मंडी |
फसल |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
जयपुर |
अनन्नास |
62 |
65 |
जयपुर |
कटहल |
20 |
22 |
जयपुर |
आम |
140 |
– |
जयपुर |
आम |
65 |
– |
जयपुर |
आम |
50 |
55 |
जयपुर |
नींबू |
75 |
– |
जयपुर |
हरा नारियल |
35 |
40 |
जयपुर |
अदरक |
33 |
34 |
जयपुर |
आलू |
9 |
12 |
जयपुर |
तरबूज |
10 |
11 |
आगरा |
नींबू |
70 |
– |
आगरा |
कटहल |
15 |
18 |
आगरा |
अदरक |
20 |
– |
आगरा |
अनन्नास |
30 |
32 |
आगरा |
तरबूज |
5 |
8 |
आगरा |
आम |
50 |
65 |
आगरा |
कच्चा आम |
10 |
15 |
रतलाम |
हरी मिर्च |
35 |
42 |
रतलाम |
आलू |
18 |
22 |
रतलाम |
टमाटर |
16 |
24 |
रतलाम |
कद्दू |
12 |
14 |
रतलाम |
तरबूज |
4 |
6 |
रतलाम |
खरबूजा |
18 |
22 |
रतलाम |
अंगूर |
18 |
24 |
रतलाम |
नींबू |
200 |
– |
रतलाम |
कटहल |
12 |
18 |
रतलाम |
आम |
38 |
45 |
सोलापुर |
आलू |
18 |
– |
सोलापुर |
आलू |
15 |
19 |
सोलापुर |
प्याज |
4 |
7 |
सोलापुर |
प्याज |
5 |
8 |
सोलापुर |
प्याज |
7 |
10 |
सोलापुर |
प्याज |
9 |
13 |
सोलापुर |
लहसुन |
13 |
20 |
सोलापुर |
लहसुन |
17 |
22 |
सोलापुर |
लहसुन |
25 |
38 |
सोलापुर |
लहसुन |
40 |
55 |
सोलापुर |
अनार |
70 |
90 |
सोलापुर |
अनार |
75 |
150 |
सोलापुर |
अनार |
100 |
180 |
सोलापुर |
अंगूर |
28 |
50 |
सिलीगुड़ी |
प्याज |
14 |
– |
सिलीगुड़ी |
प्याज |
9 |
– |
सिलीगुड़ी |
प्याज |
8 |
– |
सिलीगुड़ी |
आलू |
13 |
– |
सिलीगुड़ी |
अदरक |
23 |
– |
सिलीगुड़ी |
लहसुन |
19 |
– |
सिलीगुड़ी |
लहसुन |
26 |
– |
सिलीगुड़ी |
लहसुन |
35 |
– |
सिलीगुड़ी |
तरबूज |
14 |
– |
सिलीगुड़ी |
अनन्नास |
45 |
– |
सिलीगुड़ी |
सेब |
120 |
– |
जयपुर |
प्याज |
11 |
12 |
जयपुर |
प्याज |
13 |
– |
जयपुर |
प्याज |
14 |
– |
जयपुर |
प्याज |
4 |
5 |
जयपुर |
प्याज |
6 |
7 |
जयपुर |
प्याज |
8 |
9 |
जयपुर |
प्याज |
10 |
– |
जयपुर |
लहसुन |
13 |
15 |
जयपुर |
लहसुन |
18 |
25 |
जयपुर |
लहसुन |
30 |
35 |
जयपुर |
लहसुन |
40 |
48 |
जयपुर |
लहसुन |
10 |
13 |
जयपुर |
लहसुन |
17 |
20 |
जयपुर |
लहसुन |
23 |
26 |
जयपुर |
लहसुन |
33 |
35 |
रतलाम |
प्याज |
2.5 |
4 |
रतलाम |
प्याज |
3.5 |
6 |
रतलाम |
प्याज |
6 |
8 |
रतलाम |
प्याज |
8 |
10 |
रतलाम |
लहसुन |
6 |
13 |
रतलाम |
लहसुन |
12 |
18 |
रतलाम |
लहसुन |
20 |
32 |
रतलाम |
लहसुन |
32 |
48 |
आगरा |
प्याज |
7 |
8 |
आगरा |
प्याज |
8 |
9 |
आगरा |
प्याज |
10 |
12 |
आगरा |
प्याज |
8 |
9 |
आगरा |
प्याज |
9 |
10 |
आगरा |
प्याज |
10 |
11 |
आगरा |
प्याज |
11 |
12 |
आगरा |
प्याज |
5 |
6 |
आगरा |
प्याज |
6 |
7 |
आगरा |
प्याज |
7 |
8 |
आगरा |
प्याज |
8 |
10 |
आगरा |
लहसुन |
13 |
15 |
आगरा |
लहसुन |
21 |
23 |
आगरा |
लहसुन |
24 |
26 |
आगरा |
लहसुन |
28 |
32 |
गुवाहाटी |
प्याज |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18.5 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
19 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
20 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
40 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
50 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
55 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
35 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
44 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
55 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
60 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
32 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
30 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
28 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
15 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
18 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
20 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
52 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
55 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
65 |
– |
नासिक |
प्याज |
4 |
5 |
नासिक |
प्याज |
5 |
6 |
नासिक |
प्याज |
7 |
9 |
नासिक |
प्याज |
12 |
– |
कोलकाता |
आलू |
16 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
15 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
13 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
12 |
– |
कोलकाता |
अदरक |
32 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
31 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
32 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
33 |
– |
कोलकाता |
तरबूज |
18 |
– |
कोलकाता |
अनन्नास |
40 |
50 |
कोलकाता |
सेब |
110 |
120 |
वाराणसी |
प्याज |
7 |
8 |
वाराणसी |
प्याज |
9 |
10 |
वाराणसी |
प्याज |
11 |
12 |
वाराणसी |
प्याज |
9 |
10 |
वाराणसी |
प्याज |
11 |
– |
वाराणसी |
लहसुन |
12 |
13 |
वाराणसी |
लहसुन |
10 |
12 |
वाराणसी |
लहसुन |
15 |
25 |
वाराणसी |
लहसुन |
25 |
30 |
वाराणसी |
लहसुन |
30 |
35 |
कोलकाता |
प्याज |
10 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
12 |
13 |
कोलकाता |
प्याज |
14 |
15 |
कोलकाता |
लहसुन |
30 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
32 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
34 |
– |
जीरो बजट खेती अपनाएं, कम लागत में अधिक उत्पादन पाएं
👉🏻किसान भाइयों जीरो बजट खेती एक प्रकार से प्राकृतिक खेती होती है।
👉🏻यह खेती देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र पर निर्भर होती है।
👉🏻इस विधि से खेती करने वाले किसान को बाजार से किसी प्रकार की खाद और कीटनाशक, रसायन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती।
👉🏻इसमें रासायनिक खाद के स्थान पर किसान गोबर से तैयार की हुई खाद बनाते हैं।
👉🏻देसी गाय के गोबर एवं मूत्र से जीवामृत तथा घनजीवामृत बनाया जाता है।
👉🏻इनका खेत में उपयोग करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है।
👉🏻जीवामृत का महीने में एक अथवा दो बार खेत में छिड़काव किया जा सकता है। साथ ही जीवामृत का इस्तेमाल बीजों को उपचारित करने में भी किया जा सकता है।
Shareमहत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।
स्पीड कम्पोस्ट के इस्तेमाल से फसल अवशेष को खाद में बदले
👉🏻किसान दोस्तों स्पीड कम्पोस्ट एक उत्पाद है जिसका उपयोग फसल अपशिष्ट (गेहूं के डंठल/नरवाई, धान की पराली इत्यादि) से त्वरित खाद के निर्माण में किया जाता है।
👉🏻यह 1 किलो उत्पाद 1 टन फसल अपशिष्ट को खाद में परिवर्तित कर देता है।
👉🏻इसमें बेसिलस, एज़ोटोबैक्टर, ट्राइकोडर्मा, सेल्युलोलिटिक, एस्परजिलस, पेनिसिलियम इत्यादि जाति के सूक्ष्मजीव पाए जाते है जो त्वरित खाद निर्माण के अलावा मिट्टी में हानिकारक कवक को नष्ट करता है। अतः यह पौध संरक्षण का कार्य भी करता है।
👉🏻सबसे पहले फसल के अवशेषों, को रोटोवेटर की सहायता से भूमि में मिला दें।
👉🏻उसके बाद 4 किलो स्पीड कम्पोस्ट और 45 किलो यूरिया प्रति एकड़ की दर से खेत में बिखेर दें और तुरंत बाद पानी लगा दे। ताकि सूक्ष्मजीव अपना कार्य तेजी से कर सके।
👉🏻लगभग 15-20 दिन बाद यह फसल अपशिष्ट खाद में बदल जाता है।
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मिर्च की दोहरे उद्देश्य वाली कुछ खास किस्में
-
एडवांटा AK-47- इस किस्म का पौधा आधा सीधा होता है एवं इस किस्म की पहली फल तुड़ाई बुबाई के 60-65 दिनों में होती है फल का रंग गहरा लाल एवं गहरा हरा होता है, फल की लम्बाई 6-8 सेंटीमीटर होती है एवं फल की मोटाई 1.1-1.2 सेंटीमीटर होती है, इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है l यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए प्रतिरोधी किस्म है।
-
नुन्हेम्स इन्दु 2070 – इस किस्म का पौधा छाता नुमा अधिक शाखाओं वाला सेहतमंद होता है। फल की लम्बाई – मोटाई 8.0-10 x 0.8-1.0 सेमी होती है। लम्बे यातायात एवं भण्डारण के लिए उपयुक्त ठोस फल। सूखे लाल एवं ताज़ा हरे दोनों प्रयोजनों के लिए उपयुक्त लम्बे समय तक लाल रंग बरकरार रहने की मध्यम प्रतिरोधक क्षमता वाली l
-
नुन्हेम्स मिर्च यूएस 720 – इस किस्म का पौधा सीधा एवं अच्छा होता है। इस किस्म की पहली तुड़ाई प्रत्यारोपण के 60-65 दिनों में होती है। हरी मिर्च का रंग गहरा हरा एवं पकने पर गहरा लाल होता है। फल की लम्बाई 18-20 सेंटीमीटर होती है एवं फल की मोटाई 1-2 सेंटीमीटर होती है इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है। फल अच्छा एवं वज़न में भी अधिक होता है।
-
स्टार फील्ड 9211 एवं स्टार फील्ड शार्क-1 – इन किस्मों की पत्तियां मोटी होने के साथ साथ अच्छा पौधा होता है। इस किस्म की पहली तुड़ाई रोपण के 60-65 दिनों में होती है। फलों का रंग गहरा हरा, पके फलों का रंग गहरा लाल होता है फल की लम्बाई 8-9 सेंटीमीटर होती है एवं फल की मोटाई 0.8-1.0 सेंटीमीटर होती है यह किस्में बहुत तीखी होती हैं। इस किस्म का फल सुखाकर बेचने के लिए उपयुक्त होता है फफूंदी जनित रोगो के प्रति प्रतिरोधी किस्म है।
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देश के विभिन्न मंडियों में 7 मई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?
मंडी |
कमोडिटी |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
रतलाम |
हरी मिर्च |
45 |
50 |
रतलाम |
आलू |
12 |
15 |
रतलाम |
टमाटर |
18 |
22 |
रतलाम |
कद्दू |
10 |
14 |
रतलाम |
तरबूज |
5 |
8 |
रतलाम |
खरबूजा |
20 |
26 |
रतलाम |
अदरक |
22 |
25 |
रतलाम |
नींबू |
190 |
200 |
रतलाम |
आम |
20 |
25 |
रतलाम |
आम |
40 |
45 |
रतलाम |
पपीता |
12 |
16 |
पटना |
टमाटर |
15 |
18 |
पटना |
आलू |
10 |
12 |
पटना |
लहसुन |
10 |
– |
पटना |
लहसुन |
26 |
– |
पटना |
लहसुन |
32 |
– |
पटना |
तरबूज |
18 |
– |
पटना |
कटहल |
25 |
– |
पटना |
अंगूर |
60 |
– |
पटना |
खरबूजा |
26 |
– |
पटना |
सेब |
65 |
– |
पटना |
अनार |
95 |
– |
पटना |
हरी मिर्च |
20 |
– |
पटना |
करेला |
16 |
– |
पटना |
खीरा |
12 |
– |
पटना |
कद्दू |
8 |
– |
सोलापुर |
आलू |
16 |
– |
सोलापुर |
आलू |
15 |
19 |
सोलापुर |
प्याज |
4 |
7 |
सोलापुर |
प्याज |
5 |
8 |
सोलापुर |
प्याज |
8 |
10 |
सोलापुर |
प्याज |
10 |
15 |
सोलापुर |
लहसुन |
13 |
20 |
सोलापुर |
लहसुन |
17 |
22 |
सोलापुर |
लहसुन |
25 |
38 |
सोलापुर |
लहसुन |
40 |
55 |
सोलापुर |
अनार |
70 |
90 |
सोलापुर |
अनार |
75 |
150 |
सोलापुर |
अनार |
100 |
180 |
सोलापुर |
अंगूर |
28 |
50 |
कोलकाता |
आलू |
15 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
16 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
13 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
12 |
– |
कोलकाता |
अदरक |
33 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
32 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
33 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
34 |
– |
कोलकाता |
तरबूज |
18 |
– |
कोलकाता |
अनन्नास |
45 |
55 |
कोलकाता |
सेब |
115 |
125 |
सिलीगुड़ी |
प्याज |
14 |
– |
सिलीगुड़ी |
प्याज |
10 |
– |
सिलीगुड़ी |
प्याज |
8.5 |
– |
सिलीगुड़ी |
आलू |
12 |
– |
सिलीगुड़ी |
अदरक |
22 |
– |
सिलीगुड़ी |
लहसुन |
18 |
– |
सिलीगुड़ी |
लहसुन |
25 |
26 |
सिलीगुड़ी |
लहसुन |
35 |
– |
सिलीगुड़ी |
तरबूज |
16 |
– |
सिलीगुड़ी |
अनन्नास |
45 |
– |
सिलीगुड़ी |
सेब |
115 |
– |
जयपुर |
अनन्नास |
34 |
36 |
जयपुर |
जैक फ्रूट |
20 |
22 |
जयपुर |
आम |
140 |
|
जयपुर |
आम |
60 |
65 |
जयपुर |
आम |
50 |
55 |
जयपुर |
नींबू |
95 |
100 |
जयपुर |
हरा नारियल |
35 |
40 |
जयपुर |
अदरक |
27 |
28 |
जयपुर |
आलू |
9 |
12 |
भोपाल |
प्याज |
6 |
7 |
भोपाल |
प्याज |
8 |
– |
भोपाल |
प्याज |
17 |
18 |
भोपाल |
प्याज |
8 |
9 |
भोपाल |
प्याज |
12 |
– |
भोपाल |
प्याज |
18 |
19 |
भोपाल |
प्याज |
7 |
– |
भोपाल |
प्याज |
13 |
– |
भोपाल |
प्याज |
20 |
21 |
भोपाल |
लहसुन |
8 |
9 |
भोपाल |
लहसुन |
12 |
15 |
भोपाल |
लहसुन |
21 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
7 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
14 |
15 |
भोपाल |
लहसुन |
17 |
18 |
भोपाल |
लहसुन |
30 |
32 |
जयपुर |
प्याज |
11 |
12 |
जयपुर |
प्याज |
13 |
– |
जयपुर |
प्याज |
14 |
– |
जयपुर |
प्याज |
5 |
6 |
जयपुर |
प्याज |
7 |
8 |
जयपुर |
प्याज |
9 |
10 |
जयपुर |
प्याज |
11 |
– |
जयपुर |
लहसुन |
13 |
15 |
जयपुर |
लहसुन |
18 |
25 |
जयपुर |
लहसुन |
30 |
35 |
जयपुर |
लहसुन |
40 |
43 |
जयपुर |
लहसुन |
10 |
13 |
जयपुर |
लहसुन |
17 |
20 |
जयपुर |
लहसुन |
23 |
26 |
जयपुर |
लहसुन |
33 |
36 |
शाजापूर |
प्याज |
6 |
7 |
शाजापूर |
प्याज |
7.5 |
8.5 |
शाजापूर |
प्याज |
9 |
10.5 |
रतलाम |
प्याज |
2.5 |
4 |
रतलाम |
प्याज |
4 |
6 |
रतलाम |
प्याज |
5.5 |
8.5 |
रतलाम |
प्याज |
8 |
10 |
रतलाम |
लहसुन |
6 |
13 |
रतलाम |
लहसुन |
12 |
24 |
रतलाम |
लहसुन |
22 |
36 |
रतलाम |
लहसुन |
30 |
56 |
गुवाहाटी |
प्याज |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18.5 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
17 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
38 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
45 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
50 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
40 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
50 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
55 |
– |
लखनऊ |
प्याज |
9 |
10 |
लखनऊ |
प्याज |
11 |
13 |
लखनऊ |
प्याज |
11 |
12 |
लखनऊ |
प्याज |
13 |
– |
लखनऊ |
प्याज |
14 |
– |
लखनऊ |
लहसुन |
14 |
17 |
लखनऊ |
लहसुन |
20 |
25 |
लखनऊ |
लहसुन |
30 |
35 |
लखनऊ |
लहसुन |
40 |
45 |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
14 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
17 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
19 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
52 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
55 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
65 |
– |
आगरा |
निंबू |
80 |
– |
आगरा |
कटहल |
15 |
18 |
आगरा |
अदरक |
20 |
– |
आगरा |
अनन्नास |
34 |
– |
आगरा |
तरबूज |
5 |
8 |
आगरा |
आम |
55 |
70 |
आगरा |
कच्चा आम |
12 |
15 |
आगरा |
प्याज |
6 |
7 |
आगरा |
प्याज |
7 |
8 |
आगरा |
प्याज |
8 |
9 |
आगरा |
प्याज |
9 |
11 |
आगरा |
प्याज |
8 |
9 |
आगरा |
प्याज |
9 |
10 |
आगरा |
प्याज |
10 |
11 |
आगरा |
प्याज |
11 |
12 |
आगरा |
प्याज |
5 |
6 |
आगरा |
प्याज |
6 |
7 |
आगरा |
प्याज |
7 |
8 |
आगरा |
प्याज |
8 |
10 |
आगरा |
लहसुन |
13 |
17 |
आगरा |
लहसुन |
20 |
23 |
आगरा |
लहसुन |
24 |
26 |
आगरा |
लहसुन |
28 |
31 |
वाराणसी |
प्याज |
8 |
9 |
वाराणसी |
प्याज |
10 |
11 |
वाराणसी |
प्याज |
12 |
– |
वाराणसी |
प्याज |
10 |
11 |
वाराणसी |
प्याज |
12 |
– |
वाराणसी |
लहसुन |
13 |
– |
वाराणसी |
लहसुन |
8 |
12 |
वाराणसी |
लहसुन |
15 |
25 |
वाराणसी |
लहसुन |
25 |
35 |
वाराणसी |
लहसुन |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
प्याज |
12 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18 |
– |
भुवनेश्वर |
प्याज |
12 |
– |
भुवनेश्वर |
प्याज |
13.5 |
– |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
20 |
25 |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
30 |
33 |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
35 |
38 |
भुवनेश्वर |
अदरक |
28 |
30 |
भुवनेश्वर |
अदरक |
22 |
24 |
भुवनेश्वर |
अदरक |
30 |
35 |
भुवनेश्वर |
आलू |
16 |
17 |
भुवनेश्वर |
आलू |
18 |
19 |
कानपुर |
प्याज |
5 |
– |
कानपुर |
प्याज |
6 |
7 |
कानपुर |
प्याज |
7 |
– |
कानपुर |
प्याज |
9 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
10 |
11 |
कानपुर |
लहसुन |
14 |
15 |
कानपुर |
लहसुन |
25 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
30 |
– |
लंबे फल वाली मिर्च की उन्नत किस्में लगाएं, अधिक मुनाफा पाएं
-
नुन्हेम्स मिर्च यूएस 720: इस किस्म का पौधा सीधा व अच्छा होता है। इसकी पहली तुड़ाई प्रत्यारोपण के 60-65 दिनों में होती है। इसका रंग गहरा हरा व पकने पर गहरा लाल हो जाता है। फल की लम्बाई 18-20 सेंटीमीटर व मोटाई 1-2 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है। फल अच्छा व वज़न में भी अधिक होता है।
-
हायवेज सोनल: इस किस्म का पौधा सीधा होता है। इसकी पहली तुड़ाई प्रत्यारोपण के 50-55 दिनों में होती है। पके फल लाल व अपरिपक्व फल का रंग पीलापन लिए हुए हरा होता है। फल की लंबाई 14.5 सेंटीमीटर व मोटाई 0.3 मिमी होती है। इस किस्म में तीखापन मध्यम होता है। यह किस्म सुखाने के लिए उपयुक्त है। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए प्रतिरोधी है।
-
हायवेज सानिया 03: इस किस्म का पौधा सीधा होता है। इसकी पहली तुड़ाई रोपाई के 50-55 दिनों में होती है। पके फल लाल व अपरिपक्व फल का रंग पीलापन लिए हरा होता है। फल की लम्बाई 15-17 सेंटीमीटर व मोटाई 0.3 मिलीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है। यह किस्म सुखाने के लिए उपयुक्त होती है। यह अच्छी उपज देने वाली एक हाइब्रिड किस्म है।
Shareकृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।
देरी से तैयार होने वाली कपास की उन्नत किस्में !
👉🏻किसान भाइयों, मध्य प्रदेश में कपास की फसल मई जून माह में सिंचित एवं असिंचित अवस्थाओं में लगाई जाती है। कपास की किस्मों की सामान्यतः फसल अवधि 140 -180 दिन के मध्य होती है।
👉🏻आज हम इस लेख के माध्यम से आपको मध्य प्रदेश में लगाई जाने वाली कुछ अधिक अवधि (155 -180 दिन) वाली कपास की उन्नत किस्मों व उनकी महत्वपूर्ण विशेषताओं के बारे में जानेंगे।
👉🏻नुजीवीडू गोल्डकोट:- इसके डेंडु का आकार मध्यम और कुल वज़न 5 ग्राम होता है। इसकी फसल अवधि 155 से 160 दिन की होती है, जो भारी मिट्टी के लिए उत्तम है।
👉🏻अंकुर स्वदेशी 5:- इसके डेंडु का आकार बड़ा, कुल वज़न 3.50-4 ग्राम और फसल अवधि 160 से 180 दिन की होती है। जो भारी मिट्टी के लिए उत्तम व प्रतिकूल स्थिति में अधिक उपज के साथ आसानी से पकने वाली किस्म है।
👉🏻कावेरी जादू:- इसके डेंडु का आकार मध्यम व कुल वज़न 6-6.5 ग्राम होता है। फसल अवधि 155 से 170 दिन की होती है। जो हल्की मध्यम मिट्टी और नज़दीकी बुवाई के लिए उत्तम है। इसमें बोलवर्म का प्रकोप कम से कम होता है ।
👉🏻मेटाहेलिक्स आतिश:- इसके डेंडु का आकार बड़ा, कुल वज़न 5.5-6.5 ग्राम और पौधे मध्यम से लंबा व झाड़ीदार होता है। इस फसल की अवधि 160 से 170 दिन की होती है। फसल के लिए हल्की मध्यम मिट्टी के लिए उत्तम है।
किसान भाइयों यह किस्में लगाएं बंपर उत्पादन पाएं।
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देश के विभिन्न मंडियों में 5 मई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?
मंडी |
कमोडिटी |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
जयपुर |
अनन्नास |
34 |
36 |
जयपुर |
कटहल |
20 |
22 |
जयपुर |
आम |
140 |
– |
जयपुर |
आम |
60 |
65 |
जयपुर |
आम |
50 |
– |
जयपुर |
नींबू |
100 |
110 |
जयपुर |
नारियल |
35 |
37 |
जयपुर |
अनार |
75 |
80 |
जयपुर |
अदरक |
25 |
26 |
जयपुर |
तरबूज |
10 |
12 |
जयपुर |
आलू |
10 |
13 |
कोलकाता |
आलू |
13 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
15 |
– |
कोलकाता |
अदरक |
31 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
29 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
31 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
33 |
– |
कोलकाता |
तरबूज |
18 |
– |
कोलकाता |
अनन्नास |
45 |
55 |
कोलकाता |
सेब |
115 |
128 |
लखनऊ |
आम |
60 |
65 |
लखनऊ |
सेब |
90 |
105 |
लखनऊ |
प्याज |
12 |
13 |
लखनऊ |
अदरक |
25 |
26 |
लखनऊ |
आलू |
13 |
14 |
रतलाम |
आलू |
12 |
14 |
रतलाम |
टमाटर |
18 |
22 |
रतलाम |
कद्दू |
14 |
– |
रतलाम |
पपीता |
14 |
– |
रतलाम |
हरी मिर्च |
45 |
60 |
रतलाम |
नींबू |
150 |
– |
रतलाम |
खरबूज |
22 |
26 |
रतलाम |
तरबूज |
6 |
8 |
रतलाम |
कटहल |
18 |
– |
रतलाम |
भिंड़ी |
7 |
10 |
रतलाम |
प्याज |
2 |
3 |
रतलाम |
प्याज |
3 |
5 |
रतलाम |
प्याज |
5 |
8 |
रतलाम |
लहसुन |
6 |
11 |
रतलाम |
लहसुन |
11 |
19 |
रतलाम |
लहसुन |
18 |
32 |
रतलाम |
लहसुन |
28 |
56 |
सोलापुर |
आलू |
19 |
– |
सोलापुर |
आलू |
18 |
23 |
सोलापुर |
प्याज |
5 |
7 |
सोलापुर |
प्याज |
6 |
9 |
सोलापुर |
प्याज |
9 |
13 |
सोलापुर |
प्याज |
11 |
16 |
सोलापुर |
अनार |
70 |
90 |
सोलापुर |
अनार |
75 |
150 |
सोलापुर |
अनार |
100 |
180 |
सोलापुर |
अंगूर |
30 |
65 |
सोलापुर |
लहसुन |
12 |
17 |
सोलापुर |
लहसुन |
15 |
20 |
सोलापुर |
लहसुन |
25 |
38 |
सोलापुर |
लहसुन |
40 |
55 |
गुवाहाटी |
प्याज |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
14 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
17 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
17 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
38 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
45 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
50 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
40 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
50 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
55 |
60 |
लखनऊ |
प्याज |
9 |
10 |
लखनऊ |
प्याज |
11 |
13 |
लखनऊ |
प्याज |
11 |
12 |
लखनऊ |
प्याज |
13 |
– |
लखनऊ |
प्याज |
14 |
– |
लखनऊ |
लहसुन |
10 |
15 |
लखनऊ |
लहसुन |
20 |
25 |
लखनऊ |
लहसुन |
30 |
35 |
लखनऊ |
लहसुन |
40 |
45 |
भोपाल |
प्याज |
8 |
– |
भोपाल |
प्याज |
9 |
– |
भोपाल |
प्याज |
10 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
9 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
15 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
16 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
10 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
21 |
– |
जयपुर |
प्याज |
11 |
12 |
जयपुर |
प्याज |
13 |
– |
जयपुर |
प्याज |
14 |
– |
जयपुर |
प्याज |
5 |
6 |
जयपुर |
प्याज |
7 |
8 |
जयपुर |
प्याज |
9 |
10 |
जयपुर |
प्याज |
11 |
– |
जयपुर |
लहसुन |
10 |
13 |
जयपुर |
लहसुन |
17 |
20 |
जयपुर |
लहसुन |
23 |
26 |
जयपुर |
लहसुन |
33 |
36 |
जयपुर |
लहसुन |
13 |
15 |
जयपुर |
लहसुन |
18 |
25 |
जयपुर |
लहसुन |
30 |
35 |
जयपुर |
लहसुन |
40 |
42 |
कोलकाता |
प्याज |
10 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
12 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
14 |
15 |
कोलकाता |
प्याज |
16 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
29 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
31 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
33 |
– |
पश्चिम बंगाल |
प्याज |
13 |
– |
पश्चिम बंगाल |
प्याज |
15 |
16 |
पश्चिम बंगाल |
प्याज |
10 |
– |
पश्चिम बंगाल |
प्याज |
14 |
15 |
पश्चिम बंगाल |
प्याज |
16 |
– |
पश्चिम बंगाल |
लहसुन |
28 |
30 |
पश्चिम बंगाल |
लहसुन |
35 |
36 |
शाजापुर |
प्याज |
4 |
6 |
शाजापुर |
प्याज |
7 |
9.5 |
शाजापुर |
प्याज |
9.5 |
10.5 |
शाजापुर |
लहसुन |
12 |
– |
शाजापुर |
लहसुन |
18 |
23 |
शाजापुर |
लहसुन |
23 |
26 |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
25 |
35 |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
12 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
16 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
19 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
50 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
55 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
65 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
11 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
13 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
14 |
15 |
कोलकाता |
प्याज |
16 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
30 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
32 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
33 |
– |
मंदसौर |
लहसुन |
13 |
18 |
मंदसौर |
लहसुन |
19 |
25 |
मंदसौर |
लहसुन |
26 |
32 |
मंदसौर |
लहसुन |
32 |
45 |
आगरा |
प्याज |
7 |
7.5 |
आगरा |
प्याज |
7.5 |
8 |
आगरा |
प्याज |
8 |
9 |
आगरा |
प्याज |
10 |
11 |
आगरा |
प्याज |
8 |
9 |
आगरा |
प्याज |
9 |
10 |
आगरा |
प्याज |
10.5 |
11 |
आगरा |
प्याज |
12 |
13 |
आगरा |
प्याज |
5 |
6 |
आगरा |
प्याज |
6.5 |
7 |
आगरा |
प्याज |
7.5 |
8 |
आगरा |
प्याज |
8 |
8.5 |
आगरा |
लहसुन |
15 |
20 |
आगरा |
लहसुन |
22 |
24 |
आगरा |
लहसुन |
25 |
27 |
आगरा |
लहसुन |
28 |
30 |
आगरा |
लहसुन |
– |
|
आगरा |
नींबू |
90 |
– |
आगरा |
कटहल |
18 |
16 |
आगरा |
अदरक |
20 |
– |
आगरा |
अनन्नास |
30 |
– |
आगरा |
तरबूज |
7 |
10 |
आगरा |
आम |
50 |
65 |
वाराणसी |
प्याज |
7 |
9 |
वाराणसी |
प्याज |
10 |
11 |
वाराणसी |
प्याज |
14 |
– |
वाराणसी |
प्याज |
11 |
12 |
वाराणसी |
प्याज |
13 |
– |
वाराणसी |
लहसुन |
14 |
– |
वाराणसी |
लहसुन |
8 |
12 |
वाराणसी |
लहसुन |
15 |
25 |
वाराणसी |
लहसुन |
25 |
35 |
वाराणसी |
लहसुन |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
प्याज |
12 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
32 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
39 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
47 |
– |
गुवाहाटी |
अदरक |
46 |
51 |
गुवाहाटी |
अदरक |
33 |
40 |
गुवाहाटी |
आलू |
12 |
– |
गुवाहाटी |
आलू |
11 |
– |
गुवाहाटी |
निंबू |
48 |
– |
गुवाहाटी |
तरबूज |
13 |
15 |
नासिक |
प्याज |
4 |
5 |
नासिक |
प्याज |
5 |
6 |
नासिक |
प्याज |
7 |
9 |
नासिक |
प्याज |
12 |
– |
पटना |
टमाटर |
15 |
18 |
पटना |
आलू |
10 |
12 |
पटना |
लहसुन |
10 |
– |
पटना |
लहसुन |
26 |
– |
पटना |
लहसुन |
32 |
– |
पटना |
तरबूज |
18 |
– |
पटना |
कटहल |
25 |
– |
पटना |
अंगूर |
60 |
– |
पटना |
खरबूज |
26 |
– |
पटना |
सेब |
65 |
– |
पटना |
अनार |
95 |
– |
पटना |
हरी मिर्च |
20 |
– |
पटना |
करेला |
25 |
– |
पटना |
ककड़ी |
12 |
– |
पटना |
कद्दू |
8 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
30 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
29 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
36 |
– |
कपास की बुवाई के पूर्व डीकम्पोजर अपनाएं और उत्पादन बढ़ाएं
👉🏻किसान भाइयों, डीकम्पोजर एक प्रकार का जैव उर्वरक है जो मृदा की उर्वरा शक्ति सुधारने का कार्य करता है।
👉🏻जब खेत में से फसल की कटाई हो चुकी हो तब इसका उपयोग करना चाहिए।
👉🏻किसान भाई पाउडर के रूप में डीकम्पोजर 4 किलो प्रति एकड़ की दर से खेत की मिट्टी या गोबर में मिलाकर भुरकाव कर सकते हैं।
👉🏻भुरकाव के बाद खेत में थोड़ी नमी की मात्रा बनाएं रखें। छिड़काव के 10 से 15 दिनों के बाद कपास की फसल की बुवाई कर सकते हैं।
👉🏻चूंकि ये सूक्ष्म जीव पुरानी फसलों के अवशेषों को खाद में बदलने का काम करते हैं, इसलिए इनकी पाचन प्रक्रिया एनएरोबिक से एरोबिक में बदल जाती है, जो रोगकारक एवं हानिकारक जीवों को नष्ट कर देती है।
👉🏻जैव संवर्धन और एंजाइमी कटैलिसीस की सहक्रियात्मक क्रिया के द्वारा पुराने अवशेषों को स्वस्थ, समृद्ध, पोषक-संतुलित खाद में बदल देती है।
Shareकृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।
मिर्च की नर्सरी में आवश्यक है मिट्टी का उपचार
👉🏻किसान भाइयों, नर्सरी में मिट्टी का उपचार करके मिर्च की बुवाई करने से मिर्च की रोप बहुत अच्छी एवं रोग मुक्त होती है।
👉🏻10 किलो सड़ी हुई खाद के साथ DAP @ 1 किलो और मैक्सरूट @ 50 ग्राम प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से नर्सरी बेड का मिट्टी उपचार करें।
👉🏻बेड को चींटियों और दीमक से बचाने के लिए कार्बोफ्यूरान @ 15 ग्राम प्रति बेड के हिसाब से उपयोग करें इसके पश्चात बीज बुवाई करें।
👉🏻बुवाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद आवश्यकतानुसार नर्सरी में सिंचाई करते रहें।
👉🏻मिर्च की नर्सरी अवस्था में खरपतवार के निवारण के लिए आवश्यकता अनुसार निराई भी जरूर करें।
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