👉🏻किसान भाइयों, सोयाबीन एक प्रमुख तिलहनी फसल है। यदि समय रहते खररपतवारों का प्रबंधन न किया जाए तो इसके द्वारा सोयाबीन की फसल में 40% तक उत्पादन में कमी देखी गई है।
आज के विषय में हम खरपतवार नियंत्रण के उपाय के बारे में जानेगें :-
👉🏻सोयाबीन की फसल उगने से पूर्व बीज बुवाई के बाद और बीज अंकुरण होने से पहले खरपतवारनाशी दवाइयों का इस्तेमाल कर खरपतवारों से छुटकारा पा सकते हैं।
👉🏻बुवाई के 3-5 दिन के अंदर विल्फोर्स-32 (इमेजेथापायर 2% + पेन्डीमिथालीन 30% ईसी) @ 1 लीटर प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। एवं फ्लैट फेन नोजल का प्रयोग करें। चौड़ी व सकरी पत्ती वाले खरपतवारों का कारगर नियंत्रण होता है।
👉🏻बुवाई के 3-5 दिन के अंदर मार्क/स्ट्रॉगआर्म (डिक्लोसुलम 84% डब्ल्यूडीजी) 12.4 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें एवं फ्लैट फेन नोजल का प्रयोग करें।
खरपतवार नियंत्रण के फायदे
👉🏻सोयाबीन की फसल में खरपतवारों को नष्ट करने से उत्पादन में लगभग 25 से 70 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।
👉🏻भूमि में उपलब्ध पोषक तत्व में से 30 से 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 8-10 किग्रा फास्फोरस एवं 40 – 100 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बचत होती है।
👉🏻इसके अलावा फसलों का वृद्वि विकास तेजी से होता है तथा उत्पादन के स्तर में बढ़ोतरी होती है, साथ ही कीट एवं रोगों से बचाव होता है।
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