खेती योग्य भूमि का क्षेत्रफल हर बीतते साल के साथ कम होता जा रहा है, ऐसे में फसल उत्पादन पर भारी असर पड़ता दिख रहा है। इन मुश्किलों के बीच उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में रहने वाले किसान अमरेंद्र प्रताप ने एक बढ़िया तोड़ निकाल लिया है। सहफसली यानी मिश्रित खेती की तकनीक को अपनाकर वह लाखों की कमाई कर रहे हैं।
इस तकनीक के जरिए अमरेंद्र प्रताप एक ही खेत में कई तरह की फसलें उगा रहे हैं। इस समय उन्होंने अपने खेत में केले के साथ हल्दी की फसल लगाई है। बता दें कि केले की फसल और हल्दी की फसल एक साथ लगाने से दोनों फसलों के उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें तो केले की फसल में हल्दी की खेती फायदेमंद साबित होती है।
केले की फसल के साथ हल्दी की खेती
पांच साल पहले बाराबंकी के अमरेंद्र ने एक हेक्टेयर रकबे में केले की फसल लगाई थी। इसके बाद आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए उन्होंने सहफसली खेती की शुरूआत की। जहां अमरेंद्र ने साढ़े चार हेक्टेयर में केले के साथ हल्दी की खेती की। इसकी मदद से अब वह प्रति हेक्टेयर भूमि से 10 लाख रूपए की शुद्ध कमाई के अलावा हल्दी की फसल से 3 -4 लाख रूपए का अतिरिक्त मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं।
इतना ही नहीं अमरेंद्र प्रताप केले, तरबूज, खरबूजा, खीरा, हल्दी और मशरूम जैसी करीब एक दर्जन फसलों की खेती कर रहे हैं। सहफसली तकनीक को अपनाकर इन्होंने अपनी खेती को मुनाफे वाला बना दिया है। अमरेंद्र प्रताप की इस कामयाबी के लिए उन्हें प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा उन्नतशील खेती के लिए सम्मानित किया जा चुका है।
स्रोत: आज तक
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