पीएम किसान: 9.13 करोड़ किसानों को मिला लाभ, आप भी मिनटों में स्वयं करें रजिस्ट्रेशन

PM kisan samman

कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए मार्च महीने से ही देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। इस दौरान पीएम किसान सम्मान निधि योजना से 9.13 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। इस योजना के अंतर्गत 18,253 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खाते में भेजी गई है। हालाँकि अभी भी कई किसान इस योजना ने नहीं जुड़ पाए हैं जिस कारण उन्हें इसका लाभ भी नहीं मिल पाया है।

बता दें की इस योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करना बहुत ही आसान है। आप कुछ स्टेप्स के जरिए पीएम-किसान योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

इसके लिए सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ और लॉग ऑन करें। इसके बाद ‘Farmers Corner’ सेक्शन पर अपने माउस के कर्सर को ले जाएँ और इसके ड्रॉप डाउन लिस्ट में ‘New Farmer Registration’ का विकल्प चुने। इसके बाद आपको आधार कार्ड का नंबर एवं कैप्चा डालना होगा और फिर जो पेज खुलेगा उसपर अपनी पूरी जानकारी डालकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा करना होगा।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की इस आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ही योजना के लाभार्थियों की लिस्ट भी देख सकते हैं।

स्रोत: दैनिक जागरण

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11 से 13 मई के बीच इन राज्यों में हो सकती है बारिश एवं अल्पकालिक ओलावृष्टि: मौसम विभाग

Take precautions related to agriculture during the weather changes

पिछले महीने देश के कई राज्यों में बारिश और ओले गिरने के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ा था। अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दो तीन दिनों के लिए फिर से बारिश एवं अल्पकालिक ओलावृष्टि की संभावना जताई है।

कल से ही देश के कई क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं और कहीं कहीं तूफ़ान के साथ बारिश भी हुई है जिसके कारण तापमान में भी गिरावट देखने को मिली है। अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसी कड़ी में अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी जारी की है की आने वाले कुछ दिनों में भी मौसम ख़राब रह सकता है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की तीव्रता से हवाएं चल सकती है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय हो जाने तथा इसके उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ने से मैदानी क्षेत्रों में चल रहे पूर्वी हवाओं के साथ मिलना मौसम में बदलाव का संकेत है। इसके कारण 11 से 13 मई तक मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश और अल्पकालिक ओलावृष्टि हो सकती है |

स्रोत: किसान समाधान

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मध्यप्रदेश में सभी किसानों का होगा फसल बीमा, सरकार जल्द लेगी फैसला

Crop Insurance

मध्यप्रदेश की सरकार ने किसानों के हितों के लिए पिछले कुछ दिनों से कई कदम उठाये हैं। इसी क्रम में सरकार ने इस बात पर भी चर्चा की है की राज्य के सभी किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया जाए। इस पर सरकार जल्द ही निर्णय ले सकती है।

इस विषय पर मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा की “प्रदेश के हर किसान का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा कराया जाएगा, यह निर्णय राज्य सरकार जल्दी ही करने वाली है।”

ग़ौरतलब है की मध्य प्रदेश में करीब 65 लाख किसान हैं और इनमें 36 लाख किसान अपनी फसल का बीमा करवाते हैं। फसल बीमा का प्रीमियम 12% है जिसमें किसान करीब 2% राशि देता है और शेष राशि राज्य तथा केंद्र सरकार मिल कर देती है। आने वाले समय में इस योजना से ज्यादा से ज्यादा किसानों के जुड़ने से प्रीमियम के और कम होने की संभावना है।

स्रोत: आईएएनएस

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ग्रामोफ़ोन बना सलाहकार तो किसान ने उगाई रोगमुक्त और उन्नत मिर्च की फसल

खेती के लिए जो सबसे अहम जरुरत होती है वो होती है मिट्टी की, इसीलिए मिट्टी का स्वस्थ होना किसी भी फसल से ज़बरदस्त उत्पादन प्राप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसी तथ्य को समझा खरगोन जिले के गोगावां तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम खारदा के रहने वाले किसान श्री जीतेन्द्र यादव जी ने। जीतेन्द्र ने मिर्च की खेती से पहले ग्रामोफ़ोन सॉइल समृद्धि किट का उपयोग अपने खेत में किया था जिसका उन्हें बहुत फायदा भी मिला है।

मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में आमतौर पर जून जुलाई में मिर्च की फसल लगती पर जीतेन्द्र ने दिसंबर महीने में मिर्च की खेती शुरू की थी जो उस क्षेत्र के हिसाब से ऑफ़ सीजन कहलायेगा। ऐसे में फसल को रोग लगने लो ज्यादा संभावना रहती है पर हुआ बिलकुल इसके विपरीत। बहरहाल फसल की बुआई के करीब 3 महीने बाद जब ग्रामोफ़ोन के संवाददाता उनसे मिलने उनके खेतों में पहुंचे तो जीतेन्द्र का उत्साह देखते ही बन रहा था।

जीतेन्द्र ने बताया की उनकी 50 दिन पुरानी मिर्च की फसल बिलकुल रोग मुक्त और स्वस्थ है। इसके पीछे की वजह को बताते हुए वे बहुत ज्यादा उत्साहित नजर आये। उन्होंने कहा की “मैंने अपने खेत में फसल बुआई से पहले ग्रामोफ़ोन के सॉइल समृद्धि किट का इस्तेमाल किया था जिसका परिणाम है यह रोग मुक्त और स्वस्थ फसल।”

ग़ौरतलब है की ग्रामोफ़ोन के सॉइल समृद्धि किट का इस्तेमाल करने से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है और फसल को अन्य किसी बाहरी पोषक तत्व की जरुरत नहीं पड़ती है इसीलिए जीतेन्द्र की फसल भी स्वस्थ रही और इसमें किसी प्रकार के रोग नहीं लगे। जीतेन्द्र ने बताया की उन्हें इस बार अपनी फसल से अच्छे उत्पादन की उम्मीद है।

जीतेन्द्र की ही तरह अगर अन्य किसान भाई भी मिर्च की खेती करने की सोच रहे हैं तो वे ग्रीष्मकालीन मिर्च की फसल की खेती कर सकते हैं। इसके लिए बुआई मार्च और अप्रैल महीने में होती है। मिर्च की खेती या सॉइल समृद्धि किट से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल करें।

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बिना फसल बीमा कराये भी फसल को हुए नुकसान की होगी भरपाई, जानें- क्या है तरीका

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

अगर आपकी फसल को किसी प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान होता है तो इसमें फसल बीमा योजना से लाभ मिल जाता है पर कई बार किसान इस योजना से नहीं जुड़ते है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। हालांकि ऐसी स्थिति में भी किसानों को उस बैंक से मदद मिल सकता है जिससे उन्होंने कृषि लोन लिया हो।

इस विषय पर भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है। इस जानकारी के अनुसार फसल को 33% से अधिक नुकसान होने पर किसान ने जिस बैंक से कर्ज लिया है, वहां से मदद मिल सकती है।

क्या है प्रक्रिया?
यदि केंद्र एवं राज्य सरकार आपके क्षेत्र को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर देती है और आपकी फसल को 33% या उससे ज्यादा का नुकसान होता है तब आपको बैंक जा कर अपने फसल के नुकसान की सूचना देनी होगी और बताना होगा कि आपने जो कर्ज लिया है, उसे चुकाने की आपकी क्षमता प्रभावित हुई है।

कितनी मदद मिलेगी?
यदि आपकी फसल को 33 से 50% का नुकसान हुआ है तो बैंक आपके कृषि लोन की अदायगी के लिए 2 साल का अतिरिक्त समय दे देगी और इन दो सालों में से पहले साल कोई किस्त नहीं देनी होगी। वहीं अगर फसल को 50% से अधिक नुकसान होता है तब लोन चुकाने की अवधि में 5 साल की वृद्धि होगी और पहले साल कोई किस्त नहीं देनी होगी।

स्रोत: जनसत्ता

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लॉकडाउन में पीएम-किसान और जनधन जैसी योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त करें

Get information about schemes like PM-Kisan and Jan Dhan online in lockdown

कोरोना महामारी की वजह से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन में कई प्रकार की सरकारी सब्सिडी योजनाओं के लाभार्थी किसान एवं अन्य लोग इससे जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इन सब से जुड़ी जानकारी आप ऑनलाइन माध्यम से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

जनधन योजना, एलपीजी सब्सिडी योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना और इसी प्रकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं की वर्तमान स्थिति जानने के लिए आपको ऑनलाइन माध्यम पर इन चरणों का पालन करना है।

चरण 1: इससे जुड़ी सार्वजनिक प्रबंधन वित्तीय प्रणाली की आधिकारिक वेबसाइट @ pfms.nic.in/NewDefaultHome.aspx पर लॉग इन करें।

चरण 2: इसके मुख पृष्ठ पर ‘अपने भुगतान जानें’ मेनू पर क्लिक करें

चरण 3: अब अपने बैंक का नाम, खाता संख्या जैसे आवश्यक विवरण भरें

चरण 4: फिर कैप्चा कोड जमा करें

चरण 5: इसके बाद ‘खोज’ विकल्प पर टैप करें

चरण 6: इसके बाद आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर पूरा डेबिट और क्रेडिट विवरण आ जायेगा

चरण 7: आपको अपने बैंक खाते में नवीनतम मनी ट्रांसफर का पता चल जाएगा

लॉकडाउन के समय में जब घर से बाहर निकलना खतरे भरा होता है यह ऑनलाइन माध्यम हर किसी के लिए बहुत मददगार हो रहा है। इससे आप हर योजना की स्थिति जान सकते हैं।

स्त्रोत: कृषि जागरण

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लॉकडाउन में घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने में भी किसान क्रेडिट कार्ड करेगा आपकी मदद

Kisan Credit Card will also help you in meeting domestic needs in lockdown

कोरोना महामारी की वजह से लम्बे समय से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण किसान भाइयों को आर्थिक तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान खेती की ज़रूरतों के साथ साथ घरेलू ज़रूरतों की भी पूर्ति करना किसानों के लिए चुनौती पूर्ण सिद्ध हो रहा है। बहरहाल किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से आप इस चुनौती से राहत प्राप्त कर सकते हैं।

दरअसल किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाली राशि का एक हिस्सा किसान अपनी घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भी उपयोग में ला सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बाबत अपनी वेबसाइट पर जानकारी डाल रखी है। इसके जानकारी के अनुसार “देशभर के किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल घर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।”

बता दें की आम तौर पर किसान क्रेडिट कार्ड योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग किसी फसल की तैयारी में लगने वाले ख़र्चों को पूरा करने के लिए किया जाता है। पर इस योजना से मिली कुल राशि का 10% हिस्सा किसान अपने घरेलू ख़र्चों के लिए भी कर सकता है।

स्त्रोत: कृषि जागरण

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सुप्रीम कोर्ट ने गन्ना किसानों के पक्ष में लिया निर्णय, लाखों किसानों को होगा लाभ

Supreme Court decides in favor of sugarcane farmers, millions of farmers will benefit

कोरोना महामारी की विश्वव्यापी त्रासदी के मध्य सुप्रीम कोर्ट की तरफ से देश के लाखों गन्ना किसानों के लिए खुशख़बरी आई है। सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय से गन्ना किसानों की पुरानी समस्या का अंत होता नजर आ रहा है। दरअसल गन्ना के मूल्य निर्धारण को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच अक्सर विवाद रहता है जिसका ख़ामियाज़ा किसानों को भुगतना पड़ता था। अब इसी विषय पर सुप्रीम कोर्ट को निर्णय इन विवादों को खत्म कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए जिस निर्णय की हम बात कर रहे हैं उसे न्यायालय की पांच जजों की बेंच ने दिया है। पांच जजों की बेंच ने गन्ने के मूल्य निर्धारण पर वर्ष 2004 के एक फैसले को सही मानते हुए कहा कि “राज्य सरकारों द्वारा गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जा सकता है।” ग़ौरतलब है की न्यायालय के इस निर्णय का लाभ देश के लगभग 35 मिलियन किसानों तथा उनके परिवारों को मिलेगा जो अपनी आजीविका के लिए गन्ने की खेती पर निर्भर रहते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्यप्रदेश में उपार्जन राशि का 50% से अधिक पैसा नहीं काट सकेंगे बैंक, सरकार का ऐलान

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच पूरे देश में रबी फ़सलों की खरीदी जारी है। गेहूं की खरीदी के साथ-साथ अब किसानों तक उपार्जन राशि का भुगतान भी होने लगा है। पर जिन किसानों ने खेती के लिए बैंक से ऋण लिया था उनकी उपार्जन राशि से बैंक ने पैसे काटने शुरू कर दिए हैं, इस कारण किसानों को पूरी राशि नहीं प्राप्त हो रही है।

ग़ौरतलब है की मध्य प्रदेश में ज्यादातर किसान खेती करने के लिए फसली ऋण तथा किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेते हैं | इस ऋण को फिर किसान अपने फसल उत्पादन को बेच कर पूरा करते हैं। हालांकि इस साल साल पहले वर्षा और बाद में कोरोना महामारी की वजह से किसानों की बचत बहुत कम हुई है। जिस कारण बैंक द्वारा उपार्जन राशि के पैसे काटने से किसानों को और समस्याएं हो सकती हैं।

इन्ही समस्याओं पर ध्यान देते हुए अब मध्यप्रदेश सरकार ने बैंकों को यह आदेश दिया है की रबी उपार्जन के अंतर्गत किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचीं गई फसल की राशि में से बकाया ऋण की राशि का 50% से ज्यादा ना काटा जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है कि अगली फसल के लिए किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएँ जाएँ |

स्रोत: किसान समाधान

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मध्यप्रदेश में अब खुलेगी निजी मंडी, किसानों को होगा इससे फायदा

Private mandis will now open in Madhya Pradesh, farmers will benefit from this

आमतौर पर किसानों के पास अपनी उपज बेचने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं होते हैं और उन्हें सरकारी मंडियों में ही अपना उत्पादन बेचने को मजबूर होना पड़ता है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की इसी परेशानी को समझा और प्रदेश में निजी मंडी खोले जाने का रास्ता साफ़ कर दिया है।

इस बाबत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कि है की “अब निर्यातक, व्यापारी, फूड प्रोससेसर आदि निजी मंडी को खोल सकते हैं और किसान की ज़मीन या उसके घर जाकर कृषि पैदावार को ख़रीद सकते हैं।” बता दें की मंडी नियमों में किये गए इस संशोधन का मकसद किसानों को बेहतर कीमतों और अपनी इच्छा अनुसार अपनी उपज की बिक्री करने की स्वतंत्रता प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सिर्फ एक लाइसेंस से ऐसी निजी मंडियों को किसानों की उपज खरीदने का अधिकार मिल जाएगा। इसके बाद वे पूरे राज्य से खरीदी कर सकेंगे। इस फैसले के बाद अब मध्य प्रदेश में किसान के पास अपनी उपज बेचने के लिए ज्यादा विकल्प होंगे और इसके लिए उन्हें मंडी के चक्कर लगाने की भी आवश्यकता नहीं होगी।

स्रोत: फाइनेंशियल एक्सप्रेस

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