कई राज्यों में प्री मानसून वर्षा जारी रहने की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सरकुलेशन बन सकता है परंतु समुद्री सतह के तापमान कम होने के कारण डिप्रेशन या तूफान बनने की संभावना नहीं है। तमिलनाडु केरल कर्नाटक सहित पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की संभावना है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छिटपुट वर्षा संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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खेत की तारबंदी के लिए सरकार देगी 40 हजार का अनुदान

Government will give a grant of 40 thousand for the fencing of the farm

फसल की सुरक्षा किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है। आवारा और जंगली पशुओं से फसल को बचाने के लिए किसानों को हर वक्त खेत की निगरानी करनी पड़ती है, जो कि मुश्किल और जोखिम भरा काम है। इससे बचने का एकमात्र उपाय तारबंदी है, हालांकि सभी किसान इसका खर्चा नहीं उठा सकते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार अपने प्रदेश के किसानों को तारबंदी के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इसकी मदद से किसान कुल लागत का 50% खर्च कर अपने खेतों में तारबंदी कर सकते हैं।

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022-23 के बजट में ‘राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन’ के तहत तारबंदी के लिए सब्सिडी देने की घोषणा की है। इसके अनुसार सरकार द्वारा तारबंदी के लिए प्रति किसान को 400 रनिंग मीटर पर 40 हजार का अधिकतम अनुदान दिया जाएगा। वहीं इस योजना के तहत अगले 2 सालों में 35 हजार से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे।

इतना ही नहीं राज्य सरकार ने राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन योजना में कई बदलाव भी किए हैं। इसके अनुसार 3 किसानों को एक यूनिट मानने की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। अब से अकेला किसान ही इसका लाभ प्राप्त कर सकेगा। वहीं न्यूनतम क्षेत्रफल सीमा को घटाकर 1.5 हेक्टेयर कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का फायदा उठा सकें।

स्रोत: किसान समाधान

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मूंग के किसानों को होगा फायदा, मध्य प्रदेश सरकार का ऐलान

मूंग के किसानों के लिए सरकार का खास प्लान

मध्यप्रदेश सरकार ने मूंग के किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए एक खास ऐलान किया है। इसके तहत अब राज्य के हरदा और नर्मदापुरम जिले के किसानों को मूंग में सिंचाई के लिए पानी की किल्लत नहीं होगी। इस बार ग्रीष्मऋतु में किसानों को मूंग की खेती के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। इसके लिए सरकार ने तवा डेम से नहरों में पानी छोड़ने की व्यवस्था की है। जिन नहरों से यह पानी खेतों तक पहुंचाया जाएगा।

राज्य के जल संसाधन मंत्री ने 25 मार्च से तवा डैम से पानी छोड़े जाने की घोषणा की है। सरकार के अनुसार डैम में 782 एमसीएम पानी उपलब्ध है। जिसके चलते मूंग की फसल के लिए पर्याप्त पानी पहुंचाया जा सकेगा। यह पानी मूंग के खेतों में 60 दिनों तक दो किस्तों में दिया जाएगा, ताकि फसल को पर्याप्त पानी मिल सके। सरकार का मानना है कि तवा डेम की वजह से किसानों को मूंग की खेती में इस बार भरपूर फायदा होगा। जिससे मूंग किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

आकड़ों के अनुसार पिछली साल पानी की कमी की वजह से मूंग की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। वहीं इस बार तवा डैम में पानी की उपलब्धता को देखते हुए राज्य सरकार ने नहरों में पानी छोड़ने का फैसला लिया है। इसके तहत दो दिवसीय उत्सव मना कर तवा डेम के माध्यम से नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। जिसमें हरदा एवं होशंगाबाद के लिए 40-40 हजार हेक्टेयर में पानी दिया जाएगा। जिसके बाद बांध में बचा हुआ पानी दूसरे कामों में उपयोग लाया जाएगा।

स्रोत: भास्कर

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क्या चल रहे हैं टमाटर भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

Tomato mandi rates

मध्य प्रदेश की सेंधवा, खरगौन, मंदसौर, सांवेर, पंधना, देवास, धार, राजगढ़, जबलपुर जैसी प्रमुख मंडियों में कल तक क्या रहे टमाटर भाव? देखें पूरी लिस्ट।

मंडी

भाव प्रति क्विंटल

सेंधवा

700 रूपये

खरगौन

800 रूपये

मंदसौर

780 रूपये

सांवेर

900 रूपये

पंधना

700 रूपये

देवास

900 रूपये

धार

1650 रूपये

राजगढ़

700 रूपये

जबलपुर

1100 रूपये

स्रोत: कृषि सहारा

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इंदौर मंडी में 26 मार्च को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 26 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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इंदौर मंडी में 26 मार्च को लहसुन के भाव क्या रहे?

Mandsaur garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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अब झटपट होगी गेहूँ की पूरी कटाई, ट्रैक्टर रिपर मशीन बनेगी मददगार

tractor ripper machine will be helpful in harvesting of wheat

बिना मजदूर रखे हो जायेगी गेहूँ की पूरी कटाई। ट्रेक्टर रिपर मशीन से कटाई की प्रक्रिया हो जायेगी आसान। देखें वीडियो।

स्रोत: यूट्यूब

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करेले की फसल में वायरस का प्रकोप एवं नियंत्रण के उपाय

Virus outbreak in bitter gourd crop
  • किसान भाइयों अधिक गर्मी एवं मौसम परिवर्तन के कारण करेले की फसल में वायरस फैलने की सम्भावना बढ़ जाती है।

  • करेले की फसल पर मुख्यतः मोज़ेक वायरस का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है। 

  • इस वायरस का वाहक सफेद मक्खी है। 

  • यह पत्तियों से रस चूस कर एक पौधे से दूसरे पौधे को संक्रमित करती है। 

  • इस रोग के लक्षण पौधे की सभी अवस्थाओं में देखे जाते हैं। इसके कारण पत्तियों की शिरायें पीली पड़ जाती हैं एवं पत्तियों पर जाल जैसी संरचना बन जाती है।

  • इससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है। फल पीले, छोटे एवं असामान्य आकार के बनते हैं।

  • रासायनिक प्रबधन: इस के निवारण के लिए नोवासीटा (एसिटामिप्रीड 20% एसपी) @ 100 ग्राम या पेजर (डायफैनथीयुरॉन 50% डब्ल्यूपी) @ 250 ग्राम या प्रुडेंस (पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% ईसी) @ 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • जैविक प्रबधन: जैविक उपचार के रूप में बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें। 

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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पूर्वोत्तर व दक्षिण भारत में होगी प्री मानसून वर्षा, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र एक बार फिर दक्षिण पश्चिमी राजस्थान के ऊपर पहुंच रहा है जिससे हवाएं बलूचिस्तान और राजस्थान के थार मरुस्थल से होते हुए आएंगी तथा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र सहित तेलंगाना में गर्मी बढ़ाएंगी। तमिलनाडु के आंतरिक जिलों सहित केरल और कर्नाटक के कई जिलों में बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश के आसार हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बकरी पालन व्यवसाय पर भारी सब्सिडी, जल्द करें आवेदन

Heavy subsidy on goat farming business

अगर आप बकरी पालन व्यवसाय शुरु करना चाहते हैं तो, यह खबर आपके लिए है। मध्यप्रदेश सरकार बकरी पालन के लिए एक योजना चला रही है। जिसके तहत सरकार इच्छुक किसानों को व्यवसाय के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। बता दें कि इस योजना का उद्देश्य बकरी पालन व्यवसाय को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए सरकार बैंक द्ववारा किसान को ऋण उपलब्ध कराएगी। इतना ही नहीं, इस पर सब्सिडी का लाभ किसानों को दिया जाएगा। जो कि प्रदेश के सभी जिलों में समान रूप से संचालित है।

योजना से मिलने वाले लाभ
इस योजना के तहत हर नस्ल की बकरियों के लिए अलग-अलग सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा इसमें नर बकरा खरीदने के लिए भी सब्सिडी देने की योजना है। इसी के साथ ही फार्म स्थापित करने के बाद बकरियों के आहार के हिसाब से राशि दी जाएगी। यह राशि 3 महिने के हिसाब से भी प्रदान की जाएगी। इस योजना की खास बात यह है कि, व्यवसाय शुरु करने के लिए ईकाई लागत का मात्र 10 प्रतिशत पैसा ही खुद खर्च करना होगा। बाकी 90 प्रतिशत की राशि की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी।

बकरी पालन योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य राज्य में देशी बकरियों की नस्ल को बढ़ावा देना, हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना साथ ही इस योजना मुख्य उद्देश्य राज्य में मांस एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है।

व्यवसाय शुरु करने के लिए पात्रता
इसके लिए आवेदक को बकरी पालन का अनुभव होना चाहिए। इसके साथ ही इस व्यवसाय को शुरु करने के लिए कम से कम 10 बकरियों का होना जरूरी है। वहीं यह लाभ राज्य के सभी वर्ग के भूमिहीन, कृषि मजदूर, सीमांत एवं लघु किसानों को दिया जाएगा।

योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया
बकरी पालन योजना का लाभ उठाने के लिए राज्य के किसान मध्यप्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। यहां पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग की वेबसाइट http://www.mpdah.gov.in/schemes.php पर क्लिक कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य के किसान अपने जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी या पशु औषधालय प्रभारी से संपर्क कर सकते हैं।

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

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