- शिशु एवं वयस्क कीट दोनों हरे रंग के एवं छोटे आकार के होते है।
- शिशु एवं वयस्क, पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं।
- ग्रसित पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ जाती है जो बाद में पीली हो जाती है एवं उन पर जले हुये धब्बे बन जाते हैं।
- इनके द्वारा माइकोप्लाज्मा रोग जैसे लघु पर्ण एवं विषाणु रोग जैसे चितकबरापन स्थानांतरित हो जाता है।
- इस कीट के अत्यधिक प्रभाव देखे जाने पर पौधे में फल लगना कम हो जाता है।