9.87 करोड़ किसान पा सकते हैं KCC के अंतर्गत 3 लाख रुपये तक का लोन

Kisan Credit Card will also help you in meeting domestic needs in lockdown

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम से जुड़े हर किसान के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सस्ते दर पर लोन दिए जाने की योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य यह है की पैसे के कमी के कारण कोई किसान खेती ना छोड़े। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया की आने वाले कुछ दिनों में 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा। यह बड़ी रकम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को दिया जाएगा।

बता दें की किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की दर 4% है। किसान 4% की ब्याज दर पर किसी सिक्योरिटी के बिना 1.60 लाख रुपये तक का लोन आसानी से ले सकते हैं। इतना ही नहीं अगर किसान इस लोन का समय पर भुगतान करता है तो उसकी लोन राशि को 3 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने आगे बताया कि 1 मार्च से लेकर अब तक देश के लगभग 3 करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज उपलब्ध कराया गया है जिसमें 3 महीने का ब्याज भी माफ किया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम से जुड़े 25 लाख नए किसानों को क्रेडिट कार्ड भी जारी किए गए हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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इस साल किसान कर सकते हैं चावल का रिकॉर्ड उत्पादन

This year farmers can produce record rice

इस साल देश के किसान चावल के उत्पादन में रिकॉर्ड उत्पादन कर सकते हैं। इसके पीछे की वजह सरकार द्वारा धान की कीमत बढ़ाना और संभावित अच्छी मानसून की बारिश बताई जा रही है जिसके कारण किसान धान की बुआई बड़े स्तर पर कर रहे हैं। इसके कारण देश में चावल के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होने की संभावना है।

इस मसले पर भारत के चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष बी वी कृष्णा राव ने कहा कि “किसान धान उगाने में रुचि रखते हैं। सरकारी समर्थन के कारण उनका विस्तार होने की संभावना है। नए विपणन वर्ष में हम 120 मिलियन टन का उत्पादन कर सकते हैं। सरकार ने कीमत बढ़ाई हैं जिस पर वह किसानों से नए सीजन का चावल खरीदेगी।”

ओलाम इंडिया के उपाध्यक्ष नितिन गुप्ता ने इस विषय पर कहा कि “वैश्विक कीमतों में बढ़ोत्तरी, अच्छी मानसूनी बारिश और बढ़ते निर्यात भारतीय किसानों को अधिक चावल लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।” गुप्ता ने कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वियों के विपरीत, भारत में निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर अधिशेष है और यह नए सत्र में और बड़ा हो जाएगा।

स्रोत: फ़सल क्रांति

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मध्यप्रदेश के किसानों के लिए खुशख़बरी: मंडी में चना बेचने और खरीदने की लिमिट खत्म

Good news for farmers of MP Limit for selling and buying Gram in Mandi ends

मध्य प्रदेश के चना किसानों के लिए सरकार की तरफ से एक खुशख़बरी आई है। सरकार ने मंडी में चना बेचने और खरीदने की पहले से निर्धारित लिमिट को अब खत्म कर दिया है। इसका मतलब हुआ की अब किसान जितना चाहें उतना चना मंडी में बेच सकते हैं।

ग़ौरतलब है की अभी तक किसानों को एक बार में सिर्फ 25 क्विंटल चना मंडी में बेचने की ही छूट थी। लेकिन सरकार के लिमिट को हटाने के निर्णय के बाद अब किसान अपनी पूरी उपज एक साथ मंडी में बेच पाएंगे और उन्हें अब मंडी के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बता दें की इस बार मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर चने की खरीद 30 जून तक जारी रहेगी। प्रदेश में इस बार 4875 रुपए के समर्थन मूल्य पर चना की खरीद हो रही है।

स्रोत: न्यूज़18

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मध्यप्रदेश में जमकर हो रही है मानसून की बारिश, अगले 24 घंटे भी होती रहेगी बरसात

Monsoon rains are heavy in MP, it will continue to rain for the next 24 hours

शुक्रवार की सुबह से ही मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश हो रही है। मानसून के तय समय पर आने और जमकर बारिश करवाने से प्रदेश के किसान भी खुश हैं। राजधानी भोपाल में जून महीने में ही रिकाॅर्डतोड़ बारिश हो रही है। हालात ये हैं कि बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को जून के बारिश के कोटे 13.08 से करीब दोगुनी यानी 24.68 सेमी बारिश हो चुकी है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जून महीने में अब तक यानी शुक्रवार रात तक 32.25 सेमी बारिश हो चुकी है। यह अब तक की सामान्य बारिश से 27.65 सेमी अधिक है। मौसम केंद्र के अनुसार शनिवार को भी भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर, रीवा संभागों के कई शहरों में भारी बारिश होने की संभावना है। 20 से 22 जून तक पूर्वी मप्र, भोपाल एवं होशंगाबाद संभागों में बारिश के आसार बने रहेंगे।

स्रोत: भास्कर

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ग्रामोफ़ोन का मिला साथ तो कपास किसान का मुनाफ़ा 6 लाख से बढ़कर हुआ 12 लाख

भारत सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर कई बड़े बड़े निर्णय ले रही है। कुछ ऐसा ही काम साल 2016 से किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी अपने स्तर पर कर रहा है। पिछले 3 से 4 साल के दौरान ग्रामोफ़ोन से जुड़े कई किसानों की आय दोगुनी हुई है। इन्हीं में से एक हैं बड़वानी जिले के अंतर्गत आने वाले राजपुर तहसील के साली गांव के रहने वाले कपास किसान मुकेश मुकाती जी। मुकेश कई साल से कपास की खेती करते आ रहे थे और उन्हें थोड़ा मुनाफ़ा भी हो जाता था। पर वे इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे और इसी बीच वे ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आये।

ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आने के बाद मुकेश जी ने कपास की खेती के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेनी शुरू की और फसल चक्र के दौरान विषेशज्ञों द्वारा बताई गई हर बात का ख्याल रखा। इसका नतीजा यह हुआ की मुकेश जी की कृषि लागत काफी कम हो गई और मुनाफ़ा दोगुना हो गया।

पहले मुकेश अपने 14 एकड़ ज़मीन पर कपास की खेती से 6 लाख तक की कमाई करते थे। पर ग्रामोफ़ोन की सलाह पर जब उन्होंने खेती की तो उनकी कमाई दोगुनी होकर 12 लाख हो गई। यही नहीं खेती की लागत जो पहले 3 लाख तक जाती थी वो अब घटकर 2 लाख 15 हजार रह गई।

अगर आप भी मुकेश की तरह अपनी कृषि में इसी प्रकार का बड़ा अंतर लाना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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मप्र में इस तारीख तक होगी समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों की खरीदी

Know the last date of purchase of wheat on support price in Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों की खरीदी वर्तमान में जारी है और इस प्रक्रिया की आखिरी तारीख को अब बढ़ा कर 29 जुलाई कर दिया गया है। पहले कृषि विभाग की तरफ से ख़रीद की अंतिम तारीख 15 जून रखी गई थी जिसे अब बढ़ा दिया गया है।

इसके साथ ही यह भी बताया गया है की अब ख़रीद सिर्फ एसएमएस देकर बुलाए जाने वाले किसानों से की जाएगी। ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य भंडारण का इंतज़ाम साथ-साथ कर लेना है। इस मसले पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल को घर में ही रखें। साथ ही उन्होंने कहा की पंजीकृत किसानों से उनकी उपज का दाना-दाना ख़रीदा जाएगा।

ग़ौरतलब है की मध्यप्रदेश में अब तक छह लाख 58 हजार टन चना समर्थन मूल्य पर ख़रीदा जा चुका है और किसानों को इसके मूल्य के तौर पर तीन हजार 700 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। बता दें की 29 मई से यह खरीदी की प्रक्रिया शुरू की गई थी और इसे 90 दिन तक चलाया जाएगा।

स्रोत: नई दुनिया

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मध्य प्रदेश में मानसून प्रवेश के बाद मौसम विभाग ने दी 17 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

Take precautions related to agriculture during the weather changes

मध्यप्रदेश में मानसून ने अपने तय समय पर दस्तक दे दी है और इसके कारण ही प्रदेश के कई जिलों में बारिश और आंधी का दौर देखने को मिल रहा है। मानसून के आगमन के साथ ही सोमवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 22 जिलों में बारिश की शुरुआत हो गई।

मौसम विभाग के अनुसार मानसून होशंगाबाद, इंदौर, शहडोल और जबलपुर संभाग के अधिकतर जिलों में पहुँच चुका है। इसके अलावा उज्जैन संभाग के कुछ जिलों में भी मानसून ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। इसके साथ ही मौसम विभाग की तरफ से आने वाले 24 घंटे के दौरान 17 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है। इन जिलों में अनूपपुर, बड़वानी, बैतूल, छिंदवाड़ा, धार, डिंडोरी, होशंगाबाद, हरदा, झाबुआ, खरगौन, नरसिंहपुर, रीवा, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, उमरिया शामिल हैं।

आगामी 48 घंटे के दौरान मानूसन के पूर्वी मध्यप्रदेश की तरफ बढ़ने की पूरी संभावना है। मानसून की उत्तरी सीमा कांडला अहदाबाद, इंदौर, नरसिंहपुर, उमरिया एवं बलिया से होकर गुजर रही है।

स्रोत: नई दुनिया

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पीएम-किसान योजना पर किसानों को मोदी सरकार ने भेजा लाभकारी संदेश

PM kisan samman

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किसानों को अगली किश्त भेजे जाने की तारीख निश्चित हो गई है। इसके अंतर्गत मोदी सरकार 1 अगस्त से 2000 रुपए की छठी किश्त किसानों के बैंक खाते में भेजने वाली है। बहरहाल इस किश्त के भेजे जाने से पहले मोदी सरकार द्वारा किसानों को एक संदेश भेजा गया है।

मोदी सरकार की ओर से भेजे गए इस संदेश में कहा गया है- ‘प्रिय किसान, अब आप अपने आवेदन की स्थिति PM-KISAN की हेल्पलाइन नंबर 011-24300606 पर कॉल करके जान सकते हैं।’ इसका मतलब हुआ की अब किसान अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से बहुत ही आसानी से आवेदन से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ग़ौरतलब है की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक सरकार ने 9.85 करोड़ किसानों को लाभ मुहैया करवाया है। इस बार की किश्त भेजने से पहले मोदी सरकार ने सभी किसान भाइयों को यह मैसेज भेजा है, जो किसानों को फायदा पहुँचाएगा।

स्रोत: जागरण

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मप्र के किसानों ने बनाया रिकॉर्ड, पूरे देश में सबसे ज्यादा गेहूं उपार्जन करने वाला राज्य बना

MP becomes number one state in the country, surpassing Punjab in wheat procurement

मध्यप्रदेश के किसानों ने बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है। यह रिकॉर्ड समर्थन मूल्य पर हुए गेहूँ उपार्जन में बना है। दरअसल देश भर में मध्यप्रदेश ने इस बार सबसे ज्यादा गेहूं का उपार्जन किया है। 15 जून तक मध्यप्रदेश में एक करोड़ 29 लाख 28 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन समर्थन मूल्य पर हुआ है। इतना गेहूं आज तक किसी राज्य में उपार्जित नहीं किया गया था और यह अब तक का ऑलटाइम रिकार्ड है।

कोरोना महामारी के कारण लम्बे समय तक चले देशव्यापी लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूँ उपार्जन के प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। इस मसले पर 23 मार्च से लगातार मुख्यमंत्री ने 75 बैठकें एवं जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और गेहूँ उपार्जन की प्रतिदिन समीक्षा की। कोरोना लॉकाडाउन एवं निसर्ग तूफान के रुकावटों को पीछे छोड़ते हुए मध्यप्रदेश के किसानों ने यह बड़ा रिकॉर्ड बना दिया।

स्रोत: पत्रिका

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राजधानी भोपाल पर टिड्डी दल का बड़ा हमला, मूंग और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान

Locusts team knocked in Madhya Pradesh, Can cause heavy damage to crops

पिछले कुछ हफ्ते से रुक रुक कर टिड्डी दल के हमले राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई जिलों में हो रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार शाम मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में टिड्डियों ने हमला कर दिया। लाखों की संख्या में टिड्डियां होशंगाबाद रोड से लेकर बरखेड़ा पठानी, एम्स और अवधपुरी इलाके तक छा गईं।

ख़बरों के अनुसार टिड्डी दल ने विदिशा से बैरसिया होते हुए भोपाल में प्रवेश किया। शनिवार रात प्रशासन को बैरसिया में टिड्डी दल के होने की खबर मिली थी। बैरसिया से लेकर विदिशा नाके तक कृषि विभाग ने टिड्डियों को रोकने के इंतज़ाम कर लिए थे, लेकिन रविवार शाम टिड्डी दल ने भोपाल में प्रवेश कर लिया।

बहरहाल कृषि विभाग टिड्डी दल से निपटने इंतज़ाम कर रहा है। इसके लिए कृषि विभाग ने टीम तैयार की है जो टिड्डियों पर केमिकल का छिड़काव कर के इन्हें मार देंगे। इसके लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की मदद भी ली जाएगी।

भोपाल से पहले टिड्डी दल ने विदिशा में फसलों को नुकसान पहुंचाया। बताया जा रहा है की यहाँ टिड्डी दल ने चौथी बार हमला किया है। यहाँ 6 गांवों में मूंग और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

स्त्रोत: भास्कर

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