- इस बीमारी में पोधे की जड़ो को छोड़कर सभी भागो में संक्रमण हो जाता है|
- प्रारम्भिक लक्षण पोधे की पत्ती के किनारों पर पीलापन /हरिम्हीनता दिखाई पड़ती है,और सतह पर जल भरे हुवे धब्बे दिखाई देते है|
- इस रोग से ग्रसित पोधे के तने पर घाव बन जाते हैं जिससे लाल-भूरे, काले रंग का चिपचिपा पदार्थ (गम) निकलता हैं| तने पर भूरे-काले रंग के धब्बे बन जाते जो बाद में जाकर घाव से मिल जाते हैं |
- लौकी के बीजो पर मध्यम-भूरे, काले धब्बे पड़ जाते है|
प्रबंधन:–
- स्वस्थ बीजो का चयन करें |
- रोपाई का निरीक्षण करें एवं संक्रमित पोधौ को उखाड़ कर खेत से बाहर फैंक दें|
- बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत ही क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 350 ग्राम/ एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 25.9% EC @ 200 मिली/ एकड़ का घोल बना कर छिड़काव करें|
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