रोपाई के 21 से 25 दिन बाद – सिंचाई और दूसरा मिट्टी उपयोग
वानस्पतिक अवस्था के दौरान फसल को दूसरी सिंचाई दें। जड़ सड़न, विल्ट जैसी बीमारियों से बचाव के लिए अतिरिक्त पानी को बाहर निकालें। नीचे दिए गए उर्वरकों को आपस में मिलाकर मिट्टी में मिलाएं | यूरिया – 45 किलो + डीएपी 50 किलो + मैग्नीशियम सल्फेट (ग्रोमोर)- 10 किलो + ज़िंक सल्फेट (ग्रोमोर) 5 किलो + सल्फर 90% WG (ग्रोमोर) 5 किलो प्रति एकड़