यह रोग जैंथमोनस कैम्पेस्ट्रिस पी.वी.नामक जीवाणु के कारण होता है। यह पत्ता गोभी तथा फूलगोभी में सबसे विनाशकारी होता है। इस रोग के लक्षण आमतौर पर पत्ती के किनारे पर पीलेपन से शुरू होते हैं, जिस कारण ‘वी’ आकार के धब्बे बन जाते हैं। जो कि हरिमाहीनता एवं पानी में भीगे जैसे दिखाई देते हैं। इस रोग की वजह से बाद में संक्रमित पत्तियों की शिरायें काली हो जाती हैं, अधिक संक्रमण की अवस्था में यह रोग गोभी के अन्य भागों पर भी दिखाई देता है। जिससे फूल के डंठल अंदर से काले होकर सड़ने लगते हैं और अंत में सड़कर मर जाते हैं।
रोकथाम के उपाय
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समय पर खरपतवार नियंत्रण करें।
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निर्धारित मात्रा में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग करें।
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जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
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जैविक नियंत्रण के लिए, मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस) @ 500 ग्राम प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
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