आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 14से 20 दिनों में – आद्र गलन रोग से बचाव के लिए

आद्र गलन रोग को रोकने के लिए रोग को कम करने से रोकने के लिए रिजोकेर 250 ग्राम या ट्राइकोशिल्ड कॉम्बेट 1 किलोग्राम या क्लोरोथालोनिल 75% डब्ल्यूपी 400 ग्राम 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ जड़ क्षेत्र के पास डालें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 11 से 15 दिनों में – रसचूसक कीटो के प्रबधन के लिए

वानस्पतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए और थ्रिप्स के प्रबंधन के लिए एफिड्स इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल (मीडिया) 100 मिली + एसीफेट 75% एसपी (असटाफ) 300 ग्राम + सीवीड (विगोर्मोक्स जेल) 400 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाएं। धिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 3 से 5 दिनों में – पूर्व उद्भव खरपतवारो के नियंत्रण के लिए

अंकुरण से पहले खरपतवार के प्रबंधन के लिए 200 लीटर पानी में पेण्डामैथलीन 38.7% CS स्टोम्प एक्स्ट्रा 250 मिली या क्यूजालोफोप इथाइल 5 % EC (टरगा सुपर ) 400 ml और प्रोपेक्यूजाफोप 10%EC (एजिल) 400 ml सुपर 700 मिली प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 1 से 2 दिनों में – आधारीय खुराक एवं पहली सिंचाई के लिए

बुवाई के ठीक बाद पहली सिंचाई दें और नीचे दिए गए उर्वरक की बेसल खुराक दे | यूरिया- 30 किलो, डीएपी- 50 किलो, MoP- 30 किलो, + कपास समृद्धि किट प्रति एकड़ की दर से इन सभी के साथ मिलाकर मिट्टी में फैला दे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 1 दिन पहले – बीज़ो को कवक जनित रोग से बचाव के लिए

मिट्टी में फफूंद या कीटों से बीज को बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% (साफ) 3.5 ग्राम + इमिडाक्लोप्रिड 48% एफएस ( गावाचो ) 5 मिली या थायमेथाक्साम 30% FS (रेनो) 10 मिली प्रति किलो बीज से उपचारित करें। । बुवाई से तीन दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें। अधिक जानने के लिए हमारे टोल-फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल दें।

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आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 5 से 7 दिन पहले- उठी हुई क्यारियों (बेड) की तैयारी और कपास के पौधो के मध्य दुरी

पंक्ति से पंक्ति की दूरी 2-3 फुट रखते हुए कुंड और मेढ़ तैयार करें। यदि ड्रिप सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो खरपतवारों को रोकने और प्रकाश संश्लेषण क्रिया को बढ़ावा देने के लिए प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल करे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 8 से 10 दिनों पहले -मिट्टी की सरंचना सुधरने के लिए

2 टन FYM में 3 किलो एनपीके बैक्टीरिया मिलाये| ठीक से मिलाकर प्रति एकड़ क्षेत्र की दर से मिट्टी में फैलाएं। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के 120-130 दिन बाद- अच्छे फल के विकास लिए और इल्ली एवं कवक रोगों को नियंत्रित करने के लिए

इल्ली एवं कवक रोगों को नियंत्रित करने के लिए जिब्बरेलिक एसिड (मेक्सयील्ड) 300 मिली+ फ्लॉनिकामिड़ 50% WG (उलाला) 60 मिली+ (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% SC) कस्टोडिया 250 मिली प्रति एकड़ पानी में मिलकर छिड़काव करे |

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आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के बाद 100 से 115 दिनों में – फल तुड़ाई के दौरान कीट- रोगों का प्रबन्धन के लिए

पत्तियों का मुड़ना, फलों पर छेद या पौधे पर किसी भी कवक के विकास जैसे लक्षणों के लिए पौधों को ध्यान से देखें। यदि यह लक्षण फल लेने की अवधि के दौरान दिखाई देते हैं तो 00:00:50 1 किलो + इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी (एमनोवा) 100 ग्राम + डायफेनथियुरॉन 50% डब्ल्यूपी (पेजर) 250 ग्राम + कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 46% WP (कोनिका) 300 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करे

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आपकी मिर्च फसल के लिए अगली गतिविधि

रोपाई के 80 से 95 दिन बाद – फलों का आकार बढ़ाने के साथ-साथ मोज़ेक, कैटरपिलर और एन्थ्रेक्नोज रोगों को नियंत्रित करने के लिए

फल के विकास के साथ-साथ आकार को बढ़ाने और मोजेक, इल्ली और एन्थ्रेक्नोज रोग को नियंत्रित करने के लिए 00:00:50 1 किलो + इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल (मीडिया) 100 मिली + स्पिनोसैड 45% SC (ट्रेसर) 60 मिली + टेबुकोनाजोल 50% + ट्राइफ्लोक्सिरोबिन 25% PG (नेटिवो) 100 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाएं और छिड़काव करे।

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