वर्षाकालीन बैंगन में उर्वरक प्रबंधन कैसे करें?

How to manage fertilizer in rainy season Brinjal
  • वर्षाकालीन बैंगन के लिए नर्सरी की बुआई फरवरी-मार्च में की जाती है।
  • बैंगन की पौध 30-40 दिनों बाद मुख्य खेत में रोपाई हेतु तैयार हो जाती है।
  • खेत में उर्वरक की मात्रा मिट्टी जाँच रिपोर्ट के अनुसार ही डालें या
  • पौध रोपाई से पहले खेत में गोबर की खाद के साथ 90 किलो यूरिया, 250 किलो सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) और 100 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) डालें।
  • 90 किलो यूरिया की मात्रा तीन भागों में बांट दें और यूरिया का पहला भाग पौध रोपाई के 30-40 दिनों बाद, दूसरा भाग अगले 30 दिन बाद तथा तीसरा भाग फूल आते समय टोप ड्रेसिंग के रूप में दें।
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बैंगन में जैसिड कीट का प्रबंधन

  • एसीटामिप्रिड 20% WP @ 80 ग्राम/एकड़ की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। 
  • इमिडाक्लोप्रिड 17.8% @ 80 मिली/एकड़ की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
  • एविडेंट (थाइमिथोक्सम) @ 100 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें या
  • एबासिन (एबामेक्टिन 1.8% ईसी) @ 150 एमएल/एकड़ का छिड़काव करें।
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बैगन की फसल में जैसिड नामक कीट की पहचान

  • शिशु एवं वयस्क कीट दोनों हरे रंग के एवं छोटे आकार के होते है।
  • शिशु एवं वयस्क, पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं।
  • ग्रसित पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ जाती है जो बाद में पीली हो जाती है एवं उन पर जले हुये धब्बे बन जाते हैं।
  • इनके द्वारा माइकोप्लाज्मा रोग जैसे लघु पर्ण एवं विषाणु रोग जैसे चितकबरापन स्थानांतरित हो जाता है।
  • इस कीट के अत्यधिक प्रभाव देखे जाने पर पौधे में फल लगना कम हो जाता है।
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