दक्षिण भारत में भारी बारिश और अन्य राज्यों में सर्दी बढ़ने के आसार

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23 और 24 दिसंबर को एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी दे सकता है। तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप में भारी बारिश की संभावना है। तटीय कर्नाटक और दक्षिणी आंध्र प्रदेश में भी हल्की बारिश हो सकती है। 18 दिसंबर से एक बार फिर उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान गिरावट दर्ज हो सकती है। 23 दिसंबर को राजस्थान के कुछ भागों में हल्की बारिश की संभावना दिखाई दे रही है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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भिंडी में पित्त शिरा मोज़ेक विषाणु रोग का हो रहा प्रकोप, जानें नियंत्रण के उपाय

Yellow vein mosaic virus disease in Okra
  • यह भिंडी की फसल में आने वाली एक प्रमुख समस्या है जो सफ़ेद मक्खी नामक कीट के कारण होती है।

  • यह समस्या भिंडी की सभी अवस्था में दिखाई देती है और फसल वृद्धि एवं उपज को प्रभावित करती है।

  • इस बीमारी में पत्तियों की शिराएँ पीली दिखाई देने लगती हैं एवं बाद में पत्तियां पीली होकर मुड़ने लग जाती हैं।

  • इससे प्रभावित फल हल्के पीले, विकृत और सख्त हो जाते हैं।

    प्रबंधन:

  • वायरस से ग्रसित पौधों और पौधे के भागों को उखाड़ के नष्ट कर देना चाहिए।

  • कुछ किस्में जैसे मोना, वीनस प्लस, परभणी क्रांति, अर्का अनामिका इत्यादि विषाणु के प्रति सहनशील होती हैं। इनकी बुआई कर सकते हैं।

  • पौधों की वृद्धि अवस्था में उर्वरकों का अधिक उपयोग न करें।

  • जहाँ तक हो सके भिंडी की बुवाई समय से पहले कर दें।

  • फसल में उपयोग होने वाले सभी उपकरणों को साफ रखें ताकि इन उपकरणों के माध्यम से यह रोग अन्य फसलों में ना पहुंच पाए।

  • जो फसलें इस बीमारी से प्रभावित होती हैं उन फसलों के साथ भिंडी की बुवाई ना करें।

  • यांत्रिक विधि से सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण के लिए 10 चिपचिपे प्रपंच/एकड़ की दर से उपयोग कर सकते हैं।

  • रासायनिक नियंत्रण के लिए डाइफेंथियूरॉन 50% WP @ 250 ग्राम या एसिटामिप्रिड 20% SP @ 100 ग्राम या इमिडाइक्लोप्रिड 17.8% SL 80 मिली/एकड़ की दर से स्प्रे करें।

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बंगाल की खाड़ी में बनेगा निम्न दबाव, कई राज्यों में बारिश और पहाड़ों पर होगी बर्फबारी

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बंगाल की खाड़ी में बना हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र निम्न दबाव बनाकर दक्षिण पूर्वी अरब सागर की तरफ बढ़ सकता है। इसके प्रभाव से तमिलनाडु केरल और लक्षद्वीप में मूसलाधार बारिश की संभावना है। आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिणी कोंकण और गोवा में भी बारिश की संभावना नजर आ रही है। अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी असम में हल्की बारिश होगी। पहाड़ों पर एक बार फिर बर्फबारी की संभावना है लेकिन हिमपात ऊंचे पहाड़ों पर ही होगा। उत्तर भारत सहित मध्य भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कुछ नीचे रहेंगे परंतु दिन में तेज धूप के कारण सर्दी का एहसास कम ही रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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कई राज्यों के मौसम में भारी बदलाव की संभावना, देखें पूर्वानुमान

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दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4.9 दर्ज किया जबकि शिमला का न्यूनतम तापमान 6.8 रहा। एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के प्रभाव से तमिलनाडु में भारी बारिश की संभावना है। पहाड़ों पर हल्का हिमपात और बारिश 16 और 17 दिसंबर को होगी। उत्तर पूर्वी राज्यों में बहुत हल्की बारिश होगी वहीं शेष भारत का मौसम अगले कुछ दिनों तक साफ रहेगा। 17 दिसंबर से दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र और गोवा में बारिश हो सकती है। 22 और 23 दिसंबर से गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में बारिश की संभावना दिखाई दे रही है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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चने की फसल में पाले के कारण हो सकता है नुकसान, ऐसे करें नियंत्रण

There may be damage due to frost in gram crop, control in this way
  • आमतौर पर शीतकाल की लंबी रातें बहुत ज्यादा ठंडी होती हैं और कई बार तापमान हिमांक पर या इससे भी नीचे चला जाता है। ऐसी स्थिति में जलवाष्प बिना तरल रूप में परिवर्तित हुए सीधे ही सूक्ष्म हिमकणों में परिवर्तित हो जाते हैं इसे पाला कहते हैं पाला फसलों और वनस्पतियों के लिए बहुत हानिकारक होता है।

  • पाले के प्रभाव से चने की फसल में पत्तियां एवं फूल झुलसे हुए दिखाई देते हैं एवं बाद में झड़ जाते हैं। यहां तक कि अधपके फल सिकुड़ भी जाते हैं, उनमें झुर्रियां पड़ जाती हैं एवं कलिया गिर जाती हैं। इन फलियों में दाने भी नहीं बनते हैं।

  • अपनी फसल को पाले से बचाने के लिए आप अपने खेत के चारो तरफ धुंआ करें। इससे तापमान संतुलित हो जाता है एवं पाले से होने वाली हानि से बचा जा सकता है।

  • जिस दिन पाला पड़ने की संभावना हो उस दिन फसल पर गंधक का 0.1 प्रतिशत घोल बनाकर छिड़काव करें।

  • ध्यान रखें कि पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह गिरे। छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है। यदि इस अवधि के बाद भी शीतलहर व पाले की संभावना बनी रहे तो गंधक का छिड़काव 15 से 20 दिन के अंदर से दोहराते रहें।

  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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चने की फसल में फली छेदक प्रकोप की पहचान कर जल्द करें रोकथाम

Identify the pod borer outbreak in gram crop and prevent it soon

कीट की पहचान:

  • अंडे: इस कीट के अंडे आकार में गोलाकार होते हैं और क्रीम से सफेद रंग के होते हैं।

  • प्यूपा: प्यूपा भूरे रंग का होता है, जो मिट्टी, पत्ती, फली और पुरानी फसल के अवशेष में पाया जाता है।

  • वयस्क: हल्के पीले से भूरे पीले रंग का दिखाई देता है। इसके अग्र पंखों का रंग हल्के भूरे से गहरा भूरा होता है जिसके ऊपर वी के आकार की संरचना पाई जाती है। इसके पिछले पंख मटमैले सफेद रंग के होते हैं, जिनके बाहरी मार्जिन काले रंग के होते हैं।

क्षति के लक्षण:

  • इसका लार्वा पत्ती में उपस्थित हरे भाग (क्लोरोफिल) को खाना शुरू कर देता है, जिससे अंत में पत्ते की केवल शिराए ही दिखाई देती हैं। इसके बाद ये लार्वा फूलों और हरी फली को खाना शुरू कर देते हैं। लार्वा फली में छेद कर अंदर प्रवेश कर फली के अंदर उपस्थित सारे भाग को खा कर उसे खोखला कर देता है।

    प्रबंधन:

  • रासायनिक नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC @ 400 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5% एससी @ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • “T” आकार की 20-25 खपच्चियाँ प्रति एकड़ की दर से खेत में लगाएं। यह खपच्चियाँ चने की ऊँचाई से 10-20 सेंटीमीटर अधिक ऊंची लगाना लाभदायक रहता है। इन खपच्चियो पर मित्र कीट जैसे चिड़िया, मैना, बगुले आदि आकर बैठते हैं जो फली छेदक का भक्षण कर फसल को नुकसान से बचाते हैं।

  • फेरोमोन ट्रैप हेलिकोवर्पा आर्मीजेरा 10 प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें l

  • बवेरिया बेसियाना 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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तरबूज एवं खरबूज़ की बुवाई से पहले खेत की तैयारी में इन बातों का रखें ध्यान!

Watermelon and Muskmelon field preparation

तरबूज़ एवं खरबूज़ की बुवाई के लिए रेतीली तथा रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। पौधों की अच्छी बढ़वार एवं जड़ विकास के लिए, मिट्टी का भुरभुरा होना आवश्यक है। सामान्यतः पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें एवं इसके बाद, गोबर की खाद @ 4 टन + स्पीड कम्पोस्ट @ 4 किग्रा + नीम की खली/केक @ 100 किग्रा, प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में समान रूप से भुरकाव करें। इसके बाद 2-3 जुताई हैरो की सहायता से करें। खेत में मौजूद, अन्य अवांछित सामग्री को हटा दें, अगर मिट्टी में नमी कम हो तो पहले पलेवा करें, फिर खेत की तैयारी करें, और आखिर में पाटा चलाकर खेत समतल बना लें। 

पोषक तत्व प्रबंधन 

फसल रोपाई/बुवाई के समय, डीएपी 50 किग्रा + बोरोनेटेड एसएसपी दानेदार 75 किग्रा + एमओपी 75 किग्रा +  मल्टीज़िंक (जिंक सल्फेट 10 किग्रा) + मैग्नीशियम सल्फेट 10 किग्रा + तरबूज़/खरबूज़ समृद्धि किट – टीबी 3 (एनपीके कंसोर्टिया) @ 3 किलोग्राम +  ताबा जी (जिंक सोल्यूब्लाज़िंग बैक्टेरिया) @ 4 किलोग्राम + ट्राई-कोट मैक्स (समुद्री शैवाल, अमीनो, ह्यूमिक) @ 4 किलोग्राम + कॉम्बैट (ट्राईकोडर्मा विरिडी 1.0 % डब्ल्यूपी) @ 2 किलोग्राम, इन सभी को आपस में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र के हिसाब से, समान रूप से भुरकाव करें।

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दिसंबर महीने में खेती बाड़ी के ये खास काम जरूर कर लें

Some special steps to take in the month of December
  • रबी मौसम के लिए दिसंबर का महीना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, इस महीने में अगेती फसलों की देखभाल से लेकर पछेती किस्मों की बुवाई तक का काम किया जाता है।

  • इस महीने तापमान में गिरावट आने लगती है, इसलिए फसल को पाले से बचाने के लिए बेहद सजगता बरतनी पड़ती है।

  • जिन किसान भाइयों ने गेहूँ की बुवाई अभी तक नहीं की है वो इस माह के प्रथम पखवाड़े तक बुवाई (पछेती किस्म) कर लें।

  • इस माह में सरसों में फूल आने का समय होता है इसलिए इस समय सिंचाई अवश्य करें।

  • जिन किसानों ने मटर लगाई है वह फूल आने के पहले हल्की सिंचाई कर दें एवं छाजया रोग के लिए उचित प्रबंध करें।

  • किसान भाई अगर मसूर की फसल लेना चाहते हैं तो पछेती किस्मों का चुनाव कर बुवाई कर सकते हैं।

  • आलू की फसल लेने वाले किसान भाइयों को झुलसा रोग एवं विषाणु जनित रोग से फसल बचाव का विशेष ध्यान रखना होगा।

  • बागवानी वाले किसान अपनी फसलों जैसे अमरूद आदि में फल मक्खी के प्रबंधन के लिए उपाय अपनाएं।

  • नींबू, संतरा, अमरूद की उचित समय पर तुड़ाई कर मंडी पहुंचाएं।

  • चारे के लिए बोई गई फसलें जैसे बरसीम आदि की कटाई कर सकते हैं।

आपकी जरूरतों से जुड़ी ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं के लिए प्रतिदिन पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख और अपनी कृषि समस्याओं की तस्वीरें समुदाय सेक्शन में पोस्ट कर प्राप्त करें कृषि विशेषज्ञों की सलाह।

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उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी, यहां होगी बारिश और बर्फबारी

know the weather forecast,

देश की राजधानी समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में मंगलवार की सुबह कड़ाके की ठंड और कोहरे के साथ शुरू हुई। दिल्ली में सुबह का तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में सुबह का तापमान 13.8 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार आज दिल्ली में अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री रहने की उम्मीद है। वहीं, 13 से 15 दिसंबर तक अधिकतम तापमान 23 और न्यूनतम तापमान 6-7 डिग्री के करीब रह सकता है।

स्रोत: दैनिक जागरण

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20 लाख तक के अनुदान पर खोलें अपना मिलेट्स स्टोर, पढ़ें पूरी जानकारी

Open your Millets store with a grant of up to Rs 20 lakh

धान और गेहूँ की खेती में विश्व भर में अग्रणी स्थान होने की वजह से भारतीय किसानों ने मोटे अनाजों की खेती कम कर दी थी पर अब सरकार की तरफ से इसकी खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बाबत जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सरकार ने वर्ष 2023 को मिलेट्स ईयर ऑफ दी ईयर घोषित किया था। अब इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार मिलेट्स स्टोर खोलने पर सब्सिडी देने जा रही है।

राज्य सरकार उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के माध्यम से मिलेट्स बीज उत्पादन हेतु सीडमनी, मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन केंद्र, मिलेट्स मोबाइल आउटलेट एवं मिलेट्स स्टोर खोलने पर 20 लाख रुपये तक की सबिसडी दे रही है। इसका लाभ लेने के लिए कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल www.agriculture.up.gov.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है। आवेदन की प्रक्रिया 11 दिसंबर दोपहर 12 बजे से 16 दिसंबर रात 12 बजे तक पूरी की जा सकती है।

स्रोत: आज तक

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