- अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग तरबूज़ की फसल में बुआई के बाद से ही दिखाई देने लगता है।
- इस रोग के कारण पत्तियों पर भूरे रंग के सकेंद्रिय गोल धब्बे दिखाई देते हैं। यह धब्बे धीरे धीरे बढ़ते जाते है और आखिर में ग्रसित पत्तियाँ सूख कर गिर जाती हैं।
- इस रोग के निवारण के लिए कार्बेडेंजियम 12% + मैंकोजेब 63% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या कीटाजिन@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।
अब गौ पालकों की बढ़ेगी कमाई, गोबर से बनाया जाएगा इकोफ्रेंडली पेंट
किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए सरकार कई नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में पिछले दिनों केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने गोबर से तैयार किये गए पेंट लॉन्च किये थे। अब बताया जा रहा है की नितिन गडकरी गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्री शुरू करने की तैयारी में हैं।
सरकार की इस पहल से हर गांव में रोज़गार के नए और बेहतर अवसर पैदा होंगे। बता दें की गोबर से पेंट तैयार करने वाली एक फैक्ट्री शुरू करने में करीब 15 लाख रुपए का खर्च होगा। गोबर से तैयार यह पेंट इकोफ्रेंडली होगा और लम्बे समय तक चलेगा।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्य प्रदेश के 18 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी, 4 जिलों में बारिश जारी
मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में अचानक मौसम ने करवट ली है और बरसात का दौर शुरू हो गया है। यह मौसमी बदलाव बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाओं के कारण देखने को मिल रही है। यही कारण है की मध्य प्रदेश के 4 जिले भोपाल, रायसेन, सीहोर, सागर में बारिश हो रही है साथ ही रायसेन एवं नरसिंहपुर में ओले गिरने की भी खबर आई है। इसके अलावा सिवनी जिले में भी कई जगहों पर बारिश के साथ ओले गिरने की खबर आई है।
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में मध्य प्रदेश के 18 जिले में ओलावृष्टि की संभावना जताई है। इस मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों को सावधान रखने की जरुरत है और अपने अपने स्तर पर इस बाबत प्रबंध करने की जरुरत है।
मध्य प्रदेश के किन जिलों में ओले गिरने की है संभावना?
मौसम विभाग के अनुसार ओले गिरने की है संभावना वाले जिलों में शहडोल और होशंगाबाद संभाग के साथ साथ रीवा, सतना, दमोह, सागर, छिंदवाड़ा, सिवनी, रायसेन, सीहोर, दतिया, भोपाल, गुना और भिंड जिले शामिल हैं।
Shareमध्य प्रदेश समेत देश के आधे से अधिक हिस्से में बारिश की संभावना
मध्य प्रदेश के पूर्वी एवं दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के भी कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। बारिश के साथ साथ देश के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि की संभावना भी बनी हुई है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareमूंग समृद्धि किट से मिलेगी बम्पर उपज, जाने इसके उपयोग की पूरी प्रक्रिया
- मूंग की फसल के लिए ख़ास तौर पर तैयार की गई ‘मूंग समृद्धि किट’ आपकी फसल का सुरक्षा कवच बनेगी।
- इस किट में कई उत्पाद संलग्न हैं जिसमे पीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया, राइज़ोबियम बैक्टेरिया, ट्राइकोडर्मा विरिडी, ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा शामिल हैं।
- इस किट का कुल वज़न 5 किलो है जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त है।
- फसल की बुआई के पहले इस किट को 50-100 किलो FYM के साथ मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करें।
- इस बात का ध्यान रखें की जब इस किट का उपयोग किया जा रहा हो तब खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है।
- यह किट मूंग की फसल को सभी जरुरी पोषक तत्व प्रदान करती है।
गर्मियों में गोबर खाद के उपयोग से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान
- गर्मियों के मौसम में किसान अक्सर खेत में गोबर की खाद डालता है, परंतु इसका उपयोग करने से पहले यह जरूर ध्यान रखना चाहिए की गोबर खाद अच्छे से पकी हुई हो।
- कभी कभी किसान खेत में डालने के लिए जिस गोबर खाद का उपयोग करता है वह अधपकी एवं पूर्ण पोषित भी नहीं होती है। जिसका नुकसान फसल को उठाना पड़ता है।
- गोबर की खाद को खेत में डालने से पहले उसे पूरी तरह से डिकम्पोज़्ड कर लेना चाहिए।
- गोबर की खाद में नमी की मात्रा पर्याप्त रखने के लिए इसे खेत में डालने के बाद हल्की सिंचाई करना बहुत आवश्यक होता है।
- गोबर की खाद डालने के बाद खेत की जुताई भी अवश्य करें। ऐसा करने से गोबर खाद अच्छे से मिट्टी में मिल जाती है।
शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, फसल क्षति पर किसानों को 5000 रूपये तो ज़रूर मिलेंगे
प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसलों को कई बार नुकसान का सामना करना पड़ता है। अब इसी नुकसान की भरपाई के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है की प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति की भरपाई के लिए कम से कम 5 हजार रुपये की सहायता राशि तो जरूर मिलेगी।
यह निर्णय प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में लिया गया है। इस निर्णय में प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ वन्य प्राणियों द्वारा पहुंचाए जाने वाले नुकसान की भी भरपाई हेतु अनुदान देने की बात कही गई है।
स्रोत: कृषक जगत
Shareमध्य प्रदेश समेत इन क्षेत्रों में बारिश के साथ हो सकती है ओलावृष्टि
छत्तीसगढ़ और ओडिशा के ऊपर विपरीत चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है जिसके कारण मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के कई क्षेत्रों में बारिश के साथ साथ ओलावृष्टि होने की संभावना भी बन रही है। अगले दो-तीन दिनों के दौरान मध्य प्रदेश समेत महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कई शहरों में गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareअफरा रोग से पशुओं में आ सकती है सांस लेने में परेशानी, जानें बचाव की विधि
- जुगाली करने वाले पशुओं में अफरा रोग होना एक आम समस्या है।
- इसके कारण पशुओं के पेट में बनी गैस मुँह के रास्ते से निकलती रहती है, परन्तु जब पशुओं में अपचन की समस्या के कारण गैस बहार नहीं निकलती है तो अफरा जैसी समस्या होती है।
- इसके कारण पशुओं को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
- साथ ही पशु द्वारा जुगाली करने की प्रक्रिया भी बंद हो जाती है।
- इसके कारण पशु का पेट बायीं ओर कुछ अधिक फूल जाता है।
- पशु खाना और पानी पीना बंद कर देता है साथ ही ज़मीन पर लेट कर पाँव पटकने लगता है।
- इसके निवारण के लिए पशु को 400 से 500 मिली सरसों तेल के साथ 30-60 मिली तारपीन का तेल मिलाकर पिलाने से इस रोग का निवारण किया जा सकता है।
दीमक जैसे जमीनी कीड़े से फसल का करें बचाव, अपनाएं जैविक नियंत्रण विधि
- दीमक जैसे जमीनी कीड़े सभी प्रकार की फसलों को बर्बाद कर सकते हैं। ये पौधों की जड़ों को बहुत अधिक नुकसान पहुँचाते हैं।
- आलू, टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी, सरसों, राई, मूली, गेहूँ आदि फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।
इन कीटों के नियंत्रण हेतु निम्र प्रबंधन उपायों का उपयोग करें
- बीजों को कीटनाशकों के द्वारा बीज़ उपचार करके ही बोना चाहिए।
- कीटनाशी मेट्राजियम से मिट्टी उपचार अवश्य करना चाहिए।
- कच्ची गोबर की खाद का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि कच्चा गोबर इस कीट का मुख्य भोजन होता है।
- अतः गोबर का उपयोग करने से पहले उसे अच्छी तरह सड़ा कर ही उपयोग करें।