इंदौर मंडी में 17 मई को लहसुन के भाव क्या रहे?

garlic mandi

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: लाइव मंडी अपडेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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बिजली की फिक्र हुई दूर, अब किसानों को मिलेगी ज्यादा बिजली

गर्मी का मौसम शुरू होते ही बिजली की मांग भी बढ़ चुकी है। बढ़ती मांग और आपूर्ति की कमी के बीच ज्यादातर क्षेत्रों में बिजली की कटौती होनी शुरू हो गई है। ऐसे स्थिति में बिजली कटौती का सबसे ज्यादा असर कम्पनियों और किसानों के ऊपर देखने को मिल रहा है। 

जहां किसानों ने अभी अपने खेतों में  ग्रीष्मकालीन फसलें लगा रखी हैं, तो कई किसान मई के अंत में खरीफ फसल की तैयारी में जुटने वाले हैं। इस बीच बिजली की समस्या होने से किसानों को पानी की किल्लत से जुझना पड़ सकता है। इस परेशानी को देखते हुए राजस्थान सरकार ने किसानों को कृषि कार्यों के लिए रोस्टर पद्धति से बिजली आपूर्ति करने का फैसला लिया है।

इसके अनुसार कृषि कार्यों के लिए किसानों को तीन खण्डों में बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके तहत 24 घंटे में अलग-अलग समय पर 4-4 घंटे के लिए 3 ब्लॉक में बिजली दी जाएगी । यानि कि किसानों, ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में रोस्टर पद्धति के अनुसार बिजली की कटौती की जाएगी। जहां सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके बाद अपरान्ह 12 बजे से शाम 4 बजे तक फिर रात में 2 बजे से सुबह 6 बजे तक बिजली दी जाएगी।

स्रोत: किसान समाधान

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गेहूँ भाव में जबरदस्त तेजी, देखें 17 मई को देश के प्रमुख मंडियों के भाव

wheat rates increasing

गेहूँ भाव में कितनी तेजी या मंदी देखने को मिल रही है? वीडियो के माध्यम से देखें अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है गेहूँ का भाव !

स्रोत: बाजार इन्फो इंडिया

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खेतों में सल्फर की कमी एवं इसे दूर करने वाले उपाय

👉🏻किसान भाइयों, खेतों में सल्फर की कमी एक वास्तविक समस्या है और तुरंत सुधारा जाना चाहिए l अतः सल्फर युक्त उर्वरकों का उपयोग करके खेतों में सल्फर की कमी को दूर किया जा सकता है और फसलों से ज्यादा से ज्यादा उत्पादन लिए जा सकता है l 

👉🏻सल्फर विभिन्न फसलों की उपज व गुणवत्ता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है l 

👉🏻तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा व प्रोटीन प्रतिशत बढ़ाने में भी सहायक होता है l 

👉🏻सल्फर की कमी को दूर करने के लिए सल्फर युक्त उर्वरक का चयन फसलों, उनकी किस्मों तथा आसान उपलब्धि पर निर्भर करता है l 

👉🏻फसलों के लिए अनिवार्य तत्व के रूप में सल्फर के स्त्रोत व उनमें सल्फर प्रतिशतता निम्न प्रकार है –

सल्फर युक्त उर्वरक

सल्फर प्रतिशतता

अमोनियम सल्फेट 

24 

अमोनियम सल्फेट नाइट्रेट 

15 

अमोनियम फास्फेट सल्फेट

15 

कैल्शियम सल्फेट [ जिप्सम ]

14 – 20 

फास्फो जिप्सम

11 

सिंगल सुपर फास्फेट

12 

पोटेशियम सल्फेट 

10 

पोटेशियम मैग्नीशियम सल्फेट

16 – 22 

जिंक सल्फेट

15 

पाइराइट 

22 – 24 

👉🏻सामान्यतः अधिकांश फसलों में सल्फर का उपयोग 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से किया जाता है l ध्यान रखें यदि मृदा अम्लीय है तो अमोनियम सल्फेट व पौटेशियम सल्फेट का प्रयोग उपयुक्त रहता है। क्षारीय मृदा में सिंगल सुपर फास्फेट या जिप्सम का उपयोग करना चाहिए।

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देश के विभिन्न मंडियों में 16 मई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

भरतपुर

अनन्नास

36

भरतपुर

अनार

150

भरतपुर

कटहल

18

भरतपुर

अदरक

22

23

भरतपुर

आम

50

60

भरतपुर

नींबू

70

भरतपुर

लहसुन

30

भरतपुर

प्याज

8

10

भरतपुर

आलू

13

14

आगरा

नींबू

50

55

आगरा

कटहल

13

15

आगरा

अदरक

18

आगरा

अनन्नास

30

32

आगरा

तरबूज

5

8

आगरा

आम

30

55

आगरा

नींबू

45

55

वाराणसी

आलू

12

वाराणसी

प्याज

11

12

वाराणसी

प्याज

10

11

वाराणसी

लहसुन

10

35

वाराणसी

अदरक

30

वाराणसी

आम

50

60

सिलीगुड़ी

आलू

10

सिलीगुड़ी

प्याज

8

सिलीगुड़ी

प्याज

10

11

सिलीगुड़ी

प्याज

14

15

सिलीगुड़ी

प्याज

16

सिलीगुड़ी

प्याज

8

सिलीगुड़ी

प्याज

12

सिलीगुड़ी

प्याज

14

15

सिलीगुड़ी

प्याज

16

सिलीगुड़ी

अदरक

18

सिलीगुड़ी

लहसुन

18

सिलीगुड़ी

लहसुन

23

25

सिलीगुड़ी

लहसुन

32

34

सिलीगुड़ी

लहसुन

36

37

सिलीगुड़ी

तरबूज

12

सिलीगुड़ी

अनन्नास

50

सिलीगुड़ी

सेब

105

कानपुर

प्याज

9

कानपुर

प्याज

9

10

कानपुर

प्याज

13

कानपुर

प्याज

14

कानपुर

लहसुन

10

कानपुर

लहसुन

15

कानपुर

लहसुन

22

25

कानपुर

लहसुन

28

गुवाहाटी

प्याज

15

गुवाहाटी

प्याज

18

गुवाहाटी

प्याज

20

गुवाहाटी

प्याज

14

गुवाहाटी

प्याज

18

गुवाहाटी

प्याज

20

गुवाहाटी

प्याज

22

गुवाहाटी

लहसुन

25

गुवाहाटी

लहसुन

35

गुवाहाटी

लहसुन

45

गुवाहाटी

लहसुन

50

गुवाहाटी

लहसुन

30

गुवाहाटी

लहसुन

35

गुवाहाटी

लहसुन

45

गुवाहाटी

लहसुन

50

आगरा

प्याज

5

आगरा

प्याज

7

8

आगरा

प्याज

8

9

आगरा

प्याज

12

आगरा

प्याज

8

9

आगरा

प्याज

9

10

आगरा

प्याज

10

11

आगरा

प्याज

11

12

आगरा

प्याज

5

6

आगरा

प्याज

6

7

आगरा

प्याज

7

8

आगरा

प्याज

8

10

आगरा

लहसुन

13

15

आगरा

लहसुन

21

23

आगरा

लहसुन

24

26

आगरा

लहसुन

28

32

तिरुवनंतपुरम

प्याज

15

तिरुवनंतपुरम

प्याज

16

तिरुवनंतपुरम

प्याज

18

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

52

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

55

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

60

भुवनेश्वर

प्याज

8

9

भुवनेश्वर

प्याज

9

10

भुवनेश्वर

प्याज

11

12

भुवनेश्वर

प्याज

13

भुवनेश्वर

प्याज

9

10

भुवनेश्वर

प्याज

10

11

भुवनेश्वर

प्याज

12

13

भुवनेश्वर

प्याज

14

भुवनेश्वर

लहसुन

25

भुवनेश्वर

लहसुन

30

भुवनेश्वर

लहसुन

35

भुवनेश्वर

लहसुन

27

भुवनेश्वर

लहसुन

33

भुवनेश्वर

लहसुन

38

गुवाहाटी

प्याज

14

गुवाहाटी

प्याज

18

गुवाहाटी

प्याज

20

गुवाहाटी

प्याज

12

गुवाहाटी

प्याज

17

गुवाहाटी

प्याज

20

गुवाहाटी

प्याज

22

गुवाहाटी

लहसुन

25

गुवाहाटी

लहसुन

30

गुवाहाटी

लहसुन

35

गुवाहाटी

लहसुन

45

गुवाहाटी

लहसुन

25

गुवाहाटी

लहसुन

30

गुवाहाटी

लहसुन

35

गुवाहाटी

लहसुन

45

वाराणसी

प्याज

6

7

वाराणसी

प्याज

8

9

वाराणसी

प्याज

10

11

वाराणसी

प्याज

8

9

वाराणसी

प्याज

10

वाराणसी

लहसुन

11

वाराणसी

लहसुन

10

12

वाराणसी

लहसुन

15

25

वाराणसी

लहसुन

25

30

वाराणसी

लहसुन

30

35

कोलकाता

प्याज

10

कोलकाता

प्याज

11

कोलकाता

प्याज

13

कोलकाता

प्याज

14

कोलकाता

लहसुन

31

कोलकाता

लहसुन

32

कोलकाता

लहसुन

33

कोलकाता

लहसुन

34

कोलकाता

प्याज

10

कोलकाता

प्याज

11

कोलकाता

प्याज

14

कोलकाता

लहसुन

30

कोलकाता

लहसुन

32

कोलकाता

लहसुन

34

कोलकाता

तरबूज

17

कोलकाता

अनन्नास

40

50

कोलकाता

सेब

100

110

शाजापुर

प्याज

4

5

शाजापुर

प्याज

9

10

शाजापुर

लहसुन

2

7

शाजापुर

लहसुन

15

25

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50% अनुदान पर खेतों में कराएं तारबंदी, जानेंं सरकार की योजना

फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए किसान खेतों में तारबंदी करवा देते हैं। तारबंदी के चलते आवारा पशु खेत में नहीं घुस पाते हैं। जिसकी वजह से फसल सुरक्षित रहती है। हालांकि छोटे वर्ग के किसान आर्थिक तंगी के चलते तारबंदी नहीं करवा पाते हैं। जिस कारण उन्हें काफी नुकसान पहुंचता है।

ऐसी स्थिति में इन किसानों की आर्थिक मदद हेतु राजस्थान सरकार ने तारबंदी योजना शुरू की है। इसके तहत राज्य सरकार तारबंदी कराने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है, ताकि हर वर्ग का किसान अपनी फसल की आवारा पशुओं से सुरक्षा कर सके। इस योजना के तहत लाभार्थी को 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए 40 हजार रूपए की अधिकतम राशि प्रदान की जाएगी।  

इसके लिए आवेदक के पास  0.5 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि होना जरूरी है। अगर आवेदक को कृषि से जुड़ी कोई अन्य योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है तो ऐसे में तारबंदी योजना के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए राजस्थान के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। यहां पर तारबंदी योजना का फॉर्म डाउनलॉड करें। इसके बाद सारी जानकारियों को सावधानीपूर्वक भरकर जमा कर दें।

स्रोत: कृषि जागरण

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इंदौर मंडी में 16 मई को लहसुन के भाव क्या रहे?

new garlic mandi rates

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गेहूँ भाव में जबरदस्त तेजी, देखें 16 मई को देश के प्रमुख मंडियों के भाव

wheat rates increasing

गेहूँ भाव में कितनी तेजी या मंदी देखने को मिल रही है? वीडियो के माध्यम से देखें अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है गेहूँ का भाव !

स्रोत: बाजार इन्फो इंडिया

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कपास समृद्धि किट अपनाएं, स्वस्थ फसल पाएं

👉🏻किसान भाइयों कपास की फसल सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाई जा सकती है। जिससे स्वस्थ फसल के साथ जबरदस्त उत्पादन लेने के लिए कपास समृद्धि किट का इस्तेमाल जरूर करें। 

👉🏻ग्रामोफ़ोन विशेष ‘कपास समृद्धि किट’ जो आपकी कपास की फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट के उपयोग के बाद आपकी फसल को वो सब कुछ मिलेगा, जिसकी जरूरत कपास की फसल को होती है।

👉🏻अन्तिम जुताई के समय ग्रामोफ़ोन विशेष ‘कपास समृद्धि किट’ को 5 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह मिलाकर अन्तिम जुताई के साथ मिला दें l उसके बाद हल्की सिंचाई कर दें l 

👉🏻इस किट में लाभकारी बैक्टीरिया, कवक एवं पोषक तत्वों का मिश्रण है, इसका उपयोग खेत में बुवाई के समय भुरकाव करने से फसल का विकास बहुत अच्छा होता है एवं पौधे को बहुत सी बीमारियों से बचाया जा सकता है, यह किट मिट्टी की उर्वरा  शक्ति को भी बढ़ाने में सहायता करता है।

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आइये जानते है, अगली फसलों को मकड़ी के नुकसान से कैसे बचाएं

👉🏻किसान भाई अपनी फसल में मकड़ी के प्रकोप को लेकर हमेशा चिंतित रहते है। 

👉🏻यदि पूर्व फसल में मकड़ी का प्रकोप बहुत अधिक मात्रा में हुआ हो तो इसका असर नयी फसल में भी दिखाई देता है। 

👉🏻इसके लिए पुरानी फसल के अवशेषों को खेत में नहीं छोड़ना चाहिए ताकि, मकड़ी का हमला खेत की नई फसल में ना हो पाए। 

👉🏻क्योंकि यही अवशेष नयी फसल में मकड़ी के प्रकोप का कारण बनते है। 

👉🏻इसलिए फसल को मकड़ी से बचाने के लिए पुरानी फसल के अवशेषों को खेत से दूर एक गड्ढा खोदकर उसमे इकट्ठा कर नष्ट कर दें या फिर इसके बाद फसल अवशेषों पर डि-कमपोज़र का छिड़काव करें एवं गड्डे को मिट्टी से ढक दें।  

👉🏻इस प्रकार यह अवशेष खाद में परिवर्तित हो जाते है और आपकी आने वाली फसल मकड़ी के आक्रमण से बच जाएगी।

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