- किसान का आई डी कार्ड
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- बैंक खाता
- किसान का एड्रेस प्रूफ (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस ,पासपोट, वोटर ID कार्ड )
- अगर खेत किराये पर लेकर खेती की गयी है तो खेत के मालिक के साथ इकरार की फोटो कॉपी
- खेत का खाता नंबर /खसरा नंबर के पेपर
- आवेदक का फोटो
- किसान द्वारा फसल की बुवाई शुरू किए हुए दिन की तारीख
गन्ने की फसल में मिलीबग कीट का नियंत्रण
- अतिरिक्त पानी को खेत से बाहर निकाले |
- प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग करें: CO 439, CO 443, CO 720, CO 730 और CO 7704
- थायमेथोक्साम 25 % WP @ 100 ग्राम एकड़ का छिड़काव करें।
- थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC @ + बेवेरिया बेसियाना 500 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें।
गन्ने की फसल में मिलीबग कीट की पहचान
- यह हल्का गुलाबी रंग का कीट जो मोम जैसे सफ़ेद पदार्थ से ढका रहता है |
- प्रभावित पौधे के तने तथा पत्तियो की आतंरिक सतह पर सैकड़ो की संख्या में पाए जाते है |
- प्रभावित पौधे के ऊपर शहद जैसा चिपचिपा पदार्थ दिखाई देता है जिसकी वजह से तना काले रंग का दिखाई देता है|
- गंभीर प्रकोप के समय पौधे की पत्ती पीले रंग की दिखाई देती है इसके साथ ही तना पतला हो जाता है तथा रस की गुणवत्ता में कमी आ जाती है |
सरसो की फसल में आरा मक्खी का रासायनिक नियंत्रण
- प्रोफेनोफोस (सेलेक्रोन / कैरिना) @ 500 मिली / एकड़
- थियामेथोक्साम 12.6% + लैंबडा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC (बेलेफ़ / एलिका) @ 80 ग्राम / एकड़
- इमिडाक्लोप्रिड 30.5% एससी (मीडिया सुपर) @ 100 ग्राम / एकड़
सरसो की फसल में आरा मक्खी की पहचान
- यह एक महत्वपूर्ण कीट हैं जो की सरसो की फसल को क्षति पहुँचता हैं
- व्यस्क कीट का रंग नारंगी तथा उसके सर का रंग काला होता हैं |
- सरसो का यह कीट पत्तियों को खाता हैं |
- सरसों का यह कीट कभी-कभी पत्ती के पूरे हरे भाग को खा जाता हैं एवं केवल शिराये बचती हैं|
- यह कीट समान्यतः अक्टूबर तथा नवम्बर महीने में दिखाई देता हैं |
- अधिक ठण्ड में ये कीट नहीं दिखते |
गेहूँ की फसल में श्यामवर्ण रोग की रोकथाम
- रोग रहित प्रमाणित बीजों का उपयोग करें।
- रोग ग्रसित पौधों को निकाल कर नष्ट करें।
- बीज को कार्बोक्सिन 37.5 + थायरम 37.5 @ 2.5 ग्राम / किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें|
- कासुगामाईसिन 5% +कॉपर ऑक्सीक्लोरिड 45% डब्लू.पी. 320 ग्राम/एकड़ या
- थायोफेनेट मिथाइल 300 70% Wp मिली /एकड़ का छिड़काव करें|
गेंहू में ब्लास्ट रोग की पहचान
- प्रभावित पौधे की पत्ती के ऊपर हल्के हरे से भूरे रंग के केंद्रों वाले आँख के आकार के धब्बे दिखाई देते है |
- रोग की शुरुआती अवस्था में प्रभावीत बाली का भाग रंगहीन दिखाई देता है |
- रोग की गंभीर अवस्था में सम्पूर्ण बाली तथा तना रंगहीन व सूखा हुआ दिखाई देता है|
मटर की फसल में श्यामवर्ण रोग की रोकथाम
- रोग रहित प्रमाणित बीजों का उपयोग करें।
- रोग ग्रसित खेत में कम से कम दो वर्ष तक मटर न उगाये।
- रोग ग्रसित पौधों को निकाल कर नष्ट करें।
- बीज को कार्बोक्सिन 37.5 + थायरम 37.5 @ 2.5 ग्राम / किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें|
- कासुगामाईसिन 5% +कॉपर ऑक्सीक्लोरिड 45% डब्लू.पी. 320 ग्राम/एकड़ या
- कीटाजिन 48.0 w/w 400 मिली /एकड़ का छिड़काव करें|
मटर की फसल में श्याम-वर्ण रोग की रोकथाम
- मटर की पत्तियाँ, तने व फलियाँ इस रोग के संक्रमण से प्रभावित होती हैं।
- छोटे-छोटे लाल-भूरे रंग के धब्बे फलियों पर बनते है व शीघ्रता से बढ़ते हैं |
- आर्द्र मौसम में इन धब्बों पर गुलाबी रंग के जीवणु पनपते हैं।
- गंभीर संक्रमण के दौरान पत्ती की निचली सतह पर शिरा के मध्य का भाग काले रंग का दिखाई देता है|
गेहूँ में कण्डुआ रोग का प्रबंधन
- यह रोग फफूंद से होता है |
- इसके लक्षण 10-14 दिनों में दिखने लग जाते है
- यह फफूंद पत्तियों के ऊपरी सतह से शुरू होकर तनों पर लाल-नारंगी रंग के धब्बे बनता है | यह धब्बे 1.5 एम.एम.के अंडाकार आकृति के होते है|
- यह रोग 15 -20°से.ग्रे. तापमान पर फैलता है
- इसके बीजाणु विभिन्न माध्यमों जैसे- हवा, बरसात और सिंचाई के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पहुँचते है |
नियंत्रण-
- फसल चक्र अपनाना चाहिए|
- रोग प्रति-रोधी किस्मों की बुवाई करें |
- बीज या उर्वरक उपचार बुवाई के चार सप्ताह तक कण्डुआ को नियंत्रित कर सकता है और उसके बाद इसे दबा सकते है।
- एक ही सक्रिय घटक वाले कवकनाशी का बार-बार उपयोग नहीं करें।
- कासुगामाईसिन 5% +कॉपर ऑक्सीक्लोरिड 45% डब्लू.पी. 320 ग्राम/एकड़ या प्रोपिकोनाज़ोल 25% ई.सी. 240 मिली /एकड़ का छिड़काव करें|
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