मध्य प्रदेश की मंडियों कपास के भाव में दिखी तेजी, उच्च भाव 8800 रुपए के पार

cotton mandi bhav

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं कपास के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में कपास के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
बड़वानी अंजड़ अन्य 5500 6930
खरगोन बड़वाह अन्य 5000 7350
बड़वानी बड़वानी एच 4 4700 6900
बड़वानी बलवाड़ी अन्य 6700 6800
खरगोन भीकनगांव एच 4 5275 7050
धार धामनोद देसी 6000 6920
धार गंधवानी अन्य 6300 7100
झाबुआ झाबुआ देसी 6800 6950
झाबुआ झाबुआ डीसीएच-32(अनगिन्ड) 6700 6800
खंडवा खंडवा अन्य 5825 6995
खरगोन खरगोन अन्य 5000 7015
रतलाम सैलाना डीसीएच-32(अनगिन्ड) 6000 8850
खरगोन सनावद कपास (अनगिन्ड) 5700 6970
खरगोन सेगांव कपास यू.एस 6475 6600
बड़वानी सेंधवा एच 4 5300 7200

स्रोत: एगमार्कनेट

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रबी धान की नर्सरी तैयार करते समय इन बातों का रखें ध्यान

How to prepare rabi paddy nursery
  • अगर आप रबी सीजन में धान की खेती करने जा रहे हैं और इसकी नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो इसके लिए एक एकड़ खेत में रोपाई हेतु जल स्रोत के पास 400 वर्ग मीटर क्षेत्र का चयन करें।

  • इसके बाद मिट्टी पलटने वाले हल से 2-3 सूखी जुताई करें और 400 वर्ग मीटर नर्सरी क्षेत्र में 4 क्विंटल गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डालें एवं सिंचित करके 2 दिन के लिए छोड़ दें।

  • इसके बाद इसमें दो बार कल्टीवेटर का उपयोग करें और खेत तैयार करें साथ हीं डीएपी 16 किग्रा को समान रूप से मिलाएं।

  • इसके बाद खेत को पलेवा करें, पलेवा लगाने के बाद, छोटी छोटी क्यारियां बना लें। इन क्यारी की लंबाई 8-10 मीटर एवं चौड़ाई 2.5 मीटर रखें।

  • दो क्यारियों के बीच में 30-50 सेमी का चैनल छोड़ दें और बीजों को क्यारियों में समान रूप से बोयें।

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अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र, जानें कहां होगी बारिश और कहां गिरेंगे तापमान?

know the weather forecast,

दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और दक्षिण पूर्व अरब सागर में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र बने हुए हैं। इनके मिले-जुले प्रभाव से दक्षिणी तमिलनाडु, दक्षिणी केरल और लक्षद्वीप सहित मालदीव के कई भागों में मध्यम बारिश के साथ कहीं कहीं भारी बारिश भी हो सकती है। एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर पहुंचा है इसके प्रभाव से 12 दिसंबर तक पहाड़ों पर हल्की बारिश के साथ ऊंचे पहाड़ों पर हिमपात होने की संभावना है। उत्तर भारत सहित मध्य भारत में तापमान अब गिरेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फूलों की खेती से चमकेगी किसानों की किस्मत, सरकार देगी 70% सब्सिडी

National Horticulture Mission Scheme

किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार फूलों की खेती को काफी बढ़ावा दे रही है। बिहार सरकार ने भी इस बाबत एक बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत बिहार राज्य के 23 डिस्ट्रिक्ट में किसानों के बीच फूलों की खेती को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है। किसानों को फूलों की खेती के लिए सब्सिडी देकर आर्थिक सहायता भी की जा रही है।

बता दें की राज्य सरकार किसानों को फूलों की खेती करने पर 70% तक की सब्सिडी देगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की अधिकारी प्रक्रिया भी प्रारम्भ हो चुकी है। इसके तहत ‘पहले आओ पहले पाओ’ के माध्यम से लाभार्थी किसानों को चुना जायेगा। फूलों में गेंदा की प्रति हेक्टेयर खेती में 40 हजार रुपये तक का खर्च तय किया गया है। इस रकम में से 28 हजार रुपये किसानों को अनुदान के रूप में मिल जाएगा। वहीं ग्लेडियोलस के फूल की एक हेक्टेयर जमीन पर खेती की लागत करीब 1.07 लाख रुपये निर्धारित की गई है और इसमें 75 हजार रुपये किसान अनुदान के रूप में पाएंगे। योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं साथ ही योजना की विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
सतना अमरपाटन अन्य 2410 2415
धार बदनावर लोकवन 2100 3110
झाबुआ झाबुआ स्थानीय 2525 2525
मुरैना जोरा देशी 2150 2150
टीकमगढ़ खरगापुर मिल गुणवत्ता 2400 2450
राजगढ़ खुजनेर 147 औसत 2460 2552
गुना कुम्भराज मध्यम 2330 2650
भिंड महू अन्य 2455 2455
टीकमगढ़ निवाड़ी लोकवन 2410 2480
मुरैना सबलगढ़ देशी 2500 2500
सागर शाहगढ़ मिल गुणवत्ता 2340 2420

स्रोत: एगमार्कनेट

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फसल को बेहतर पोषण देने में काफी सहायक होता है मैक्सरूट, जाने इसके फायदे

MaxxRoot

  • मैक्सरूट आपकी फसलों के अंकुरण में वृद्धि करता है।

  • इससे जड़ों का विकास बहुत अच्छा होता है।

  • पौधे द्वारा मुख्य एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की ग्रहण क्षमता में इससे सुधार होता है।

  • यह फसल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।

  • इससे उत्पादित फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है।

  • मैक्सरूट का उपयोग गेहूँ, धान, आलू, मिर्च, अदरक, प्याज़, तम्बाकू, पुदीना, टमाटर, सरसों, मूंगफली, गन्ना, बैंगन और अन्य सभी सब्जियों वाली फसलों में कर सकते हैं।

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कई राज्यों में जारी रहेगी बारिश और बढ़ेगी सर्दी, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

पहाड़ों पर एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस 11 दिसंबर को पहुंचेगा जो 2 दिनों तक वहां बर्फबारी और बारिश देगा। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान सहित उत्तर भारत में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट संभव है। सुबह के समय गंगा के मैदानी क्षेत्रों में कोहरा छाया रहेगा। दक्षिण पूर्व अरब सागर में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब निम्न दबाव में बदल जाएगा। लक्षद्वीप सहित केरल, कोस्टल कर्नाटक और तमिलनाडु में तेज बारिश की संभावना है। पूर्वी असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में हल्की-फुल्की बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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गेहूँ की फसल बर्बाद कर सकती है फॉल आर्मी वर्म, जल्द करें नियंत्रण

How to control Fall armyworm in wheat
  • आजकल मौसम में हो रहे परिवर्तन के कारण गेहूँ की फसल में फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप देखने को मिल रहा है।

  • यह कीट दिन में मिट्टी के ढेलों, पुआल के ढेर में छिपा रहता है और रात में गेहूँ की फसल को नुकसान पहुंचाता है।

  • यह कीट पत्तियों को खाकर उन पर खिड़कियों के समान छेद कर देते हैं। इसके अधिक प्रकोप की स्थिति में पूरी फसल को खाकर खत्म कर देते हैं।

  • यह कीट गेहूँ की बालियों को भी नुकसान पहुंचाता है। पक्षी भी इस कीट को खा कर इसका नियंत्रण कर सकते हैं।

  • पक्षिओं को खेत में आकर्षित करने के लिए 4-5/एकड़ के ‘’T’’ आकार की खूँटी का उपयोग करें। इन खूँटियों पर बैठकर पक्षी कीटों को खाते हैं।

  • बहरहाल इस कीट का प्रबंधन/नियंत्रण आवश्यक है। जिन क्षेत्रों में सैनिक कीट की संख्या अधिक है उन क्षेत्रों में निम्नांकित किसी एक कीटनाशी का छिड़काव तत्काल किया जाना चाहिए।

  • नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC @ 600 मिली/एकड़ या क्लोरांट्रानिलप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़ या इमाबेक्टीन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ का इस्तेमाल करें।

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जानें किन राज्यों में बढ़ने वाली है बारिश की गतिविधि, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

इस साल अरब सागर में दो तथा बंगाल की खाड़ी में चार समुद्री तूफान बन चुके हैं। समुद्री तूफान बिपरजोय गुजरात के ऊपर तथा मिचोंग ने आंध्र प्रदेश के तट पर दस्तक दी। अरब सागर में बना समुद्री तूफान तेज उत्तर पश्चिम दिशा में भारत से दूर चला गया। बंगाल की खाड़ी में बने तूफान मोखा, हामुन और मिधीली ने भी भारत में तबाही नहीं मचाई। बंगाल की खाड़ी में उत्तर पूर्वी हवाएं तेज होगी तथा दक्षिण भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। अरब सागर में बना लो प्रेशर लक्षद्वीप में भारी बारिश दे सकता है। उत्तर पूर्वी राज्यों में हल्की बारिश होगी वहीं शेष भारत का मौसम शुष्क रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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गेहूँ की फसल का पर्ण झुलसा रोग से ऐसे करें बचाव

How to control leaf blight disease in Wheat
  • यह रोग मुख्यतः बाईपोलेरिस सोरोकिनियाना नामक जीवाणु द्वारा होता है। इस रोग के लक्षण पौधे के सभी भागों में पाए जाते हैं तथा पत्तियों पर इसका प्रभाव बहुत अधिक देखने को मिलता है।

  • प्रारम्भ में इस रोग के लक्षण भूरे रंग के नाव के आकार के छोटे धब्बों के रूप में दिखाई देते हैं, जो कि बड़े होकर पत्तियों के सम्पूर्ण भाग पर फ़ैल जाते हैं।

  • इसके कारण पौधे के ऊतक मर जाते हैं और हरा रंग नष्ट होने लगता है, साथ ही पौधा झुलसा हुआ दिखाई देता है।

  • इससे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित होती है, प्रभावित पौधे के बीजों में अंकुरण क्षमता कम होती है l इस रोग के लिए 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और उच्च सापेक्ष आर्द्रता अनुकूल रहती है।

  • रासायनिक उपचार के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/P  @ 300 ग्राम /एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63%  WP  @ 300  ग्राम /एकड़  या हेक्साकोनाज़ोल 5 % SC  @ 400  मिली, प्रति एकड़ या  टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG  @ 500  ग्राम / एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP  @  400 ग्राम /एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिडकाव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।

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