इस ट्रैक्टर हार्वेस्टर मशीन से आसानी से मूंग और फसल अवशेष अलग कर सकते हैं

This tractor harvester machine can easily separate Green Gram and crop residues

इस ट्रैक्टर पर एक ऐसा मशीन सेट किया गया है इसके इस्तेमाल से किसान भाई खेत में भी मूंग और मूंग के फसल अवशेष को बड़ी आसानी से अलग कर सकते हैं। देखें वीडियो।

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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मिर्च ड्रिप किट में शामिल ये उत्पाद मिर्च की फसल को देंगे संपूर्ण पोषण

These products included in the Chilli Drip Kit will give full nutrition to the chili crop

  • किसान मिर्च की फसल में ड्रिप इरीगेशन के साथ समृद्धि किट का भी उपयोग कर सकते हैं।

  • ग्रामोफ़ोन ने घुलनशील कृषि उत्पादों का मिर्च ड्रिप किट तैयार किया है। यह किट पूर्णतः घुलनशील एवं ड्रिप के लिए पूर्णतया उपयुक्त है। इस किट का वजन 1.8 किलो है और यह एक एकड़ के लिए पर्याप्त है।

  • इस किट में एनपीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया, ज़िंक सोलुब्लाइज़िंग बैक्टीरिया, ट्राइकोडर्मा विरिडी, मायकोराइज़ा, वीगरमैक्स जेल जैसे नैनो तकनीक पर आधारित उत्पाद हैं।

  • ये उत्पाद मिट्टी की संरचना में सुधार करके मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि करते हैं और सफेद जड़ के विकास को बढ़ाते है। पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में भी ये मदद करते हैं जिसके कारण बेहतर वानस्पतिक विकास में मदद मिलती है।

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इस तारीख तक फसली ऋण जमा कर देने पर नहीं देना होगा कोई ब्याज

No interest will be paid on depositing the crop loan till this date

देश के लाखों किसान अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फसली ऋण लेते हैं। किसानों को फसली ऋण सरकार द्वारा कम ब्याज दर पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। हालांकि कई बार समय पर ऋण ना चुका पाने के कारण किसानों को ज्यादा ब्याज देना पड़ जाता है।

मध्यप्रदेश सरकार ने फसली ऋण को लेकर एक नया ऐलान किया है जिससे किसानों को बिना किसी ब्याज के फसली ऋण चुकाने के लिए एक माह का समय दे दिया है। किसान खरीफ सीजन के दौरान सहकारी बैंक से लिए गए फसली ऋण को 30 मई तक जमा कर सकेंगे। पहले यह समय सीमा 30 अप्रैल तक की थी।

स्रोत: किसान समाधान

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हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के साथ अब बिना मिट्टी के करें खेती

Benefits of growing crops with hydroponics technology
  • हाइड्रोपोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमें बिना मिट्टी के भी खेती की जा सकती है।

  • इस तकनीक में बहुत कम खर्च में फसल तैयार हो जाती है।

  • इसमें किसी भी मौसम में कोई भी फसल लगायी जा सकती है।

  • हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में, पौधों द्वारा आवश्यक पोषक तत्वों को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

  • इस तकनीक में पानी में अच्छी फसल प्राप्त की जा सकती है।

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करेले की फसल में थ्रिप्स कीट का प्रकोप होने पर ऐसे करें नियंत्रण

How to control thrips in bitter gourd crop
  • थ्रिप्स छोटे एवं कोमल शरीर वाले कीट होते हैं। यह पत्तियों की ऊपरी सतह एवं अधिक मात्रा में पत्तियों की निचली सतह पर पाए जाते हैं।

  • अपने तेज मुखपत्र के साथ ये कीट पत्तियों, कलियों एवं फूलों का रस चूसते हैं।

  • इसके प्रकोप के कारण पत्तियां किनारों पर भूरी हो जाती हैं या फिर विकृत हो जाती हैं और ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं।

  • थ्रिप्स के प्रकोप के निवारण के लिए फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 200 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 40 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC @ 80 मिली/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC @ 75 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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इंतजार की घड़ियां हुई खत्म, बस आने ही वाली है पीएम किसान योजना के 2000 रुपये

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana

पूरे देश के किसान ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के अंतर्गत आने वाली 8वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बहरहाल अब किसानों के इंतजार की घड़ियां ख़त्म होने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद 8वीं किस्त जारी करने की तारिख तय कर दी है।

बता दें कि 14 मई को पूरे देश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2000 रुपये की 8वीं किस्त जारी कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए पीएम मोदी किसानों को सम्बोधित भी करेंगे और किसानों से से संबंधित विषयों पर वार्ता भी करेंगे।

स्रोत: कृषि जागरण

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अरब सागर में उठे समुद्री तूफ़ान ताऊ ते से किन राज्यों में होगी बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

storm in Arabian Sea Tauktae

अरब सागर में एक समुद्री तूफ़ान आने वाला है जिसका नाम है ‘ताऊ ते’ और इस तूफ़ान की वजह से आने वाले कुछ दिनों में पश्चिमी राज्यों में भारी बारिश की संभावना बन रही है। केरल, कर्णाटक सहित लक्ष्यदीप में इसका काफी असर देखने की मिलेगा। 15 और 16 मई से महाराष्ट्र के तटों पर भी बारिश हो सकती है। मुंबई तथा आसपास के इलाकों में 17 से 19 मई के बीच बारिश संभव है। 18 से 21 मई के बीच गुजरात के कई भागों में हो सकती है बारिश। आने वाले दिनों में जैसे जैसे यह तूफ़ान आगे बढ़ेगा वैसे वैसे इसका प्रभाव भी बढ़ सकता है जिसके कारण मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिलों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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मुफ्त मिलेंगे दालों के उन्नत बीज, उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने लिया फैसला

Seeds of pulses will be given free

भारत दालों के उत्पादन में पूरी दुनिया में पहले स्थान पर है। इसके बाद भी भारत में दाल की खपत इतनी ज्यादा है की दाल आयात भी करना पड़ जाता है। इसी वजह से सरकार दलहन फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना चाहती है और इसके लिए विशेष रणनीति भी बनाई गई है।

इस रणनीति के तहत किसानों को दलहनी फसलों के प्रमाणित बीज मुफ्त दिए जाएंगे। केन्द्रीय व राज्य एजेंसियां द्वारा बीजों के मिनी किट 15 जून 2021 तक जिला स्तर पर निर्धारित केंद्र तक पहुंचा दी जाएगी जहाँ से यह किसानों को दी जाएगी।

स्रोत: किसान समाधान

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एकीकृत खेती करने से किसानों को मिलते हैं कई प्रकार के फायदे

Integrated Farming and its benefits
  • यह एक ऐसी तकनीक है जिससे किसान पूरे वर्ष आमदनी ले सकते है।

  • किसानों की आय बढ़ाने के लिए एकीकृत (इंटीग्रेटेड) फार्मिंग सिस्टम प्रणाली काफी लाभकारी है।

  • एकीकृत खेती का मूल यह है कि किसान की जमीन का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए।

  • इस तकनीक में किसान खेती के साथ साथ मछली पालन, पशुपालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन आदि भी कर सकते हैं।

  • इसमें एक घटक दूसरे घटक के उपयोग में लाया जाता है।

  • एकीकृत खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते है साथ ही कृषि लागत भी कम कर सकते हैं।

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गर्मियों में सब्जियों की खेती करें तो इन बातों का रखें ख़ास ख्याल

If you cultivate vegetables in summer take special care of these things
  • ग्रीष्मकाल में जिस प्रकार तापमान में बढ़ोतरी होती है इसके कारण सब्जी वर्गीय फसलों को बहुत नुकसान पहुँचता है।

  • गर्मियों में सब्जियां उगाने के लिए पहले से तैयार किये गये पौधों का उपयोग करना चाहिए।

  • सब्जी वर्गीय फसलों को गर्मियों में नेट या पॉली हाउस में लगाने से फसलों में नुकसान कम होता है।

  • ध्यान रखें की सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था हो ताकि तापमान बढ़ने के बाद भी फसल में पानी की कमी के कारण तनाव की स्थिति ना हो पाए।

  • फूल एवं फल वृद्धि के लिए समय समय पर बेहतर पोषण देने के उपाय करते रहना चाहिए।

  • गर्मियों में कद्दू वर्गीय फसलें जैसे मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि की बुआई कर सकते हैं।

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