टी में नमी कम हो तो पहले पलेवा करें, फिर खेत की तैयारी करें और आखिर में पाटा चलाकर खेत समतल बना लें।

  • खेत तैयार होने के बाद, बीज की बुवाई सिफारिश की गयी दूरी पर ही करें।

  • पौध से पौध एवं कतार से कतार की दूरी 30 x 30 सेमी रखें। एक एकड़ क्षेत्र के लिए 1.5-2.2 किग्रा बीज, पर्याप्त होता है।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो  इसे शेयर करना ना भूलें।

Share

आज से मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों में होगी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

पहाड़ों पर नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ रहा है। कल 27 दिसंबर से पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाएगी। आज पूर्वी गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र में बारिश शुरू होने की संभावना है। कल 27 दिसंबर से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश में भी बारिश शुरू होने के आसार हैं। बिहार, झारखंड, और छत्तीसगढ़ तक भी बारिश पहुंचेगी। दक्षिण भारत में बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share