मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बदनावर, बण्डा, बैरछा, छिंदवाड़ा, कालापीपल, खरगोन, मनावर, नीमच, खातेगांव, मंदसौर एवं रतलाम आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बड़वानी

अंजद

4180

4240

धार

बदनावर

3350

5700

होशंगाबाद

बाणपुरा

3371

4793

सागर

बण्डा

3805

4610

शाजापुर

बैरछा

3000

4680

खरगोन

भीकनगांव

3900

5001

सागर

बीना

3000

4750

बुरहानपुर

बुरहानपुर

3701

4751

राजगढ़

छापीहेड़ा

4000

4800

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा

4480

5101

धार

गंधवानी

4750

4950

मंदसौर

गरोठ

4400

5500

डिण्डोरी

गोरखपुर

4700

4700

होशंगाबाद

इटारसी

3851

3851

सीहोर

जावर

2701

4752

शाजापुर

कालापीपल

3400

4770

खरगोन

खरगोन

3900

4785

देवास

खातेगांव

3000

4903

देवास

खातेगांव

3000

5420

हरदा

खिरकिया

3400

4896

विदिशा

लटेरी

2000

4750

देवास

लोहरदा

3900

4801

धार

मनावर

3500

5000

मंदसौर

मंदसौर

3500

4801

इंदौर

महू

4300

4300

नीमच

नीमच

4130

4951

राजगढ़

पचौरी

3900

4965

मंदसौर

पिपल्या

2600

5000

रतलाम

रतलाम

3000

5040

खरगोन

सनावद

4200

4700

इंदौर

सांवेर

2700

4925

श्योपुर

श्योपुरबडोद

4000

4390

श्योपुर

श्योपुरकलां

2800

4665

स्रोत: एगमार्कनेट

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टमाटर, मिर्च में फूल एवं फल पीले होकर गिरने का कारण एवं रोकथाम के उपाय

टमाटर और मिर्च के पौधों में फूल व फल गिरने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- परागण की कमी, पोषक तत्वों की कमी, जल एवं नमी की कमी, कीट तथा बीमारियां आदि। 

फल एवं फूलों को झड़ने से रोकने के उपाय

    • पोषक तत्वों का छिड़काव:- पौधों में समय-समय पर पोषक तत्वों का छिड़काव किया जाना चाहिए। जिसमें मुख्य एवं सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे – बोरान, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि शामिल होने चाहिए। 

    • सिंचाई:- आवश्यकता अनुसार एक निश्चित अंतराल से फसलों में सिंचाई करते रहना चाहिए, जिससे पर्याप्त मात्रा में नमी बनी रहे। ध्यान रहे जरूरत से ज्यादा सिंचाई भी नुकसानदायक हो सकती है।

    • गुड़ाई:- कपास की फसल में समय-समय पर निराई व अन्य अंतर फसल का कार्य करते रहना चाहिए, ताकि खेत खरपतवारों से मुक्त रहे। इसके साथ ही गोबर की अच्छी पकी हुई खाद या केंचुआ खाद (Vermicompost) का इस्तेमाल समय-समय पर करना जरूरी है।

    • कीट नियंत्रण : फसलों  में कीट व बीमारी अधिक मात्रा में हानि पहुंचाते हैं। इसलिए समय पर देखरेख करें और कीट नियंत्रण करें। 

    • हार्मोन का संतुलन बनाए रखना : सामान्य फसल में हार्मोन के असंतुलन के कारण भी अधिक नुकसान होता है, तो हार्मोन का संतुलन बनाए रखें। इसमें नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001%) @ 180 मिली प्रति एकड़, @ 150 से 200 लीटर पानी  के हिसाब से छिड़काव करें।

परागण कर्ता का उपयोग

इन फसलों के परागण  के लिए मधुमक्खी या अन्य कीटों का होना आवश्यक है। खेतों में इन कीटों की उपस्थिति में किसी भी प्रकार का छिड़काव या अन्य कृषि कार्य ना करें। इससे  परागण  के कार्य सरलता से व समय पर होता है। 

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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ऐप चलाओ कैश कमाओ: तीसरे हफ्ते के विजेता किसान

‘ऐप चलाओ कैश कमाओ’ प्रतियोगिता में हजारों की संख्या में किसान भाईयों ने भाग लिया। इस दौरान किसानों ने ग्रामोफ़ोन के रेफरल कोड के माध्यम से अपने किसान मित्रों को ग्रामोफ़ोन ऐप से जोड़ा और उनसे कृषि उत्पादों की खरीदी करवाई, साथ ही अपने ऐप वॉलेट में कैश भी कमाए। आज के इस लेख में हम प्रतियोगिता के आखिरी यानी तीसरे हफ्ते (29 सितंबर से 5 अक्टूबर) के विजेताओं के नामों की घोषणा करने जा रहे हैं। 

देखें विजेताओं की लिस्ट –

टॉप 5 विजेता किसान

विजेता किसान

गांव

तहसील

जिला

राज्य

संतोष साहु

पथरादि पिपरिया

बहोरिबंद

कटनी

मध्यप्रदेश

रोहित

हतुनिया

पंचपहाड़

झालावाड़

राजस्थान

अनिकेत ठाकुर

कोदा कलान

जबेरा

दमोह

मध्यप्रदेश

मोहित कुशवाह

दीपगांव

खातेगांव

देवास

मध्यप्रदेश

मदन रजाक

पलासुंदर

नैनपुर

मंडला

मध्यप्रदेश

टॉप 3 बॉनस जीतने वाले विजेता किसान

विजेता किसान

गांव

तहसील

जिला

राज्य

दिनेश धाकड़

राजोड़

सरदारपुर

धार

मध्यप्रदेश

अश्विन मीना

नरसिंहपुर

बागली

देवास

मध्यप्रदेश

धर्मेंद्र

आगर

आगर

आगर मालवा

मध्यप्रदेश

सभी विजेता किसानों को ग्रामोफ़ोन की ओर से शुभकामनाएं। इसी तरह आगे भी ग्रामोफ़ोन पर प्रतियोगिताएं होती रहेंगी, जिनमें आपको कई शानदार इनाम जीतने का मौका मिलेगा।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के भाव?

onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़वाह, धामनोद, हाटपिपलिया, हरदा, मंदसौर एवं खरगोन आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

खरगोन

बड़वाह

700

1200

धार

धामनोद

800

900

देवास

हाटपिपलिया

800

1200

हरदा

हरदा

380

450

होशंगाबाद

होशंगाबाद

1260

1730

खरगोन

खरगोन

500

1000

खरगोन

खरगोन

500

800

धार

कुक्षी

500

900

मंदसौर

मंदसौर

391

1451

हरदा

टिमरनी

1000

1000

स्रोत: एगमार्कनेट

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अब शिविर में जाकर आसानी से बनवाएं किसान क्रेडिट कार्ड

खेती के लिए किसानों को बीज, कीटनाशक, खाद, सिंचाई व कृषि उपकरणों आदि की आवश्यकता पड़ती है। हालांकि कई किसान आर्थिक तंगी के चलते इन्हें नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में किसानों की इस मुश्किल को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ चला रही है। इसी कड़ी में छत्तीसढ़ सरकार राज्य के सभी जिलों में किसान क्रेडिट शिविर का आयोजन कर रही है, ताकि किसान इन शिविरों में जाकर आसानी केसीसी बनवा सकें।

किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले लाभ

केसीसी के ज़रिए किसान बिना किसी राशि के हर खेती के लिए खाद एवं बीज प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा किसान इस विशेष कार्ड की मदद से कम ब्याज दरों पर लोन प्राप्त कर सकते हैं। योजना के तहत 3 लाख रूपए तक का लोन सिर्फ 7% ब्याज दर पर 5 साल के लिए दिया जाता है। वहीं अगर समय से पहले इस लोन को लौटा दिया जाए तो ब्याज पर 3% की छूट भी दी जाती है। यह लोन न सिर्फ खेतीबाड़ी के लिए बल्कि मत्स्य पालन और पशुपालन के लिए भी दिया जाता है।

केसीसी के लिए जरूरी दस्तावेज 

योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक की उम्र 18 से 75 साल के बीच होनी चाहिए। आवदेन करने के लिए केवल आधार कार्ड, पैन कार्ड और लाभार्थी की फोटी की जरूरत होती है।

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावर, देवरी, देवास, हाटपिपलिया, हरदा, इंदौर एवं खरगोन आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

राजगढ़

ब्यावरा

1000

1500

सागर

देवरी

1700

2000

देवास

देवास

500

1500

देवास

हाटपिपलिया

1400

2000

हरदा

हरदा

1500

1700

इंदौर

इंदौर

800

2400

होशंगाबाद

इटारसी

1900

2000

खरगोन

खरगोन

500

800

धार

कुक्षी

700

1300

खंडवा

पंधाना

800

820

सागर

सागर

1200

1600

इंदौर

सांवेर

1275

1675

बड़वानी

सेंधवा

1000

1500

श्योपुर

स्योपुरकलां

2000

2500

स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट

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जानिए, क्या है उतेरा खेती और इसके फायदे

धान फसल की कटाई के 15-20 दिन पहले, जब बालियां पकने की अवस्था में होती है, तब उतेरा फसल की बुवाई की जाती है। अक्टूबर माह के मध्य से नवम्बर माह के मध्य तक उतेरा फसल के बीज छिड़के जाते हैं। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होना चाहिए। नमी इतनी होनी चाहिए की बीज, गीली मिट्टी में चिपक जाए। खेत में अधिक पानी न हो अन्यथा बीज सड़ जायेंगे। आवश्यकता से अधिक पानी को खेत से बाहर निकाल दें।

उतेरा फसल के रूप में अलसी, तिवड़ा/लखोरी, मसूर, चना, मटर, लूसर्न, बरसीम आदि का चुनाव किया जाता है। बीज के लिए, ग्रामोफोन के टोल फ्री नम्बर 1800-315-7566 “मध्यप्रदेश”, 1800-315-7075 “छत्तीसगढ़”, 1800-315-7477 राजस्थान पर संपर्क करें।

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धान की फसल में गर्दन तोड़ और शीथ ब्लाइट से पाएं एक ही छिड़काव से छुटकारा

गर्दन तोड़ (नेक ब्लास्ट):- यह धान की एक प्रमुख बीमारी है। यह रोग ज्यादातर लंबे समय तक बारिश और दिन में ठंडे तापमान वाले क्षेत्रों में होता है। इस रोग की वजह से बाली की गर्दन का हिस्सा काला हो जाता है और आंशिक या पूर्ण रूप से नीचे की ओर झुक जाता है। जिस वजह से बाली में दाने नहीं बन पाते हैं और अंत में बाली टूट जाती है। धान का यह रोग अत्यंत विनाशकारी होता है। जिसके चलते उपज में भारी कमी आ सकती है। 

पर्णच्छद अंगमारी (शीथ ब्लाइट):-  जल स्तर अथवा भूमि की सतह के पास पर्णच्छद पर रोग के प्रमुख लक्षण प्रकट होते हैं। इसके प्रकोप से पत्ती के पर्णच्छद पर 2-3 सें.मी. लम्बे हरे भूरे रंग के धब्बे बनते हैं। जो बाद में भूसे के रंग के दिखने लगते हैं। धब्बों के चारों तरफ बैंगनी रंग की पतली धारी बन जाती है। अनुकूल वातावरण पर कवक जाल स्पष्ट दिखते हैं।

नियंत्रण के उपाय:- इसके नियंत्रण के लिए, नेटिवो (टेबुकोनाज़ोल 50% + ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन 25%डब्ल्यूजी) @ 80 ग्राम + नोवामैक्स @ 200 मिली + सिलिकोमैक्स  गोल्ड@ 50 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावर, देवास, इंदौर, खरगोन एवं मंदसौर आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बड़वानी

बड़वानी

1200

1200

राजगढ़

ब्यावरा

900

1800

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा

500

700

सागर

देवरी

1700

2000

सागर

देवरी

1200

2010

देवास

देवास

400

1000

देवास

देवास

500

1200

धार

धार

1900

2000

धार

धार

1950

2500

गुना

गुना

1000

1100

देवास

हाटपिपलिया

1200

1400

हरदा

हरदा

1800

2400

इंदौर

इंदौर

800

2400

खरगोन

खरगोन

500

800

खरगोन

खरगोन

500

800

धार

कुक्षी

1000

1600

धार

कुक्षी

1000

1800

धार

मनावर

1600

1800

मंदसौर

मंदसौर

1400

2700

खंडवा

पंधाना

800

820

सागर

सागर

1200

2000

इंदौर

सांवेर

1550

1850

बड़वानी

सेंधवा

700

1200

बड़वानी

सेंधवा

1500

2000

झाबुआ

थांदला

800

1000

हरदा

टिमर्नी

1200

2500

स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट

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देखिये, भिंडी की सबसे बेहतरीन 6 किस्में

भिंडी की उन्नत खेती के लिए उसकी उन्नत किस्मों का चयन करना आवश्यक है। किसानों को अधिक पैदावार के लिए अपने क्षेत्र की प्रचलित भिंडी की किस्मों का चयन करना चाहिए। इसके साथ साथ उन किस्मों की विशेषताओं और उपज की जानकारी होना भी आवश्यक है। किसानों की जानकारी के लिए भिंडी की उन्नत किस्मों की विशेषताएं इस प्रकार हैं – 

यूपीएल मोना 002:-

पहली तुड़ाई बुवाई के 42 से 45 दिनों पर होती है।

फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।  

फलों का रंग गहरा हरा होता है। 

लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील हैं। 

पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं। 

यूपीएल राधिका:- 

पहली तुड़ाई बुवाई के 42 से 45 दिनों पर होती है।

फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।

फल का रंग गहरा हरा होता है। 

लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील है। 

पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं। 

यूपीएल वीनस प्लस  

पहली तुड़ाई बुवाई के 40 से 45 दिनों पर होती है।

फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।

फल का रंग गहरा हरा होता है। 

लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील है। 

पौधों में शाखाएं 2 से 3 होती हैं। 

हाइवेज सोना  

पहली तुड़ाई बुवाई के 45-48 दिनों पर होती है।

फलों की लंबाई 12 से 16 सेंटीमीटर की होती है। 

लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील है। 

पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं।   

नुन्हेम्स शिवांश  

पहली तुड़ाई बुवाई के  45 से 50 दिनों पर होती है।

फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।

लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील है। 

पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं।   

नुन्हेम्स सिंघम

पहली तुड़ाई बुवाई के 45-48 दिनों पर होती है।

फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है। 

फल का रंग गहरा हरा होता है। 

पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं।  

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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