छात्राओं को मिल रही 15 हजार रूपए तक की छात्रवृत्ति, जल्द करें आवेदन

आज के समय महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। कृषि क्षेत्र में भी उनकी भागीदारिता कम न हो इसलिए राजस्थान सरकार कई प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कृषि विषय का अध्ययन करने वाली बालिकाओं को छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं  शिक्षा के दौरान ही कृषि क्षेत्र से जुड़ सकें।

योजना के तहत यह छात्रवृत्ति कृषि विषय में 11वीं व 12वीं कक्षा से लेकर पी.एच.डी. कर रहीं छात्राओं को दी जा रही है। इसके अंतर्गत 11वीं एवं 12वीं की छात्राओं को 5 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जा रहे हैं। वहीं कृषि विषय के पाठ्यक्रमों में स्नातक और स्नाकोत्तर कर रहीं छात्राओं को प्रतिवर्ष 12 हजार रूपए दिए जा रहे हैं। इसके अलावा पी.एच.डी. कर रहीं छात्राओं को प्रोत्साहन स्वरूप 15 हजार रूपए प्रतिवर्ष मिल रहे हैं।

इसी क्रम में शिक्षा विभाग ने कृषि विषय का अध्ययन कर रहीं छात्राओं से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन पत्र मांगे हैं। इसके के लिए इच्छुक छात्राएं स्वयं की एस.एस.ओ.आई.डी. से आधिकारिक वेबसाइट ‘राज किसान साथी’ पर आवदेन कर सकती हैं, या फिर ई-मित्र पोर्टल पर भी आवेदन कर सकती हैं। बता दें कि आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2022 है, तो बिना समय गंवाए जल्द इस लाभकारी योजना का लाभ उठाएं।

स्रोत: कृषि समाधान

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पत्ता गोभी एवं फूलगोभी में ब्लैक रॉट की रोकथाम के उपाय

यह रोग जैंथमोनस कैम्पेस्ट्रिस पी.वी.नामक जीवाणु के कारण होता है। यह पत्ता गोभी तथा फूलगोभी में सबसे विनाशकारी होता है। इस रोग के लक्षण आमतौर पर पत्ती के किनारे पर पीलेपन से शुरू होते हैं, जिस कारण ‘वी’ आकार के धब्बे बन जाते हैं। जो कि हरिमाहीनता एवं पानी में भीगे जैसे दिखाई देते हैं। इस रोग की वजह से बाद में संक्रमित पत्तियों की शिरायें काली हो जाती हैं, अधिक संक्रमण की अवस्था में यह रोग गोभी के अन्य भागों पर भी दिखाई देता है। जिससे फूल के डंठल अंदर से काले होकर सड़ने लगते हैं और अंत में सड़कर मर जाते हैं।

रोकथाम के उपाय 

  • समय पर खरपतवार नियंत्रण करें। 

  • निर्धारित मात्रा में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग करें। 

  • जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। 

  • जैविक नियंत्रण के लिए, मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस) @ 500 ग्राम प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 29 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

लहसुन

25

लखनऊ

लहसुन

30

32

लखनऊ

लहसुन

35

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

आलू

17

18

लखनऊ

अदरक

45

लखनऊ

अनन्नास

25

30

लखनऊ

मोसंबी

30

लखनऊ

कद्दू

17

20

लखनऊ

फूलगोभी

30

लखनऊ

शिमला मिर्च

50

लखनऊ

हरी मिर्च

30

35

लखनऊ

भिन्डी

20

25

लखनऊ

नींबू

45

लखनऊ

केला

15

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

प्याज़

23

गुवाहाटी

लहसुन

21

25

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

8

रतलाम

प्याज़

8

10

रतलाम

प्याज़

11

12

रतलाम

लहसुन

7

12

रतलाम

लहसुन

13

22

रतलाम

लहसुन

22

34

रतलाम

लहसुन

34

42

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ये छोटे कद की बकरी है दूध उत्पादन में सबसे आगे, जानें इसकी विशेषताएं

ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच बकरी पालन सबसे ज्यादा लोकप्रिय व्यवसाय है। इस व्यवसाय से लोगों को कम लागत में दूध और मांस के जरिए बढ़िया मुनाफा मिलता है। केंद्र और राज्य सरकारें भी योजनाओं के माध्यम से बकरी पालन को बढ़ावा दे रही हैं। हालांकि बकरी पालन शुरू करने से पहले बकरी की सही नस्ल चुनना जरूरी है।

अगर आप बकरी पालन करने की सोच रहे हैं तो, नाइजीरियाई ड्वार्फ बहुत बढ़िया विकल्प है। इस नस्ल की बकरियों की प्रजनन क्षमता सबसे अच्छी होती है। ये औसतन 2 से 4 बच्चों को जन्म देती हैं। ये तकरीबन 6 से 7 महीने में पूर्ण विकसित होकर दूध देने के लिए तैयार हो जाते हैं। इसके साथ ही इन बकरियों का पालन करना भी बेहद आसान होता है। शारीरिक तौर पर मजबूत इन ड्वार्फ बकरियों को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है।

कम लागत में पाएं बढ़िया कमाई

छोटे कद की ये बकरियां अन्य दूसरी नस्ल से कई गुना बेहतर होती हैं। ये मांस और दूध उत्पादन के लिए सबसे बढ़िया नस्ल मानी जाती हैं। इसके अलावा नाइजीरियाई ड्वार्फ का मांस बाजार में अच्छी कीमतों पर बिकता है। ऐसे में इनका पालन कर हर महीने बंपर कमाई की जा सकती है।

स्रोत : आज तक

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़वानी, खरगोन, देवास, धार, मन्दसौर, छिंदवाड़ा और सनावद आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बड़वानी

1000

1000

छिंदवाड़ा

500

700

देवास

300

900

देवास

300

900

धार

1950

2000

धार

2000

3000

गुना

600

700

गुना

610

750

हाटपिपलिया

1000

1200

इंदौर

400

1600

इंदौर

400

1600

इटारसी

1500

1500

जबलपुर

1700

2200

खरगोन

500

1000

खरगोन

800

2000

कुक्षी

800

1500

लश्कर

1200

1600

मन्दसौर

1400

3200

मेहर

1000

1000

पेटलावद

1250

4000

सनावद

1600

2000

सांवेर

2175

2575

सेंधवा

1500

2000

सिंगरोली

2000

2000

थांदला

1200

1600

टिमरनी

2000

2000

टिमरनी

1500

2000

स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  टमाटर जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव?

Indore garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बदनावर, कुक्षी, रतलाम, देवास और कालापीपल आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बदनावर

500

2000

देवास

400

1200

कालापीपल

315

2500

कुक्षी

700

1300

रतलाम

420

3301

थांदला

800

1200

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  लहसुन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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जानिए, लेडी बर्ड बीटल किस तरह से है किसान का मित्र

  • किसान भाइयों, लेडी बर्ड बीटल नामक लाभदायक छोटा जैविक कीट है। जो कि किसानों सहित उनकी फसल का भी मित्र है।

  • ये रस चूसने वाले कीट थ्रिप्स, माहू, स्केल्स और मकड़ी को खा कर नष्ट कर देते हैं और फसल की रक्षा करते हैं।

  • कई फसलों में कीटनाशक का छिड़काव भी न हो तो भी लेडी बर्ड बीटल, उसमें लगने वाले कीट को खाकर उनकी संख्या कम करके फसलों को नष्ट होने से बचाता है।

  • इसके साथ ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में सहयोग करता है। एक लेडी बर्ड बीटल एक दिन में 100  से 200 तक माहू को खा सकते हैं।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 28 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

अदरक

22

24

रतलाम

आलू

21

22

रतलाम

टमाटर

20

22

रतलाम

हरी मिर्च

48

50

रतलाम

कद्दू

15

18

रतलाम

भिन्डी

25

26

रतलाम

नींबू

35

42

रतलाम

फूलगोभी

12

14

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

खीरा

12

14

रतलाम

शिमला मिर्च

30

34

रतलाम

केला

32

34

रतलाम

करेला

32

35

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

प्याज़

23

गुवाहाटी

लहसुन

21

25

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

कोयंबटूर

प्याज़

12

17

कोयंबटूर

आलू

25

27

कोयंबटूर

गाजर

18

20

कोयंबटूर

पत्ता गोभी

24

25

कोयंबटूर

टमाटर

8

10

कोयंबटूर

अदरक

30

32

कोयंबटूर

शिमला मिर्च

70

कोयंबटूर

हरी मिर्च

35

40

कोयंबटूर

बैंगन

30

35

कोयंबटूर

नींबू

60

80

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

8

रतलाम

प्याज़

8

10

रतलाम

प्याज़

10

12

रतलाम

लहसुन

7

12

रतलाम

लहसुन

13

22

रतलाम

लहसुन

22

32

रतलाम

लहसुन

32

36

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव ?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे अशोकनगर, बड़नगर, बदनावर, कालापीपल, हाटपिपलिया, खरगोन, खातेगांव, देवास, हरदा और इछावर आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

आगर

2700

6119

अशोकनगर

3001

6111

बड़नगर

4180

6223

बदनावर

4850

6215

बदनावर

4300

6200

बाणपुरा

5000

5850

बेगमगंज

4225

5975

बैरसिया

4820

6100

भोपाल

4801

5996

बिना

5700

6030

बुरहानपुर

5850

5904

छिंदवाड़ा

5704

6001

दमोह

4985

5960

देवास

3000

6180

धामनोद

5805

6005

धार

3000

6196

गदरवाड़ा

5411

5411

गंज बासौदा

3600

6031

गौतमपुरा

5850

5960

गुना

5090

6145

हाटपिपलिया

5880

6155

हरदा

4200

6101

इछावर

4500

6246

ईसागढ़

5400

5800

जावर

3310

6193

जीरापुर

5600

6000

जोबत

5800

5875

कालापीपाल

4900

6000

करेली

4000

6111

खाचरोडी

5652

6120

खंडवा

4500

6100

खरगोन

5757

6029

खातेगांव

3205

6158

खातेगांव

3001

6041

खिरकिया

4000

6251

खुराई

5150

5891

कोलारस

4500

6075

कोलारस

4400

5971

कुक्षी

5425

5425

कुरावर

2176

6182

लटेरी

3805

5900

मनासा

3950

6061

मनावर

5800

6011

मंदसौर

5500

6240

महू

3400

3400

महू

5790

6093

नगदा

5500

6175

नरसिंहपुर

4650

5926

नसरुल्लागंज

5681

6038

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  सोयाबीन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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औषधीय गुणों से भरपूर कुल्फा की खेती से करें बढ़िया कमाई

कुल्फा पौध के बारे में कम ही लोग जानते होंगे। इस पौधे का उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है। इस बात का पता न होने की वजह से अब तक किसान इसे खरपतवार समझते आ रहे थे। हालांकि कुल्फा के औषधीय गुणों का पता चलते ही अब इसकी खेती व्यवसायिक तौर पर की जाने लगी है। 

औषधीय गुणों का खजाना

कुल्फा को औषधीय पौधों की सूची में रखा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी पत्ती व फल में एंटीऑक्सीडेंट्स और कैरेटिनाइड्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कि शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस कारण चिकित्सा के क्षेत्र में इसकी काफी मांग है। ऐसे में कुल्फा की खेती के ज़रिए बढ़िया कमाई की जा सकती है।

खेती के लिए सही मिट्टी और मौसम का चुनाव

कुल्फा की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। जुलाई और अगस्त यानी मॉनसून सीजन में इसकी खेती करना बढ़िया रहता है। बता दें कि इसकी खेती के लिए गर्म जलवायु सबसे ज्यादा अनुकूल माना जाता है, क्योंकि ठंडे मौसम में इसके पौधे मर जाते हैं। 

खेती की बात करें तो बीज रोपण के 4 से 6 हफ्ते के बाद इसकी फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। औषधीय गुणों की खान होने की वजह से कुल्फा की बाजार में बढ़िया दामों पर बिक्री हो जाती है। वहीं दूसरी ओर औषधी बनाने वाली कंपनियां इसके फल और पत्तियों को किसानों से हाथों-हाथ खरीद लेते हैं। ऐसे में कम समय में किसानों को बढ़िया मुनाफा प्राप्त हो जाता है।

स्रोत : आज तक

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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