सोयाबीन की खेती करते समय ध्यान रखने योग्य जरूरी बातें

  • प्रिय किसान भाइयों, सोयाबीन की बुवाई से पहले किसान सोयाबीन के 100 दाने का अंकुरण परिक्षण करें।

  • यदि 75 से अधिक दाने अंकुरित होते हैं तो ही बीज को बुवाई योग्य माना जाता है।  

  • इससे सोयाबीन की अच्छी उपज होगी और किसानों को लाभ मिलता है। 

  • फसल के लिए उर्वरक व्यवस्था समिति या निजी व्यापारी से अपनी आवश्यकता अनुसार क्रय कर भंडारित करें, जिससे बुवाई के समय पर कृषकों को किसी भी प्रकार समस्या का सामना ना करना पड़े।

  • किसान प्रायोगिक तौर पर प्राकृतिक खेती के घटक को सोयाबीन फसल पर प्रयोग कर बेहतर परिणाम लें सकते हैं एवं आगामी फसलों के अधिक रकबे पर प्राकृतिक खेती करें।

  • किसान बीज उर्वरक एवं कीटनाशक खरीदते समय संस्थाओं से पक्के बिल लें।

  • फसल विविधीकरण अपनाकर एक से अधिक फसल लें ताकि, अल्प या अधिक वर्षा से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके।

  • बीज का चयन करते हुए नवीन किस्म (10 वर्ष के अन्दर) का चयन करें।

  • सोयाबीन की बुवाई लगभग 15 जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह का उपयुक्त समय है।

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