- पत्तियों पर पीले रंग के धब्बे बन जाते है जो भूरे रंग से परिवर्तित होकर काले रंग के हो जाते है।
- ये धब्बे किनारों से शुरू होते है जो बाद में संकेन्द्रीय रूप धारण कर लेते है।
- अत्यधिक ग्रसित लताओं के अन्दर चारकोलनुमा पावडर जमा हो जाता है।
- बीमारी की रोकथाम करने हेतु खेतों की सफाई करें एवं फसल चक्र अपनाएँ।
- फफूंदनाशक 10 दिनों के अंतराल से मेंकोजेब 75 % डब्ल्यू पी @ 400 ग्राम प्रति एकड़ या हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी @ 300 मिली / एकड़ का स्प्रे करे |
- क्लोरोथालोनिल 75 डब्ल्यू पी @ 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से घोल बनाकर भी छिड़काव किया जा सकता है।
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