मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के ताजा भाव?

Tomato mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे देवास, जावद, कालापीपल, रतलाम और मनावर आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

देवास

200

700

जावरा

600

11400

जावद

1611

6800

कालापीपल

550

3550

मनावर

2500

3000

पिपरिया

800

2200

रतलाम

450

3300

श्योपुर कलां मंडी

1500

2000

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  टमाटर जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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लहसुन किसानों को मिली खुशखबरी, अब एमएसपी पर बेचें अपनी फसल

केंद्र सरकार प्रतिवर्ष रबी और खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी जारी करती है। इसके आधार पर सरकार की विभिन्न एजेंसियां किसान की फसलों की खरीदी करती हैं। हालांकि सरकार द्वारा उद्यानिक फसलें जैसे आलू, प्याज़, लहसुन एवं टमाटर के लिए एमएसपी जारी नहीं किया जाता है। इस वजह से किसानों को इन फसलों पर बढ़िया मुनाफा नहीं मिल पाता है।

लहसुन की इस भाव पर करें बिक्री

ऐसे में राजस्थान सरकार ने उत्पादक किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एक खास ऐलान किया है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने राजफैड के माध्यम से 46,830 मैट्रिक टन लहसुन खरीदने का निर्णय लिया है। जिसके लिए भारत सरकार की ओर से लहसुन का भाव 2,957 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। 

लहसुन की बिक्री के लिए ऑनलाइन पंजीयन जरूरी

एमएसपी पर लहसुन को बेचने के लिए सबसे पहले किसान भाईयों को ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। इसके बाद ही स्थापित खरीद केंद्र पर निर्धारित दिवस पर किसान अपनी फसल की बिक्री कर सकेंगे। बिक्री के बाद इसका भुगतान 5 दिनों में राजफैड द्वारा ऑनलाइन माध्यम से बैंक खाते में कर दिया जाएगा।

स्रोत: कृषि समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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धान की रोपाई के समय पोषक तत्व प्रबंधन कैसे करें?

👉🏻किसान भाइयों, धान की अधिक पैदावार लेने के लिये पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण उपाय हैं। जिसमें रासायनिक उर्वरक, सूक्ष्म पोषक तत्व, जैविक उर्वरक, हरी-नीली शैवाल, गोबर की खाद एवं हरी खाद आदि का समुचित उपयोग किया जाता हैं। 

👉🏻मुख्य खेत में रोपाई के 7 दिन पूर्व (खेत को मचाते समय), गोबर की खाद 4 टन और कॉम्बेट (ट्राइकोडर्मा विरिडी) @ 2 किलोग्राम, प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में मिलाएं। 

👉🏻इसके बाद रोपाई के समय, यूरिया @ 20 किलोग्राम + सिंगल सुपर फॉस्फेट @ 50 किलोग्राम + म्यूरेट ऑफ़ पोटाश @ 20 किलोग्राम + डीएपी @ 25 किलोग्राम + टीबी 3 (एनपीके कंसोर्टिया) @ 3 किलोग्राम + ताबा जी (जिंक घोलक बैक्टीरिया) @ 4 किलोग्राम + मैक्समाइको (माइकोराइजा) @ 2 किलोग्राम या ट्राई कोट मैक्स (समुद्री शैवाल + ह्यूमिक और सूक्ष्म पोषक तत्व) @ 4 किलोग्राम आपस में अच्छी तरह से मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से मिट्टी में भुरकाव करें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 28 जून को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

आलू

20

23

रतलाम

टमाटर

35

38

रतलाम

हरी मिर्च

24

26

रतलाम

अदरक

28

32

रतलाम

कद्दू

10

14

रतलाम

आम

35

रतलाम

आम

36

40

रतलाम

आम

30

36

रतलाम

केला

20

22

रतलाम

पपीता

14

18

रतलाम

अनार

66

70

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

34

गुवाहाटी

लहसुन

34

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

33

गुवाहाटी

लहसुन

34

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

कानपुर

प्याज़

7

कानपुर

प्याज़

8

कानपुर

प्याज़

10

12

कानपुर

प्याज़

14

17

कानपुर

लहसुन

13

कानपुर

लहसुन

25

कानपुर

लहसुन

28

कानपुर

लहसुन

35

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

7

9

रतलाम

प्याज़

10

12

रतलाम

प्याज़

12

16

रतलाम

लहसुन

7

11

रतलाम

लहसुन

12

18

रतलाम

लहसुन

20

30

रतलाम

लहसुन

33

35

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

11

13

लखनऊ

प्याज़

14

15

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

12

14

लखनऊ

प्याज़

16

लखनऊ

प्याज़

17

18

लखनऊ

लहसुन

20

लखनऊ

लहसुन

28

32

लखनऊ

लहसुन

32

36

लखनऊ

लहसुन

40

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे झाबुआ, कालापीपल, करही, खातेगांव और खुजनेर आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में गेहूं के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

झाबुआ

2100

2150

कालापीपल

1750

2015

कालापीपल

1790

2015

कालापीपल

1900

2210

करही

2015

2030

खातेगांव

1800

2180

खुजनेर

1727

1921

स्रोत: एगमार्कनेट

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव?

Onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे देवास, हाटपीपलिया, खरगोन, हरदा और  मनावर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

देवास

1000

1800

हाटपीपलिया

800

1200

हरदा

600

800

कालापीपल

120

1210

खरगोन

500

1500

मनावर

1000

1200

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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फसल बीमा के लिए इस तिथि से पहले जल्द करें आवदेन, देखें पूरी जानकारी

किसानों को भविष्य में खेती से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। योजना के अन्तर्गत खरीफ 2022 के लिए फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसकी मदद से किसान भाई भविष्य में होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकेंगे। इसी क्रम में मध्यप्रदेश में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो कि 31 जुलाई तक ही जारी रहेगी।

इस योजना के तहत किसान भाई उड़द, मूंग, ज्वार, मूंगफली, तिल, कपास, धान, मक्का, बाजरा एवं अरहर के साथ बाकी खरीफ फसलों के लिए आवदेन करा सकते हैं। योजना के अन्तर्गत आवदेन फॉर्म के साथ फसल बीमा प्रस्ताव फॉर्म, आधार कार्ड, पहचान पत्र के अलावा शासन द्वारा मान्य भू-अधिकार पुस्तिका एवं बुआई प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक है।

योजना के अनुसार किसान भाई अधिसूचित फसलों का बीमा बैंक या फिर लोक सेवा केन्द्र एवं निर्धारित बीमा कंपनी के प्रतिनिधि के जरिए करा सकते हैं। वहीं योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य के 11 कलस्टर में टेण्डर खोलने की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। बता दें कि बीमा आवदेन की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 तय की गई है। समय निकलने से पहले किसान भाई अपनी फसल का बीमा करवाकर आने वाले नुकसान से बच सकते हैं।

स्रोत: कृषक जगत

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जीवामृत बनाने की विधि और उपयोग

जीवामृत:- जीवामृत मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ावा देकर उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है और प्रासंगिक पोषक तत्व भी प्रदान करता है। यह जैविक कार्बन और अन्य पोषक तत्वों का भी स्रोत है, किंतु इनकी मात्रा कम ही होती है। यह सूक्ष्म जीवों की गतिविधि के लिए एक प्राइमर की तरह काम करता है, और देशी केंचुए की संख्या को भी बढ़ाता है।

आवश्यक सामग्री: 10 किलो ताजा गोबर, 5-10 लीटर गोमूत्र, 50 ग्राम चूना, 2 किलो गुड़, 2 किलो दाल का आटा, 1 किलो बांध मिट्टी और 200 लीटर पानी l

जीवामृत तैयार करने की विधि : सामग्री को 200 लीटर पानी में मिलाकर अच्छी तरह से हिलाना चाहिए । इसके बाद इस मिश्रण को छायादार स्थान पर 48 घंटे के लिए किण्वन के लिए रख दें। इसे दो बार–एक बार सुबह और एक बार शाम – लकड़ी की छड़ से चलाना चाहिए। तैयार मिश्रण का प्रयोग सिंचाई के पानी के माध्यम से या सीधे फसलों पर करें। इसे वेंचुरी (फर्टिगेशन डिवाइस) का उपयोग करके ड्रिप सिंचाई के माध्यम से भी अनुप्रयुक्त किया जा सकता है।

जीवामृत के अनुप्रयोग : इस मिश्रण का प्रयोग प्रत्येक पखवाड़े में किया जाना चाहिए। इसके प्रयोग सीधे फसलों पर छिड़काव के जरिए या सिंचाई जल के साथ फसलों पर प्रयोग किया जाना चाहिए। फल वाले पौधों के मामले में, इसका अनुप्रयोग एक-एक पेड़ पर किया जाना चाहिए। इस मिश्रण को 15 दिनों के लिए भंडारित किया जा सकता है।

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सोयाबीन की खेती करते समय ध्यान रखने योग्य जरूरी बातें

  • प्रिय किसान भाइयों, सोयाबीन की बुवाई से पहले किसान सोयाबीन के 100 दाने का अंकुरण परिक्षण करें।

  • यदि 75 से अधिक दाने अंकुरित होते हैं तो ही बीज को बुवाई योग्य माना जाता है।  

  • इससे सोयाबीन की अच्छी उपज होगी और किसानों को लाभ मिलता है। 

  • फसल के लिए उर्वरक व्यवस्था समिति या निजी व्यापारी से अपनी आवश्यकता अनुसार क्रय कर भंडारित करें, जिससे बुवाई के समय पर कृषकों को किसी भी प्रकार समस्या का सामना ना करना पड़े।

  • किसान प्रायोगिक तौर पर प्राकृतिक खेती के घटक को सोयाबीन फसल पर प्रयोग कर बेहतर परिणाम लें सकते हैं एवं आगामी फसलों के अधिक रकबे पर प्राकृतिक खेती करें।

  • किसान बीज उर्वरक एवं कीटनाशक खरीदते समय संस्थाओं से पक्के बिल लें।

  • फसल विविधीकरण अपनाकर एक से अधिक फसल लें ताकि, अल्प या अधिक वर्षा से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके।

  • बीज का चयन करते हुए नवीन किस्म (10 वर्ष के अन्दर) का चयन करें।

  • सोयाबीन की बुवाई लगभग 15 जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह का उपयुक्त समय है।

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