- मुंहपका-खुरपका रोग एक विषाणु जनित होता है।
- यह रोग किसी भी उम्र की गाय व भैंस में हो सकता है साथ ही यह रोग किसी भी मौसम में हो सकता है।
- इसके चपेट में आने से पशु की कार्य करने व उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।
- इस रोग की चपेट में आने पर पशु को तेज बुखार आता है साथ ही पशु के मुंह, मसूड़े, जीभ के ऊपर, होंठ के अंदर व खुरों के बीच छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं।
- इसके कारण पशु जुगाली करना बंद कर देते हैं, मुंह से लार गिरने लगती है, और वे सुस्त होकर खाना पीना तक छोड़ देता है।
- खुर में जख्म होने पर पशु लंगड़ाकर चलते हैं और खुरों में कीचड़ लगने पर कीड़े पड़ जाते हैं जिससे कभी-कभी पशु की मौत भी हो जाती है।
- इस रोग से ग्रसित पशु को दूसरे स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए।
पोस्ट ऑफ़िस के इस स्कीम से मिल सकता है 2 लाख का ब्याज
पोस्ट ऑफ़िस का ये नया स्कीम आपके लिए काफी लाभकारी हो सकता सकता है। इसमें कम राशि पर ज्यादा रिटर्न मिलता है। इस स्कीम का नाम राष्ट्रीय बचत पत्र या नेशनल सेविंग्स सर्टिफ़िकेट स्कीम है। दरअसल यह सरकार द्वारा चलाई जाती है इसलिए इसमें जमा किये गए राशि पर कोई जोखिम नहीं होता है। इस स्कीम में ब्याज सरकार द्वारा तय की जाती है और जमा राशि पर लोगों को अच्छा ब्याज दिया जाता है।
यह स्कीम 5 साल की होती है और इसमें 1 अप्रैल 2020 को ब्याज दर 6.8 तक तय किया गया था। इस स्कीम में आपको खाता खुलवाते समय न्यूनतम 1 हजार और अधिकतम चाहें जितना जमा कर सकते है। जमा करने के बाद 5 साल का पीरियड पूरा होने के बाद मूलधन के साथ आपको ब्याज के पैसे साथ में मिलेंगे।
अगर आप इस योजना में ₹5 लाख जमा करते हैं, तो इसकी जमा राशि ₹698514 हो जाती है। इस राशि पर आप करीब दो लाख रुपए प्राप्त करते हैं। अर्थात आपके द्वारा जमा की गई रकम 5 वर्ष तक मूलधन रहती है और उस पर ₹2 लाख अलग से ब्याज बनता है।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareइंदौर की मंडी में क्या है अलग अलग फसलों के भाव
| फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| डॉलर चना | 2945 | 6900 |
| गेहु | 1317 | 1979 |
| चना मौसमी | 3910 | 5485 |
| सोयाबीन | 1800 | 5010 |
| मक्का | 1190 | 1286 |
| मसूर | 2550 | 5050 |
| मूंग | 6285 | 6285 |
| उड़द | 3000 | 5250 |
| बटला | 2850 | 3910 |
| तुअर | 2325 | 6145 |
| मिर्ची | 4600 | 13900 |
| सरसों | 5160 | 5160 |
| प्याज के भाव | ||
| नई लाल प्याज (आवक 16000 कट्टे ) 2500 – 4000 ₹ | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| सुपर | 3600 | 3900 |
| एवरेज | 3000 | 3500 |
| गोलटा | 2800 | 3300 |
| गोलटी | 1800 | 2400 |
| छाटन | 400 | 1800 |
| लहसन के भाव | ||
| नई लहसन | ||
| ( आवक – 21000+ कट्टे ) 4000 – 7500 ₹ | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| सुपर ऊटी | 6000 | 7000 |
| देशी मोटा | 5000 | 6000 |
| लड्डू देशी | 3800 | 4800 |
| मीडियम | 2000 | 3500 |
| बारीक | 800 | 1500 |
| हल्की | 800 | 2000 |
| नया आलू | ||
| ( आवक – 25000 + कट्टे ) | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| चिप्स | 800 | 1000 |
| ज्योति | 900 | 1025 |
| गुल्ला | 700 | 800 |
| छर्री | 200 | 350 |
| छाटन | 600 | 900 |
| सब्जियों के भाव | ||
| फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| भिन्डी | 1500 | 3500 |
| लौकी | 1500 | 3000 |
| बेंगन | 200 | 600 |
| पत्ता गोभी | 200 | 500 |
| शिमला मिर्च | 1000 | 2000 |
| गाजर | 300 | 800 |
| फुल गोभी | 600 | 1500 |
| हरा धनिया | 800 | 1500 |
| खीरा | 800 | 2000 |
| हरी मिर्च | 1000 | 3000 |
| मैथी | 200 | 800 |
| प्याज | 1500 | 4000 |
| पपीता | 800 | 1600 |
| आलू | 200 | 1100 |
| कद्दू | 300 | 600 |
| मुली | 600 | 1000 |
| पालक | 300 | 800 |
| टमाटर | 400 | 1000 |
पौधों के विकास में उपयोगी जिंक बैक्टीरिया का ऐसे करें उपयोग
- ज़िंक सोलुब्लाइज़िंग बैक्टीरिया एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैक्टीरिया कल्चर है।
- यह बैक्टीरया मिट्टी में मौजूद अघुलनशील ज़िंक को घुलनशील रूप में पौधों को उपलब्ध कराता है। यह पौधों के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक है।
- इसका उपयोग मिट्टी उपचार, बीज़ उपचार एवं छिड़काव के रूप में भी कर सकते हैं।
- मिट्टी उपचार करने के लिए 1 किलो/एकड़ की दर से 50-100 किलो पकी हुई गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट में मिलाकर बुआई के पहले खेत में भुरकाव करें।
- बीज़ उपचार के लिए 5-10 ग्राम/किलो बीज़, बीज़ उपचार के लिए उपयोग करें।
- बुआई के बाद छिड़काव के रूप में 500-1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
दो दिन और बचे हैं, जल्द कराएं समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने हेतु पंजीयन
रबी सीजन में लगने वाली फ़सलों की कटाई शुरू हो चुकी है। इसी को देखते हुए सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया की आखिरी तारीख पहले 20 फ़रवरी रखी गई थी जिसे अब बढ़ा कर 25 फरवरी कर दी गई है।
किसान आने वाली 25 फरवरी तक ई-उपार्जन पोर्टल पर इस बाबत पंजीयन करवा सकते हैं। इस पंजीयन की प्रक्रिया के लिए आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर संबंधी जानकारी किसानों को उपलब्ध करवाने होंगे। बता दें की गेहूँ का उपार्जन इंदौर व उज्जैन संभाग में 22 मार्च से शुरू होगा और 1 अप्रैल से प्रदेश के अन्य संभागों में इसकी शुरुआत की जायेगी।
स्रोत: किसान समाधान
Shareप्याज की फसल में बेसल रॉट का प्रबंधन कैसे करें?
- बेसल रॉट रोग एक कवक जनित रोग है और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव प्याज के कंद के आधार भाग पर दिखाई देता है।
- इसके कारण कंद के आधार पर सफेद या गुलाबी रंग के कवक दिखाई देते हैं।
- इससे प्याज की जड़ों के साथ-साथ कंद को भी बहुत नुकसान पहुँचता है।
- इस रोग के निवारण के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या कीटाजिन 48% EC@ 400 मिली/एकड़ की दर से जड़ों के पास से पौधे को दें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ जड़ों के पास दें।
टिप ब्लाइट से प्याज की फसल को होगा नुकसान, ऐसे करें बचाव
- टिप ब्लाइट प्याज की फसल में लगने वाला प्रमुख कवक जनित रोग है।
- इस रोग के कारण प्याज की पत्तियों के ऊपरी किनारे यानी शीर्ष सूखने लगते हैं।
- इसके कारण कई बार पत्तियों के ऊपरी किनारे भूरे रंग के हो जाते हैं।
- इस रोग के निवारण के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
आयुष्मान भारत योजना से अब देश के किसी भी अस्पताल में होगा मुफ्त इलाज
गरीब लोगों को मुफ्त में इलाज मिल पाए इस उद्देश्य से केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत अब लाभार्थियों को एक PVC आयुष्मान कार्ड भी दिया जाएगा।
इस PVC आयुष्मान कार्ड के माध्यम से लाभार्थी मुफ्त में इलाज करवा सकेंगे। इससे ख़ास कर के गरीब लोगों को काफी लाभ मिलेगा। इस कार्ड के माध्यम से अब आप देश के किसी भी क्षेत्र के किसी भी अस्पताल में मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में मौसम साफ और शुष्क रहेगा
मध्य भारत के राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र के सभी भागों में मौसम के साफ़ रहने की संभावना है। इसके अलावा उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों पर आने वाले लंबे समय तक बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाओं के चलने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareकद्दुवर्गीय फसलों में लाल मकड़ी का ऐसे करें नियंत्रण
- लाल मकड़ी का सबसे ज्यादा प्रकोप मानसून के पूर्व होता है पर कई बार ये बाकी समय में भी फसल को नुकसान पहुँचा सकता है। आने वाले दिनों में भी इसके प्रकोप की संभावना है।
- इस का प्रकोप पत्तियों की निचली सतह पर सबसे अधिक दिखाई देता है।
- यह कीट पत्तियों की शिराओ के पास अंडे देती है।
- इस कीट के अधिक प्रकोप की अवस्था में पत्तियां चमकीली पीली हो जाती हैं।
- इस कीट के नियंत्रण के लिए प्रॉपरजाइट 57% EC@ 400 ग्राम/एकड़ या स्पैरोमेसीफेंन 22.9% SC@ 200 मिली/एकड़ या एबामेक्टिन 1.9% EC@ 150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- इसी के साथ जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
