फसलों का विकास रोक देता है मिलीबग, जानें नियंत्रण के उपाय

Mealybug control measures
  • मिलीबग एक प्रकार का रस चूसक कीट है जो पत्तियों या टहनियों पर आक्रमण करके उनका रस चूसता है।
  • यह कीट सफ़ेद रुई के तरह का होता है और इस कीट के वयस्क बहुत अधिक संख्या में पौधों से आवश्यक पोषक तत्वों को चूसकर फसल विकास को प्रभावित कर देते हैं।
  • इस कीट के नियंत्रण के लिए थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 200 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
Share

मूंग की फसल में राइज़ोबियम कल्चर का महत्व

Importance of Rhizobium culture in Moong crop
  • मूंग की जडों की ग्रंथिकाओं में राइज़ोबियम नामक जीवाणु पाया जाता है जो वायुमंडलीय नत्रजन का स्थिरीकरण कर फसल की उपज बढ़ाता है।
  • राइज़ोबियम कल्चर के इस्तेमाल से दलहनी फ़सलों की जड़ों में तेजी से गांठे बनती है जिससे मूंग, चना, अरहर व उड़द की उपज में 20-30 फीसदी व सोयाबीन की उपज में 50-60 फीसदी तक का इज़ाफा होता है।
  • राइजोबियम कल्चर के प्रयोग से भूमि में लगभग 30-40 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ जाती है।
  • राइजोबियम कल्चर 5 से 10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीज उपचार तथा मिट्टी के उपचार बुआई पूर्व के लिए 1 किलो/एकड़ प्रति 50 किलो गोबर खाद में मिलाकर किया जाता है।
  • दलहनी फ़सलों की जड़ों में मौजूद राइजोबियम जीवाणुओं द्वारा जमा की गई नाइट्रोजन अगली फसल में इस्तेमाल हो जाती है, जिससे अगली फसल में भी नत्रजन कम देने की आवश्यकता होती है।
Share

26 फरवरी के इंदौर मंडी के भाव

Mandi Bhaw

 

फसल न्यूनतम भाव अधिकतम भाव
डॉलर चना 2505 7101
गेहु 1311 2080
चना मौसमी 4430 5500
सोयाबीन 1360 5110
मक्का 1191 1352
मसूर 5275 5275
उड़द 3500 3500
बटला 3690 4025
तुअर 6125 6500
सरसों 4615 4615
प्याज के भाव
नई लाल प्याज (आवक 26000 कट्टे ) 2000 – 2600 ₹
किस्मे न्यूनतम भाव अधिकतम भाव
सुपर 2100 2400
एवरेज 1700 2000
गोलटा 1500 2000
गोलटी 800 1300
छाटन 400 1000
लहसन के भाव
नई लहसन
( आवक – 20000 + कट्टे ) 4000 – 6800 ₹
किस्मे न्यूनतम भाव अधिकतम भाव
सुपर ऊटी 5500 6500
देशी मोटा 4300 5300
लड्डू देशी 3200 4200
मीडियम 2000 3000
बारीक 800 1500
हल्की 800 2000
नया आलू
( आवक – 22000 + कट्टे )
किस्मे न्यूनतम भाव अधिकतम भाव
चिप्स 800 1000
ज्योति 900 1050
गुल्ला 600 750
छर्री 200 350
छाटन 600 900
सब्जियों के भाव
फसल न्यूनतम भाव अधिकतम भाव
भिन्डी 1500 3500
लौकी 1000 2500
बेंगन 200 600
पत्ता गोभी 200 400
शिमला मिर्च 1000 2000
फुल गोभी 400 1000
खीरा 1000 2500
अदरक 600 1700
प्याज 400 2500
पपीता 800 1600
आलू 300 1100
कद्दू 300 600
पालक 400 1000
टमाटर 200 600
Share

मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में बढ़ रही है गर्मी, तापमान 40 के करीब

Weather Forecast

मध्यप्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र, उड़ीसा एवं विदर्भ में तापमान सामान्य से ऊपर पहुँच गया है। आने वाले दिनों में कुछ क्षेत्रों में तो अधिकतम तापमान 40 के करीब तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में अगले 24 घंटे बारिश और हिमपात जारी रहने की संभावना है। हालांकि 28 फरवरी से वर्षा में कमी आने के आसार बन रहे हैं।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

Share

मिट्टी परीक्षण करवाना होता है लाभकारी, जानें इसके फायदे

Know what are the benefits of Soil Testing
  • मिट्टी परीक्षण से मिट्टी में उपस्थित तत्वों का सही सही पता लगाया जाता है। इनकी जानकारी के बाद मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्व के अनुसार ही खाद व उर्वरक की मात्रा सम्बन्धी सिफारिश की जाती है। 
  • यानी मिट्टी परीक्षण जाँच के बाद संतुलित मात्रा में उर्वरक देकर खेती में अधिक लाभ लिया जा सकता है और उर्वरक लागत को कम किया जा सकता है। 
  • मिट्टी परीक्षण से मिट्टी पीएच, विघुत चालकता, जैविक कार्बन के साथ साथ मुख्य पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों का पता लगाया जा सकता है।
  • मिट्टी पी.एच.मान से मिट्टी की सामान्य, अम्लीय या क्षारीय प्रकृति का पता लगाया जा सकता है। मिट्टी पी.एच. घटने या बढ़ने से पादपों की वृद्धि पर असर पड़ता है। 
  • मिट्टी पी.एच. पता चल जाने के बाद समस्या ग्रस्त क्षेत्रों में फसल की उपयुक्त उन किस्मों की सिफारिश की जाती है जो अम्लीयता और क्षारीयता को सहन करने की क्षमता रखती हो। 
  • मिट्टी पी.एच. मान 6.5 से 7.5 के बीच होने पर पौधों द्वारा पोषक तत्वों का सबसे अधिक ग्रहण किया जाता है तथा अम्लीय भूमि के लिए चूने एवं क्षारीय भूमि के लिए जिप्सम डालने की सलाह दी जाती है। 
  • मिट्टी परीक्षण से विद्युत चालकता जानी जा सकती है, इससे यह जानकारी मिल जाती है कि मिट्टी में लवणों की सांद्रता या मात्रा किस स्तर पर है।
  • मिट्टी में लवणों की अधिक सान्द्रता होने पर पौधों द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण में कठिनाई आती है।
  • मिट्टी परीक्षण से जैविक कार्बन जाँच कर मिट्टी की उर्वरता का पता चलता है। 
  • मिट्टी के भौतिक गुण जैसे मृदा संरचना, जल ग्रहण शक्ति आदि जैविक कार्बन से बढ़ते है।  
  • जैविक कार्बन पोषक तत्वों की लीचिंग (भूमि में नीचे जाना) को भी रोकता है।
  • इसके अतिरिक्त पोषक तत्वों की उपलब्धता स्थानांतरण एवं रुपांतरण और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के लिए भी जैविक कार्बन बहुत उपयोगी होता है।
  • मिट्टी की उर्वरा क्षमता के आधार पर कृषि उत्पादन एवं अन्य उपयोगी योजनाओं को लागू करने में सहायता मिलती है। 
  • अतः इन सभी जानकारियों से मालूम होता है कि मिट्टी परीक्षण कितना आवश्यक है। 
Share

मध्य प्रदेश के 21 लाख से ज्यादा किसानों ने एमएसपी पर गेहूँ की बिक्री हेतु करवाया पंजीयन

More than 21 lakh farmers of MP got registration done for sale of wheat on MSP

हर साल केंद्र सरकार द्वारा 23 फ़सलों के एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करती है और फिर इसी मूल्य पर राज्य सरकार किसानों से उपज खरीदती है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूँ की समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु पंजीकरण की प्रक्रिया 25 फरवरी तक चलाई है।

ख़बरों के अनुसार मध्य प्रदेश के 21 लाख 6 हजार किसानों ने इस बार ई-उपार्जन पोर्टल पर गेहूँ की एमएसपी पर खरीदी के लिए पंजीकरण करवाया है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 1 लाख 59 हजार ज्यादा है। बता दें की मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन जिले में गेहूँ उपार्जन की प्रक्रिया 22 मार्च से 1अप्रैल तक चलेगी।

स्रोत: किसान समाधान

Share

25 फरवरी के इंदौर मंडी के भाव

Mandi Bhaw

 

फसल न्यूनतम भाव अधिकतम भाव
डॉलर चना 3500 6795
गेहु 1501 2061
चना मौसमी 3800 5300
सोयाबीन 2100 5095
मक्का 1200 1365
मसूर 5150 5180
मूंग 6650 6650
उड़द 4005 5250
बटला 3805 3905
तुअर 5955 6805
मिर्ची 5000 13700
Share

भिंडी पित शिरा वायरस का ऐसे करें नियंत्रण

yellow vein mosaic of okra
  • पित शिरा विषाणु भिंडी में लगने वाला प्रमुख विषाणु जनित रोग है।
  • यह सफ़ेद मक्खी के कारण फैलता है एवं इसके कारण भिंडी की फसल को 25 से 30% तक का नुकसान होता है।
  • इस रोग के लक्षण पौधे की सभी अवस्था में देखा जाता है।
  • इसके कारण पत्तियों की शिराएं पीली पड़ जाती हैं एवं पत्तियों पर जाल जैसी संरचना बन जाती है।
  • इसके निवारण के लिए एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या डायफैनथीयुरॉन 50% WP @ 250 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% EC@ 300 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
Share

गेहूँ के दानों में चमक बढ़ाने के लिए क्या उपाय करें?

What measures should be taken to increase the glow in wheat grains?
  • गेहूँ की फसल में यदि दानों का आकार एवं चमक अच्छी होती है तो उस फसल का बाजार भाव बहुत अच्छा मिलता है।
  • गेहूँ की फसल में दानो में चमक बेहतर करने के लिए दाना भरने की अवस्था के समय 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ के साथ प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC@ 200 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • इन उत्पादों के उपयोग से गेहूँ के दानो में चमक के साथ-साथ कवक जनित रोगों से फसल की रक्षा होती है एवं पोषण सम्बन्धी आवश्यकता की भी पूर्ति हो जाती है।
Share

मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में कैसा रहेगा मौसम, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के अन्य राज्यों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है और गर्मी के भी बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। पंजाब व उत्तरी हरियाणा जैसे क्षेत्रों में भी हल्की बारिश की संभावना बन रही है। इसके साथ ही दक्षिण भारत में आने वाले दिनों में बारिश के कोई आसार नहीं बन रहे हैं।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

Share