मंडी |
फसल |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
पटना |
टमाटर |
50 |
55 |
पटना |
आलू |
10 |
12 |
पटना |
लहसुन |
12 |
– |
पटना |
लहसुन |
28 |
– |
पटना |
लहसुन |
36 |
– |
पटना |
तरबूज |
18 |
– |
पटना |
कटहल |
20 |
– |
पटना |
अंगूर |
55 |
– |
पटना |
खरबूजा |
15 |
– |
पटना |
सेब |
95 |
100 |
पटना |
अनार |
95 |
100 |
पटना |
हरी मिर्च |
25 |
– |
पटना |
करेला |
30 |
– |
पटना |
खीरा |
7 |
8 |
पटना |
कद्दू |
8 |
– |
कोयंबटूर |
प्याज़ |
14 |
– |
कोयंबटूर |
प्याज़ |
16 |
– |
कोयंबटूर |
प्याज़ |
18 |
– |
कोयंबटूर |
लहसुन |
40 |
– |
कोयंबटूर |
लहसुन |
45 |
– |
कोयंबटूर |
लहसुन |
50 |
– |
रतलाम |
प्याज़ |
3 |
4 |
रतलाम |
प्याज़ |
5 |
7 |
रतलाम |
प्याज़ |
8 |
9 |
रतलाम |
प्याज़ |
10 |
11 |
रतलाम |
लहसुन |
4 |
8 |
रतलाम |
लहसुन |
9 |
20 |
रतलाम |
लहसुन |
22 |
32 |
रतलाम |
लहसुन |
34 |
42 |
रतलाम |
आलू |
16 |
– |
रतलाम |
पपीता |
10 |
15 |
रतलाम |
हरी मिर्च |
20 |
22 |
रतलाम |
तरबूज |
8 |
11 |
रतलाम |
खरबूजा |
12 |
14 |
रतलाम |
टमाटर |
35 |
40 |
रतलाम |
केला |
22 |
– |
रतलाम |
आम |
42 |
– |
रतलाम |
आम |
46 |
50 |
रतलाम |
आम |
35 |
45 |
रतलाम |
अनार |
80 |
100 |
शाजापुर |
प्याज़ |
5 |
6 |
शाजापुर |
प्याज़ |
7 |
8 |
शाजापुर |
प्याज़ |
11 |
13 |
शाजापुर |
लहसुन |
2 |
7 |
शाजापुर |
लहसुन |
15 |
25 |
नासिक |
प्याज़ |
6 |
8 |
नासिक |
प्याज़ |
7 |
9 |
नासिक |
प्याज़ |
9 |
13 |
नासिक |
प्याज़ |
16 |
– |
विजयवाड़ा |
गाजर |
35 |
40 |
विजयवाड़ा |
शिमला मिर्च |
75 |
80 |
विजयवाड़ा |
खीरा |
25 |
– |
विजयवाड़ा |
बैंगन |
20 |
25 |
विजयवाड़ा |
भिन्डी |
15 |
20 |
विजयवाड़ा |
अदरक |
40 |
– |
विजयवाड़ा |
हरी मिर्च |
32 |
– |
विजयवाड़ा |
आलू |
21 |
23 |
विजयवाड़ा |
लौकी |
20 |
– |
वाराणसी |
आलू |
14 |
15 |
वाराणसी |
अदरक |
34 |
35 |
वाराणसी |
आम |
30 |
40 |
वाराणसी |
अनन्नास |
23 |
26 |
वाराणसी |
लीची |
50 |
60 |
वाराणसी |
प्याज़ |
10 |
11 |
वाराणसी |
प्याज़ |
12 |
13 |
वाराणसी |
प्याज़ |
13 |
14 |
वाराणसी |
प्याज़ |
8 |
10 |
वाराणसी |
प्याज़ |
13 |
14 |
वाराणसी |
प्याज़ |
14 |
15 |
वाराणसी |
लहसुन |
10 |
15 |
वाराणसी |
लहसुन |
15 |
20 |
वाराणसी |
लहसुन |
20 |
25 |
वाराणसी |
लहसुन |
25 |
35 |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
12 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
12 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
14 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
17 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
18 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
20 |
25 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
28 |
34 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
34 |
38 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
38 |
42 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
20 |
25 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
27 |
33 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
34 |
38 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
38 |
42 |
कानपुर |
प्याज़ |
5 |
6 |
कानपुर |
प्याज़ |
8 |
– |
कानपुर |
प्याज़ |
9 |
11 |
कानपुर |
प्याज़ |
13 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
7 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
25 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
30 |
35 |
कानपुर |
लहसुन |
60 |
– |
मध्यप्रदेश मंडियों में 10 जून को क्या रहे टमाटर के भाव?
आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे हरदा, देवास, खरगोन, मन्दसौर आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
क्रमांक |
जिला |
मंड़ी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
1 |
बड़वानी |
बड़वानी |
2000 |
2,000 |
2 |
देवास |
देवास |
1500 |
2,500 |
3 |
देवास |
हाटपिपलिया |
3000 |
3,800 |
4 |
हरदा |
हरदा |
3000 |
3,200 |
5 |
खरगोन |
खरगोन |
800 |
1,000 |
6 |
मन्दसौर |
मन्दसौर |
1800 |
2,200 |
7 |
हरदा |
टिमरनी |
1000 |
2,500 |
स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट
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जैविक खेती करना होगा अब और ज्यादा आसान, जानें सरकार की योजना
खेती में रसायनिक उर्वरकों के बढ़ते प्रयोग से मिट्टी की उपज क्षमता पर काफी असर पड़ रहा है। मिट्टी में घटते पोषक तत्वों की वजह से उत्पादकता में भी कमी दर्ज की गई है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती को अपनाने की सलाह दे रही हैं। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान भाई प्राकृतिक खेती को अपनाकर भूमि को बंजर होने से बचा सकें।
इसी क्रम में राजस्थान सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक खास मिशन चला रही है। इसके माध्यम से राज्य के किसानों को जैविक बीज, जैव उर्वरक एवं कीटनाशी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा किसानों को प्राकृतिक खेती के जरिए पूरा लाभ दिलाने के लिए कई प्रयास भी किए जा रहे हैं।
इसके अंतर्गत ‘ऑरगैनिक कमोडिटी बोर्ड’ का गठन किया जा रहा है, जहां किसानों के जैविक उत्पादनों को प्रमाणित करने का प्रबंध किया जाएगा। इसके साथ ही जैविक खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन किसानों को प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय समारोह में 1-1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया जाएगा। सरकार के अनुसार इस योजना के माध्यम से राज्य के लगभग 4 लाख किसानों को लाभ प्राप्त होगा।
स्रोत: किसान समाधान
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मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?
आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे झाबुआ, भिंड, पन्ना, टीकमगढ़, मन्दसौर, दमोह, छतरपुर आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
क्रमांक |
जिला |
मंड़ी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
1 |
झाबुआ |
झाबुआ |
2,050 |
2,050 |
2 |
भिंड |
मेहगाँव |
2,010 |
2,040 |
3 |
पन्ना |
अजयगढ़ |
1,900 |
1,930 |
4 |
टीकमगढ़ |
पलेरा |
1,800 |
1,820 |
5 |
भिंड |
आलमपुर |
1,980 |
1,998 |
6 |
पन्ना |
पन्ना |
1,990 |
2,020 |
7 |
मन्दसौर |
भानपुरा |
2,015 |
2,015 |
8 |
दमोह |
पथरिया |
1,848 |
1,991 |
9 |
छतरपुर |
हरपालपुर |
1,850 |
1,950 |
10 |
पन्ना |
सिमरिया |
1,891 |
1,891 |
11 |
अनुपपूर |
जैतहरी |
1,800 |
1,810 |
स्रोत: राष्ट्रीय कृषि बाजार
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जानिए, सोयाबीन की फसल में राइजोबियम कल्चर का महत्व
👉🏻किसान भाइयों, सोयाबीन एक दलहनी फसल है, जिसकी जडों की ग्रंथिकाओं में राइजोबियम नामक जीवाणु पाया जाता है। राइजोबियम वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर फसल की पैदावार बढ़ाने में सहायक है। राइजोबियम दलहनी फसलों में प्रयोग होने वाला एक जैव उर्वरक है।
सोयाबीन की फसल में राइज़ोबियम के प्रयोग से होने वाले लाभ:-
👉🏻राइजोबियम जीवाणु वातावरण मे व्याप्त नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर पौधों की जड़ों तक पहुंचाते हैं। अतः दलहनी फसलों में रसायनिक खाद की आवश्यकता को कम करता है।
👉🏻राइजोबियम के प्रयोग से सोयाबीन की उपज में कई प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।
👉🏻राइजोबियम के प्रयोग से भूमि में नाइट्रोज़न की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उर्वरता बनी रहती है।
👉🏻सोयाबीन की जड़ों में विद्यमान जीवाणुओं द्वारा संचित नाइट्रोज़न अगली फसल द्वारा ग्रहण किया जाता है।
👉🏻राइजोबियम द्वारा संचित नाइट्रोज़न कार्बनिक रूप में होने के कारण पूर्ण रूप से पौधों को प्राप्त होता है।
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देश के विभिन्न मंडियों में 9 जून को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?
मंडी |
फसल |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
रतलाम |
आलू |
16 |
– |
रतलाम |
पपीता |
10 |
15 |
रतलाम |
हरी मिर्च |
20 |
22 |
रतलाम |
तरबूज |
8 |
10 |
रतलाम |
खरबूजा |
12 |
14 |
रतलाम |
टमाटर |
30 |
36 |
रतलाम |
केला |
22 |
– |
रतलाम |
आम |
42 |
– |
रतलाम |
आम |
32 |
– |
रतलाम |
आम |
30 |
34 |
रतलाम |
अनार |
80 |
100 |
विजयवाड़ा |
खरबूजा |
20 |
25 |
विजयवाड़ा |
अंगूर |
42 |
– |
विजयवाड़ा |
संतरा |
100 |
– |
विजयवाड़ा |
मोसंबी |
30 |
40 |
विजयवाड़ा |
अनन्नास |
60 |
70 |
विजयवाड़ा |
तरबूज |
7 |
10 |
विजयवाड़ा |
सेब |
110 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
53 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
52 |
– |
कोचीन |
अनन्नास |
50 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
12 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
12 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
14 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
17 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
19 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
20 |
25 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
28 |
34 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
34 |
38 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
38 |
42 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
20 |
25 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
27 |
33 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
34 |
38 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
38 |
42 |
कानपुर |
प्याज़ |
5 |
– |
कानपुर |
प्याज़ |
8 |
– |
कानपुर |
प्याज़ |
9 |
11 |
कानपुर |
प्याज़ |
12 |
14 |
कानपुर |
लहसुन |
8 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
23 |
25 |
कानपुर |
लहसुन |
30 |
32 |
कानपुर |
लहसुन |
42 |
– |
पटना |
टमाटर |
50 |
55 |
पटना |
आलू |
10 |
12 |
पटना |
लहसुन |
12 |
– |
पटना |
लहसुन |
28 |
– |
पटना |
लहसुन |
36 |
– |
पटना |
तरबूज |
18 |
– |
पटना |
कटहल |
20 |
– |
पटना |
अंगूर |
55 |
– |
पटना |
खरबूजा |
15 |
– |
पटना |
सेब |
95 |
100 |
पटना |
अनार |
95 |
100 |
पटना |
हरी मिर्च |
25 |
– |
पटना |
करेला |
30 |
– |
पटना |
खीरा |
7 |
8 |
पटना |
कद्दू |
8 |
– |
केसर की खेती कर देगी मालामाल, इन बातों का रखें ख्याल
केसर का पौधा दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है। केसर की कीमत की वजह से इसे ‘लाल सोना’ भी कहा जाता है। जिसके चलते केसर की खेती मालामाल कर देने वाली फसल मानी जाती है। इसकी खेती करके किसान भाई प्रतिवर्ष लाखों की कमाई कर सकते हैं।
भारत में इसकी खेती खासतौर पर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में की जाती है। वैसे तो केसर की खेती समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर हो सकती है। हालांकि अब किसान उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भी केसर की खेती कर रहे हैं।
केसर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
इसका फसल चक्र 3 से 4 महीने का होता है। खेती के लिए जून से सितंबर का महीना बढ़िया माना जाता है। इसके लिए रेतीली, बलुई या दोमट मिट्टी होना जरूरी है। भारी चिकनी मिट्टी में यह फसल नहीं होती है।
इसके साथ ही केसर की फसल के लिए अच्छी धूप की जरूरत पड़ती है। अधिक ठंड और बरसात के मौसम में केसर की फसल खराब हो जाती है। यानि केसर की खेती के लिए ऐसी जगह चुने जहां पानी का जमाव न होता हो।
स्रोत: आज तक
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मध्यप्रदेश मंडियों में 9 जून को क्या रहे लहसुन के भाव?
आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे दमोह, देवास, शाजापुर, धर और मन्दसौर आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
क्रमांक |
जिला |
मंड़ी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
1 |
दमोह |
दमोह |
600 |
800 |
2 |
देवास |
देवास |
200 |
600 |
3 |
शाजापुर |
काला पीपल |
545 |
3,100 |
4 |
धार |
मनावर |
2,900 |
3,100 |
5 |
मन्दसौर |
पिपरिया |
400 |
8,100 |
स्रोत: राष्ट्रीय कृषि बाजार
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कृषि यंत्र के लिए किसानों को मिलेगी सब्सिडी, जानें कब जारी होगी सूची
कृषि यंत्रों ने खेती किसानी को बहुत आसान कर दिया है। हालांकि आर्थिक परेशानी के चलते सभी किसान इन यंत्रों को नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें किसानों तक इनकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। कई राज्यों में पात्र किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र प्रदान किए जाते हैं।
इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने बीते दिनों राज्य के किसानों को बुआई के लिए कृषि यंत्र देने की घोषणा की थी। इसके अंतर्गत रोटावेटर, रिवर्सिबल प्लाऊ, सीड ड्रिल और सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल दिए जाने थे। वहीं इस योजना के लिए लाभार्थियों को 25 मई से 6 जून 2022 तक आवेदन करना था।
लेकिन राज्य में पंचायत चुनाव के चलते 28 मई से आचार संहिता लागू हो गई। इस कारण चुने हुए किसानों की सूची जारी होने में थोड़ा समय लग गया है। अब आचार संहिता हटने के बाद ही यानी 15 जुलाई 2022 के उपरांत चयनित किसानों की सूची जारी की जाएगी। जिसे आप लॉटरी ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल https://dbt.mpdage.org/Eng_Index.aspx पर देख सकेंगे।
स्रोत: किसान समाधान
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मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?
आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे पन्ना, शिवपुरी, छतरपुर, देवास, खरगौन, दमोह, राजगढ़, होशंगाबाद आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
क्रमांक |
जिला |
मंड़ी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
1 |
होशंगाबाद |
बनखेड़ी |
1,851 |
1,941 |
2 |
भिंड |
मऊ |
1,900 |
2,062 |
3 |
शाजापुर |
कालापीपाल |
1,975 |
2,455 |
4 |
शिवपुरी |
बराड़ |
1,885 |
1,920 |
5 |
पन्ना |
पन्ना |
1,910 |
2,018 |
6 |
खरगोन |
कसरावदी |
1,900 |
2,120 |
7 |
छतरपुर |
हरपालपुर |
1,850 |
1,950 |
8 |
दमोह |
पथरिया |
1,800 |
2,026 |
9 |
राजगढ़ |
खिलचीपुर |
1,835 |
1,974 |
10 |
झाबुआ |
झाबुआ |
1,950 |
2,060 |
11 |
पन्ना |
पवई |
1,895 |
1,895 |
स्रोत: राष्ट्रीय कृषि बाजार
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