क्या है ‘PM किसान’ का सर्वाधिक लाभ लेने वाले टॉप 5 राज्यों में आपके राज्य का नंबर?

PM kisan samman

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पिछले कुछ हफ़्तों में 9.39 करोड़ किसान परिवार को 71,000 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाने वाले टॉप 5 राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार क्रमशः पहले दूसरे तीसरे चौथे और पांचवें नंबर पर हैं।

उत्तर प्रदेश में अब तक पीएम किसान से कुल 2,17,76,351 किसान जुड़ चुके हैं जिनमे 2.15 करोड़ को पहली किस्त, 1.95 करोड़ को दूसरी किस्त, 1.78 करोड़ को तीसरी किस्त और 1.42 करोड़ किसानों को तो चौथी किस्त मिल भी चुकी है।

दूसरे नंबर पर है महाराष्ट्र जहाँ अब-तक इससे कुल 97,20,823 किसान जुड़े हैं। इनमें 94.81 लाख को पहली किस्त, 90 लाख को दूसरी किस्त, 72 लाख को तीसरी किस्त और 61 लाख को तो चौथी किस्त दी जा चुकी है।

इसके बाद तीसरे नंबर पर है राजस्थान जहाँ कुल 63,82,829 किसान इससे जुड़े हैं जिनमे 60.86 लाख को पहली किस्त, 54.63 लाख को दूसरी किस्त, 45.73 लाख को तीसरी किस्त और 34.52 लाख किसानों को चौथी क़िस्त दी जा चुकी है।

चौथे नंबर पर है मध्य प्रदेश 63,03,663 किसान अब तक इस योजना से जुड़े हैं। इनमें पहली क़िस्त करीब 69 लाख किसानों को, दूसरी क़िस्त 64 लाख किसानों को तीसरी क़िस्त 52.5 लाख किसानों को और चौथी क़िस्त 37 लाख किसानों को दी जा चुकी है।

टॉप 5 में पांचवें नंबर पर है बिहार जहाँ कुल 62,83,843 किसान इससे जुड़े और अबतक 62.81 लाख किसानों को पहली क़िस्त, 59.78 लाख किसानों को दूसरी क़िस्त, 46.64 लाख किसानों को तीसरी क़िस्त और 31.26 लाख किसानों को चौथी क़िस्त दी जा चुकी है।

स्रोत: फाइनेंशियल एक्सप्रेस

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पीएम किसान योजना के शुरुआत से अब तक किसानों को दिए गए कुल 71,000 करोड़ रुपए

PM kisan samman

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के आंकड़े पेश करते हुए बुधवार को बताया की “जब से इस योजना की शुरुआत हुई है, तब से लगभग 9.39 करोड़ किसान परिवार को 71,000 करोड़ रुपये से इस योजना का लाभ पहुंचाया जा चुका है। इससे पहले किसानों के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया है और न ही इतनी रकम किसान सहायता के लिए दी गई है।”

कृषि मंत्री श्री तोमर ने इस दौरान कहा कि “कोरोना वायरस के चलते प्रभावी तालाबंदी के दौरान सरकार किसानों की हर संभव मदद कर रही है। अकेले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 24 मार्च से 27 अप्रैल तक किसानों के खातों में 17,986 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं।”

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्यप्रदेश: फसल बीमा के अंतर्गत 1493171 किसानों को 2990 करोड़ रूपये की ऑनलाइन भुगतान

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज यानी एक मई को दोपहर 3 बजे प्रदेश के 14 लाख 93 हजार 171 किसानों को फसल बीमा के अंतर्गत कुल 2990 करोड़ रूपये का ऑनलाइन भुगतान करेंगे।

इस मसले पर प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने बताया कि “8 लाख 33 हजार 171 किसानों को खरीफ फसल की बीमा राशि के रूप में एक हजार 930 करोड़ रुपये प्रदान किये जा रहे हैं। इसी प्रकार, 6 लाख 60 हजार किसानों को रबी फसल की बीमा राशि के रूप में एक हजार 60 करोड़ का भुगतान किया जायेगा।”

मंत्री श्री पटेल ने आगे बताया कि प्रदेश में नई सरकार बनते ही फसल बीमा के अंतर्गत 2200 करोड़ रुपये की रकम का बीमा कंपनियों को प्रीमियम के लिए भुगतान किया गया था। अब इसी का परिणाम है की किसानों को फसल बीमा की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है।

स्रोत: जनसम्पर्क विभाग

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ग्रामोफ़ोन की सलाह ने दिखाई खरगोन के कल्याण विष्णुले को मिर्च की खेती से बम्पर उत्पादन की राह

Chilli Farmer BErampur tema

एक बड़ी प्रचलित कहानी है आपने भी ज़रूर सुनी होगी, जिसमे चींटी दाना लेकर चलती है, कई बार गिरती है, सम्हलती है और आखिरकार अपनी मंज़िल तक पहुँच जाती है। कुछ ऐसी ही कहानी है खरगोन जिले के गोगांवा तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव बेहरामपुर टेमा के किसान श्री कल्याण विष्णुले जी की है। विष्णुले जी मिर्च की खेती करते थे पर उन्हें इसमें अच्छा उत्पादन नहीं मिल रहा था।

लगातार दो बार अच्छा उत्पादन पाने में असफल होने के बाद जब विष्णुले जी तीसरी बार मिर्च की खेती करने जा रहे थे तब वे ग्रामोफ़ोन के सम्पर्क में आये और ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर मिर्च की खेती की जिसका नतीजा यह हुआ की उत्पादन ज़बरदस्त हुआ और फसल की क्वालिटी इतनी अच्छी रही की आस पास के किसान उनके मिर्च को देख आश्चर्यचकित रह गए।

अगर आप भी विष्णुले जी की तरह किसी भी प्रकार की कृषि संबंधित समस्या का सामना कर रहे हैं तो तुरंत हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप डाउनलोड कर अपनी समस्याओं का समाधान पाएं।

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बैंक देगी 65 प्रतिशत की सहायता राशि, डेयरी फार्म लगाकर शुरू कर सकते हैं अपना रोजगार

Bank will provide 65 percent assistance, can start their employment by setting up dairy farms

अगर आप रोजगार की तलाश में हैं और आपको डेयरी फार्म खोलने में दिलचस्पी है तो इसके लिए आपको बैंक से मदद मिल सकती है। डेयरी फार्म खोल कर आप ना सिर्फ अपना रोजगार स्वयं कर पाएंगे बल्कि साथ ही साथ इसमें आपको अच्छी कमाई होने की भरपूर संभावनाएं हैं।

डेयरी फार्म को छोटे स्तर पर खोला जा सकता है। इसके शुरुआत में ज्यादा लागत भी नहीं लगती है और इस काम को आरम्भ करने के लिए कई प्रकार की सरकारी एवं निजी संस्थाएं सहायता भी प्रदान कर रही है, जिसका फायदा छोटे या मध्यम श्रेणी के किसान उठा सकते हैं।

आप उन्नत नस्ल की 2 गायों के साथ लघु स्तर का डेयरी फार्म लगभग एक लाख रूपए के खर्च पर शुरू कर सकते हैं। इसमें बैंक सहायता स्वरुप दो गायों की ख़रीददारी के लिए 65 प्रतिशत राशि मुहैया करवाती है। वहीं 5 गायों के साथ मिनी डेयरी फार्म खोलने में लगभग 3 लाख रूपए खर्च होते हैं, जिस पर 65 प्रतिशत तक की सहायता बैंक देती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मंडी में नहीं मिल रहे किसानों को वाजिब दाम, जानें कब तक बढ़ सकते हैं मंडी के भाव?

Farmers are not getting fair prices in the market, know when the prices will increase in the market

मध्यप्रदेश के कुछ जिलों (भोपाल, इंदौर, उज्जैन) को छोड़ कर सभी जिलों में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल से चल रही है पर सरसों आदि फ़सलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी होनी अभी बाकी है। गेहूं की खरीदी की रफ़्तार भी खरीदी केंद्रों पर काफी धीमी है। इस धीमी रफ्तार की वजह है कोरोना संक्रमण के कारण अपनाई जा रही सामाजिक दूरी। इस सामाजिक दूरी की वजह से खरीदी केंद्रों पर महज 20 किसान ही आ पाते हैं। ऐसे में किसान अपनी उपज मंडी में औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों में चल रही खरीदी की धीमी रफ़्तार के कारण किसानों को अपनी सरसों व गेहूं की उपज कम दाम पर बेचनी पड़ रही है। इसके कारण गेहूं पर किसानों को दो से ढाई सौ रुपए तथा सरसों पर लगभग पांच सौ रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि यह उम्मीद जताई जा रही है की 3 मई को जब लॉकडाउन की अवधि खत्म होगी तब मध्यप्रदेश के कम कोरोना संक्रमित क्षेत्रों के मंडियों में भाव बढ़ने की संभावना है।

स्रोत: नई दुनिया

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लॉकडाउन की अवधि में भी रिकॉर्ड स्तर पर हुई उर्वरकों की बिक्री

Sales of fertilizers reached at record levels even during lockdown period

कोरोना संक्रमण की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान आवागमन पर बहुत अधिक प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद भी कृषि क्षेत्र में इस दौरान खूब काम हो रहा है। इसका सबूत मिलता है लॉकडाउन की अवधि में रिकॉर्ड स्तर पर हुई उर्वरकों की बिक्री के आंकड़े देखने से।

लॉकडाउन के दौरान 1 अप्रैल से 22 अप्रैल 2020 के मध्य किसानों ने 10.63 लाख मीट्रिक टन उर्वरक खरीदे हैं। अगर इस आंकड़े को पिछले साल इसी समय अवधि के उर्वरक बिक्री के आंकड़ों के साथ मिलान करें तो इनमें बड़ा अंतर नजर आता है। पिछले साल की इसी अवधि के 8.02 लाख मीट्रिक टन की तुलना में इस साल उर्वरकों की बिक्री में 32% का इज़ाफा हुआ है।

बता दें की भारत सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत देश में उर्वरक संयंत्रों के संचालन की अनुमति लॉकडाउन के दौरान भी प्रदान की हुई है जिससे कि लॉकडाउन के कारण कृषि क्षेत्र पर कोई बुरा प्रभाव ना पड़ सके।

स्रोत: कृषक जगत

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SBI किसानों को देगा कम ब्याज पर एग्री गोल्ड लोन, जानें लोन संबंधी पूरी जानकारी

SBI will give Agri Gold loan to farmers at low interest, know about the loan

कोरोना महामारी की वजह से चल रहे लॉकडाउन से लोगों को आर्थिक समस्याएं पेश आ रही हैं और इससे देश के किसान भी परेशान हैं। किसानों की इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए एसबीआई ने शुरू किया है एग्री गोल्ड लोन स्कीम।

इस स्कीम के अंतर्गत किसान अपने घरों में रखे सोने के आभूषणों को देकर अपनी आवश्यकता अनुसार लोन ले सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान एसबीआई के इस लोन स्कीम का लाभ 5 लाख से ज्यादा किसानों ने उठाया है।

एग्री गोल्ड लोन स्कीम से जुड़ी खास बातें

इस स्कीम में सोने के आभूषण जमा करवा कर आवश्यकता अनुसार लोन लिया जाता है। इसके लिए आवेदन देने वाले किसान को अपनी कृषि भूमि की फर्द की कॉपी बैंक में देनी होती है। इसके अंतर्गत मिलने वाले लोन पर 9.95% का वार्षिक व्याज लगेगा। अगर किसान भूमिहीन हो पर उसके नाम पर ट्रैक्टर हो तो उस ट्रैक्टर के आधार पर भी गहने जमा कर लोन लिया जा सकता है।

इस स्कीम से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए विजिट करें https://sbi.co.in/hi/web/agri-rural/agriculture-banking/gold-loan/multi-purpose-gold-loan#show

स्रोत: दैनिक भास्कर

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किसानों को कर्ज दिलाने में मददगार होगी इ-ग्रामस्वराज एप और स्वामित्व योजना

e-GramSwaraj App and Swamitva Yojana will be helpful in providing loans to farmers

बीते शुक्रवार को पंचायती राज दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देशभर के सरपंचों से बात की। इस दौरान उन्होंने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप तथा स्वामित्व योजना की भी शुरुआत की।

ई-ग्राम स्वराज ऐप से ग्राम पंचायतों के फंड और अन्य सभी कामकाजों की सारी जानकारी मिलेगी जिसके कारण पंचायत के कामों में पारदर्शिता आएगी और विकास कार्य भी तेजी से होंगे।

वहीं स्वामित्व योजना ग्रामीणों के बीच संपत्ति को लेकर होने वाले सारे भ्रम दूर करने में मदद करेगा साथ ही साथ इसके अंतर्गत गांवों में ड्रोन की मदद से एक-एक संपत्ति की मैपिंग की जायेगी। इस योजना के कार्यान्वयन के बाद ग्रामीण किसान भी शहरों की तरह बैंकों से आसानी से कर्ज ले पाएंगे।

बता दें की अभी कुछ ही राज्यों को इन योजनाओं के अंतर्गत शामिल किया गया है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत 6 और राज्य शामिल हैं जो इस योजना का ट्रायल आरम्भ कर रहे हैं। अगर इस योजना का ट्रायल सफल रहा तो इसे हर गांव में शुरू कर दिया जायेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्‍य प्रदेश में इस दिन शुरू होगी चना एवं मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी

Purchase of Gram and Lentils on support price will begin in Madhya Pradesh on this day

मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हुए दो हफ्ते से ज्यादा बीत चुके हैं। अब सरकार किसानों से चना एवं मसूर की खरीदी शुरू करने वाली है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर चना एवं मसूर की खरीदी 29 अप्रैल से शुरू हो जाएगी।

इस विषय पर रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा की और इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को चना और मसूर की खरीदी की प्रक्रिया के दौरान लॉकडाउन संबंधी दिशा निर्देशों के साथ सामाजिक दूरी का पालन कराने के निर्देश भी दिए हैं।

इस समीक्षा बैठक में बताया गया अब तक तीन लाख 72 हजार किसानों से 16 लाख 73 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर कर ली गई है और इसके एवज में किसानों को भुगतान भी कर दिया गया है।

स्रोत: नई दूनिया

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