Management of mosaic virus in bottle gourd

  • पौधे पूर्ण रूप से सुख जाते हैं| पत्तियों पर पीले धब्बे मोज़ेक जैसे बन जाते हैं|
  • पौधे की पत्तियां नीचे की तरफ मुड़ी हुई रहती हैं और पत्ती का आकार सामान्य से छोटा होता हैं।
  • फल का आकार बदल जाता हैं और आकार में छोटे होते हैं। यह रोग एफिड द्वारा फेलता हैं।

 प्रबंधन –

  • खरपतवार और रोगी पौधों को खेतों से हटाने से संक्रमण की संभावना कम हो सकती हैं|
  • रोग प्रतिरोध किस्मो का उपयोग करके कुछ किसान वायरस फैलने पर नियंत्रण करते हैं।
  • इमिडाक्लोप्रिड (17.8% SL) @ 100-120 मिली प्रति एकड़ अथवा एसीफट (75% SP ) @ 140- 200 ग्राम प्रति एकड़ का उपयोग करके रोग फैलाने वाले कीट का नियंत्रण करे।

 

Share

Collar rot control in bottle gourd

  • तने के आधार पर गहरे भूरे हरे रंग के जल युक्त धब्बों का निर्माण हो जाता है। अंततः संपूर्ण पौधा सड़ कर मर जाता है ।
  • इस बीमारी के संक्रमण अवस्था पर सफेद रंग के धागेनुमा तंतुओं का विकास हो जाता है।
  • ग्रसित पौधे आसानी से तने के आधार वाले भाग से भूमि से उखड़ जाते है, किन्तु पौधे का जड़ वाला भाग भूमि के अंदर ही रह जाता है।
  • बीजों को बुवाई के पूर्व कार्बेन्डाजिम @ 2.5 ग्राम प्रति कि. ग्राम बीज की दर से उपचारित करे।
  • बीजों की बुवाई ऊपरी क्यारियों वाली सतह पर करनी चाहिये।
  • जड़ों के पास मेंकोजेब 63% + कार्बेन्डाजिम 12% WP @  400 ग्राम / एकड़ या थायोफनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम / एकड़ फफूँदनाशक का ड्रेंचिंग करे।
  • खेत में पहले से लगी हुई फसल के अवशेष को भूमि गहराई में दबा देना चाहिये।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Fertilizer dose in bitter gourd

  • उर्वरक का प्रयोग मिट्टी की उर्वरता, जलवायु और रोपण के मौसम पर निर्भर करती है।
  • भूमि की तैयारी के समय गोबर की खाद / कम्पोस्ट @ 6-8 टन / एकड़ की दर से डालें और मिट्टी में अच्छी तरह से  मिलाएँ।
  • यूरिया 30-40 किलो, डीएपी 35-50 किलो,और एमओपी 20-40 किलो/एकड़ प्रयोग करे।
  • रोपण से पहले आधा यूरिया और डीएपी संपूर्ण और एमओपी प्रयोग किया जाना चाहिए। बाकी आधा यूरिया को बुआई के 15 दिन बाद और 30 दिन बाद दो बार में दें।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Flower promotion nutrients in snake gourd

  • ककड़ी में फूल वाली अवस्था बहुत ही महत्वपूर्ण होती है|
  • बुवाई के 40-45 दिनों बाद ककड़ी की फसल में फूल वाली अवस्था प्रारम्भ होती है|
  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा ककड़ी की फसल में फूलों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है|
  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्लू/डब्लू 100-120 मिली./एकड़ का स्प्रे करें|
  • समुद्री शैवाल का सत् 180-200 मिली. /एकड़ का उपयोग करें|
  • सूक्ष्म पोषक तत्त्व 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें|
  • 2 ग्राम /एकड़ जिब्रेलिक एसिड का स्प्रे भी कर सकते है|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें

Share

Control of anthracnose in bottle gourd

  • खेतों को साफ रखे एवं उचित फसल चक्र अपनाकर बीमारी के फैलने से रोकना चाहिये।
  • बीजों को कार्बेन्डाजिम 50% WP फफूदनाशक के द्वारा 2.5 ग्राम की दर से उपचारित करें।
  • 10 दिनों के अंतराल से मेंकोजेब 75%डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम प्रति एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Advantage of Phosphorus Solubilizing bacteria in bitter gourd

  • ये जीवाणु फास्फोरस के साथ साथ मैंगनीज, मैगनेशियम, आयरन, मॉलिब्डेनम, जिंक और कॉपर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को भी पौधे में उपलब्ध करवाने में सहायक होते है|
  • तेजी से जड़ों का विकास करने में सहायक होता है जिससे पानी और पोषक तत्व आसानी से पौधों को प्राप्त होते है |
  • पीएसबी कुछ खास जैविक अम्ल बनाते है जैसे मैलिक, सक्सेनिक, फ्यूमरिक, साइट्रिक, टार्टरिक एसिड और एसिटिक एसिड ये अम्ल फॉस्फोरस उपलब्धता बढ़ाते है|
  • रोगों और सूखा के प्रति प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाता है|
  • इसका उपयोग करने से  25 -30% फॉस्फेटिक उर्वरक की आवश्यकता कम होती ।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Control of Aphids on Bitter Gourd

  • ग्रसित भाग पीले होकर सिकुड़कर मुड जाते है अत्यधिक आक्रमण की अवस्था में पत्तियाँ सुख जाती है व धीरे-धीरे पौधा सुख जाता है|
  • माहू का प्रकोप दिखाई देने पर डायमिथोएट 30 मिली. प्रति पम्प या इमीड़ाक्लोरप्रीड 17.8% SL 10 मिली. प्रति पम्प का स्प्रे पंद्रह दिन के अंतराल से करें|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Fertilizers dose of Bottle gourd

  • खाद और उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करता है।
  • खेत की तैयारी करते समय 11 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में मिलाना चाहिये ।
  • अंतिम जुताई के समय 30 कि. ग्राम यूरिया, 80 कि.ग्राम सिगल सुपर फास्फेट एवं 30 कि.ग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर से खेत में मिलाये ।
  • शेष बचे हुये 60 कि.ग्राम यूरिया की मात्रा को खेत में दो से तीन बार में बराबर भागों में बाँट कर डाले ।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Importance of Zinc solubilizing bacteria

ज़िंक घुलनशील बेक्टेरिया प्राकृतिक उपलब्ध लाभकारी बेक्टेरिया हैं जो जमीन में मौजूद अकार्बनिक ज़िंक को कार्बनिक एसीड के जरिये घुलनशील और उपलब्ध रूप में बदलते हैं जिससे पौधों की वृध्दि में मदद मिलती हैं|

  • इसका उपयोग ज़िंक की कमी के कारण होनी वाले रोगों जैसे:- धान का खैरा रोग में और कुछ अन्य फसलों जैसे टमाटर, प्याज, गेहु, भिन्डी आदि में विशेष रूप किया जाता हैं|
  • इससे फसल की उपज एवं गुणवत्ता बढ़ती हैं|
  • हार्मोन्स गतिविधियों को बढ़ाता हैं|
  • पौध एवं जड़ों की वृध्दि को बढ़ाता हैं |
  • प्रकाश संश्लेषण को बढ़ाता हैं |
  • मिट्टी में बेक्टेरिया होने से मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाती हैं|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Control of Leaf Hopper and Jassid in Snake gourd

  • शिशु एवं वयस्क दोनों पत्तियों एवं लताओं का रस चूसते है, जिसके कारण पत्तियों एवं लतायों पर भूरे रंग के जले हुये धब्बे बन जाते है ।
  • प्रारंभिक अवस्था में पत्तियों के किनारे पीले रंग के हो जाते है बाद में पत्तियाँ सूख जाती है। फलों का आकार एवं गुणवत्ता दोनो में कमी हो जाती है।
  • बुआई के समय कार्बोफुरोन 3 जी @ 10 किलो प्रति एकड़ जमीन में मिलाये|
  • जेसिड की रोकथाम हेतु जेसिड दिखाई देने पर हर 15 दिन में प्रोफेनोफॉस 50 % ईसी @ 400 मिली प्रति एकड़ या एसीटामाप्रीड 20% @ 80 ग्राम प्रति एकड़ का स्प्रे करें |
  • जैसिड से बचाव के लिए नीम- लहसुन का सत जैसिड आने से पहले हर 15 दिन में करें|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share