पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिये पोटैशियम आवश्यक पोषक तत्व है। पोटैशियम फसलों को सूखा, पाला तथा कीट बीमारी आदि से बचाने में मदद करता है। जिन फसलों को पोटैशियम की पूरी मात्रा मिलती है, उन्हें उपज देने के लिये अपेक्षाकृत कम पानी की आवश्यकता होती है।
इस प्रकार पोटैशियम के प्रयोग से फसल की जल उपयोग-क्षमता बेहतर होती है। पोटैशियम फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने वाला सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्व है। पोटैशियम फसलों में दाने का विकास के लिए भी बहुत आवश्यक है। फसल में प्रारम्भिक अवस्था से ही पोटैशियम की आवश्यकता होती है। इससे तने का पूर्ण विकास हो जाता है, जिससे पौधा नहीं गिरता।
फसलों की निचली पत्तियों में किनारे से पीला पड़ना पोटैशियम के कमी के लक्षण हैं। पोटैशियम प्रयोग से यह समस्या नहीं आती है। पोटैशियम उत्पादन की गुणवत्ता को बढ़ाता है, अनाज के दानों की चमक, फलों का आकार, स्वाद व रंग भी पोटैशियम के कारण बढ़ता है फसल की आवश्यकतानुसार जमीन की तैयारी के समय पोटाश का उपयोग अति आवश्यक है। फसलों में छिड़काव के रूप में, 00:00:50, @ 5 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से भी उपयोग किया जा सकता है।
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