म.प्र में शुरू हुई एमएसपी पर उड़द और मूंग की खरीदी हेतु पंजीयन, ये है आखिरी तारीख

मूंग और उड़द की फसल की कटाई किसानों ने शुरू कर दी है, और मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से मूंग और उड़द की एमएसपी पर खरीदी के लिए पंजीयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया 4 जून से शुरू की गई है और इसकी आखिरी तारीख 15 जून रखी गई है।

मध्यप्रदेश कृषि विभाग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर के इन तारीखों की घोषणा की गई है। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मंगलवार को कृषि विभाग के इस ट्वीट को रीट्वीट किया था।

ग़ौरतलब है की प्रदेश में गेहूं खरीदी का काम खत्म कर लिया गया है और इसके बाद अन्य फ़सलों की खरीदी का काम भी धीरे धीरे शुरू किया जा रहा है ताकि किसान अपनी अन्य फ़सलों पर ध्यान दे पाएं।

स्रोत: मध्यप्रदेश कृषि विभाग

Share

बड़ा फैसला: आवश्यक वस्तु कानून में सुधार, मंडी से बाहर भी उपज बेच सकेंगे किसान

बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक सप्ताह में दूसरी कैबिनेट बैठक में किसानों से संबंधित कई फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में कहा गया कि भारत वन नेशन वन मार्केट की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस दौरान आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत खेती-किसानी की घोषणाओं पर मुहर लगाई गई और कई कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर किया गया।

इसके साथ ही किसानों को एपीएमसी कानून से बाहर भी उत्पाद बेचने की अनुमति दे दी गई है। अब किसान मंडी के अतिरिक्त अपनी उपज सीधे निर्यातकों को बेच सकेंगे, जिससे उन्हें अधिक लाभ मिल सकेगा।

ग़ौरतलब है की आवश्यक वस्तु कानून छह दशक से ज्यादा पुराना है जिसमें अब सरकार ने संशोधन किया है। इस संशोधन के अंतर्गत अब अनाज, दालें, आलू और प्याज आदि को आवश्यक वस्तु कानून से बाहर कर दिया गया है। सरकार ने यह फैसला कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से लिया है।

स्रोत: अमर उजाला

Share

ये है फसल बीमा योजना के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख़, जल्द करें रजिस्ट्रेशन और उठायें लाभ

Crop Insurance

बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अक्सर किसानों की फसल प्रभावित होती है। किसानों को होने वाले इन्हीं नुकसानों से बचाता है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। इस साल के लिए फसल बीमा योजना की आखिरी तारीख आ चुकी है। खरीफ फ़सलों के लिए जो किसान इसका लाभ पाना चाहते हैं वे अपनी फ़सलों का बीमा 31 जुलाई 2020 तक कर लें।

जो ऋणी किसान फसल बीमा कि सुविधा नहीं लेना चाहते हैं वो अपने बैंक की शाखा में 7 दिन पूर्व इसकी लिखित सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा गैर ऋणी किसान स्वयं भी अपना फसल बीमा कर सकते हैं। इसके लिए इन किसानों को सी एस सी, बैंक, एजेंट अथवा बीमा पोर्टल का उपयोग करना होगा। 

कैसे करें आवेदन?

इसका आवेदन आप बैंक के माध्यम से और ऑनलाइन भी कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन देने के लिए https://pmfby.gov.in/ लिंक पर जाकर फॉर्म भरें। इसके आवेदन के लिए एक फोटो और पहचान पात्र हेतु पैन कार्ड, ड्रायविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड या आधार कार्ड की जरुरत होती है। इसके अलावा एड्रेस प्रूफ के लिए भी एक दस्तावेज़ जरूरी होता है जिसके लिए किसान को खेती से जुड़े दस्तावेज़ और खसरा नंबर दिखाने होते हैं। फसल की बुआई हुई है इसकी सत्यता हेतु प्रधान, पटवारी या फिर सरपंच का पत्र देना होता है। एक कैंसिल चेक भी देना होता है ताकि क्लेम की राशि खाते में सीधे आए। 

स्रोत: कृषि जागरण

Share

किसानों के लिए बड़ी खुशख़बरी: 14 खरीफ फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई वृद्धि

Good News for Farmers Increase in Minimum Support Price of 14 Kharif Crops

कोरोना संकट के बीच किसानों के लिए एक बड़ी खुशख़बरी आई है। यह खुशख़बरी मोदी की अध्यक्षता में कल हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक से आई है। इस बैठक में खरीफ सीजन की 14 फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये गए हैं जो की पिछले साल की तुलना में बढ़ा दिया गया है।

कैबिनेट ने धान की एमएसपी 1868 रुपये, ज्वार की 2620 रुपये, बाजरा की 2150 रुपये प्रति क्विंटल तय की है। साथ ही मक्का की एमएसपी 1850 रुपये, मूंगफली की 5275 रुपये, सूरजमुखी की 5885 रुपये, सोयाबीन की 3880 रूपये और कपास की की माध्यम रेशे वाली उपज की 5515 रूपये तथा लम्बे रेशे वाली उपज की 5825 रुपये प्रति क्विंटल तय की है।

ग़ौरतलब है की कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्रइसेज़ (सीएसीपी) ने पिछले दिनों केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किये अपने रिपोर्ट में 17 खरीफ फ़सलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की सिफारिश की थी। अब केंद्रीय कैबिनेट ने सीएसीपी की इन्हीं सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए खरीफ सीजन की 14 फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिए हैं।

स्रोत: ज़ी बिजनेस

Share

मुंबई से टकराएगा निसर्ग तूफ़ान: गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश तक में होगी भारी बारिश

Nisarg storm will hit Mumbai heavy rain will occur in Gujarat, Rajasthan, MP

अभी कुछ दिन पहले ही बंगाल की खाड़ी में अम्फान चक्रवात ने खूब तबाही मचाई थी और अब अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण निसर्ग नाम का चक्रवात शुरू होने वाला है। यह चक्रवात पश्चिमी तटों से गुजरते हुए करीब सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात और महाराष्ट्र के तटों से टकराएगा।

चक्रवाती तूफानों के 100 साल के इतिहास में ऐसा कभी देखने को नहीं मिला की अरब सागर में विकसित होने वाला कोई चक्रवाती तूफान जून में बना हो और महाराष्ट्र के तटों से टकराया हो। इसका मतलब यह हुआ की एक सदी में अपनी तरह का यह पहला चक्रवाती तूफान होगा जो अरब सागर में विकसित होने के बाद मुंबई से टकराने जा रहा है।

यह तूफ़ान मुंबई के करीब 3 जून को टकराएगा और इसका असर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश तक में देखने को मिल सकता है। इस तूफ़ान की वजह से 3 जून से 5 जून के बीच इन क्षेत्रों में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है।

स्रोत: जागरण

Share

गाय एवं भैंस वंशीय पशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए लगाया जाएगा मुफ्त टीका

Free vaccination to protect Cow Descent animals from infectious diseases

वर्षा ऋतु आने को है और आपको पता ही होगा की बरसात के मौसम में कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है। खासकर के गाय एवं भैंस वंशीय पशुओं में फूट एंड माउथ और ब्रुसेला डिसीज जैसी संक्रामक बीमारियों के होने कि संभावना ज्यादा रहती है | इसकी रोकथाम के लिए अब केंद्र सरकार एक टीकाकरण योजना शुरु कर रही है जिससे बीमारी को शुरू होने से पहले ही रोका जा सकता है |

इस योजना के अंतर्गत देश के अलग–अलग राज्यों में सभी गाय तथा भैंस वंशीय पशुओं को टीका लगाया जाना है। मध्य प्रदेश सरकार भी बरसात शुरू होने से पहले टीकाकरण को शुरू करने जा रही है और यहाँ करीब 290 लाख गाय तथा भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जायेगा।

भारत सरकार की तरफ से इस योजना के लिए 13 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत एक वर्ष में दो बार टीकाकरण किया जायेगा।

स्रोत: किसान समाधान

Share

खेती में नुकसान झेलने वाले म.प्र के किसानों को आर्थिक मदद देती है भावांतर भुगतान योजना

Bhavantar Bhugtan Yojana provides financial help to farmers of MP who suffer losses

खेती में होने वाले नुकसान के समय किसानों को वित्तीय सहायता देने उद्देश्य मध्यप्रदेश सरकार ‘मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना’ चलाती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को नुकसान होने की स्थिति में, नुकसान भरपाई सीधे किसान के एकाउंट में पैसे भेजकर की जाती है।

किसानों को नुकसान आम तौर पर फसल का वाजिब भाव नहीं मिल पाने की वजह से होता है। इसी नुकसान की भरपाई करते हुए उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भावांतर योजना काम आती है।

इस योजना से फसल की कीमतें गिर जाने पर मध्य प्रदेश सरकार बाजार भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बीच के अंतर की राशि किसानों को देती है। यह राशि किसानों के खाते में जमा की जाती है।

कैसे उठायें इस योजना का लाभ?
भावांतर योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को अपनी उपज को बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। इसका रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाए एमपी उपार्जन पोर्टल पर कराया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसान को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलना सुनिश्चित हो जाता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है।

स्रोत: नई दुनिया

Share

प्री-मानसून से अगले दो दिनों में हो सकती है बारिश, तय समय पर आएगा मानसून

There may be Rain in the next two days from Pre Monsoon, Monsoon will come on time

मानसून अपने तय समय 2 से 9 जून तक केरल में दस्तक देगा और फिर देश के अलग अलग हिस्सों में बारिश कराएगा। बहरहाल इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया है कि मानसून के आने से पहले ही प्री-मानसून के अंतर्गत अगले कुछ दिन भारत में व्यापक बारिश होने की संभावना है।

प्री-मानसून का असर 29 मई की रात से ही देखा जा रहा है और ऐसी संभावना है कि इसके चलते कुछ राज्‍यों में 31 मई तक तेज बारिश हो सकती है। प्री-मानसून के इस बारिश से मुख्यतः मध्‍य प्रदेश, पश्चिमी हिमालय, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी बारिश होने की संभावना है।

आने वाले 24 घंटों में ख़ास कर उत्तरी पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कुछ इलाकों में धूल भरी आंधी चलने या बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा होने के आसार हैं। अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल में बिहार के कई हिस्सों और झारखंड के पूर्वी हिस्सों में बारिश की गतिविधियाँ संभव हैं। उत्तर प्रदेश और ओडिशा में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं।

स्रोत: नई दुनिया

Share

ग्रामोफ़ोन की मदद से सोयाबीन की खेती विष्णु ठाकुर के लिए बन गई लाभ का सौदा

इंदौर जिले के देपालपुर तहसील के बिरगोदा गांव के रहने वाले किसान भाई विष्णु ठाकुर पिछले 10 वर्षों से खेती कर रहे हैं और मुख्यतः वे सोयाबीन, गेंहू, चना, लहसुन, आलू जैसी फ़सलों की खेती करते हैं। विष्णु जी खेती के दौरान अपनी फ़सलों में लगने वाली बीमारियों की वजह से परेशान रहते थे और इसी वजह से उन्हें अपनी फसल से अच्छा उत्पादन भी नहीं मिल पाता था।

जब विष्णु अपनी फ़सलों से संबंधित इन समस्याओं से परेशान थे उसी दौरान उन्हें ग्रामोफ़ोन के बारे में पता चला और वे इससे जुड़ गये। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद उनके समस्याओं का निदान मिलने लगा। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने टीम ग्रामोफ़ोन को बताया की “ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद आज मेरी फ़सलों में सुधार हुआ है। पहले मेरी फसलें जो घाटे का सौदा या फिर ‘ना नफा ना नुकसान’ की तरह होती थीं वहीं अब यह मुनाफ़ा दे रही हैं। विष्णु मानते हैं की ग्रामोफ़ोन ने खेती को ‘लाभ का धंधा’ बना दिया है।

बहरहाल विष्णु को अपनी परेशानियों से निजात दिलाने में ग्रामोफ़ोन ने मदद की। इसी का नतीजा था की उनका सोयाबीन का उत्पादन पूर्व में हुए उत्पादन का लगभग दोगुना हो गया। जहाँ पहले विष्णु को सोयाबीन की खेती से 195000 रूपये का मुनाफ़ा हुआ वहीं ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद यह मुनाफ़ा बढ़ कर 380000 रूपये हो गया।

अगर आप भी अपनी खेती को लेकर किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो विष्णु की तरह आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ कर अपनी परेशानियों का निदान प्राप्त कर सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन कर सकते हैं।

Share

अरब सागर से आ रही है अम्फान जैसी आफ़त, फ़सलों को हो सकता है भारी नुकसान

Will Amphan effect the monsoon, differences in scientists, know when monsoon will come

पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा में आए अम्फान तूफान के कारण किसानों के भारी नुकसान की ख़बरे अभी चल ही रही थी कि अचानक अब दक्षिण पश्चिम राज्य केरल के निकट अरब सागर में एक और चक्रवात के आने की प्रबल संभावना बन रही है। इस तूफ़ान का असर पश्चिमी राज्यों के अलावा उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ भागों में भी देखने को मिल सकता है। इससे फ़सलों को भारी नुकसान भी हो सकती है।

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस चक्रवात का सबसे बुरा प्रभाव गुजरात पर पड़ सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने हालांकि चक्रवात को लेकर फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा है लेकिन इतना ज़रूर कहा है की अगर अगले पांच दिन में स्थिति बेहतर नहीं हुई तो भयंकर चक्रवात के आने का अंदेशा है। मौसम विभाग के अनुसार 30 मई के बाद ही इस विषय पर कुछ भी कहना सही होगा, लेकिन लोगों को सचेत रहने की जरूरत है।

स्रोत: कृषि जागरण

Share