- प्रारंभिक अवस्था में पौधा अस्थाई रुप से मुरझा जाता है किंतु बीमारी का प्रभाव बढ़ जाने पर पौधा स्थाई रुप से मुरझाकर सूख जाता है ।
- ग्रसित पौधों की पत्तियाँ पीली हो जाती है ।
- ग्रसित पौधों के तने को काटने पर आधार गहरे भूरे रंग का दिखाई देता है ।
- भिण्डी को लगातार एक ही खेत में नहीं उगाना चाहिए ।
- फसल चक्र अपनाना चाहिए ।
- थायोफनेट मिथाइल 70% WP @ 200-300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- हेक्साकोनाजोल 5% ईसी @ 250-400 मिली/एकड़ का उपयोग भी इस बीमारी की रोकथाम के लिए किया जा सकता हैं ।
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