कृषि यंत्र अनुदान के अंतर्गत इस तारीख तक किसान कर सकते हैं आवेदन

krishi yantra subsidy scheme

कोरोना महामारी की वजह से इस साल किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र देने की प्रक्रिया में देर हुई। हालांकि अब इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत आवेदन मांगे गए थे। इसी कड़ी में अब विभिन्न कृषि यंत्रों को अनुदान पर देने के लिए पोर्टल खोल दिया गया है।

इस योजना का लाभ उठाने की इच्छा रखने वाले किसान दिनांक 13 जून 2020 दोपहर 12 बजे से 22 जून 2020 तक ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल (https://dbt.mpdage.org/index.htm) पर आवेदन कर सकते हैं। ग़ौरतलब है की पिछले साल कृषि यंत्र अनुदान के नियमों में कुछ परिवर्तन किया गया था। इन्ही परिवर्तनों के साथ इस साल भी अब किसान दी गई तारीखों के बीच में कभी भी आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को दे रही 4 हजार करोड़ रुपए

Government is giving 4 thousand crores rupees to farmers for promoting drip irrigation

किसान भाई आजकल सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल खूब कर रहे हैं। केंद्र सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है और “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” स्कीम के अंतर्गत विभिन्न राज्य के किसानों के लिए 4 हजार करोड़ रुपए आवंटित किये हैं। इस स्कीम के पीछे का मुख्य उद्देश्य खेती में पानी के उपयोग को कम करके पैदावार बढ़ाना है।

ग़ौरतलब है की केंद्र सरकार ने सिंचाई प्रक्रिया में पानी की एक-एक बूंद का उपयोग करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई है। इस योजना के अंतर्गत ही ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप- माइक्रो इरीगेशन’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप- माइक्रो इरीगेशन’ कार्यक्रम के अंतर्गत सिंचाई की आधुनिक तकनीकों पर जोर दिया रहा है। इसके साथ ही विभिन्न राज्य के किसानों को 4000 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं। इस कार्यक्रम का लक्ष्य सूक्ष्म सिंचाई तकनीक जैसे ड्रिप और स्प्रिंक्लर इरिगेशन सिस्टम द्वारा खेतों में पानी का कम उपयोग करके अधिक पैदावार लेना है।

स्रोत: कृषि जागरण

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राजस्थान से बढ़ा 12 किमी लंबा टिड्डी दल, यूपी और एमपी में फ़सलों को पहुँचा सकता है भारी नुकसान

After 27 years in MP, large locust attack, Threat on Moong crop of 8000 crores

पिछले कुछ हफ्ते से टिड्डी दलों का कहर भारत के कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। ये टिड्डी दल ईरान से पाकिस्तान होते हुए राजस्थान में प्रवेश करते हैं और उसके बाद भारत के भीतरी राज्यों में फ़सलों को भारी नुकसान पहुँचाते हैं। खबर है की पाकिस्तान से 9 से भी ज्यादा नए टिड्डी दल राजस्थान के अलग-अलग जिलों में पहुँच गए हैं और वे जल्द ही मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश के कई क्षेत्रों में नुकसान पहुंचा सकते हैं।

राजस्थान पहुँच चुके इन नए टिड्डी दलों के मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में आने की संभावनाओं को देखकर कृषि विभाग भी अलर्ट पर है। आने वाले दिनों में हवा की दिशा यह तय करेगी की यह दूसरे राज्यों में प्रवेश करता है या नहीं। अगर हवा की दिशा नहीं बदली तो 12 किलोमीटर लंबा टिड्डी दल अगले कुछ दिनों में एमपी और यूपी में प्रवेश कर जाएगा।

स्रोत: जागरण

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ग्रामोफ़ोन की सलाह से की खेती तो कपास किसान को हुआ 18 लाख का मुनाफ़ा

कभी कभी एक सही मशवरा भी आपकी जिंदगी में बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है। कुछ ऐसा ही बदलाव बड़वानी जिले के राजपुर तहसील के साली गांव के किसान श्री बजरंग बरफा जी के जिंदगी में तब आया जब वे ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आये। हालांकि ऐसा नहीं था की बजरंग को खेती में सफलता नहीं मिल रही थी। वे कपास की खेती से कभी थोड़ा बहुत लाभ तो कभी औसत कमाई कर लेते थे पर उन्हें इससे आगे बढ़ना था और इसी दौरान वे टीम ग्रामोफ़ोन के फील्ड स्टाफ से मिले और फिर उन्होंने ऐसी सफलता पाई की जिसे देख हर कोई आश्चर्यचकित हो गया।

दरअसल ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आने के बाद उन्होंने ग्रामोफ़ोन से उन्नत किस्म के बीज मंगवाए, कृषि विशेषज्ञों की राय से कपास की खेती के हर चरण में जरूरी उर्वरक और अन्य दवाइयाँ दी। इन सब से न सिर्फ बजरंग की कृषि लागत घटी बल्कि खेती से होने वाला मुनाफ़ा भी डबल हो गया।

जहाँ पहले बजरंग की कपास की खेती की लागत 2.5 लाख तक चली जाती थी वहीं अब यह घटकर 1.78 लाख रह गई। इसके अलावा मुनाफ़ा भी 1029000 रूपये से बढ़ कर 1974500 रूपये हो गया।

ग्रामोफ़ोन से सलाह प्राप्त कर कई किसान भाई अपनी खेती में सुधार कर रहे हैं जिसका लाभ भी उन्हें मिल रहा है। अगर आप भी बजरंग की तरह ही अपनी खेती से ज्यादा मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं तो ग्रामोफ़ोन से कृषि सलाह ज़रूर लें। ग्रामोफ़ोन से संपर्क करने के लिए आप टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल कर सकते हैं या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन कर सकते हैं।

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इस योजना से किसानों को कृषि यंत्रों पर मिलेगी 50 से 80% की सब्सिडी, जानें पूरी जानकारी

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

भारतीय कृषि को रफ़्तार देने में काफी मददगार हो रहे हैं आधुनिक कृषि यंत्र। इनकी मदद से न केवल कृषि विकास दर को गति मिलता है बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मज़बूती भी मिलती है। आज कृषि में जुताई, बुआई, सिंचाई, कटाई, मड़ाई एवं भंडारण आदि सभी प्रकार के कृषि कार्य आधुनिक कृषि यंत्रों से करना ही संभव है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार SMAM योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों पर 50 से 80% तक सब्सिडी दे रही है।

यह योजना देश के सभी राज्यों के किसानों के लिए उपलब्ध है और देश का कोई भी किसान इस योजना कि पात्रता रखने वाला इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। इसका आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है।

कैसे करें आवेदन?

कृषि यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन के लिए सबसे पहले आप https://agrimachinery.nic.in/Farmer/SHGGroups/Registration पर जाएँ। इसके बाद पंजीकरण कॉर्नर पर जाएं जहाँ आपको तीन विकल्प मिलेंगे। इन विकल्पों में आपको Farmer विकल्प पर क्लिक करना है। इसके बाद आपसे जो भी विवरण मांगा जाएं उसे सावधानी से भरें। इस तरह आपके आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

स्रोत: कृषि जागरण

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गेहूं उपार्जन में पंजाब को पीछे छोड़ते हुए मध्य प्रदेश बना देश का नंबर एक राज्य

गेहूं के उत्पादन में मध्यप्रदेश के किसानों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। कोरोना वैश्विक महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद मध्यप्रदेश ने गेहूं उपार्जन की प्रक्रिया में नया रिकॉर्ड बनाया है। इस बात की घोषणा किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने स्वयं की। इस बात की घोषणा करते हुए उन्होंने प्रदेश के अन्नदाता किसानों को बधाई भी दी है।

इस विषय पर कृषि मंत्री ने कहा कि “किसानों के कठोर परिश्रम से आज हमारा प्रदेश देश में गेहूँ के उपार्जन में पहले नम्बर पर आ गया है। किसानों ने इस वर्ष विपुल मात्रा में गेहूँ का उत्पादन किया है।” बता दें की मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूँ का 128 लाख मीट्रिक टन से अधिक का रिकार्ड तोड़ उपार्जन कर देश में पहला स्थान पाया है। इससे पहले गेहूँ उपार्जन के मामले में प्रथम स्थान पर पंजाब आया करता था।

इस गौरवशाली सफलता पर कृषि मंत्री ने प्रदेश के सभी किसान और गेहूँ उपार्जन करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की टीम को बधाई दी है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि “किसानों के परिश्रम से मध्यप्रदेश सरकार को लगातार 7 बार कृषि कर्मण अवार्ड मिल चुका है।” इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया है कि भविष्य में भी प्रदेश के किसान इसी प्रकार से प्रदेश को गौरवान्वित करेंगे।

स्रोत: मध्यप्रदेश कृषि विभाग

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कृषि उड़ान योजना से किसानों की आय को मिलेगी दोगुनी रफ़्तार, जानें क्या होगा फायदा?

Farmers' income will be doubled by Krishi Udaan scheme

कृषि उड़ान योजना की घोषणा वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। इस योजना के माध्यम से किसानों को कृषि उत्पादों के परिवहन में सहायता दी जाएगी। इस योजना के माध्यम से जल्दी खराब होने वाले उत्पाद जैसे दूध, मछली, मांस आदि को सही समय पर हवाई माध्यम से बाजार पहुंचाया जाएगा। इससे किसानों को उनके उत्पादों के अधिक दाम मिल सकेंगे। इस योजना के लिए किसान भाई ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना में जुड़ने के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले बाग़वानी या खाद्य प्रसंस्करण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। यहाँ मौजूद कृषि उड़ान योजना के लिंक पर क्लिक करें। योजना के संबंध में दिए गये दिशा-निर्देशों को पढ़ें और आगे बढ़ें। फिर ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म खुलेगा। यहाँ दस्तावेज़ों की जानकारी भरें और आखिर में सब्मिट कर दें।

स्रोत: कृषि जागरण

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इस तारीख से 9 करोड़ किसानों को मिलेंगे PM Kisan Scheme की अगली क़िस्त के 2000 रुपए

PM kisan samman

कोरोना महामारी को लेकर लम्बे समय तक चले लॉक डाउन के बीच किसानों को सरकार की तरफ से कई प्रकार के राहत दिए गए। इन्हीं में एक थी प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत दी गई 2000 रूपये की पहली क़िस्त। अब इसी योजना के अंतर्गत मिलने वाली अगली क़िस्त की तारीख भी निश्चित कर दी गई है। केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना की अगली किस्त किसानों के खाते में 1 अगस्त से जमा करवाई जायेगी। इस किस्त के तहत किसानों के खाते में 2000-2000 रुपए जमा किये जायेंगे। इसके अंतर्गत 9 करोड़ से अधिक किसानों को इस स्कीम का लाभ मिलेगा।

ग़ौरतलब है की कृषि को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत किसानों के खाते में सीधे राशि जमा की जाती है। इस स्कीम के तहत किसानों को साल भर में 6000 रुपए प्रदान किए जाते हैं। बता दें की इस स्कीम से अभी तक 9.54 करोड़ किसानों का डाटा वेरिफाई हो चुका है। इसके चलते इस बार 9 करोड़ से ज्यादा किसानों को इस स्कीम का लाभ मिलेगा।

स्रोत: नई दुनिया

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बहुत आसान है किसान क्रेडिट कार्ड बनाना, मोबाइल से भी किसान बना सकते हैं KCC

It is very easy to make a farmer credit card, farmers can also make KCC from mobile

किसानों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले किसान क्रेडिट कार्ड से करोड़ों किसान लाभ उठा रहे हैं। हालांकि अभी भी इससे बहुत सारे किसान नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे किसान बड़ी आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। किसान घर बैठे अपने मोबाइल से भी किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

मोबाइल से आवेदन की विधि

मोबाइल की मदद से किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने हेतु सबसे पहले किसानों को मोबाइल के ब्राउजर को खोलना होगा। इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट https://eseva.csccloud.in/KCC/Default.aspx पर जाना होगा। यहाँ पहुँचने पर आपको ‘APPLY NEW KCC’ मेनू पर जाना होगा। इस मेनू में जाने पर आपसे CSC ID और Password पूछा जाएगा, जिसे आपको भरना होगा। इसे भरने के बाद एकबार फिर ‘APPLY NEW KCC’ पर क्लिक करना होगा और फिर आपको ‘Aadhaar’ नंबर भरना होगा। यहाँ आपको उसी आवेदक का नंबर भरना है जिसका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ा हो। आधार नंबर भरने के बाद PM Kisan Financial Detail संबंधी जानकारी सामने आ जाएगी। यहां आपको ‘Issue of fresh KCC’ पर क्लिक करना है और इसके बाद Loan Amount और Beneficiary Mobile Number भरना होगा। इसके बाद गांव का नाम खसरा नंबर आदि की जानकारी भरनी होगी। सभी जानकारियों को भरने के बाद ‘Submit Details’ पर क्लिक कर देना है। 

जानकारियों को सबमिट करने के बाद आपके सामने एक नया विंडो खुलेगा जिसमे आपको पेमेंट करने के लिए कहा जाएगा।  इसको सीएससी आईडी के बैलेंस से Submit करना होगा और इस तरह आपका किसान क्रेडिट कार्ड बनकर तैयार हो जाएगा। 

स्रोत: कृषि जागरण

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ग्रामोफ़ोन से मिट्टी परीक्षण कराना खरगोन के किसान के लिए साबित हुआ वरदान

खेती के लिए जो सबसे अहम जरुरत होती है वो होती है मिट्टी की, इसीलिए मिट्टी का स्वस्थ होना किसी भी फसल से ज़बरदस्त उत्पादन प्राप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसी तथ्य को समझा खरगोन जिले के भीकनगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पीपरी के रहने वाले किसान श्री शेखर पेमाजी चौधरी ने। शेखर पिछले कुछ सालों से करेले की खेती कर रहे थे जिसमें कभी नुकसान तो कभी थोड़ा फायदा भी होता था पर इस बार उन्होंने ग्रामोफ़ोन की सलाह अनुरूप करेला उगाया जिसमे उन्हें हर बार से कहीं अच्छा मुनाफ़ा मिला।

इस बार शेखर ने करेले की खेती से पहले ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों से अपने खेतों का मिट्टी परीक्षण करवाया और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार मिट्टी उपचार भी करवाया। ऐसा करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति हो गई और वो फसल के लिए तैयार हो गया। इसके बाद शेखर ने करेले की खेती की और जब उत्पादन की बारी आई तो यह पहले से काफी अधिक रहा।

तो कुछ इस तरह मिट्टी परीक्षण ने शेखर को दिलाया करेले की फसल से अच्छा उत्पादन। अगर आप भी अपने खेतों के मिट्टी का परीक्षण करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर संपर्क कर सकते हैं। आपको मिट्टी परीक्षण से जुड़ी हर जानकारी यहाँ दी जायेगी। इसके अलावा आप ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर भी लॉगिन कर सकते हैं।

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