False wireworm (Gonocephalum) damage symptoms in soybean

  • वयस्क कीट नए अंकुर के पत्तों को, या बढ़ती हुई नोक को, या जमीन के स्तर के पास तने को ‘रिंग बार्किंग’ करके खा जाती हैं जिसकी वजह से उभरते हुए अंकुर नष्ट हो जाते हैं। 
  • इसके वयस्क मिट्टी की सतह पर सक्रिय होते हैं | यह अनाज वाली फसलों की तुलना में दलहनी फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। 
  • यह कीट सोयबीन की फल्लियो में नवविकसित दानो को खाता हैं तथा फलियों को काट कर गिरा देता हैं | 

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Paddy Blast Symptoms

  • धान का यह रोग अधिक नुकसान पहुंचाने वाला रोग हैं |
  • लीफ ब्लास्ट रोग धान की फसल को किसी भी अवस्था में संक्रमित कर सकता हैं |
  • संक्रमण की गंभीर अवस्था में यह रोग पत्ती के सतही भाग को कम कर देता हैं जिससे दाने कम भरते हैं परिणामस्वरूप उपज कम होती हैं |
  • शुरवाती लक्षण के रूप में सफेद से धूसर हरे रंग के धब्बे पत्तियों पर दीखते हैं जिसके किनारे गहरे हरे रंग के होते हैं | 
  • पुराने धब्बे अण्डाकार या धुरी के आकार के जिसका केंद्र सफ़ेद से धूसर रंग का तथा लाल से भूरे रंग की परिगलित किनारे होते हैं | 

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How to Control Downy Mildew in Cauliflower

  • उचित जल प्रबंधन करे ताकि मिट्टी की सतह पर अतिरिक्त नमी न रहे |
  • साफ़ (कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% WP) @ 300-400 ग्राम/एकड़ या 
  • रीडोमिल गोल्ड (मेटलैक्सिल-एम 4% + मैनकोजेब 64% WP) @ 300-400 ग्राम/एकड़
  • अमीस्टार (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23% एससी)@ 200 मिली/एकड़ | 
  • नेटिवो (टेबुकोनाज़ोल 50% + ट्राइफ्लोक्सिरोबिन 25% WG) @ 120 ग्राम/एकड़ का छिड़काव किया जा सकता है।
  • फसल चक्र अपनाये एवं खेत में साफ़ सफाई रखे।

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What’re the Symptoms of Downy Mildew in Cauliflower

  • तनो पर भूरे दबे हुए धब्बे दिखाई देते हैं जिन पर फफूदी की सफेद मृदुरोमिल वृद्वि होती है।
  • पत्तियों की निचली सतह पर बैगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है जिनमे भी मृदुरोमिल फफूदी की वृद्वि होती है।
  • इस रोग के प्रभाव से फूलगोभी का शीर्ष संक्रमित होकर सड़ जाता है।

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Management of Fruit borer in chilli

  • वयस्क कीट के नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप @ 3-4/एकड़ का उपयोग करें |
  • पहला स्प्रे प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 300 मिली/एकड़ + क्लोरोपायरीफॉस 20% ईसी @ 500  मिली/एकड़ |
  • दूसरा स्प्रे प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 300  मिली/एकड़ + इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80 -100 ग्राम/एकड़ या प्रोफेनोफॉस 300 मिली/एकड़ + फ्लुनिकामिड़ @100 ग्राम/एकड़ | 
  • तीसरा स्प्रे इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80 -100 ग्राम/एकड़ + फेन्प्रोप्रेथ्रिन 10% ईसी @ 250-300 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80-100 ग्राम/एकड़ + डेल्टामेथ्रिन @ 150 मिली/एकड़ |  
  • चौथा स्प्रे क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 9.3% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 4.6% जे सी@100 मिली/एकड़ या थायोडिकार्ब 75% डब्ल्यूपी @ 250 ग्राम/एकड़।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 1 लीटर या किलो/एकड़ की दर से स्प्रे करे 

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Symptoms of damage “Chilli Fruit Borer”

  • मिर्ची के फल के आधार पर एक गोलाकार छेद पाया जाता हैं हुर फल और फूल परिपक्व होने से पहले ही गिर जाते हैं | 
  • सामन्यतः इल्ली की लार्वा फलो के अंदर ही विकसित होती हैं | 
  • इल्ली की छोटी अवस्था में वह फलो पर एक छेद बनाकर नए विकसित फल को खाती हैं तथा जब फल परिपक्व हो जाते हैं तब यह बीजो को खाना पसंद करती हैं इस दौरान इल्ली अपने सर की फल के अंदर रख कर बीजो को खाती हैं एवं इल्ली का बाकी शरीर फल के बाहर रहता हैं | 

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Management of Purple Blotch in Onion

  • रोग रहित स्वस्थ बीजो का चयन किया जाना चाहिए | 
  • अन्य बिना कंद वाली फसलों के साथ 2-3 साल का फसल चक्र का अपनाना चाहिए। 
  • फफुदीनाशक का छिड़काव, जैसे मैन्कोज़ेब 75% डब्लू पी @ 800 ग्राम/एकड़ या 
  • हेक्साकोनोजोल 5% एससी @ 400 मिली/एकड़ या 
  • प्रोपिकोनाज़ोल 25% ईसी @ 200 मिली/एकड़ का पहला स्प्रे 30 दिन से 10-15 दिनों के अंतराल पर रोपण के बाद या जैसे ही बीमारी दिखाई देती है करना चाहिए |

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Purple Blotch in Onion

  • रोग पुरानी पत्तियों के सिरे से शुरू होता है | शुरुआत में छोटे, अंडाकार धब्बे जो आगे चल कर बैगनी भूरे हो जाते हैं तथा इन धब्बो के किनारे पीले रंग के होते हैं | 
  • इस रोग के लिए अनुकूल वातावरण तब बनता हैं जब मौसम गर्म एवं आर्द्ध तथा तापमान 21 oC  से 30 oC तक और सापेक्ष आर्द्धता(80-90 %) तक होती हैं |  
  • पत्तियो और तना क्षतिग्रस्त हो होकर पौधा मुरझा कर झुक कर गिर जाता हैं। 
  • संक्रमित पौधो से कंद का विकास नही होता हैं। 

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Fertigation for good quality fruit of chilli at the time of 45-80 days after transplanting

  • फास्फोरस घोलक जीवाणु तथा पोटास वाहक जीवाणु @ 250 मिली एकड़ |
  • 13:00:45 – 1 किलो प्रति दिन प्रति एकड़।
  • 00:52:34 – 1.2 किलोग्राम प्रति दिन प्रति एकड़।
  • यूरिया – 500 ग्राम प्रति दिन प्रति एकड़।
  • सल्फर 90% डब्ल्यूडीजी – 200 ग्राम प्रति दिन प्रति एकड़।
  • कैल्शियम – 5 किलो प्रति दिन प्रति एकड़ (केवल एक बार)

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Tomato Fertigation for good flowering

  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा टमाटर की फसल में फूलों की संख्या को बढ़ाया जा सकता हैंं |
  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्लू/डब्लू 100-120 मिली/एकड़ का स्प्रे करें |
  • समुद्री शैवाल का सत् 180-200 मिली/एकड़ का उपयोग करें |
  • सूक्ष्म पोषक तत्त्व 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें |

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