ग्रामोफ़ोन एप से की स्मार्ट खेती तो किसान की आय में 40% और मुनाफ़े में हुई 49% की वृद्धि

Farmer Success Story

दुनिया डिजिटल हो रही है, दुनिया की हर जानकारी मोबाइल के एक टच पर कहीं भी कोई भी प्राप्त कर सकता है। दुनिया के इस डिजिटलीकरण में भारतीय किसान के लिए भी बहुत सारी संभावनाएं हैं और इन्हीं संभावनाओं के दरवाज़े पर बंद पड़े तालों को खोलने की कोशिश पिछले 4 साल से ग्रामोफ़ोन कर रहा है। अब किसानों को कृषि संबंधित हर जानकारी ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप के माध्यम से स्मार्ट फ़ोन के एक टच पर मिल रही है। खंडवा के सोयाबीन किसान देवेंद्र राठौर भी ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप की मदद से स्मार्ट खेती कर रहे हैं।

ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप इस्तेमाल करने वाले देवेंद्र राठौर को उनके गांव के लोग स्मार्ट किसान कहते हैं। देवेंद्र फसल बुआई के साथ अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ देते हैं और उन्हें सही समय पर अपनी फसल से जुड़ी हर समस्याओं के अलर्ट और निदान के उपाय मिलते रहते हैं। इस प्रक्रिया से पहले की तुलना में देवेंद्र को आय में 40% और मुनाफ़े में 49% की वृद्धि हुई है साथ ही कृषि लागत में भी काफी कमी आई है।

देवेंद्र की ही तरह लाखों किसान ग्रामोफ़ोन एप का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। आप भी देवेंद्र की तरह एक स्मार्ट किसान बनें और अपना खेत ग्रामोफ़ोन के मेरे खेत विकल्प से जरूर जोड़ें।

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9.50 करोड़ किसानों को मिले पीएम किसान के 2000 रूपये, चेक करें अपना स्टेटस

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 9.50 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 8वीं किस्त के 2000 रुपये भेज दिए गए हैं। गौरतलब है कि पीएम किसान योजना के तहत केंद्र सरकार देश के किसानों को आर्थिक मदद करने के लिए हर साल 6,000 रुपये प्रदान करती है। ये पैसे किसानों के खाते में तीन किस्तों में भेजे जाते हैं। सरकार अभी तक किसानों के खातों में सात किस्तों का पैसा भेज चुकी है। इसकी आठवीं किस्त अब किसानों के खातों में भेजी गई है।

अगर किसी किसान ने इस योजना से रजिस्ट्रेशन करवाया है पर उसके खाते में रकम नहीं पहुंची है तो वो अपना स्टेटस ऑनलाइन माध्यम से चेक कर सकता है।

अपना स्टेटस चेक करने के लिए :

  • योजना की अधिकारिक वेबसाइट ? pmkisan.gov.in पर जाएँ और फार्मर कॉर्नर पर क्लिक करें। इसके बाद आपको लाभार्थी की स्थिति दिखाई देगी। अब आप उस पर क्लिक कर दें।

  • लाभार्थी की स्थिति पर क्लिक करने के बाद आपको अपना आधार नंबर, खाता नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।

  • इतना करने के बाद आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की सूची में है या नहीं।

  • अगर आपका नाम इस लिस्ट में है और उसमें किसी प्रकार की गलती नहीं है, तो आपको योजना का लाभ जरूर मिलेगा।

स्रोत : कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

 

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गोमूत्र का फसलों एवं मिट्टी को मिलता है काफी लाभ

Cow urine benefits of crops and soil
  • गोमूत्र एक प्रकार से जैविक कीटनाशक, जैविक कवकनाशी एवं पौध वृद्धि नियामक की तरह कार्य करता है।

  • रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अधिक प्रयोग के कारण मिट्टी की जो उर्वरा शक्ति प्रभावित हुई है गोमूत्र उसमें सुधार करने में सहायता करता है।

  • इसके उपयोग से भूमि के लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु बढ़ते हैं जिससे भूमि प्राकृतिक रूप में बनी रहती है।

  • मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ जाती है एवं यह मिट्टी का कटाव रोकने में सहायक होता है।

  • गोमूत्र में नाइट्रोजन, गंधक, अमोनिया, कॉपर, यूरिया, यूरिक एसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैंगनीज, कार्बोलिक एसिड इत्यादि पाये जाते हैं जो मिट्टी के सुधार एवं फसल उत्पादन में बहुत मददगार होते हैं।

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खरगोश पालन से एक साल में लागत हो जाएगी डबल, होगी लाखों की कमाई

Rabbit farming

आजकल लोग नए नए तरह के बिजनेस शुरू रहे हैं और ऐसा ही एक बिजनेस है खरगोश पालन का, जिसकी शुरुआती लागत करीब 4 लाख रुपए होती है। हालांकि एक साल के अंदर इस बिजनेस में लगाई गई 4 लाख रुपए की लागत डबल हो जाती है।

खरगोश पालन दरअसल खरगोश के बालों से बनने वाले ऊन के लिए किया जाता है। खरगोश पालन के एक यूनिट में तीन नर खरगोश और 7 मादा खरगोश होते हैं।इसके 10 यूनिट्स पर 2 लाख रुपए का खर्च आता है। एक साल में एक मादा खरगोश करीब 7 बार बच्चे देती है। एक साल में 7 मादा खरगोश करीब 245 बच्चे देंगी। इस तरह खरगोश के बच्चों का एक बैच करीब 2 लाख रुपए की कमाई कर सकता है।

स्रोत: कृषि जागरण

ये भी पढ़ें: 1000 रुपये प्रति किलो बिकते हैं केकड़े, केकड़ा पालन से होगी लाखों में कमाई

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लहसुन के भाव में आ सकती है तेजी, जानें कब तक खुलेगी मध्य प्रदेश की मंडियां?

कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में लॉक डाउन है जिसकी वजह से मंडी भी कई हफ़्तों से बंद है। ऐसे में अब खबर आ रही है की जल्द ही मंडी खुल सकती है और खासकर के लहसुन के भाव में तेजी देखने को मिल सकती है। विस्तृत जानकारी के लिए देखें वीडियो।

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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करेले की फसल को रस चूसक कीटों के प्रकोप से ऐसे बचाएं

How to protect Bitter gourd crop from sucking pests
  • करेले की फसल सभी मौसम में लगायी जाने वाली सब्ज़ियाँ वर्गीय फसल है। रस चूसक कीटों का करेले की फसल पर आक्रमण फसल के जीवन चक्र में कभी भी हो सकता है।

  • इन कीटों में थ्रिप्स, एफिड, जैसिड, मकड़ी, सफ़ेद मक्खी आदि शामिल हैं। ये सभी कीट फसलों की पत्तियों का रस चूसकर फसल को बहुत नुकसान पहुँचाते हैं।

रस चुसक कीटो के नियंत्रण के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग करें 

  • थ्रिप्स नियंत्रण: प्रोफेनोफोस 50% EC @ 500 मिली/एकड़ या एसीफेट 75% SP @ 300 ग्राम/एकड़ लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 250 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • एफिड/जैसिड नियंत्रण: एसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% SP@ 400 ग्राम/एकड़ या एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • सफ़ेद मक्खी नियंत्रण: डायफैनथीयुरॉन 50% WP @ 250 ग्राम/एकड़ या फ्लोनिकामिड 50% WG @ 60 ग्राम/एकड़ या एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।

  • मकड़ी नियंत्रण: प्रॉपरजाइट 57% EC @ 400 मिली/एकड़ या स्पायरोमैसीफेन 22.9% SC @ 250 मिली/एकड़ या एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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चक्रवातीय तूफ़ान ताऊ ते की चपेट में पूरा देश, जानें कहाँ कहाँ होगी भारी बारिश

storm in Arabian Sea Tauktae

पूरे देश में चक्रवाती तूफान ताऊ ते का प्रभाव देखने को मिल रहा है। जल्द ही यह समुद्री तूफान और ज्यादा प्रभावी होगा। यह तूफान आगे बढ़ रहा है जिससे लक्षद्वीप और केरल पर बारिश की गतिविधियां कम हो गई हैं। हालांकि तटीय कर्नाटक के शहरों में भारी बारिश जारी है। तूफान के कारण गोवा और महाराष्ट्र के तटीय शहरों में 16 मई से मूसलाधार बारिश होने और तूफानी रफ्तार से हवाएँ चलने की संभावना है। तूफान का लैंडफाल गुजरात पर 17 से 18 मई के बीच होगा और यह मध्य प्रदेश तथा राजस्थान समेत भारत के कई अन्य राज्यों को भी प्रभावित कर सकता है।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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अच्छी उपज प्राप्ति के लिए मिर्च की नर्सरी लगाते समय बरतें ये सावधानियां

Precautions to be taken while planting chilli nursery
  • मिर्च की नर्सरी तैयार करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि जिस जगह पर नर्सरी लगाई जा रही है वह पूरी तरह से साफ होनी चाहिए और वहां पानी ठहराव नहीं होना चाहिए।

  • अच्छी फसल उगाने के लिए पौधे का स्वस्थ होना जरूरी होता है। इसलिए पौधशाला की मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ होने चाहिए।

  • पौधशाला में नमी अधिक होने पर पद गलन रोग की आशंका बनी रहती है।

  • इसलिए पहले नर्सरी की मिट्टी और बीजों का उपचार करें, उसके बाद ही बुआई करें।

  • हर सप्ताह खरपतवार और अवांछनीय पौधों को हटा दें साथ ही आवश्यकता के अनुसार नर्सरी की सिंचाई करें।

अपनी मिर्च व अन्य फसलों के खेत मेरे खेत विकल्प से जरूर जोड़ें। स्मार्ट कृषि से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख रोजाना पढ़ें। इस लेख को शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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फसल उत्पादन में लौह तत्व का महत्व

Importance of Iron in Crop Production
  • फसल वृद्धि और बेहतर उत्पादन के लिए लौह तत्व (Fe) को एक बहुत आवश्यक तत्व माना जाता है।

  • पौधे में कई एन्ज़इम्स होते हैं जो पौधे में ऊर्जा स्थान्तरण तथा नाइट्रोजन के फिक्ससेशन के लिए उपयोगी होते हैं।

  • लौह (आयरन) तत्व की कमी आमतौर पर अधिक pH वाली मिट्टी में देखी जाती है क्योंकि ऐसी मिट्टी में लौह तत्व पौधे को उपलब्ध नहीं हो पाता है।

  • आयरन की कमी के कारण नई पत्तियों में हरित लवक की कमी हो जाती है।

  • आयरन की कमी के कारण पत्तियां नीचे से हल्की-पीली या चितकबरी रंग की होना शुरु हो जाती हैं, साथ ही चित्तकबरापन मध्य शिराओं के ऊपर व नीचे की ओर बढ़ने लगता है।

  • इसकी कमी को @150-200 ग्राम/एकड़ की दर से चिलेटेड आयरन का घोल बनाकर, छिड़काव करके दूर कर सकते हैं।

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें। उपर्युक्त बताये गए बीजों की खरीदी के लिए एप के बाजार विकल्प पर जाएँ।

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एक दो स्थानों को छोड़ मध्यप्रदेश का मौसम बना रहेगा शुष्क, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

मध्य भारत में अब मौसम साफ़ होने वाला है। ज्यादातर इलाके शुष्क बने रहेंगे। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के एक दो स्थानों में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है पर ज्यादातर क्षेत्र में मौसम साफ़ बना रहेगा।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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