देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं? |
|||
मंडी |
फसल |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
आगरा |
प्याज़ |
12 |
14 |
आगरा |
प्याज़ |
16 |
|
आगरा |
प्याज़ |
17 |
18 |
आगरा |
प्याज़ |
11 |
12 |
आगरा |
प्याज़ |
15 |
|
आगरा |
प्याज़ |
16 |
18 |
आगरा |
लहसुन |
19 |
20 |
आगरा |
लहसुन |
24 |
|
आगरा |
लहसुन |
30 |
|
आगरा |
हरी मिर्च |
36 |
|
आगरा |
टमाटर |
30 |
|
आगरा |
टमाटर |
22 |
24 |
आगरा |
टमाटर |
33 |
|
आगरा |
टमाटर |
28 |
31 |
आगरा |
अदरक |
46 |
47 |
आगरा |
पत्ता गोभी |
22 |
25 |
आगरा |
फूलगोभी |
18 |
|
आगरा |
नींबू |
33 |
45 |
आगरा |
कद्दू |
11 |
16 |
आगरा |
खीरा |
15 |
|
आगरा |
शिमला मिर्च |
37 |
|
आगरा |
आलू |
11 |
18 |
आगरा |
अनन्नास |
29 |
33 |
आगरा |
मीठा नींबू |
32 |
|
आगरा |
मीठा नींबू |
24 |
26 |
आगरा |
सेब |
40 |
50 |
आगरा |
जैक फ्रूट |
60 |
|
गुवाहाटी |
प्याज़ |
15 |
|
गुवाहाटी |
प्याज़ |
20 |
|
गुवाहाटी |
प्याज़ |
21 |
|
गुवाहाटी |
प्याज़ |
15 |
|
गुवाहाटी |
प्याज़ |
20 |
|
गुवाहाटी |
प्याज़ |
22 |
|
गुवाहाटी |
लहसुन |
15 |
|
गुवाहाटी |
लहसुन |
24 |
|
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
|
गुवाहाटी |
लहसुन |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
आलू |
18 |
|
गुवाहाटी |
आलू |
22 |
23 |
गुवाहाटी |
हरी मिर्च |
40 |
45 |
गुवाहाटी |
टमाटर |
33 |
36 |
गुवाहाटी |
टमाटर |
40 |
|
गुवाहाटी |
मीठा नींबू |
37 |
40 |
गुवाहाटी |
सेब |
60 |
80 |
इंदौर |
प्याज़ |
10 |
|
इंदौर |
प्याज़ |
14 |
|
इंदौर |
प्याज़ |
16 |
|
इंदौर |
लहसुन |
10 |
|
इंदौर |
लहसुन |
15 |
|
इंदौर |
लहसुन |
18 |
|
इंदौर |
लहसुन |
20 |
|
इंदौर |
आलू |
19 |
|
इंदौर |
आलू |
18 |
20 |
बैंगलोर |
प्याज़ |
14 |
|
बैंगलोर |
प्याज़ |
16 |
|
बैंगलोर |
प्याज़ |
18 |
19 |
बैंगलोर |
प्याज़ |
20 |
21 |
बैंगलोर |
प्याज़ |
14 |
|
बैंगलोर |
प्याज़ |
16 |
|
बैंगलोर |
प्याज़ |
18 |
|
बैंगलोर |
प्याज़ |
20 |
|
बैंगलोर |
लहसुन |
13 |
|
बैंगलोर |
लहसुन |
15 |
|
बैंगलोर |
लहसुन |
20 |
|
बैंगलोर |
लहसुन |
25 |
26 |
बैंगलोर |
आलू |
25 |
|
बैंगलोर |
आलू |
21 |
22 |
बैंगलोर |
आलू |
20 |
|
बैंगलोर |
आलू |
22 |
|
बैंगलोर |
आलू |
18 |
19 |
बैंगलोर |
आलू |
17 |
|
बैंगलोर |
आलू |
22 |
|
बैंगलोर |
आलू |
20 |
|
बैंगलोर |
आलू |
19 |
|
बैंगलोर |
टमाटर |
16 |
|
बैंगलोर |
अदरक |
60 |
|
तिरुवनंतपुरम |
प्याज़ |
30 |
|
तिरुवनंतपुरम |
प्याज़ |
32 |
|
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
45 |
|
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
50 |
55 |
तिरुवनंतपुरम |
आलू |
35 |
|
कोलकाता |
प्याज़ |
19 |
|
कोलकाता |
प्याज़ |
24 |
|
कोलकाता |
प्याज़ |
27 |
|
कोलकाता |
लहसुन |
20 |
|
कोलकाता |
लहसुन |
22 |
|
कोलकाता |
लहसुन |
30 |
|
कोलकाता |
लहसुन |
22 |
|
कोलकाता |
लहसुन |
24 |
|
कोलकाता |
लहसुन |
32 |
|
कोलकाता |
आलू |
21 |
|
कोलकाता |
आलू |
17 |
|
कोलकाता |
आलू |
15 |
|
कोलकाता |
हरी मिर्च |
46 |
|
कोलकाता |
हरी मिर्च |
43 |
|
कोलकाता |
टमाटर |
27 |
|
कोलकाता |
अदरक |
56 |
|
कोलकाता |
मीठा नींबू |
34 |
|
कोलकाता |
मीठा नींबू |
33 |
34 |
रतलाम |
प्याज़ |
3 |
7 |
रतलाम |
प्याज़ |
7 |
10 |
रतलाम |
प्याज़ |
11 |
13 |
रतलाम |
प्याज़ |
15 |
19 |
रतलाम |
लहसुन |
5 |
11 |
रतलाम |
लहसुन |
12 |
26 |
रतलाम |
लहसुन |
12 |
36 |
वाराणसी |
प्याज़ |
9 |
12 |
वाराणसी |
प्याज़ |
13 |
16 |
वाराणसी |
प्याज़ |
17 |
18 |
वाराणसी |
प्याज़ |
10 |
14 |
वाराणसी |
प्याज़ |
15 |
17 |
वाराणसी |
प्याज़ |
18 |
20 |
वाराणसी |
लहसुन |
10 |
13 |
वाराणसी |
लहसुन |
17 |
19 |
वाराणसी |
लहसुन |
18 |
23 |
वाराणसी |
लहसुन |
23 |
27 |
वाराणसी |
आलू |
17 |
19 |
वाराणसी |
आलू |
14 |
16 |
वाराणसी |
आलू |
12 |
13 |
वाराणसी |
हरी मिर्च |
25 |
30 |
वाराणसी |
अदरक |
38 |
40 |
शाजापुर |
प्याज़ |
3 |
6 |
शाजापुर |
प्याज़ |
5 |
7 |
शाजापुर |
प्याज़ |
9 |
14 |
शाजापुर |
लहसुन |
4 |
7 |
शाजापुर |
लहसुन |
7 |
10 |
शाजापुर |
लहसुन |
10 |
15 |
देश की विभिन्न मंडियों में क्या चल रहे हैं फसलों एवं फलों के भाव?
देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं? |
|||
मंडी |
फसल |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
आगरा |
प्याज़ |
11 |
12 |
आगरा |
प्याज़ |
15 |
– |
आगरा |
प्याज़ |
18 |
19 |
आगरा |
प्याज़ |
10 |
11 |
आगरा |
प्याज़ |
14 |
– |
आगरा |
प्याज़ |
16 |
18 |
आगरा |
लहसुन |
16 |
18 |
आगरा |
लहसुन |
21 |
– |
आगरा |
लहसुन |
30 |
– |
आगरा |
हरी मिर्च |
32 |
– |
आगरा |
हरी मिर्च |
25 |
27 |
आगरा |
टमाटर |
32 |
– |
आगरा |
टमाटर |
25 |
28 |
आगरा |
टमाटर |
38 |
– |
आगरा |
टमाटर |
30 |
35 |
आगरा |
अदरक |
50 |
52 |
आगरा |
पत्ता गोभी |
20 |
22 |
आगरा |
फूलगोभी |
35 |
– |
आगरा |
नींबू |
45 |
50 |
आगरा |
कद्दू |
11 |
14 |
आगरा |
खीरा |
17 |
20 |
आगरा |
शिमला मिर्च |
40 |
– |
आगरा |
भिन्डी |
15 |
– |
आगरा |
अनन्नास |
30 |
35 |
आगरा |
मीठा नींबू |
36 |
– |
आगरा |
मीठा नींबू |
28 |
30 |
आगरा |
सेब |
45 |
55 |
आगरा |
आलू |
14 |
19 |
बैंगलोर |
प्याज़ |
15 |
– |
बैंगलोर |
प्याज़ |
16 |
17 |
बैंगलोर |
प्याज़ |
20 |
21 |
बैंगलोर |
प्याज़ |
23 |
24 |
बैंगलोर |
प्याज़ |
13 |
– |
बैंगलोर |
प्याज़ |
16 |
– |
बैंगलोर |
प्याज़ |
18 |
– |
बैंगलोर |
प्याज़ |
20 |
– |
बैंगलोर |
लहसुन |
14 |
– |
बैंगलोर |
लहसुन |
16 |
– |
बैंगलोर |
लहसुन |
22 |
– |
बैंगलोर |
लहसुन |
27 |
28 |
बैंगलोर |
आलू |
23 |
– |
बैंगलोर |
आलू |
21 |
22 |
बैंगलोर |
आलू |
18 |
– |
बैंगलोर |
आलू |
21 |
22 |
बैंगलोर |
आलू |
18 |
19 |
बैंगलोर |
आलू |
17 |
– |
बैंगलोर |
आलू |
22 |
– |
बैंगलोर |
आलू |
20 |
– |
बैंगलोर |
आलू |
19 |
– |
बैंगलोर |
टमाटर |
16 |
– |
बैंगलोर |
अदरक |
60 |
– |
कोलकाता |
प्याज़ |
18 |
– |
कोलकाता |
प्याज़ |
22 |
– |
कोलकाता |
प्याज़ |
26 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
21 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
23 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
30 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
21 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
25 |
– |
कोलकाता |
लहसुन |
32 |
– |
कोलकाता |
आलू |
23 |
– |
कोलकाता |
आलू |
18 |
– |
कोलकाता |
आलू |
16 |
– |
कोलकाता |
हरी मिर्च |
47 |
– |
कोलकाता |
हरी मिर्च |
44 |
– |
कोलकाता |
टमाटर |
27 |
– |
कोलकाता |
अदरक |
55 |
– |
कोलकाता |
मीठा नींबू |
35 |
– |
कोलकाता |
मीठा नींबू |
34 |
35 |
शाजापुर |
प्याज़ |
3 |
6 |
शाजापुर |
प्याज़ |
5 |
7 |
शाजापुर |
प्याज़ |
9 |
17 |
शाजापुर |
लहसुन |
4 |
7 |
शाजापुर |
लहसुन |
7 |
10 |
शाजापुर |
लहसुन |
10 |
16 |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
14 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
18 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
19 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
18 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
19 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
15 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
24 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
30 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
आलू |
18 |
– |
गुवाहाटी |
आलू |
22 |
23 |
गुवाहाटी |
हरी मिर्च |
40 |
45 |
गुवाहाटी |
टमाटर |
33 |
36 |
गुवाहाटी |
टमाटर |
40 |
– |
गुवाहाटी |
मीठा नींबू |
37 |
40 |
गुवाहाटी |
सेब |
60 |
80 |
वाराणसी |
प्याज़ |
9 |
12 |
वाराणसी |
प्याज़ |
13 |
17 |
वाराणसी |
प्याज़ |
17 |
20 |
वाराणसी |
प्याज़ |
10 |
15 |
वाराणसी |
प्याज़ |
16 |
18 |
वाराणसी |
प्याज़ |
19 |
22 |
वाराणसी |
लहसुन |
7 |
10 |
वाराणसी |
लहसुन |
11 |
15 |
वाराणसी |
लहसुन |
16 |
20 |
वाराणसी |
लहसुन |
20 |
24 |
वाराणसी |
आलू |
16 |
17 |
वाराणसी |
आलू |
13 |
15 |
वाराणसी |
आलू |
12 |
13 |
वाराणसी |
हरी मिर्च |
35 |
40 |
वाराणसी |
अदरक |
38 |
40 |
लखनऊ |
प्याज़ |
12 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
18 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
20 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
14 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
21 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
23 |
– |
लखनऊ |
लहसुन |
8 |
10 |
लखनऊ |
लहसुन |
11 |
14 |
लखनऊ |
लहसुन |
15 |
24 |
लखनऊ |
लहसुन |
8 |
10 |
लखनऊ |
लहसुन |
11 |
14 |
लखनऊ |
लहसुन |
15 |
25 |
लखनऊ |
आलू |
19 |
20 |
लखनऊ |
हरी मिर्च |
35 |
40 |
लखनऊ |
टमाटर |
35 |
– |
लखनऊ |
अदरक |
40 |
– |
लखनऊ |
सेब |
60 |
100 |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज़ |
27 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
प्याज़ |
30 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
46 |
– |
तिरुवनंतपुरम |
लहसुन |
50 |
60 |
तिरुवनंतपुरम |
आलू |
36 |
– |
इंदौर |
प्याज़ |
10 |
– |
इंदौर |
प्याज़ |
14 |
– |
इंदौर |
प्याज़ |
16 |
– |
इंदौर |
लहसुन |
10 |
– |
इंदौर |
लहसुन |
15 |
– |
इंदौर |
लहसुन |
18 |
– |
इंदौर |
लहसुन |
20 |
– |
इंदौर |
आलू |
14 |
– |
इंदौर |
आलू |
15 |
16 |
रतलाम |
प्याज़ |
4 |
13 |
रतलाम |
प्याज़ |
11 |
14 |
रतलाम |
प्याज़ |
13 |
19 |
रतलाम |
प्याज़ |
18 |
25 |
रतलाम |
लहसुन |
6 |
14 |
रतलाम |
लहसुन |
13 |
27 |
रतलाम |
लहसुन |
15 |
38 |
भुवनेश्वर |
प्याज़ |
20 |
– |
भुवनेश्वर |
प्याज़ |
22 |
– |
भुवनेश्वर |
प्याज़ |
15 |
– |
भुवनेश्वर |
प्याज़ |
19 |
– |
भुवनेश्वर |
प्याज़ |
21 |
– |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
11 |
12 |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
14 |
15 |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
22 |
23 |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
12 |
13 |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
17 |
18 |
भुवनेश्वर |
लहसुन |
23 |
24 |
भुवनेश्वर |
आलू |
48 |
– |
भुवनेश्वर |
आलू |
48 |
50 |
भुवनेश्वर |
अदरक |
45 |
47 |
बढ़ेगा गेहूं का उत्पादन, किसानों की आय में होगी वृद्धि
गेहूं उत्पादन में भारत सबसे बड़ा देश माना जाता है। जिसके चलते गेहूं यहां की प्रमुख फसल बन चुकी है। ऐसे में गेहूं उत्पादन के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए एक रणनीति तैयार की है।
दरसल राज्य सरकार गेहूं के उत्पादन और किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से एक खास योजना लेकर आई है। जिसके लिए सरकार शरबती गेहूं पर जीआई टैग पाने की प्रक्रिया पर पूरा ध्यान दे रही है, ताकि गेहूं किसानों को उनके उत्पादन की सही कीमत मिल सके।
बता दें कि वर्ष 2020-21 में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 129 लाख 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की गई थी। हालांकि वर्ष 2021-22 के दौरान 128 लाख 15 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी दर्ज की गई, इस उत्पादन को बढ़ाने के लिए ही सरकार ने यह खास कदम उठाया है।
इसी के तहत राज्य सरकार द्वारा 4500 से अधिक उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से किसानों से गेहूं की सीधी खरीद की जा सके। इन प्रयासों से किसानों के साथ साथ राज्य सरकार को भी गेहूं के बढ़े हुए उत्पादन के प्रबंधन में सहायता मिलेगी।
स्रोत: कृषि जागरण
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जानिए, मिट्टी उपचार क्यों जरूरी है एवं उपचार कैसे करें?
मिट्टी उपचार :- जिस खेत या क्यारी में बुवाई की जानी है, उस खेत में बुवाई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है। मिट्टी जनित कीटो एवं कवक से पौध की रक्षा करने लिए मिट्टी उपचार किया जाता है। पुरानी फसलों के खेत में रह गए अवशेष हानिकारक कवक एवं कीटों के उत्पन्न होने का कारण बनते हैं। इन्हीं कवक एवं कीटों से फसलों को बचाने के लिए बुवाई के पूर्व मिट्टी उपचार करना जरूरी है।
मिट्टी उपचार के लिए आवश्यक उत्पाद :-
कॉम्बैट (ट्राईकोडर्मा विरिडी 1.0% डब्ल्यूपी) @ 2 किलोग्राम या मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरेंस 1.0% डब्ल्यूपी) @ 500-1000 ग्राम + कालीचक्र (मेटाराइज़ियम एनीसोपलीय 1.0% डब्ल्यूपी) @ 1-2 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट के साथ मिला कर खेत में समान रूप से भुरकाव करें। कालीचक्र को किसी भी रासायनिक कवकनाशी के साथ मिश्रण न करें।
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टमाटर, मिर्च में फूल एवं फल पीले होकर गिरने का कारण एवं रोकथाम के उपाय
टमाटर और मिर्च के पौधों में फूल व फल गिरने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- परागण की कमी, पोषक तत्वों की कमी, जल एवं नमी की कमी, कीट तथा बीमारियां आदि।
फल एवं फूलों को झड़ने से रोकने के उपाय
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पोषक तत्वों का छिड़काव:- पौधों में समय-समय पर पोषक तत्वों का छिड़काव किया जाना चाहिए। जिसमें मुख्य एवं सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे – बोरान, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि शामिल होने चाहिए।
-
सिंचाई:- आवश्यकता अनुसार एक निश्चित अंतराल से फसलों में सिंचाई करते रहना चाहिए, जिससे पर्याप्त मात्रा में नमी बनी रहे। ध्यान रहे जरूरत से ज्यादा सिंचाई भी नुकसानदायक हो सकती है।
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गुड़ाई:- कपास की फसल में समय-समय पर निराई व अन्य अंतर फसल का कार्य करते रहना चाहिए, ताकि खेत खरपतवारों से मुक्त रहे। इसके साथ ही गोबर की अच्छी पकी हुई खाद या केंचुआ खाद (Vermicompost) का इस्तेमाल समय-समय पर करना जरूरी है।
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कीट नियंत्रण : फसलों में कीट व बीमारी अधिक मात्रा में हानि पहुंचाते हैं। इसलिए समय पर देखरेख करें और कीट नियंत्रण करें।
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हार्मोन का संतुलन बनाए रखना : सामान्य फसल में हार्मोन के असंतुलन के कारण भी अधिक नुकसान होता है, तो हार्मोन का संतुलन बनाए रखें। इसमें नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001%) @ 180 मिली प्रति एकड़, @ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
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परागण कर्ता का उपयोग
इन फसलों के परागण के लिए मधुमक्खी या अन्य कीटों का होना आवश्यक है। खेतों में इन कीटों की उपस्थिति में किसी भी प्रकार का छिड़काव या अन्य कृषि कार्य ना करें। इससे परागण के कार्य सरलता से व समय पर होता है।
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ऐप चलाओ कैश कमाओ: तीसरे हफ्ते के विजेता किसान
‘ऐप चलाओ कैश कमाओ’ प्रतियोगिता में हजारों की संख्या में किसान भाईयों ने भाग लिया। इस दौरान किसानों ने ग्रामोफ़ोन के रेफरल कोड के माध्यम से अपने किसान मित्रों को ग्रामोफ़ोन ऐप से जोड़ा और उनसे कृषि उत्पादों की खरीदी करवाई, साथ ही अपने ऐप वॉलेट में कैश भी कमाए। आज के इस लेख में हम प्रतियोगिता के आखिरी यानी तीसरे हफ्ते (29 सितंबर से 5 अक्टूबर) के विजेताओं के नामों की घोषणा करने जा रहे हैं।
देखें विजेताओं की लिस्ट –
टॉप 5 विजेता किसान
विजेता किसान |
गांव |
तहसील |
जिला |
राज्य |
संतोष साहु |
पथरादि पिपरिया |
बहोरिबंद |
कटनी |
मध्यप्रदेश |
रोहित |
हतुनिया |
पंचपहाड़ |
झालावाड़ |
राजस्थान |
अनिकेत ठाकुर |
कोदा कलान |
जबेरा |
दमोह |
मध्यप्रदेश |
मोहित कुशवाह |
दीपगांव |
खातेगांव |
देवास |
मध्यप्रदेश |
मदन रजाक |
पलासुंदर |
नैनपुर |
मंडला |
मध्यप्रदेश |
टॉप 3 बॉनस जीतने वाले विजेता किसान
विजेता किसान |
गांव |
तहसील |
जिला |
राज्य |
दिनेश धाकड़ |
राजोड़ |
सरदारपुर |
धार |
मध्यप्रदेश |
अश्विन मीना |
नरसिंहपुर |
बागली |
देवास |
मध्यप्रदेश |
धर्मेंद्र |
आगर |
आगर |
आगर मालवा |
मध्यप्रदेश |
सभी विजेता किसानों को ग्रामोफ़ोन की ओर से शुभकामनाएं। इसी तरह आगे भी ग्रामोफ़ोन पर प्रतियोगिताएं होती रहेंगी, जिनमें आपको कई शानदार इनाम जीतने का मौका मिलेगा।
Shareमध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के भाव?
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़वाह, धामनोद, हाटपिपलिया, हरदा, मंदसौर एवं खरगोन आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव |
|||
जिला |
कृषि उपज मंडी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
खरगोन |
बड़वाह |
700 |
1200 |
धार |
धामनोद |
800 |
900 |
देवास |
हाटपिपलिया |
800 |
1200 |
हरदा |
हरदा |
380 |
450 |
होशंगाबाद |
होशंगाबाद |
1260 |
1730 |
खरगोन |
खरगोन |
500 |
1000 |
खरगोन |
खरगोन |
500 |
800 |
धार |
कुक्षी |
500 |
900 |
मंदसौर |
मंदसौर |
391 |
1451 |
हरदा |
टिमरनी |
1000 |
1000 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareअब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी प्याज़ जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।
धान की फसल में गर्दन तोड़ और शीथ ब्लाइट से पाएं एक ही छिड़काव से छुटकारा
गर्दन तोड़ (नेक ब्लास्ट):- यह धान की एक प्रमुख बीमारी है। यह रोग ज्यादातर लंबे समय तक बारिश और दिन में ठंडे तापमान वाले क्षेत्रों में होता है। इस रोग की वजह से बाली की गर्दन का हिस्सा काला हो जाता है और आंशिक या पूर्ण रूप से नीचे की ओर झुक जाता है। जिस वजह से बाली में दाने नहीं बन पाते हैं और अंत में बाली टूट जाती है। धान का यह रोग अत्यंत विनाशकारी होता है। जिसके चलते उपज में भारी कमी आ सकती है।
पर्णच्छद अंगमारी (शीथ ब्लाइट):- जल स्तर अथवा भूमि की सतह के पास पर्णच्छद पर रोग के प्रमुख लक्षण प्रकट होते हैं। इसके प्रकोप से पत्ती के पर्णच्छद पर 2-3 सें.मी. लम्बे हरे भूरे रंग के धब्बे बनते हैं। जो बाद में भूसे के रंग के दिखने लगते हैं। धब्बों के चारों तरफ बैंगनी रंग की पतली धारी बन जाती है। अनुकूल वातावरण पर कवक जाल स्पष्ट दिखते हैं।
नियंत्रण के उपाय:- इसके नियंत्रण के लिए, नेटिवो (टेबुकोनाज़ोल 50% + ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन 25%डब्ल्यूजी) @ 80 ग्राम + नोवामैक्स @ 200 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड@ 50 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
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मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावर, देवास, इंदौर, खरगोन एवं मंदसौर आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव |
|||
जिला |
कृषि उपज मंडी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
बड़वानी |
बड़वानी |
1200 |
1200 |
राजगढ़ |
ब्यावरा |
900 |
1800 |
छिंदवाड़ा |
छिंदवाड़ा |
500 |
700 |
सागर |
देवरी |
1700 |
2000 |
सागर |
देवरी |
1200 |
2010 |
देवास |
देवास |
400 |
1000 |
देवास |
देवास |
500 |
1200 |
धार |
धार |
1900 |
2000 |
धार |
धार |
1950 |
2500 |
गुना |
गुना |
1000 |
1100 |
देवास |
हाटपिपलिया |
1200 |
1400 |
हरदा |
हरदा |
1800 |
2400 |
इंदौर |
इंदौर |
800 |
2400 |
खरगोन |
खरगोन |
500 |
800 |
खरगोन |
खरगोन |
500 |
800 |
धार |
कुक्षी |
1000 |
1600 |
धार |
कुक्षी |
1000 |
1800 |
धार |
मनावर |
1600 |
1800 |
मंदसौर |
मंदसौर |
1400 |
2700 |
खंडवा |
पंधाना |
800 |
820 |
सागर |
सागर |
1200 |
2000 |
इंदौर |
सांवेर |
1550 |
1850 |
बड़वानी |
सेंधवा |
700 |
1200 |
बड़वानी |
सेंधवा |
1500 |
2000 |
झाबुआ |
थांदला |
800 |
1000 |
हरदा |
टिमर्नी |
1200 |
2500 |
स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट
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देखिये, भिंडी की सबसे बेहतरीन 6 किस्में
भिंडी की उन्नत खेती के लिए उसकी उन्नत किस्मों का चयन करना आवश्यक है। किसानों को अधिक पैदावार के लिए अपने क्षेत्र की प्रचलित भिंडी की किस्मों का चयन करना चाहिए। इसके साथ साथ उन किस्मों की विशेषताओं और उपज की जानकारी होना भी आवश्यक है। किसानों की जानकारी के लिए भिंडी की उन्नत किस्मों की विशेषताएं इस प्रकार हैं –
यूपीएल मोना 002:-
पहली तुड़ाई बुवाई के 42 से 45 दिनों पर होती है।
फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।
फलों का रंग गहरा हरा होता है।
लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील हैं।
पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं।
यूपीएल राधिका:-
पहली तुड़ाई बुवाई के 42 से 45 दिनों पर होती है।
फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।
फल का रंग गहरा हरा होता है।
लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील है।
पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं।
यूपीएल वीनस प्लस
पहली तुड़ाई बुवाई के 40 से 45 दिनों पर होती है।
फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।
फल का रंग गहरा हरा होता है।
लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील है।
पौधों में शाखाएं 2 से 3 होती हैं।
हाइवेज सोना
पहली तुड़ाई बुवाई के 45-48 दिनों पर होती है।
फलों की लंबाई 12 से 16 सेंटीमीटर की होती है।
लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील है।
पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं।
नुन्हेम्स शिवांश
पहली तुड़ाई बुवाई के 45 से 50 दिनों पर होती है।
फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।
लीफ कर्ल वायरस और पीत शिरा मोज़ेक वायरस रोग के लिए सहनशील है।
पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं।
नुन्हेम्स सिंघम
पहली तुड़ाई बुवाई के 45-48 दिनों पर होती है।
फलों की लंबाई 12 से 14 सेंटीमीटर की होती है।
फल का रंग गहरा हरा होता है।
पौधों में शाखाएं 2 से 4 होती हैं।
Shareमहत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।
