अब गौ पालकों की बढ़ेगी कमाई, गोबर से बनाया जाएगा इकोफ्रेंडली पेंट

Eco-friendly paint will be made from cow dung

किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए सरकार कई नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में पिछले दिनों केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने गोबर से तैयार किये गए पेंट लॉन्च किये थे। अब बताया जा रहा है की नितिन गडकरी गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्री शुरू करने की तैयारी में हैं।

सरकार की इस पहल से हर गांव में रोज़गार के नए और बेहतर अवसर पैदा होंगे। बता दें की गोबर से पेंट तैयार करने वाली एक फैक्ट्री शुरू करने में करीब 15 लाख रुपए का खर्च होगा। गोबर से तैयार यह पेंट इकोफ्रेंडली होगा और लम्बे समय तक चलेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश के 18 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी, 4 जिलों में बारिश जारी

Hailstorm warning in 18 districts of Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में अचानक मौसम ने करवट ली है और बरसात का दौर शुरू हो गया है। यह मौसमी बदलाव बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाओं के कारण देखने को मिल रही है। यही कारण है की मध्य प्रदेश के 4 जिले भोपाल, रायसेन, सीहोर, सागर में बारिश हो रही है साथ ही रायसेन एवं नरसिंहपुर में ओले गिरने की भी खबर आई है। इसके अलावा सिवनी जिले में भी कई जगहों पर बारिश के साथ ओले गिरने की खबर आई है।

मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में मध्य प्रदेश के 18 जिले में ओलावृष्टि की संभावना जताई है। इस मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों को सावधान रखने की जरुरत है और अपने अपने स्तर पर इस बाबत प्रबंध करने की जरुरत है।

मध्य प्रदेश के किन जिलों में ओले गिरने की है संभावना?

मौसम विभाग के अनुसार ओले गिरने की है संभावना वाले जिलों में शहडोल और होशंगाबाद संभाग के साथ साथ रीवा, सतना, दमोह, सागर, छिंदवाड़ा, सिवनी, रायसेन, सीहोर, दतिया, भोपाल, गुना और भिंड जिले शामिल हैं।

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मध्य प्रदेश समेत देश के आधे से अधिक हिस्से में बारिश की संभावना

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मध्य प्रदेश के पूर्वी एवं दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के भी कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। बारिश के साथ साथ देश के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि की संभावना भी बनी हुई है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, फसल क्षति पर किसानों को 5000 रूपये तो ज़रूर मिलेंगे

प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसलों को कई बार नुकसान का सामना करना पड़ता है। अब इसी नुकसान की भरपाई के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है की प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति की भरपाई के लिए कम से कम 5 हजार रुपये की सहायता राशि तो जरूर मिलेगी।

यह निर्णय प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में लिया गया है। इस निर्णय में प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ वन्य प्राणियों द्वारा पहुंचाए जाने वाले नुकसान की भी भरपाई हेतु अनुदान देने की बात कही गई है।

स्रोत: कृषक जगत

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मध्य प्रदेश समेत इन क्षेत्रों में बारिश के साथ हो सकती है ओलावृष्टि

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छत्तीसगढ़ और ओडिशा के ऊपर विपरीत चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है जिसके कारण मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के कई क्षेत्रों में बारिश के साथ साथ ओलावृष्टि होने की संभावना भी बन रही है। अगले दो-तीन दिनों के दौरान मध्य प्रदेश समेत महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कई शहरों में गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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शुरू होंगे 10000 नए एफपीओ, सरकार ₹6850 करोड़ करेगी खर्च, पढ़ें पूरी जानकारी

10000 new FPOs to start, Government will spend ₹6850 crore, read full information

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर 10 हजार नए एफपीओ खोलने की बात दोहराई है। उन्होंने कहा की “भारत में 86% छोटे तथा सीमांत किसान हैं और इनकी हर प्रकार की सहायता हेतु एफपीओ को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत सरकार देश में 10 हजार नए एफपीओ बनाने जा रही है, जिन पर आने वाले 5 वर्ष में 6850 करोड़ रूपए खर्च होंगे।”

बता दें की पिछले दिनों मधुमक्खी पालकों/शहद संग्राहकों के लिए 5 नए एफपीओ का शुभारंभ कुछ दिन पहले ही किया गया है। ये नए एफपीओ मध्य प्रदेश के मुरैना, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन, बिहार के पूर्वी चंपारण, राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बनाये गए हैं।

एफपीओ कृषक उत्पादक संगठन को कहते हैं। ये वैसे किसानों का समूह होता है जो कृषि उत्पादन के काम में हो और आगे चल के खेती से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियां चलाने में सक्षम हो। आप भी एक समूह बना कर कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड हो सकते हैं।

कैसे करें आवेदन
इसके आवेदन हेतु आधिकारिक वेबसाइट http://sfacindia.com/FPOS.aspx पर जाएँ और आवेदन हेतु पूछी गई जानकारियों को सही सही भर दें। अधिक जानकारी के लिए इस लिंक http://sfacindia.com/UploadFile/Statistics/Farmer%20Producer%20Organizations%20Scheme.pdf पर क्लिक करें।

कृषक उत्पादक संगठन से जुड़े हुए किसानों को अपने उत्पादन के लिए बाजार के साथ साथ खाद, बीज, दवा तथा खेती के उपकरण आदि भी आसानी से सस्ती दरों पर मिल पाएंगे। इससे छोटे-मझौले किसानों के जीवन में बदलाव आएगा और इनकी आय काफी बढ़ेगी।

स्रोत: कृषि जागरण

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भारत में लॉन्च हुआ सीएनजी ट्रैक्टर, किसानों के लिए होगा काफी फ़ायदेमंद

CNG tractor launched in India

वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की तरफ बढ़ते हमारे देश में सीएनजी से चलने वाले ट्रैक्टर का शुभारम्भ हो गया है। शुक्रवार को सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने इस ट्रैक्टर को लॉन्च किया।

लॉन्चिंग के दौरान श्री गडकरी ने कहा कि ‘डीजल के बजाए सीएनजी ट्रैक्टर के इस्तेमाल से किसान सालाना एक लाख रुपये बचा सकेंगे। सीएनजी ट्रैक्टर से 80% वायु प्रदूषण कम होगा, वहीं नए उत्सर्जन मानक के तहत उनको चलाने पर प्रतिबंध भी नहीं लगेगा और 15 वर्ष तक किसान ऐसे ट्रैक्टरों को चला सकेंगे।’ ग़ौरतलब है की सरकार 15 वर्ष से अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों को हटाने की योजना बना रही है।

सीएनजी वाले ट्रैक्टर का उपयोग कर किसान अपने पैसे बचा सकेंगे। आने वाले दिनों में कई डीजल से सीएनजी में परिवर्तित करने वाली तकनीक से जुड़े केंद्र गांव-कस्बों में खोले जाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे।

स्रोत: लाइव हिंदुस्तान

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16 फ़रवरी से मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में हो सकती है बेमौसम बारिश

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मध्य भारत में इस समय विपरीत चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस दौरान हवाएं ऊपर से नीचे की ओर आती हैं जिससे हवाएं गर्म होती है। इस कारण मध्य भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ रहेगा और दिन का तापमान बढ़ेगा। हालांकि आगामी 16 फ़रवरी से बेमौसम बारिश की संभावना है जो मध्य भारत के कई क्षेत्रों में अपना प्रभाव छोड़ेगी।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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बिना किसी खर्च के बनवाएं किसान क्रेडिट कार्ड, जानें पूरी प्रक्रिया

Get Kisan Credit Card without any cost, know the whole process

किसानों को सस्ते दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने के लिए सरकार की एक ख़ास योजना है किसान क्रेडिट कार्ड। इस योजना के माध्यम से सरकार मुफ्त में किसान क्रेडिट कार्ड बनाती है। बीते दो साल में करीब 2.24 करोड़ किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किये गए हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड कृषि, पशुपालन व मछली पालन आदि कार्यों से जुड़ा कोई भी किसान ले सकता है। इसके अलावा किसी दूसरे व्यक्ति के खेतों में खेती करने वाला किसान भी इसका लाभ ले सकता है। इस योजना का लाभ 18 से 75 वर्ष के किसान ले सकते हैं।

इस योजना से जुड़ने के लिए आधार कार्ड व पैन कार्ड की छायाप्रति, किसी और बैंक में कर्जदार न होने का शपथ पत्र एवं आवेदक की फोटो देनी होती है। किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने हेतु प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की वेबसाइट (pmkisan.gov.in) पर जाएँ और केसीसी से संबंधित फार्म को भरें। इस प्रक्रिया में आपको किसी भी प्रकार की कोई खर्च नहीं करनी होती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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छोटे किसानों को महंगे कृषि यंत्र उपलब्ध कराने वाली इस योजना को मिले ₹1050 करोड़

कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ाने हेतु साल 2014-15 में सरकार ने ‘सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन’ (एसएमएएम) नामक योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 1050 करोड़ रुपये का भारी बजट आवंटित कर दिया गया है, यह रकम पिछले साल की तुलना में ज्यादा है।

इस योजना के अंतर्गत कस्टम हायरिंग सेंटर्स की स्थापना कर छोटे तथा सीमांत किसानों को सस्ती दर पर कृषि मशीनें, हाई-टेक व उच्च मूल्य वाले कृषि उपकरण तथा फार्म मशीनरी उपलब्ध करवाए जाते हैं। इससे छोटे किसान भी इनका लाभ ले पाते हैं। 

स्रोत: कृषि जागरण

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