- पित शिरा विषाणु भिंडी में लगने वाला प्रमुख विषाणु जनित रोग है।
- यह सफ़ेद मक्खी के कारण फैलता है एवं इसके कारण भिंडी की फसल को 25 से 30% तक का नुकसान होता है।
- इस रोग के लक्षण पौधे की सभी अवस्था में देखा जाता है।
- इसके कारण पत्तियों की शिराएं पीली पड़ जाती हैं एवं पत्तियों पर जाल जैसी संरचना बन जाती है।
- इसके निवारण के लिए एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या डायफैनथीयुरॉन 50% WP @ 250 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% EC@ 300 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
गेहूँ के दानों में चमक बढ़ाने के लिए क्या उपाय करें?
- गेहूँ की फसल में यदि दानों का आकार एवं चमक अच्छी होती है तो उस फसल का बाजार भाव बहुत अच्छा मिलता है।
- गेहूँ की फसल में दानो में चमक बेहतर करने के लिए दाना भरने की अवस्था के समय 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ के साथ प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC@ 200 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- इन उत्पादों के उपयोग से गेहूँ के दानो में चमक के साथ-साथ कवक जनित रोगों से फसल की रक्षा होती है एवं पोषण सम्बन्धी आवश्यकता की भी पूर्ति हो जाती है।
मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में कैसा रहेगा मौसम, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के अन्य राज्यों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है और गर्मी के भी बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। पंजाब व उत्तरी हरियाणा जैसे क्षेत्रों में भी हल्की बारिश की संभावना बन रही है। इसके साथ ही दक्षिण भारत में आने वाले दिनों में बारिश के कोई आसार नहीं बन रहे हैं।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareमध्य प्रदेश के किसानों को इस दिन मिलेगी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि
मध्य प्रदेश के किसानों को जल्द ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि वितरित कर दी जायेगी। इस राशि का वितरण आगामी 27 फरवरी के दिन दोपहर 3 बजे से आयोजित एक कार्यक्रम में किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के करीब 20 लाख किसानों को 400 करोड़ रूपये वितरित किये जाएंगे। इस राशि का वितरण प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जाएगा। यह कार्यक्रम एक वर्चुअल कार्यक्रम होगा।
स्रोत: कृषक जगत
Shareउपज के सुरक्षित भंडारण के समय इन बातों का रखें ध्यान
- उपज के सुरक्षित भंडारण के समय इन बातों का रखें ध्यान
- फसल के कटाई के बाद सबसे जरूरी काम उपज भंडारण का होता है।
- उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाने की जरूरत होती है, इससे अनाज को लम्बे समय तक भंडारित करके रखा जा सकता है।
- उपज में भंडारण के समय लगने वाले मुख्य कीटों में अनाज का छोटा बेधक, खपड़ा बीटल, आटे का लाल भृंग, दालों का भृंग, अनाज का पतंगा, चावल का पतंगा आदि शामिल हैं।
- यह सभी कीट भंडारण के दौरान अनाज को खाकर खोखला कर देते हैं।
- इन कीटों से अनाज को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण करने के पहले भण्डार गृह की सफाई अच्छे से जरूर कर लें।
- इसके साथ ही अनाज को अच्छी तरह से सुखाकर ही भंडारित करें।
मुंहपका-खुरपका रोग से जानवरों को होती है कई परेशानियां
- मुंहपका-खुरपका रोग एक विषाणु जनित होता है।
- यह रोग किसी भी उम्र की गाय व भैंस में हो सकता है साथ ही यह रोग किसी भी मौसम में हो सकता है।
- इसके चपेट में आने से पशु की कार्य करने व उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।
- इस रोग की चपेट में आने पर पशु को तेज बुखार आता है साथ ही पशु के मुंह, मसूड़े, जीभ के ऊपर, होंठ के अंदर व खुरों के बीच छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं।
- इसके कारण पशु जुगाली करना बंद कर देते हैं, मुंह से लार गिरने लगती है, और वे सुस्त होकर खाना पीना तक छोड़ देता है।
- खुर में जख्म होने पर पशु लंगड़ाकर चलते हैं और खुरों में कीचड़ लगने पर कीड़े पड़ जाते हैं जिससे कभी-कभी पशु की मौत भी हो जाती है।
- इस रोग से ग्रसित पशु को दूसरे स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए।
पोस्ट ऑफ़िस के इस स्कीम से मिल सकता है 2 लाख का ब्याज
पोस्ट ऑफ़िस का ये नया स्कीम आपके लिए काफी लाभकारी हो सकता सकता है। इसमें कम राशि पर ज्यादा रिटर्न मिलता है। इस स्कीम का नाम राष्ट्रीय बचत पत्र या नेशनल सेविंग्स सर्टिफ़िकेट स्कीम है। दरअसल यह सरकार द्वारा चलाई जाती है इसलिए इसमें जमा किये गए राशि पर कोई जोखिम नहीं होता है। इस स्कीम में ब्याज सरकार द्वारा तय की जाती है और जमा राशि पर लोगों को अच्छा ब्याज दिया जाता है।
यह स्कीम 5 साल की होती है और इसमें 1 अप्रैल 2020 को ब्याज दर 6.8 तक तय किया गया था। इस स्कीम में आपको खाता खुलवाते समय न्यूनतम 1 हजार और अधिकतम चाहें जितना जमा कर सकते है। जमा करने के बाद 5 साल का पीरियड पूरा होने के बाद मूलधन के साथ आपको ब्याज के पैसे साथ में मिलेंगे।
अगर आप इस योजना में ₹5 लाख जमा करते हैं, तो इसकी जमा राशि ₹698514 हो जाती है। इस राशि पर आप करीब दो लाख रुपए प्राप्त करते हैं। अर्थात आपके द्वारा जमा की गई रकम 5 वर्ष तक मूलधन रहती है और उस पर ₹2 लाख अलग से ब्याज बनता है।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareइंदौर की मंडी में क्या है अलग अलग फसलों के भाव
| फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| डॉलर चना | 2945 | 6900 |
| गेहु | 1317 | 1979 |
| चना मौसमी | 3910 | 5485 |
| सोयाबीन | 1800 | 5010 |
| मक्का | 1190 | 1286 |
| मसूर | 2550 | 5050 |
| मूंग | 6285 | 6285 |
| उड़द | 3000 | 5250 |
| बटला | 2850 | 3910 |
| तुअर | 2325 | 6145 |
| मिर्ची | 4600 | 13900 |
| सरसों | 5160 | 5160 |
| प्याज के भाव | ||
| नई लाल प्याज (आवक 16000 कट्टे ) 2500 – 4000 ₹ | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| सुपर | 3600 | 3900 |
| एवरेज | 3000 | 3500 |
| गोलटा | 2800 | 3300 |
| गोलटी | 1800 | 2400 |
| छाटन | 400 | 1800 |
| लहसन के भाव | ||
| नई लहसन | ||
| ( आवक – 21000+ कट्टे ) 4000 – 7500 ₹ | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| सुपर ऊटी | 6000 | 7000 |
| देशी मोटा | 5000 | 6000 |
| लड्डू देशी | 3800 | 4800 |
| मीडियम | 2000 | 3500 |
| बारीक | 800 | 1500 |
| हल्की | 800 | 2000 |
| नया आलू | ||
| ( आवक – 25000 + कट्टे ) | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| चिप्स | 800 | 1000 |
| ज्योति | 900 | 1025 |
| गुल्ला | 700 | 800 |
| छर्री | 200 | 350 |
| छाटन | 600 | 900 |
| सब्जियों के भाव | ||
| फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| भिन्डी | 1500 | 3500 |
| लौकी | 1500 | 3000 |
| बेंगन | 200 | 600 |
| पत्ता गोभी | 200 | 500 |
| शिमला मिर्च | 1000 | 2000 |
| गाजर | 300 | 800 |
| फुल गोभी | 600 | 1500 |
| हरा धनिया | 800 | 1500 |
| खीरा | 800 | 2000 |
| हरी मिर्च | 1000 | 3000 |
| मैथी | 200 | 800 |
| प्याज | 1500 | 4000 |
| पपीता | 800 | 1600 |
| आलू | 200 | 1100 |
| कद्दू | 300 | 600 |
| मुली | 600 | 1000 |
| पालक | 300 | 800 |
| टमाटर | 400 | 1000 |
पौधों के विकास में उपयोगी जिंक बैक्टीरिया का ऐसे करें उपयोग
- ज़िंक सोलुब्लाइज़िंग बैक्टीरिया एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैक्टीरिया कल्चर है।
- यह बैक्टीरया मिट्टी में मौजूद अघुलनशील ज़िंक को घुलनशील रूप में पौधों को उपलब्ध कराता है। यह पौधों के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक है।
- इसका उपयोग मिट्टी उपचार, बीज़ उपचार एवं छिड़काव के रूप में भी कर सकते हैं।
- मिट्टी उपचार करने के लिए 1 किलो/एकड़ की दर से 50-100 किलो पकी हुई गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट में मिलाकर बुआई के पहले खेत में भुरकाव करें।
- बीज़ उपचार के लिए 5-10 ग्राम/किलो बीज़, बीज़ उपचार के लिए उपयोग करें।
- बुआई के बाद छिड़काव के रूप में 500-1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
दो दिन और बचे हैं, जल्द कराएं समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने हेतु पंजीयन
रबी सीजन में लगने वाली फ़सलों की कटाई शुरू हो चुकी है। इसी को देखते हुए सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया की आखिरी तारीख पहले 20 फ़रवरी रखी गई थी जिसे अब बढ़ा कर 25 फरवरी कर दी गई है।
किसान आने वाली 25 फरवरी तक ई-उपार्जन पोर्टल पर इस बाबत पंजीयन करवा सकते हैं। इस पंजीयन की प्रक्रिया के लिए आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर संबंधी जानकारी किसानों को उपलब्ध करवाने होंगे। बता दें की गेहूँ का उपार्जन इंदौर व उज्जैन संभाग में 22 मार्च से शुरू होगा और 1 अप्रैल से प्रदेश के अन्य संभागों में इसकी शुरुआत की जायेगी।
स्रोत: किसान समाधान
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