बारिश से हुए नुकसान का किसानों को मिलेगा जल्द मुआवजा

इस साल मानसून सीजन में असमान्य बारिश की वजह से काफी फसल बर्बाद हुई है। कई राज्यों में काफी ज्यादा बारिश हुई तो कई राज्यों को कम बारिश के कारण सूखे का सामना करना पड़ा है। इसकी वजह से किसानों को बहुत नुकसान पहुंचा है। ऐसे में राज्य सरकारें अपने अपने स्तर पर इस नुकसान की भरपाई के प्रयास कर रही हैं।

इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। बता दें कि राजस्थान के कई ज़िलों में भारी बारिश के चलते फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जल्द ही पंजीकृत किसानों के लिए राहत राशि जारी की जाएगी।

सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस योजना की मदद से पिछले तीन सालों में अब तक 16 हजार करोड़ के बीमा क्लेम वितरित किये जा चुके हैं। वहीं इस साल मानसून के दौरान अधिक बारिश से हुए जल भराव के कारण जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं, उन्हें सर्वे उपरान्त उचित मुआवजा दिलवाया जाएगा। 

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

मटर की बंपर उपज देने वाली उन्नत किस्में एवं उनकी विशेषताएं

मटर रबी मौसम की प्रमुख दलहनी फसल है। मटर बोने का सबसे उत्तम समय सितम्बर मध्य से अक्टूबर का महीना होता है। मटर के दानों का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है, जिनमें इसके हरे कच्चे दानों का इस्तेमाल सब्जी और खाने में किया जाता है। इसके अलावा इन दानों को सुखाकर उनसे कई तरह की खाद्य सामग्री बनाई जाती है।

किस्म का नाम – गोल्डन जीएस – 10

ब्रांड का नाम – यूपीएल

फली का प्रकार: पेंसिल आकार की फलियां

फसल अवधि  –  70-75 दिन 

बीजों की संख्या (फली में) – 8-10 बीज

तुड़ाई की संख्या – 2-3 बार 

औसत उपज – 9-10 टन प्रति हेक्टेयर

सहिष्णुता: पाउडरी मिल्ड्यू 

विशेष विशेषताएं: फली के अंदर के बीज एक समान और स्वाद में मीठे होते हैं।

किस्म का नाम – सुपर अर्केल

ब्रांड का नाम – मालव 

अवधि  – 65-70 दिन

बीजों की संख्या (फली में)  – 8-10 बीज

औसत उपज – हरी फली की उपज 4-5 टन/हेक्टेयर

बीज: झुर्रीदार और मीठा

किस्म का नाम – अर्केल

ब्रांड का नाम – मालव 

अवधि  – 60-70 दिन

बीजों की संख्या (फली में)  – 6-8 बीज

औसत उपज – हरी फली की उपज 4-5 टन/हेक्टेयर

बीज: झुर्रीदार और मीठा

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

देश की विभिन्न मंडियों में क्या चल रहे हैं फसलों एवं फलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

आगरा

प्याज़

6

7

आगरा

प्याज़

8

9

आगरा

प्याज़

10

11

आगरा

प्याज़

13

आगरा

हरी मिर्च

21

22

बंगलोर

लहसुन

25

बंगलोर

लहसुन

30

बंगलोर

आलू

18

20

शाजापुर

प्याज़

1

3

शाजापुर

प्याज़

3

5

शाजापुर

प्याज़

5

8

शाजापुर

लहसुन

2

4

शाजापुर

लहसुन

4

6

शाजापुर

लहसुन

6

9

Share

सुकन्या समृद्धि योजना से परिवार की तीनों बेटियों को मिलेगा लाभ

देश की बेटियों को आर्थिक रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है। जिनमें से ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ बेहद महत्वपूर्ण है। निवेश करने के लिए यह एक बेहतर योजना है। इस योजना के तहत बेटी के नाम पर एक अकाउंट खोला जाता है। जिसमें हर साल कुछ राशि निवेश करनी होती है। अकाउंट में जमा की गई राशि पर सरकार द्वारा काफी अच्छा ब्याज दिया जाता है। इस समय सरकार योजना पर 7.6% का ब्याज दे रही है।

हालांकि पहले एक परिवार की दो बेटियां ही इस योजना का लाभ उठा सकती थीं, लेकिन एक विशेष परिस्थिति के तहत इस नियम को बदल दिया गया है। अगर परिवार में दो जुड़वा बेटियां हैं तो, सुकन्या समृद्धि योजना के तहत तीनों बेटियों का खाता खोला जा सकता है। जिसके चलते तीनों बेटियों के अकाउंट में राशि जमा करने पर टैक्स में छूट दी जाएगी।

इस योजना में खाता खुलावाने की शुरुआत 250 रुपए से की जा सकती है। जिसमें हर वित्त वर्ष में न्यूनतम राशि 250 रुपये जमा करना जरूरी है। पैसे जमा न होने पर 50 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। बता दें कि यह स्कीम लड़की के 21 साल के होने पर पूरी होती है, हालांकि निवेश सिर्फ 15 साल तक ही करना होता है। इसलिए ध्यान रहे कि अकाउंट खुलावाते समय बेटी की आयु 10 वर्ष से कम हो।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

मसालों की खेती पर पाएं 40% की सब्सिडी, जल्द करें आवदेन

subsidy on spices cultivation subsidy on spices cultivation

किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए सरकार सभी प्रकार की फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। जिनमें फल, फूल, औषधीय एवं विभिन्न प्रकार के मसालों की खेती शामिल है। इनकी खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहन स्वरूप अनुदान भी दिया जाता है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार मसाला फसलों की खेती के लिए अनुदान उपलब्ध करा रही है, जिसके लिए सरकार द्वारा चयनित जिलों के किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

‘मसाला क्षेत्र विस्तार योजना’ के तहत 11 प्रकार की मसाला फसलों की खेती के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस सूची में धनिया, जीरा, सौंफ, मेथी, अजवाईन, सोआ, कलौंजी, अजमोद, विलायती सौंफ एवं स्याह जीरा शामिल है। किसान अपनी इच्छानुसार दी गई फसलों का चयन कर योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि विभाग द्वारा एक हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की लागत 30 हजार रूपए तय की गई है। इसके अनुसार प्रति हेक्टेयर की दर से 40% यानी 12 हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा। वहीं योजना के तहत एक किसान को अधिकतम 4 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान देने का प्रावधान है। 

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 16 सितम्बर 2022 के दिन सुबह 11 बजे से शुरू हो गई है। योजना का लाभ उठाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://mpfsts.mp.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसानों को आवेदन करते समय अपने पास एक पासपोर्ट साइज फोटो, आधार, खसरा नम्बर/B1/ पट्टे की प्रति, बैंक पासबुक, जाति प्रमाण पत्र आदि आवश्यक दस्तावेज का होना जरूरी है। 

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावर, देवास, इंदौर, खरगोन एवं मंदसौर आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

राजगढ़

ब्यावरा

1100

1500

देवास

देवास

400

1200

इंदौर

इंदौर

300

2000

खरगोन

खरगोन

500

1000

मंदसौर

मंदसौर

1200

2000

राजगढ़

नरसिंहगढ़

180

520

हरदा

टिमर्नी

1200

2500

स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  टमाटर जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़नगर, बदनावर, लटेरी, खातेगांव, खरगोन, रतलाम और मंदसौर आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

रतलाम

लटेरी

4500

5200

उज्जैन

बड़नगर

4280

5391

धार

बदनावर

4000

5420

बैतूल

बैतूल

4540

5350

खरगोन

भीकनगांव

5261

5294

छिंदवाड़ा

चौरई

4900

4900

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा

4872

5190

खरगोन

खरगोन

5250

5250

देवास

खातेगांव

4000

5161

राजगढ़

खुजनेर

5100

5385

मंदसौर

मंदसौर

4720

5400

इंदौर

महू

4300

4300

इंदौर

महू

4300

4300

राजगढ़

पचौरी

4750

5330

रतलाम

रतलाम

3906

5420

सागर

सागर

4500

5400

खरगोन

सनावद

4700

4700

इंदौर

सांवेर

4900

5121

श्योपुर

श्योपुरबडोद

4551

4551

श्योपुर

श्योपुरकलां

5025

5025

विदिशा

सिरोंज

4750

5156

हरदा

टिमर्नी

2700

4861

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  सोयाबीन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

मिर्च की फसल में काले थ्रिप्स पहचान एवं नियंत्रण के उपाय

क्षति के लक्षण:-

मिर्च एवं शिमला मिर्च की फसल के लिए काली थ्रिप्स एक घातक कीट बन गई है। इसे पहली बार 2015 में बेंगलुरु, कर्नाटक में देखा गया था। यह कीट पहले पत्ती की निचली सतह से रस चूसते हैं और फिर धीरे धीरे टहनी, फूल एवं फल पर हमला करते हैं। फूलों की अवस्था में फूलों को प्रभावित करके फलों के विकास को रोक देते हैं। फूलों को नुकसान पहुंचाने की वजह से “फ्लावर थ्रिप्स” भी कहा जाता है। इनका प्रकोप बढ़ने से क्षतिग्रस्त पत्तियां पीली होकर गिर जाती हैं।

नियंत्रण के उपाय:-

👉🏻इसके नियंत्रण के लिए, लार्गो (स्पिनेटोरम 11.7 % एससी) @ 200 मिली + बवे कर्ब 250 ग्राम + नोवामैक्स 200 मिली + सिलिकोमैक्स 50 मिली, प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

देश की विभिन्न मंडियों में क्या चल रहे हैं फसलों एवं फलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

आगरा

प्याज़

6

7

आगरा

प्याज़

8

9

आगरा

प्याज़

10

11

आगरा

प्याज़

12

आगरा

हरी मिर्च

20

22

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

प्याज़

23

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

25

32

गुवाहाटी

लहसुन

35

38

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

25

32

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

बैंगलोर

लहसुन

24

बैंगलोर

लहसुन

32

बैंगलोर

आलू

17

19

शाजापुर

प्याज़

3

5

शाजापुर

प्याज़

5

6

शाजापुर

प्याज़

6

10

शाजापुर

लहसुन

2

5

शाजापुर

लहसुन

5

7

शाजापुर

लहसुन

7

11

लखनऊ

प्याज़

5

7

लखनऊ

प्याज़

6

9

लखनऊ

प्याज़

8

10

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

8

लखनऊ

प्याज़

11

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

14

15

लखनऊ

लहसुन

5

10

लखनऊ

लहसुन

12

15

लखनऊ

लहसुन

18

25

लखनऊ

लहसुन

25

30

लखनऊ

हरी मिर्च

20

25

लखनऊ

गाजर

27

28

वाराणसी

प्याज़

5

7

वाराणसी

प्याज़

6

9

वाराणसी

प्याज़

8

10

वाराणसी

प्याज़

10

12

वाराणसी

प्याज़

7

8

वाराणसी

प्याज़

8

10

वाराणसी

प्याज़

10

11

वाराणसी

प्याज़

11

13

वाराणसी

लहसुन

5

10

वाराणसी

लहसुन

11

16

वाराणसी

लहसुन

17

21

वाराणसी

लहसुन

21

25

Share

रोजगार मिलना अब होगा बेहद आसान, बस करें ये जरूरी काम

बढ़ती बेरोजगारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। युवाओं को रोजगार के अवसर मिले इसके लिए एक खास योजना चलाई जा रही है। जिसका नाम ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को प्रशिक्षण के जरिए आत्मनिर्भर बनाना है। बता दें कि सरकार द्वारा जारी किए हुए आंकड़ों के अनुसार अब तक 1 करोड़ 37 लाख से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जिसके आधार पर 24 लाख 42 हजार से अधिक युवा रोजगार प्राप्त करके अपनी जीविका चला रहे हैं।

केंद्र की यह योजना देश के सभी राज्यों में चलाई जा रही है। इस योजना में युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। जहां सर्टिफिकेट के आधार पर युवा संबंधित क्षेत्र में अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं। केंद्र की इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

जानें आवेदन प्रक्रिया

आवदेन करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। यहां दिए गए Quick link में जाकर skill India पर क्लिक करें। इसके बाद विकल्प में दिख रहे ‘I want to Skill myself’ में आवेदनकर्ता की जानकारी सावधानीपूर्वक भर दें। फॉर्म भरने के बाद इसे सब्मिट कर दें। इस तरह रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। बता दें कि इस आधिकारिक वेबसाइट पर ही प्रशिक्षण केंद्र के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

स्रोत कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share