कामधेनु डेयरी योजना की मदद से पशुपालकों को मिल रहा 85% अनुदान

पशुपालकों को आर्थिक मदद देने हेतु राजस्थान सरकार ने ‘कामधेनु डेयरी योजना’ की शुरूआत की है। इसकी मदद से पशुपालकों को पशु व्यवसाय के लिए 85% का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में देसी गायों के उच्च तकनीक वाले डेयरी फार्मों को बढ़ावा देना है। इस योजना के माध्यम से महिला, पुरूष एवं युवा सभी को लाभान्वित किया जाएगा।

योजना के लिए आवश्यक पात्रता

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवदेक के पास पशुओं के लिए कम से कम एक एकड़ ज़मीन और पर्याप्त आहार होना चाहिए। पशुपालन के क्षेत्र में आवेदक को कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा उनके पास एक 6 साल की गाय भी होनी जरूरी है। 

योजना से मिलने वाले लाभ

आवदेन स्वीकार होने के बाद लाभार्थी को लोन देने के बाद डेयरी प्रबंधन और गाय उत्पादों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना के अनुसार स्थानीय निकाय के प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर डेयरी का संचालन किया जाएगा। इस डेयरी में उच्च दूध क्षमता वाली एक ही नस्ल की कम से कम 30 गाय होंगी। जिनकी उम्र 2 से 5 साल के बीच होनी चाहिए। इस योजना के पहले एक ही नस्ल की 15 दूधारू गाय और दूसरे चरण में 15 देसी नस्ल की गाए खरीदनी होंगी।

 योजना में पंजीकरण करने की प्रक्रिया

कामधेनु डेयरी योजना में आवदेन करने के लिए राजस्थान गोपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट gopalan.rajasthan.gov.in पर क्लिक करें। इसके बाद एक फॉर्म आएगा, जिसे डाउलोड करें। फॉर्म में पूछी गई जानकारियों को सावधानीपूर्वक भरकर संबंधित कार्यालाय में जमा कर दें।

स्रोत: कृषि जागरन

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जानिए, कपास समृद्धि किट का उपयोग कब और कैसे करें?

👨🏻‍🌾किसान भाइयों, अभी हाल ही में मौसम की पहली बारिश ⛈️ हुई है और इस समय कपास की फसल 🌱 लगभग 15 -25 दिन के बीच हो चुकी है, इस समय आवश्यक है की फसल के बेहतर विकास के लिए ग्रामोफ़ोन की विशेष पेशकश, ग्रामोफ़ोन कपास समृद्धि किट का उपयोग खेत में आवश्यक से करें।

इस प्रकार करें किट का उपयोग:- 

  • 🌱 कपास एक महत्वपूर्ण रेशेदार और नकदी फसल है।

  • 🌱 कपास में बुवाई के 20-25 दिन बाद, कपास समृद्धि किट (टीबी 3 किलोग्राम + ताबा जी 4 किलोग्राम + मैक्समाइको 2 किलोग्राम  + कॉम्बैट 2 किलोग्राम) को 50 किग्रा अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से इसका खेत में भुरकाव करें। इस किट का उपयोग करने से फसल का विकास बहुत अच्छा होता है और उत्पादन में वृद्धि होती है।

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देश के विभिन्न मंडियों में 20 जून को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

आगरा

नींबू

35

आगरा

कटहल

12

13

आगरा

अदरक

20

आगरा

अनन्नास

26

27

आगरा

तरबूज

4

5

आगरा

आम

20

35

आगरा

नींबू

45

50

आगरा

हरा नारियल

45

आगरा

पत्ता गोभी

13

14

आगरा

शिमला मिर्च

27

रतलाम

आलू

18

रतलाम

टमाटर

35

36

रतलाम

हरी मिर्च

25

30

रतलाम

तरबूज

8

10

रतलाम

कद्दू

10

12

रतलाम

आम

42

रतलाम

आम

30

रतलाम

आम

35

45

रतलाम

केला

22

रतलाम

पपीता

12

16

रतलाम

अनार

80

100

कोलकाता

आलू

22

कोलकाता

अदरक

34

कोलकाता

प्याज़

10

कोलकाता

प्याज़

12

कोलकाता

प्याज़

16

कोलकाता

लहसुन

16

कोलकाता

लहसुन

32

कोलकाता

लहसुन

50

कोलकाता

तरबूज

16

कोलकाता

अनन्नास

45

55

कोलकाता

सेब

135

140

कोलकाता

आम

60

70

कोलकाता

लीची

45

55

कोलकाता

मीठा नींबू

40

50

जयपुर

अनन्नास

55

जयपुर

सेब

105

जयपुर

मीठा नींबू

28

29

जयपुर

आम

32

35

जयपुर

नींबू

40

जयपुर

नींबू

40

जयपुर

अदरक

30

जयपुर

हरा नारियल

35

जयपुर

आलू

14

16

जयपुर

प्याज़

11

12

जयपुर

प्याज़

13

14

जयपुर

प्याज़

15

16

जयपुर

प्याज़

4

5

जयपुर

प्याज़

6

7

जयपुर

प्याज़

8

9

जयपुर

प्याज़

10

11

जयपुर

लहसुन

12

15

जयपुर

लहसुन

18

22

जयपुर

लहसुन

28

35

जयपुर

लहसुन

38

45

जयपुर

लहसुन

10

12

जयपुर

लहसुन

15

18

जयपुर

लहसुन

22

25

जयपुर

लहसुन

30

35

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

9

रतलाम

प्याज़

9

12

रतलाम

प्याज़

11

14

रतलाम

लहसुन

5

9

रतलाम

लहसुन

9

17

रतलाम

लहसुन

19

32

रतलाम

लहसुन

40

कानपुर

प्याज़

6

7

कानपुर

प्याज़

10

कानपुर

प्याज़

11

13

कानपुर

प्याज़

13

14

कानपुर

लहसुन

10

कानपुर

लहसुन

18

कानपुर

लहसुन

27

30

कानपुर

लहसुन

35

शाजापुर

प्याज़

5

6

शाजापुर

प्याज़

8

9

शाजापुर

प्याज़

11

14

सिलीगुड़ी

प्याज़

11

सिलीगुड़ी

प्याज़

13

सिलीगुड़ी

प्याज़

15

सिलीगुड़ी

प्याज़

16

18

सिलीगुड़ी

प्याज़

12

सिलीगुड़ी

प्याज़

14

सिलीगुड़ी

प्याज़

15

सिलीगुड़ी

प्याज़

18

सिलीगुड़ी

लहसुन

16

18

सिलीगुड़ी

लहसुन

23

26

सिलीगुड़ी

लहसुन

34

36

सिलीगुड़ी

लहसुन

36

सिलीगुड़ी

अनन्नास

40

सिलीगुड़ी

आम

35

38

सिलीगुड़ी

आम

44

50

सिलीगुड़ी

अदरक

20

भुवनेश्वर

आलू

16

17

भुवनेश्वर

प्याज़

14

भुवनेश्वर

प्याज़

16

भुवनेश्वर

लहसुन

15

16

भुवनेश्वर

लहसुन

22

23

भुवनेश्वर

लहसुन

35

36

भुवनेश्वर

अदरक

36

38

भुवनेश्वर

अदरक

40

42

वाराणसी

आलू

15

16

वाराणसी

अदरक

34

35

वाराणसी

आम

25

35

वाराणसी

आम

45

55

वाराणसी

अनन्नास

18

30

वाराणसी

लहसुन

12

20

वाराणसी

लहसुन

20

25

वाराणसी

लहसुन

25

30

वाराणसी

लहसुन

30

35

गुवाहाटी

लहसुन

22

26

गुवाहाटी

लहसुन

31

34

गुवाहाटी

लहसुन

35

39

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

अदरक

28

30

गुवाहाटी

आलू

18

19

गुवाहाटी

आलू

21

22

गुवाहाटी

नींबू

48

गुवाहाटी

आम

47

गुवाहाटी

लीची

50

लखनऊ

प्याज़

6

8

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

12

14

लखनऊ

प्याज़

13

14

लखनऊ

प्याज़

7

9

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

14

15

लखनऊ

प्याज़

16

17

लखनऊ

लहसुन

10

लखनऊ

लहसुन

15

20

लखनऊ

लहसुन

30

32

लखनऊ

लहसुन

35

लखनऊ

आलू

15

16

लखनऊ

अदरक

27

30

लखनऊ

आम

28

35

लखनऊ

अनन्नास

20

30

लखनऊ

हरा नारियल

36

40

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव?

new garlic mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे अलोट, बदनावर, बड़वाह, छिंदवाड़ा और गरोठ आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलोट

200

2,600

बदनावर

500

1,200

बड़वाह

1,700

2,500

छिंदवाड़ा

1,700

1,900

गरोठ

2,500

2,500

कालापीपाल

450

2,550

कालापीपाल

550

2,850

मनावर

2,400

2,600

मनावर

1,900

2,100

पिपरिया

700

2,100

पिपरिया

800

2,200

पिपलिया

500

2,300

स्रोत: एगमार्कनेट

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के भाव?

onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावर, बदनावर, छिंदवाड़ा, हाटपीपलिया और हरदा आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बदनावर

500

1,775

ब्यावरा

200

1000

छिंदवाड़ा

700

1000

हाटपिपलिया

600

1400

हरदा

600

700

हरदा

700

800

जावद

450

600

खंडवा

300

1000

खरगोन

500

1500

खरगोन

500

1000

सैलान

350

350

सेंधवा

240

640

शुजालपुर

800

800

सिंगरोली

1000

1000

थांदला

900

1000

स्रोत: एगमार्कनेट

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पीएम किसान योजना का गलत फायदा उठाने वाले हो जाएं सावधान

देशभर के किसानों की आर्थिक मदद करने के लिए केंद्र सरकार ‘पीएम किसान सम्मान योजना’ चला रही है। इस योजना के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में प्रतिवर्ष 6 हजार रूपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं, जोकि 2-2 हजार रूपए की तीन किस्तों में 4 महीनों के अंतराल में दिए जाते हैं। जहां इस योजना के ज़रिए देश के लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

अब तक किसानों के खाते में 2-2 हजार रूपए की 11 किस्तें भेजी जा चुकी हैं। हालांकि ऐसा देखा गया है कि कई ऐसे भी लोग हैं जो गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, जो कि पहले से ही आर्थिक रूप से सक्षम हैं। ऐसे मामले सामने आने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाया है। सरकार की ओर से तय किया गया है कि ऐसे लाभार्थियों से जल्द से जल्द पूरा पैसा वापस लिया जाएगा।

रिपोर्ट्स के अनुसार कई ऐसे लोग हैं जो टैक्स जमा करने के साथ ही पीएम किसान सम्मान योजना का फायदा भी उठा रहे हैं। ऐसे लोगों से वसूली के लिए अब सरकार ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। वहीं योजना के पूरे पैसे वापस न किए जानें पर सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए हैं। इसके लिए पीएम किसान पोर्टल पर भी पैसे वापस करने की सुविधा दी गई है। 

स्रोत: आज तक

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मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे अलोट, भीकनगांव, जैथरी और जोर आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में गेहूं के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलोट

1,780

1,980

भीकनगांव

1,864

2,155

जैथरी

1,800

1,800

जोरा

2,030

2,030

खातेगांव

1,980

2,214

खटोरा

2,015

2,015

कुंभराज

1,810

2,125

निवाडी

1,930

1,970

श्योपुरबडोद

1,930

1,930

सिमरिया

1,800

1,810

सिंगरोली

1,900

1,900

स्रोत: एगमार्कनेट

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जानें प्राकृतिक खेती के महत्वपूर्ण सिद्धांत

Natural farming

प्राकृतिक खेती क्या है? – प्राकृतिक खेती (natural farming) देसी गाय पर आधारित प्राचीन खेती पद्धति है। जिसमें रासायनिक उर्वरकों और रसायनों के दूसरे उत्पाद का विकल्प के रूप में देसी गाय का गोमूत्र और गोबर  का उपयोग फसल उत्पादन में किया जाता है। यह भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है। प्राकृतिक खेती में रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। इस प्रकार की खेती में जो तत्व प्रकृति में पाए जाते है, उन्हीं को कीटनाशक के रूप में काम में लिया जाता है।

प्राकृतिक खेती में खाद के रूप में गोबर, गौ मूत्र, जीवाणु खाद, फ़सल अवशेष द्वारा पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं। प्राकृतिक खेती में प्रकृति में उपलब्ध जीवाणुओं, मित्र कीट और जैविक कीटनाशक द्वारा फ़सल को हानिकारक सूक्ष्म जीव और कीट से बचाया जाता है।

आइये  जानते है प्राकृतिक खेती के चार सिद्धांत  

👉🏻खेतों में कोई जुताई नहीं करना, यानी न तो उनमें जुताई करना, और न ही मिट्टी को  पलटना है । धरती अपनी जुताई स्वयं स्वाभाविक रूप से पौधों की जड़ों के प्रवेश तथा केंचुओं व छोटे प्राणियों, तथा सूक्ष्म जीवाणुओं के जरिए कर लेती है।

👉🏻किसी भी तरह की तैयार खाद या रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न किया जाए। इस पद्धति में हरी खाद और गोबर की खाद को ही उपयोग में लाया जाता है।

👉🏻निराई-गुड़ाई न की जाए। न तो हल से, न शाकनाशियों के प्रयोग द्वारा। खरपतवार मिट्टी को उर्वर  बनाने तथा जैव-बिरादरी में संतुलन स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। बुनियादी सिद्धांत यही है कि खरपतवार को पूरी तरह समाप्त करने की बजाए नियंत्रित किया जाना चाहिए।

👉🏻रसायनों पर बिल्कुल निर्भर न करना है। जोतने तथा उर्वरकों के उपयोग जैसी गलत प्रथाओं के कारण जब से कमजोर पौधे उगना शुरू हुए, तब से ही खेतों में बीमारियां लगने तथा कीट-असंतुलन की समस्याएं खड़ी होनी शुरू हुई। छेड़छाड़ न करने से प्रकृति-संतुलन बिल्कुल सही रहता है।

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जानिए, खरीफ में प्याज की नर्सरी कैसे तैयार करें?

👉🏻किसान भाईयों, प्याज की नर्सरी के लिए क्यारी ऐसे स्थान पर बनानी चाहिए,  जहां पर जल भराव नहीं होता हो।

👉🏻जल निकासी की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए। 

👉🏻भूमि समतल तथा उपजाऊ होनी चाहिए। 

👉🏻आसपास छायादार वृक्ष नहीं होने चाहिए। 

👉🏻पौध तैयार करने के लिए 3-7 मीटर लम्बी तथा 1 मीटर चौड़ी क्यारी भूमि से लगभग 15-20 सेमी ऊँची बना लेनी चाहिए। उपरोक्त आकार की 20  क्यारियाँ एक एकड़  में रोपण के लिए पर्याप्त होती हैं।

👉🏻10 किलो गोबर की खाद के साथ 25 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी (रायजो केयर) और 25 ग्राम (सीवीड, अमीनो एसिड, ह्यूमिक एसिड, मायकोरायझा)  (मैक्समायको) प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मिट्टी में समान रूप से मिला लें और 1 मीटर चौड़ाई तथा 3-7 मीटर लम्बाई के जल निकासी सुविधा के साथ ऊंची क्यारियां तैयार करें। 

👉🏻बुवाई 1- 2 सेंटीमीटर की गहराई एवं 5 सेमी की दूरी पर पंक्तियों में की जानी चाहिए  

👉🏻क्यारी तैयार होने के बाद बीज को फफूंदनाशक दवा जैसे– कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP (2.0-2.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज) से अवश्य उपचारित कर लेना चाहिए ताकि प्रारम्भ में लगने वाली बीमारियों के प्रकोप से पौधे बच सकें। 

👉🏻इस प्रकार उपचारित बीज को तैयार क्यारियों में बुआई करें। 

👉🏻बीज बोने के तुरंत बाद क्यारी में फव्वारे या हजारे से हल्की सिंचाई करना चाहिए तथा इसके बाद एक दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए। 

👉🏻इस तरह से डाली गई नर्सरी लगभग 35-40 दिन में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।

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