मंडी |
फसल |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
रतलाम |
आलू |
18 |
24 |
रतलाम |
पपीता |
12 |
15 |
रतलाम |
हरी मिर्च |
18 |
24 |
रतलाम |
नींबू |
140 |
160 |
रतलाम |
कद्दू |
8 |
10 |
रतलाम |
टमाटर |
25 |
35 |
रतलाम |
केला |
22 |
25 |
भोपाल |
तरबूज |
10 |
– |
भोपाल |
खरबूजा |
14 |
15 |
भोपाल |
आम |
80 |
– |
भोपाल |
आम |
60 |
70 |
भोपाल |
अनन्नास |
90 |
100 |
भोपाल |
अनार |
130 |
– |
जयपुर |
अनन्नास |
45 |
48 |
जयपुर |
कटहल |
18 |
– |
जयपुर |
नींबू |
50 |
– |
जयपुर |
आम |
45 |
60 |
जयपुर |
आम |
35 |
– |
जयपुर |
नींबू |
50 |
– |
जयपुर |
नारियल हरा |
36 |
38 |
जयपुर |
अदरक |
30 |
– |
जयपुर |
आलू |
12 |
15 |
जयपुर |
तरबूज |
7 |
– |
जयपुर |
कच्चा आम |
25 |
– |
आगरा |
नींबू |
40 |
– |
आगरा |
कटहल |
15 |
16 |
आगरा |
अदरक |
20 |
– |
आगरा |
अनन्नास |
30 |
– |
आगरा |
तरबूज |
4 |
6 |
आगरा |
आम |
40 |
52 |
पटना |
टमाटर |
50 |
55 |
पटना |
आलू |
10 |
12 |
पटना |
लहसुन |
12 |
– |
पटना |
लहसुन |
28 |
– |
पटना |
लहसुन |
36 |
– |
पटना |
तरबूज |
18 |
– |
पटना |
कटहल |
25 |
– |
पटना |
अंगूर |
65 |
– |
पटना |
खरबूजा |
25 |
– |
पटना |
सेब |
90 |
– |
पटना |
अनार |
100 |
– |
पटना |
हरी मिर्च |
18 |
– |
पटना |
करेला |
20 |
– |
पटना |
खीरा |
10 |
– |
पटना |
कद्दू |
8 |
– |
कानपुर |
प्याज |
7 |
– |
कानपुर |
प्याज |
8 |
– |
कानपुर |
प्याज |
8 |
12 |
कानपुर |
प्याज |
16 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
5 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
25 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
30 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
40 |
– |
भोपाल |
प्याज |
8 |
9 |
भोपाल |
प्याज |
10 |
– |
भोपाल |
प्याज |
12 |
– |
भोपाल |
प्याज |
14 |
15 |
भोपाल |
प्याज |
7 |
– |
भोपाल |
प्याज |
8 |
9 |
भोपाल |
प्याज |
13 |
14 |
भोपाल |
प्याज |
14 |
15 |
भोपाल |
प्याज |
14 |
– |
भोपाल |
प्याज |
16 |
– |
भोपाल |
प्याज |
19 |
20 |
भोपाल |
प्याज |
22 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
25 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
28 |
– |
भोपाल |
लहसुन |
30 |
32 |
भोपाल |
लहसुन |
24 |
27 |
भोपाल |
लहसुन |
30 |
32 |
भोपाल |
लहसुन |
38 |
– |
जयपुर |
प्याज |
11 |
12 |
जयपुर |
प्याज |
13 |
– |
जयपुर |
प्याज |
14 |
– |
जयपुर |
प्याज |
4 |
5 |
जयपुर |
प्याज |
6 |
7 |
जयपुर |
प्याज |
8 |
9 |
जयपुर |
प्याज |
10 |
– |
जयपुर |
लहसुन |
12 |
15 |
जयपुर |
लहसुन |
18 |
22 |
जयपुर |
लहसुन |
25 |
28 |
जयपुर |
लहसुन |
32 |
38 |
जयपुर |
लहसुन |
10 |
12 |
जयपुर |
लहसुन |
15 |
18 |
जयपुर |
लहसुन |
22 |
25 |
जयपुर |
लहसुन |
30 |
32 |
शाजापुर |
प्याज |
2 |
3 |
शाजापुर |
प्याज |
4 |
5 |
शाजापुर |
प्याज |
8 |
9 |
गुवाहाटी |
प्याज |
14 |
15 |
गुवाहाटी |
प्याज |
15 |
17 |
गुवाहाटी |
प्याज |
17 |
18 |
गुवाहाटी |
प्याज |
13 |
14 |
गुवाहाटी |
प्याज |
15 |
16 |
गुवाहाटी |
प्याज |
16 |
18 |
गुवाहाटी |
प्याज |
20 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
13 |
14 |
गुवाहाटी |
प्याज |
16 |
17 |
गुवाहाटी |
प्याज |
17 |
18 |
गुवाहाटी |
प्याज |
22 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
20 |
25 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
35 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
38 |
43 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
43 |
50 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
25 |
30 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
35 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
38 |
45 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
45 |
50 |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
14 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
15 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज |
17 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
52 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
55 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
60 |
– |
कानपुर |
प्याज |
7 |
– |
कानपुर |
प्याज |
8 |
– |
कानपुर |
प्याज |
8 |
12 |
कानपुर |
प्याज |
16 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
5 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
25 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
30 |
– |
कानपुर |
लहसुन |
40 |
– |
पटना |
प्याज |
11 |
12 |
पटना |
प्याज |
13 |
– |
पटना |
प्याज |
14 |
– |
पटना |
लहसुन |
10 |
12 |
पटना |
लहसुन |
15 |
18 |
पटना |
लहसुन |
22 |
25 |
पटना |
लहसुन |
30 |
32 |
आगरा |
प्याज |
6 |
– |
आगरा |
प्याज |
7 |
8 |
आगरा |
प्याज |
8 |
9 |
आगरा |
प्याज |
10 |
11 |
आगरा |
प्याज |
8 |
9 |
आगरा |
प्याज |
9 |
10 |
आगरा |
प्याज |
10 |
11 |
आगरा |
प्याज |
11 |
12 |
आगरा |
प्याज |
5 |
6 |
आगरा |
प्याज |
6 |
7 |
आगरा |
प्याज |
7 |
8 |
आगरा |
प्याज |
8 |
10 |
आगरा |
लहसुन |
13 |
15 |
आगरा |
लहसुन |
21 |
23 |
आगरा |
लहसुन |
24 |
26 |
आगरा |
लहसुन |
28 |
32 |
लखनऊ |
प्याज |
11 |
12 |
लखनऊ |
प्याज |
13 |
– |
लखनऊ |
प्याज |
14 |
– |
लखनऊ |
प्याज |
9 |
10 |
लखनऊ |
प्याज |
11 |
12 |
लखनऊ |
लहसुन |
10 |
15 |
लखनऊ |
लहसुन |
20 |
25 |
लखनऊ |
लहसुन |
30 |
35 |
लखनऊ |
लहसुन |
40 |
45 |
कोलकाता |
आलू |
16 |
– |
कोलकाता |
अदरक |
34 |
– |
कोलकाता |
तरबूज |
16 |
– |
कोलकाता |
अनन्नास |
40 |
50 |
कोलकाता |
सेब |
105 |
115 |
नासिक |
प्याज |
4 |
5 |
नासिक |
प्याज |
5 |
6 |
नासिक |
प्याज |
7 |
9 |
नासिक |
प्याज |
12 |
– |
रतलाम |
प्याज |
3 |
4 |
रतलाम |
प्याज |
4 |
5 |
रतलाम |
प्याज |
5 |
7 |
रतलाम |
लहसुन |
5 |
9 |
रतलाम |
लहसुन |
10 |
18 |
रतलाम |
लहसुन |
21 |
35 |
रतलाम |
लहसुन |
36 |
68 |
गुवाहाटी |
प्याज |
12 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
12 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
18 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज |
22 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
25 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
37 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
42 |
– |
वाराणसी |
प्याज |
6 |
7 |
वाराणसी |
प्याज |
8 |
9 |
वाराणसी |
प्याज |
9 |
10 |
वाराणसी |
प्याज |
8 |
9 |
वाराणसी |
प्याज |
10 |
– |
वाराणसी |
लहसुन |
11 |
– |
वाराणसी |
लहसुन |
8 |
12 |
वाराणसी |
लहसुन |
15 |
25 |
वाराणसी |
लहसुन |
25 |
30 |
वाराणसी |
लहसुन |
30 |
35 |
कोलकाता |
प्याज |
11 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
12 |
– |
कोलकाता |
प्याज |
14 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
30 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
32 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
34 |
– |
दुनिया का सबसे महंगा और दुर्लभ आम, दाम जानकर हो जाएंगे हैरान
भारत में तोतापरी, हाफुस, रत्नागिरी और सिंधुरा जैसे कई बेहतरीन आम की किस्में उगाई जाती हैं, लेकिन शायद ही आपने कभी लाखों में बिकने वाले किसी आम का स्वाद चखा होगा। आज के इस लेख में हम आपको दुनिया के सबसे महंगे और दुर्लभ आम के बारे में बताएंगे। जिसकी खेती के जरिए करोड़ों की कमाई की जा सकती है।
खूबियों से भरा ‘मियाजाकी’
आम की इस खास किस्म का नाम ‘मियाजाकी’ है जो विशेषतौर पर गर्मी और सर्दी के मौसम के बीच जापान में होता है। मियाजाकी दिखने में सुर्ख लाल रंग का होता है। इसका आकार काफी बड़ा होता है। इस आम में कैंसर से बचाने वाले पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
इसके अलावा ये आखोंं और त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं इसके सेवन से कोलेस्ट्रोल की समस्या कम होती है। इसके साथ ही ये हीट स्ट्रोक से बचाने और इम्यूनिटी बूस्ट करने में भी काफी मदद करता है। इन सभी खासियतों के चलते इसके 700 ग्राम के दो आमों की कीमत लगभग ढ़ाई लाख है।
‘मियाजाकी’ का भारत में उत्पादन
यूं तो मियाजाकी जापान में उगाया जाता है, लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में भी इस दुर्लभ किस्म को कई सालों से उगाया जा रहा है। बिहार के पूर्णिया में पूर्व विधायक अजीत सरकार के यहां 25 साल से इस किस्म का पेड़ लगा है। मियाजाकी का पौधा पूर्व विधायक की बेटी को एक विदेशी मेहमान ने उपहार के तौर पर दिया था। जिसके बाद से यह बंपर कमाई के साथ उनके यहां आर्कषण का केंद्र बना हुआ है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश के जबलपुर में भी इसका उत्पादन हो रहा है। यहां के रहने वाले संकल्प परिहार के बगीचे में मियाजाकी के कुछ पेड़ लगे हुए हैं। इसके पौधे उन्होंने चेन्नई जाते समय एक व्यक्ति से अनजाने में खरीदे थे। हालांकि इसकी जानकारी होने के बाद संकल्प ने इसके कई और पौधे लगाए, जिसके जरिए वह लाखों का उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं।
स्रोत: कृषि समाधान
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किसानों के खातों में पहुंचे 2000 रूपए, इस योजना का मिला लाभ
देश के किसानों को सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ चलाई जा रही है। इस योजना के जरिए खेती के लिए देशभर के किसान परिवारों को सालाना 6000 रूपए तीन किस्तों में दिए जाते हैं। इसके माध्यम से किसान भाईयों को काफी मदद मिली है।
इसी योजना के तर्ज पर मध्यप्रदेश सरकार भी अपने राज्य के किसानों के लिए ‘मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना’ चला रही है। इसके तहत किसान परिवारों को 4000 रूपए सलाना दो किस्तों में दिए जाते हैं। इसके चलते दोनों योजनाओं की मदद से राज्य के किसानों एक साथ 10 हजार रूपए प्रति वर्ष प्राप्त होती है।
इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार 18 मई के दिन राज्य के किसानों को योजना की किस्त जारी कर दी है। इसके माध्यम से 82 लाख 38 हजार किसान परिवारों को 1783 करोड़ रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गई है। जहां हर एक किसान के बैंक खाते में 2000 रूपए की राशि जारी की गई है। बाकी बचे किसानों को भी 31 अगस्त तक सरकार द्वारा यह सहायता राशि पहुंचा दी जाएगी।
स्रोत: किसान समाधान
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गर्मियों में आसान है खेतों से खरपतवारों के बीजों को नष्ट करना
👉🏻किसान भाइयों, गर्मियों में फसल ना लगी होने के कारण खेत खाली रहते है। यह समय खेत को खरपतवार से मुक्त करने का सही समय रहता है।
👉🏻इसके लिए गहरी जुताई करके खेत को समतल करें।
👉🏻जब गर्मियो में खेत में गहरी जुताई की जाती है तो तेज़ धुप होने के कारण खरपतवार के बीज़ जो मिट्टी में दबे रहते है वह नष्ट हो जाते है।
👉🏻इसके अलावा खाली खेत में स्पीड कम्पोस्ट (डीकम्पोज़र) का उपयोग करके खरपतवार के बीजों को नष्ट किया जा सकता है।
👉🏻इस प्रकार अगली फसल को खरपतवार से मुक्त रख कर उगाया जा सकता है।
Shareमहत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।
आधे से ज्यादा हिंदुस्तान में प्री मॉनसूनी वर्षा के आसार
पहाड़ों से लेकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तर और पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी भारत, उत्तर पूर्वी भारत तथा दक्षिण भारत में प्री मॉनसून बारिश होने के आसार हैं। दक्षिण भारत में जारी बारिश अब कम हो जायेगी परंतु मौसम शुष्क नहीं होगा। राजस्थान और मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों सहित उत्तरी महाराष्ट्र और गुजरात में कोई भी मौसमी गतिविधि नहीं होगी तथा मौसम गर्म और शुष्क रहेगा।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
Shareमौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।
बकरी पालन व्यवसाय में ये 5 मोबाइल ऐप पहुंचाएंगे फायदा
पशुपालन किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाला व्यवसाय है। इसमें बकरी पालन सबसे लाभदायक कारोबार है। बकरी के दूध और मांस की बाजार में भी बहुत मांग है। वहीं अगर वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन किया जाए तो बढ़िया कमाई की जा सकती है।
हालांकि इस बारे में जानकारी न होने की वजह से पशुपालक उतना मुनाफा नहीं कमा पाते हैं। ऐसे में 5 मोबाइल ऐप हैं, जो घर बैठे आपको बकरी पालन के लिए प्रशिक्षित करेंगे। इन मोबाइल एप्लिकेशन की खास बात यह है कि इन्हें केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान की ओर से विकसित किया गया है।
बकरीमित्र मोबाइल ऐप
इस ऐप की मदद से बकरी पालन के जरूरी पहलुओं जैसे नस्ल पोषण, स्वास्थ्य, प्रजनन और आवास के साथ सामान्य प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाती है।
गोट ब्रीड मोबाइल ऐप
केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित इस ऐप में बकरियों के नस्लों के बारे में जानकारी दी गई है। यह मोबाइल एप्लिकेशन हिंदी और अंग्रेजी भाषा उपलब्ध है।
गोट फार्मिंग
यह ऐप हिंदी, तमिल, कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। इस ऐप से पशुपालक बकरी की नस्लों के अनुसार पोषण और स्वास्थ्य प्रबंधन समेत बकरी के मांस और दूध उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
गोट प्रोडक्ट्स
इस मोबाइल ऐप के द्वारा बकरी के मांस और दूध से बनें विभिन्न मूल्य वर्धित उत्पाद और उनसे मिलने वाली पोषण संबंधी जानकारी दी जाती है। यह ऐप भी कई भाषाओं में उपलब्ध है।
बकरी गर्भाधान सेतू
यह मोबाइल ऐप में बकरियों के गर्भाधान की जानकारी देता है। इसके अलावा इस ऐप की मदद से कृत्रिम गर्भाधान की तकनीक से लेकर उसके फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
अगर आप बकरी पालन व्यवसाय करने की सोच रहे हैं तो ये मोबाइल ऐप आपके लिए काफी मददगार साबित होंगे।
स्रोत: टीवी 9
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अगले हफ्ते किन फसलों के भाव में आएगी तेजी, देखें विशेषज्ञ समीक्षा
वीडियो के माध्यम से जानें आने वाले दिनों में किस फसल के भाव में आ सकती है तेजी।
वीडियो स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी
Shareअब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।
महिलाओं को ई-रिक्शा पर मिल रहा एक लाख का अनुदान
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के लोगों के लिए कई महत्वकांक्षी योजनाओं का ऐलान किया है। इसके तहत सरकार अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से लोगों को आर्थिक रूप से मदद प्रदान करेगी। इन योजना को विशेषतौर पर महिलाओं, बुजर्गों और दिव्यांग जनों के लिए शुरू किया गया है
इनमें से एक खास योजना महिलाओं को लिए चलाई जा रही है। इसके तहत महिलाओं को ई-रिक्शा पर 1 लाख रूपए का अनुदान दिया जाएगा। इससे पहले यह अनुदान राशि 50 हजार रूपए थी, जिसे बढ़ाकर अब 1 लाख रूपए कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि इस योजना की मदद से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा और वे अपनी आजीविका के लिए दूसरे पर निर्भर नहीं रहेंगी।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने श्रमिक सियान योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य बुजुर्गों को सहायता राशि प्रदान करना है। जहां इस योजना के तहत 50 साल से अधिक पंजीकृत श्रमिक को एकमुश्त 10 हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
हालांकि ई-रिक्शा सहायता प्राप्त करने के लिए माता या पिता में से किसी का न्यूनतम एक साल का पंजीकरण होना जरूरी है। वहीं सियान सहायता के लिए न्यूनतम पांच साल पुराना पंजीकरण होना चाहिए। इसके अलावा राज्य सरकार ने मितान योजना की भी शुरुआत की है। बता दें कि मितान का अर्थ दोस्त होता है। इसके ही अनुरूप इस योजना के माध्यम से बुजुर्गों, विकलांगों व निरिक्षकों को 100 प्रकार की घर बैठे सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्रोत: नई दुनिया
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