- टिप ब्लाइट प्याज की फसल में लगने वाला प्रमुख कवक जनित रोग है।
- इस रोग के कारण प्याज की पत्तियों के ऊपरी किनारे यानी शीर्ष सूखने लगते हैं।
- इसके कारण कई बार पत्तियों के ऊपरी किनारे भूरे रंग के हो जाते हैं।
- इस रोग के निवारण के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
आयुष्मान भारत योजना से अब देश के किसी भी अस्पताल में होगा मुफ्त इलाज
गरीब लोगों को मुफ्त में इलाज मिल पाए इस उद्देश्य से केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत अब लाभार्थियों को एक PVC आयुष्मान कार्ड भी दिया जाएगा।
इस PVC आयुष्मान कार्ड के माध्यम से लाभार्थी मुफ्त में इलाज करवा सकेंगे। इससे ख़ास कर के गरीब लोगों को काफी लाभ मिलेगा। इस कार्ड के माध्यम से अब आप देश के किसी भी क्षेत्र के किसी भी अस्पताल में मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में मौसम साफ और शुष्क रहेगा
मध्य भारत के राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र के सभी भागों में मौसम के साफ़ रहने की संभावना है। इसके अलावा उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों पर आने वाले लंबे समय तक बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाओं के चलने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareकद्दुवर्गीय फसलों में लाल मकड़ी का ऐसे करें नियंत्रण
- लाल मकड़ी का सबसे ज्यादा प्रकोप मानसून के पूर्व होता है पर कई बार ये बाकी समय में भी फसल को नुकसान पहुँचा सकता है। आने वाले दिनों में भी इसके प्रकोप की संभावना है।
- इस का प्रकोप पत्तियों की निचली सतह पर सबसे अधिक दिखाई देता है।
- यह कीट पत्तियों की शिराओ के पास अंडे देती है।
- इस कीट के अधिक प्रकोप की अवस्था में पत्तियां चमकीली पीली हो जाती हैं।
- इस कीट के नियंत्रण के लिए प्रॉपरजाइट 57% EC@ 400 ग्राम/एकड़ या स्पैरोमेसीफेंन 22.9% SC@ 200 मिली/एकड़ या एबामेक्टिन 1.9% EC@ 150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- इसी के साथ जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
गिलकी की फसल में बुआई पूर्व इन बातों का जरूर रखें ध्यान
- गिलकी एक कद्दूवर्गीय फसल है एवं हर मौसम में आसानी से लगायी जा सकती है।
- गिलकी की खेती शुरू करने से पहले जिस खेत में गिलकी की फसल लगाई जानी है उस खेत की अच्छे से जुताई जरूर करें।
- इसके बाद FYM 50-100 किलो/एकड़ एवं जैविक कवकनाशी ट्रायकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें।
- बीज़ की बुआई के पहले अच्छे से क्यारियाँ बनायें एवं बीजों का बीज़ उपचार करके ही बुआई करें।
- बुआई के समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें की बीज़ से बीज़ की दूरी बराबर होनी चाहिए।
हल्दी, अदरक, केला एवं गन्ने की फसल में मिट्टी चढ़ाने में उपयोगी होता है ये यंत्र
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हल्दी, अदरक, केला, गन्ने आदि की फसल में मिट्टी चढ़ाना एक बहुत महत्वपूर्ण अंतःसस्य क्रिया है।
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इस प्रक्रिया को किसानों के लिए आसान बनने हेतु ग्रामोफोन लेकर आया है कई खूबियों वाला इंटर कल्टीवेटर।
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यह मशीन हल्दी, अदरक, केला, गन्ने की फसल में मिट्टी चढाने की प्रक्रिया में बहुत लाभकारी होता है।
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इस मशीन में चार स्ट्रोक इंजन होता है एवं यह जमींन के अंदर 4 सेंटीमीटर से लेकर 5.7 सेंटीमीटर तक गहराई में जाकर मिट्टी पलटता है।
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यह डीज़ल से चलने वाली मशीन होती है और इसका डीज़ल टैंक 3.5 लीटर तक का होता है।
इंदौर की मंडी में क्या है अलग अलग फसलों के भाव
| फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| डॉलर चना | 3010 | 6700 |
| गेहु | 1451 | 1997 |
| चना मौसमी | 3665 | 5320 |
| सोयाबीन | 1290 | 4995 |
| मसूर | 4920 | 5100 |
| बटला | 3695 | 3825 |
| तुअर | 5725 | 5725 |
| धनिया | 5410 | 5410 |
| मिर्ची | 5800 | 12860 |
| सरसों | 1500 | 5280 |
| प्याज के भाव | ||
| नई लाल प्याज (आवक 15000 कट्टे ) 2500 – 4100 ₹ | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| सुपर | 3600 | 3900 |
| एवरेज | 3000 | 3500 |
| गोलटा | 2800 | 3300 |
| गोलटी | 1800 | 2400 |
| छाटन | 400 | 1800 |
| लहसन के भाव | ||
| आवक – 22000+ कट्टे | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| सुपर ऊटी | 6000 | 7000 |
| देशी मोटा | 5000 | 6000 |
| लड्डू देशी | 3800 | 4800 |
| मीडियम | 3800 | 3500 |
| बारीक | 800 | 1500 |
| हल्की | 800 | 2000 |
| नया आलु | ||
| आवक – 28000 + कट्टे | ||
| किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| चिप्स | 800 | 1000 |
| ज्योति | 900 | 1050 |
| गुल्ला | 700 | 800 |
| छर्री | 200 | 350 |
| छाटन | 600 | 900 |
| सब्जियों के भाव | ||
| फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
| भिन्डी | 1500 | 3500 |
| लौकी | 1500 | 2500 |
| बेंगन | 400 | 1000 |
| पत्ता गोभी | 200 | 400 |
| शिमला मिर्च | 1500 | 3500 |
| गाजर | 400 | 800 |
| फुल गोभी | 400 | 1000 |
| हरा धनिया | 600 | 1000 |
| खीरा | 1000 | 2000 |
| अदरक | 600 | 1600 |
| हरी मिर्च | 1500 | 3000 |
| मैथी | 600 | 1000 |
| प्याज | 1500 | 4000 |
| पपीता | 800 | 1600 |
| आलू | 200 | 1100 |
| कद्दू | 400 | 800 |
| पालक | 400 | 1000 |
| टमाटर | 200 | 1000 |
मिलने वाली है पीएम किसान योजना की आठवीं क़िस्त, अपना नाम लिस्ट में ऐसे चेक करें
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जल्द किसानों को आठवीं क़िस्त मिलने वाली है। सरकार मार्च महीने के अंत तक किसानों के बैंक खाते में यह क़िस्त भेज देगी। ग़ौरतलब है की इस योजना की सातवीं क़िस्त 20 दिसंबर 2020 को जारी की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को एक साल में 6000 रुपये के तीन क़िस्त जारी किये जाते हैं। ये क़िस्त 2000 रूपये के होते हैं। अगर आप इस योजना के लाभार्थी हैं और यह जानकारी प्राप्त चाहते हैं की ये 8वीं किस्त आपको मिलेगी या नहीं तो इसकी जानकारी आप आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए पीएम किसान की वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर मौजूद ‘Farmers Corner’ में जाएँ। यहाँ ‘Beneficiary Status’ विकल्प पर क्लिक करें। इससे एक पेज खुलेगा जहाँ आप आधार नंबर, बैंक खाता संख्या व मोबाइल नंबर के माध्यम से यह जान सकते हैं की आपके बैंक खाते में पैसे आए या नहीं।
स्रोत: ज़ी न्यूज़
Shareमध्यप्रदेश में 21 फ़रवरी से थम जाएगा बारिश का दौर, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से बरसात का दौर जारी है। 20 फ़रवरी के बाद बारिश का ये दौर थम जाएगा और मौसम साफ़ हो जाएगा। 21 फरवरी से 25 फरवरी के बीच मध्य प्रदेश के तक़रीबन सभी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareतरबूज की अंकुरण अवस्था में फसल का कवक रोगों से कैसे करें बचाव
- तरबूज की बुआई के बाद 10 से 15 दिनों में फसल की अंकुरण अवस्था होती है।
- अंकुरण की शुरूआती अवस्था में तरबूज की फसल में कवक रोगों का नियंत्रण बहुत आवश्यक होता है।
- इस अवस्था में कवक रोगों के नियंत्रण के लिए जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड की दर से उपयोग करें।
- रासायनिक उपचार के रूप में क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- अंकुरण अवस्था में तरबूज की फसल में पत्तियों के पीले होने व पौध के जलने की समस्या बढ़ने की संभावना होती है।
