आधे हिंदुस्तान में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, देखें मौसम पूर्वानुमान

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देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश के प्रभाव से बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है तथा लोगों की जान जा रही है। मवेशियों के ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है। गुजरात में अगले 24 घंटों तक बहुत तेज बारिश जारी रहेगी। महाराष्ट्र दक्षिणी मध्य प्रदेश तथा कर्नाटक के तटीय भागों में तेज बारिश संभव है। दो दिनों के बाद उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश हो सकती है। दूसरी तरफ उत्तर भारत में पंजाब हरियाणा दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल सूखे की मार झेल रहे हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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जानें धान की सीधी बुवाई के फायदे

धान की सीधी बुआई दो विधियों से की जाती है। एक विधि में खेत तैयार कर ड्रिल द्वारा बीज बोया जाता है। दूसरी विधि में खेत में पाटा लगाकर अंकुरित बीजों को ड्रम सीडर द्वारा बोया जाता है। इस विधि में वर्षा आगमन से पूर्व खेत तैयार कर सूखे खेत में धान की बुवाई की जाती है। अधिक उत्पादन के लिए, इस विधि में जुताई करने के उपरांत, बुआई जून के प्रथम सप्ताह में बैल चलित बुआई यंत्र (नारी हल में पोरा लगाकर) अथवा ट्रैक्टर चलित सीड ड्रिल द्वारा कतारों में करना चाहिए।

धान की सीधी बुवाई तकनीक से फायदे

  • धान की कुल सिंचाई की आवश्यकता का लगभग 20 प्रतिशत पानी रोपाई हेतु खेत मचाने में प्रयुक्त होता है। सीधी बुआई तकनीक अपनाने से 20 से 25 प्रतिशत पानी की बचत होती है क्योंकि इस इस विधि से धान की बुवाई करने पर खेत में लगातार पानी बनाए रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

  • सीधी बुआई करने से रोपाई की तुलना में श्रमिक प्रति हेक्टेयर की बचत होती है। इस विधि में समय की बचत भी हो जाती है क्योंकि इस विधि में धान की पौध तैयार और रोपाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

  • धान की नर्सरी उगाने, खेत मचाने तथा खेत में पौध रोपण का खर्च बच जाता है। इस प्रकार सीधी बुआई में उत्पादन व्यय कम आता है।

  • रोपाई वाली विधि की तुलना में इस तकनीक में ऊर्जा व ईंधन की बचत होती है

  • समय से धान की बुआई संपन्न हो जाती है, इससे उपज अधिक मिलने की संभावना होती है।

  • धान की खेती रोपाई विधि से करने पर खेत की मचाई (लेव) करने की जरूरत पड़ती है जिससे भूमि की भौतिक दशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जबकि सीधी बुवाई तकनीक से मिट्टी की भौतिक दशा पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

  • इस विधि से जीरो टिलेज मशीन में खाद व बीज डालकर आसानी से बुवाई कर सकते हैं। इससे बीज की बचत होती है और उर्वरक उपयोग क्षमता बढ़ती है।

  • सीधी बुआई का धान, रोपित धान की अपेक्षा 7-10 दिन पहले पक जाता है जिससे रबी फसलों की समय पर बुआई की जा सकती है।

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देश के विभिन्न मंडियों में 11 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

अदरक

23

25

रतलाम

आलू

21

23

रतलाम

टमाटर

32

36

रतलाम

हरी मिर्च

26

32

रतलाम

कद्दू

12

15

रतलाम

भिन्डी

18

22

रतलाम

नींबू

25

36

रतलाम

फूलगोभी

15

16

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

आम

30

33

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

आम

30

34

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

खीरा

15

18

रतलाम

करेला

18

20

रतलाम

शिमला मिर्च

28

30

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

10

लखनऊ

प्याज़

13

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

16

लखनऊ

लहसुन

15

लखनऊ

लहसुन

20

26

लखनऊ

लहसुन

34

38

नासिक

प्याज़

3

7

नासिक

प्याज़

4

8

नासिक

प्याज़

5

12

नासिक

प्याज़

8

16

रतलाम

प्याज़

4

6

रतलाम

प्याज़

8

11

रतलाम

प्याज़

12

14

रतलाम

प्याज़

14

15

रतलाम

लहसुन

7

14

रतलाम

लहसुन

15

24

रतलाम

लहसुन

26

34

रतलाम

लहसुन

40

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

आगरा

पत्ता गोभी

18

आगरा

करेला

15

आगरा

लौकी

10

आगरा

बैंगन

14

आगरा

हरी मिर्च

30

आगरा

शिमला मिर्च

25

आगरा

भिन्डी

25

आगरा

आलू

23

आगरा

फूलगोभी

20

आगरा

गाजर

20

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ग्रामोफ़ोन से मंगाएं सारे कृषि सामान, जीतें बाइक टीवी फ्रिज मोबाइल का इनाम

Great Gramophone Dhamaka

ग्रामोफ़ोन पिछले माह से मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई क्षेत्रों में ‘ग्रेट ग्रामोफ़ोन धमाका’ का शानदार ऑफर चला रहा है। इस ऑफर में किसान भाई 2500 रूपये की खरीदी कर के लकी ड्रॉ का हिस्सा बन रहे हैं। इस लकी ड्रा में बाइक, टीवी, फ्रिज, मोबाइल और मिक्सर जैसे शानदार उपहार शामिल हैं। किसान भाई इस ऑफर में जोर शोर से भाग ले रहे हैं और किसानों के इसी जोश को देखते हुए ‘ग्रेट ग्रामोफ़ोन धमाका’ ऑफर को पूरे जुलाई माह में भी जारी रखा जा रहा है। 

वैसे भी किसान भाई अपनी खेती किसानी के लिए बाजार से कृषि प्रोडक्ट्स की खरीदी तो करते ही हैं, अगर यही खरीदी किसान ग्रामोफ़ोन ऐप से करेंगे तो उन्हें सभी टॉप ब्रांड के 100% ऑरिजनल प्रोडक्ट सही दाम पर फ्री होम डिलीवरी के साथ मिलेंगे। इसके अलावा अगर किसान का नाम लकी ड्रॉ में आ जाए तो वे बाइक, टीवी, फ्रिज, मोबाइल और मिक्सर भी जीत सकते हैं।

यह ऑफर मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों के लिए लागू है। सभी क्षेत्रों में मिला कर कुल 4 बाइक, 8 एलईडी टीवी, 12 फ्रिज, 20 मोबाइल और 32 मिक्सर किसान भाई जीत सकते हैं। यह ऑफर सिर्फ 31 जुलाई तक के लिए लागू है।

तो देर ना करें और आज ही ग्रामोफ़ोन ऐप के बाजार सेक्शन में जाएँ और “ग्रेट ग्रामोफ़ोन धमाका” में भाग लेते हुए 2500 रूपये के कृषि उत्पादों की खरीदी जरूर करें और लकी ड्रॉ में शामिल होकर आकर्षक इनाम जीतें।

नियम व शर्तें

यह ऑफर निमाड़ (खंडवा खरगोन बड़वानी) क्षेत्र में 12 मई से शुरू होकर सीमित समय के लिए लागू है।

यह ऑफर निमाड़ के अलावा मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों व राजस्थान  में 1 जून से शुरू होकर सीमित समय के लिए लागू है।

इस ऑफर के अंतर्गत आप 2500 रूपए से अधिक की खरीदी करने पर कई आकर्षक ईनाम जीत सकते हैं।

इस ऑफर के अंतर्गत आप कोई भी कृषि उत्पाद खरीद सकते हैं।

विजेताओं की घोषणा ग्रामोफ़ोन द्वारा ऑफर की समाप्ति पर की जाएगी।

यह ऑफर कंपनी की पॉलिसी एवं स्वेच्छा पर निर्भर है।

किसी भी तरह की समस्या आने पर अंतिम निर्णय कंपनी का ही होगा।

ग्रामोफ़ोन नोटिस या सूचना के बिना किसी भी समय इस के किसी भी नियम और शर्तों को समाप्त कर सकता है या बदल सकता है।

ऑफर में दिए जाने वाले उपहार पोस्टर में दिखाए गए उपहारों की फोटोज से अलग हो सकते हैं।

विजेता को बाइक शोरूम मूल्य पर उपलब्ध होगी, रजिस्ट्रेशन व इंश्योरेंस चार्ज विजेता किसान द्वारा वहन किया जायेगा।

ऑर्डर कैंसल होने की स्थिति में कोई भी उपहार नहीं दिए जाएंगे।

कंपनी बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी समय ऑफर को वापस लेने का अधिकार रखती है।

 

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खरीफ मौसम में इन फसलों से होगा बढ़िया मुनाफा, जारी हुई एडवाइजरी

खरीफ मौसम में किसान भाईयों को फायदा पहुंचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों ने एडवाइजरी जारी की है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे मौसम में अधिक लाभ पाने के लिए सब्जियों की खेती करना उचित है। खरीफ मौसम में खेत में सबसे ज्यादा नमी पाई जाती है, जो कि चारे की पैदावार के लिए भी बढ़िया मानी जाती है। इसके अलावा मक्का की बुवाई के लिए भी यह सही समय है। 

इन फसलों की करें बुवाई

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस मौसम में प्याज, भिंडी, सेम, लोबिया, खीरा, करेला, पालक और चौलाई आदि सब्जियों की बुवाई कर सकते हैं। इसके लिए बीज प्रमाणिक स्रोत से ही खरीदें ताकि फसल की बढ़िया पैदावार प्राप्त हो सके। हालांकि यह ध्यान रहे कि खेत की मिट्टी ऐसी हो जिसमें बीज का जमाव अच्छे से हो सके।

दीमक और सफेद लट से बचाव जरूरी

बुवाई से पहले मिट्टी में देसी खाद का प्रयोग ज्यादा करें। इसके लिए सड़ी हुई गोबर से खाद बनाए। देसी खाद के प्रयोग से दीमक और सफेद लट के बचाव के साथ ही मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है। साथ ही भूमि की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है।

इसके अलावा बारिश के पूर्वानुमान के अनुसार किसी भी तरह का छिड़काव न करने की सलाह दी है। किसानों को अच्छी पैदावार प्राप्त हो सके, इसके लिए खड़ी फसलों व सब्जी नर्सरियों में प्रबंधन जरूर करें।

स्रोत : टीवी9

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव?

Indore garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे देवास, गरोठ, बदनावर और मनावर आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बदनावर

500

2151

देवास

400

800

गरोठ

2500

2700

जावद

1601

7911

मनावर

2200

2400

मनावर

2300

2500

पिपल्या

500

700

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  लहसुन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़वानी, खरगोन, देवास, धार और हाटपिपलिया आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बड़वानी

1300

1300

छिंदवाड़ा

600

800

देवास

700

1200

देवास

800

1500

धार

1900

2050

धार

1900

2050

हाटपिपलिया

1400

2200

हाटपिपलिया

1600

2000

खरगोन

500

1000

सेंधवा

1500

2000

सिराली 3000 3000

स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  टमाटर जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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जानिए, टमाटर के साथ गेंदा अंतरवर्ती फसल लेने के फायदे?

  • टमाटर की फसल में गेंदे की फसल एक ट्रैप फसल होती है जिसमे फल छेदक इल्ली के वयस्क, टमाटर की तुलना में गेंदे के फूलों पर अधिक आकर्षक होते है और अंडे देते हैं। इससे फल छेदक के प्रकोप से टमाटर की फसल को बचा सकते है 

  • ट्रैप पंक्ति (गेंदे) और टमाटर पर, लार्वा के प्रकोप का अनुपात 3:1 है।  

  • इससे मुख्य फसल में कम क्षति देखी गयी है। लेकिन गेंदे (जाल) पर उच्च लार्वा आकर्षित हुए। यह अन्य उपचारों की तुलना में काफी बेहतर है। इसमें खर्च भी कम आती है है और फसल भी प्रभावित नहीं होता है, साथ ही गेंदे का भी उत्पादन होता है जिससे भी लाभ कमा सकते है।

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जानिए, धान की रोपाई करते समय खेत को मचाना क्यों जरूरी है?

धान की खेती गहरे पानी में की जाती है। धान के पौधों की रोपाई से पहले पडलिंग (Puddling) की प्रक्रिया बेहद जरुरी होती है। यह एक तरह से खेत की गीली जुताई होती है। इसके लिए खेत की अंतिम जुताई के बाद खेत में पानी भरकर देशी हल, प्लाऊ या कल्टीवेटर की मदद से मिट्टी को अच्छी तरह मथा जाता है। इससे मिट्टी नरम हो जाती है तथा रोपाई में आसानी होती है। पडलिंग की प्रक्रिया से पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों की उपलब्धता आसानी से हो जाती है। वहीं मिट्टी की उर्वरक क्षमता में इजाफा होता है।

धान की खेती के लिए पडलिंग का महत्व

  • यह खेत की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

  • भूमि में कीचड़ मचाने की प्रक्रिया से मिट्टी की गुणवत्ता में स्थायी सुधार होता है। 

  • इससे वर्षा के जल के संरक्षण में मदद मिलती है एवं सिंचाई के जल को कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा सकता है।

  • पडलिंग से मिट्टी के कटाव में कमी आती है। इससे पौधों के स्थापित होने में मदद मिलती है। मिट्टी के पडलिंग से धान की रोपाई में सटीकता आती है। 

  • इस प्रक्रिया से, मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है तथा पौधों को समान मात्रा में सिंचाई का जल मिलता है।

  • खरपतवार नियंत्रण रहता है।

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मध्य प्रदेश राजस्थान समेत कई राज्यों में होगी भारी से अति भारी बारिश

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बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक निम्न दबाव के क्षेत्र बनेंगे जो मध्य भारत की ओर चलते हुए गुजरात तक पहुंचेंगे। ओडिशा छत्तीसगढ़ तेलंगाना महाराष्ट्र मध्य प्रदेश के कई भागों सहित दक्षिणी राजस्थान गुजरात मुंबई और देश के पश्चिमी तटों पर भारी बारिश की संभावना है। उत्तर भारत के राज्यों में हल्की वर्षा हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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