आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के 75 से 90 दिन बाद – उर्वरकों की तीसरी खुराक

नीचे दिए गए उर्वरकों को आपस में मिलाकर मिट्टी में मिलाएं | यूरिया 45 + MOP 50 किलो + NPK बैक्टीरिया (फोस्टर प्लस बीसी 15) 100 ग्राम + ह्यूमिक एसिड (मैक्सरुट) 250 ग्राम + कैल्शियम नाइट्रेट (ग्रोमोर) 5 किलो प्रति एकड़ ।

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 60 से 70 दिनों में – फल छेदक और फूलों के गिरने की समस्या का प्रबंधन के लिए

फल छेदक की रोकथाम और फल- फुलों के गिरने को रोकने के लिए एमिनो एसिड (प्रो एमिनोमैक्स) 250 ग्राम + एसिटामिप्रिड 20% एसपी (नोवासेटा) 100 ग्राम + क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी (कोराजन) 60 मिली + हेक्साकोनाजोल 5% एससी (नोवाकोन) 400 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करे।

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 46 से 50 दिनों में – फूल लगने में मदद के लिए और इस समय फसल में, मकड़ी एवं चूर्णिल आसिता रोग के नियंत्रण के लिए

फूल लगने में मदद के लिए और इस समय फसल में, मकड़ी एवं चूर्णिल आसिता रोग के नियंत्रण के लिए होमोब्रेसीनोलाइड (डबल) 100 मिली + एबामेक्टिन 1.9% EC (अबासीन) 150 मिली + (टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG) (स्वाधीन) 500 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 41 से 45 दिनों में -खड़ी फसल में उर्वरको की तीसरी खुराक

बेहतर विकास और विकास के लिए यूरिया 45 किग्रा + डीएपी 50 किग्रा + मैग्नेशियम सल्फेट 5 किग्रा + माइक्रोन्यूट्रिंट कॉम्बी मिट्टी मिक्स (एग्रोमिन) 5 किग्रा + कैल्शियम नाइट्रेट 5 किग्रा प्रति एकड़ मिट्टी पर करे ।

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 26 से 30 दिनों में -थ्रिप्स एवं एफिड कीट के प्रबधन के लिए

 पौधों की ऊंचाई बढ़ने, पत्तियों का आकार बढ़ने के साथ साथ इस फसल अवस्था में रस चूसने वाले कीट (माहु एवं सर्कोस्पोरा पत्ती धब्बा रोग) के प्रकोप को रोकने के लिए जिब्बरेलिक एसिड (नोवामेक्स) 300 मिली+ (थियामेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5 % ZC) (नोवालक्सम) 80 मिली+ (मेटालैक्सिल 4% + मैनकोज़ेब 64% WP) (संचार) 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे।

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के 21 से 25 दिन बाद – सिंचाई और दूसरा मिट्टी उपयोग

वानस्पतिक अवस्था के दौरान फसल को दूसरी सिंचाई दें। जड़ सड़न, विल्ट जैसी बीमारियों से बचाव के लिए अतिरिक्त पानी को बाहर निकालें। नीचे दिए गए उर्वरकों को आपस में मिलाकर मिट्टी में मिलाएं | यूरिया – 45 किलो + डीएपी 50 किलो + मैग्नीशियम सल्फेट (ग्रोमोर)- 10 किलो + ज़िंक सल्फेट (ग्रोमोर) 5 किलो + सल्फर 90% WG (ग्रोमोर) 5 किलो प्रति एकड़

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 11 से 15 दिनों में -थ्रिप्स एवं एफिड कीट के प्रबधन के लिए

वानस्पतिक वृद्धि को बढ़ाने और इस समय फसल में तेला कीट एवं उकठा रोग का प्रकोप को रोकने के लिए सीवीड एक्सट्रेक्ट (विगरमैक्स जेल) 400 मिली + थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W (मिलड्यूविप) 300 ग्राम + थियामेंथोक्साम 25% WG (थायोनोवा 75)- 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे।

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 5 से 10 दिनों में – थ्रिप्स कीट के प्रबधन के लिए

खेत में थ्रिप्स, एफ़िड्स हमलों को नियंत्रण करने के लिए 10 नीला और पीला स्टिकी ट्रैप प्रति एकड़ में लगाये|

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 3 से 5 दिनों में- पूर्व उद्भव खरपतवारो के नियंत्रण के लिए

अंकुरण से पहले खरपतवार के प्रबंधन के लिए पेण्डामैथलीन 38.7% CS (स्टोम्प एक्स्ट्रा) 700 मिली को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ का छिड़काव करें|

Share

आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 1 से 10 दिनों में -आधारीय खुराक (बेसल डोज) और प्रथम सिंचाई

रोपाई के ठीक बाद पहली सिंचाई दें और उपरोक्त उर्वरक की बेसल खुराक मिट्टी में मिलाएं | यूरिया – 45 किग्रा, एसएसपी – 200 किग्रा, एमओपी- 50 किग्रा प्रति एकड़ इन सभी को मिलाकर मिट्टी में फैलाएं|

Share